आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

27 अप्रैल 2013

कोटा के ख्‍़याततनाम कवि और अनुवादक श्री अरुण सेदवाल नहीं रहे


कोटा। भारतीय रक्षा लेखा सेवा से अपर महानियंत्रक लेखा के पद से 2003 में सेवानिवृत्‍त हुए और पिछले दस वर्षों से कोटा के साहित्‍य समाज में अपनी गहरी पैठ बनाये हुए हिंदी अग्रेजी और राजस्‍थानी भाषा के कवि, अनुवादक श्री अरुण सेदवाल का शनिवार 27 अप्रेल को अचानक निधन
अरुण सेदवाल (1943-2013)
हो गया। भरे पूरे परिवार को छोड़ कर गये श्री सेदवाल कोटा के हर कवि सम्‍मेलन, कवि गोष्ठियों, साहित्यिक कार्यक्रमों में सदैव अपनी उपस्थिति दर्ज कराते थे। अनेकों पत्र पत्रिकाओं, संकलनों में उनकी ऊर्जस्‍वी और प्रगतिशील रचनायें प्रकाशित होती रहती थीं। आपकी 3 पुस्‍तकें 1979 में ‘अविकल्‍प’, 2003 में ‘करवट लेता समय’ और 2007 में ‘व्‍यर्थ गई प्रार्थनएँ’ प्रकाशित हो चुकी थीं। आपकी एक बालकथा रामू एंड रोबो (अंग्रेजी में) नेशनल बुक ट्रस्‍ट द्वारा प्रकाशित हुई थी। आपने राजस्‍थानी कवि प्रेम जी प्रेम की पुस्‍तक ‘म्‍हारी कवितावाँ’ का अंग्रेजी में ‘रूट्स एंड अदर पोएम्‍स’ के नाम से अनुवाद किया था। पिछले दिनों शांति भारद्वाज के प्रसिद्ध उपन्‍यास ‘उड़ जा रे सुआ’ का अंग्रेजी में अनुवाद उनकी विलक्षण प्रतिभा का दर्शन था। यह पुस्‍तक काफी चर्चित रही थी। देश विदेश की सम्‍पादित पुस्‍तकों में आपकी रचनायें छपती रहती थीं, जिनमें प्रमुख हैं 1977 में प्रकाशित प्रणव वंद्योपाध्‍याय की ‘हंड्रेड इंडियन पोएट्स’, डेविड रे (अमेरिका) की 1983 में प्रकाशित पुस्‍तक ‘एंथोलॉजी ऑफ न्‍यू लेटर्स ऑन इंडियन लिटरेचर’ में उनकी अंग्रेजी कविता छपी थी, जगदीश चतुर्वेदी की ‘हिन्‍दी पोएट्री टुडे’ में भी 1983 में आपकी अंग्रेजी में कविता प्रकाशित हुई थी। अन्‍य सम्‍पादित प्रमुख पुस्‍तकों यथा प्रेमजी प्रेम सम्‍पादित ‘विंधग्‍या ज्‍यो मोती’ का(1975), हरिवंश राय बच्‍चन सम्‍पादित ‘हिन्‍दी की प्रतिनिधि कविताएँ (1981), डॉ0 नारायण दत्‍त पालीवाल की ‘ज्‍योति कलश (1980) में और डा0 कन्‍हैयालाल नंदन की ‘हिन्‍दी उत्‍सव’ 92007) में आपकी प्रतिभा के दर्शन मिलते हैं। आप केंद्रीय साहित्‍य अकादमी के लिए राजस्‍थानी भाषा के व्‍याकरण व अन्‍य राजस्‍थानी अनुवाद पर भी कार्य कर रहे थे। 2003 में सेवानिवृत्ति के बाद उन्‍होंने अपने आपको पूरी तरह से साहित्‍य ओर समाज को समर्पित कर दिया था। 2008 में प्रकाशित जनवादी लेखक संघ कोटा के सृजन वर्ष में प्रकाशित हाड़ौती के जनवादी कवियों की प्रतिनिधि रचनाकारों में भी आप शामिल थे। रक्षा सेवा में लेखा विभाग से जुड़े होने के कारण भ्रष्‍टाचार में लिप्‍त देश में फैली विषमताओं पर चिंतित श्री सेदवाल ने इस पुस्‍तक में अपनी वेदना को ‘एक बकरे की व्‍यथा’ में प्रस्‍तुत किया है। यह कविता उनको समर्पित सान्निध्‍य दर्पण’ में आप पढ़ सकते है। जनवदी लेखक संघ कोटा जिला व शहर इकाई के सभी सदस्‍यों की ओर से श्री सेदवाल को श्रद्धांजलि।

दुनिया का कोई भी धर्म पीड़ा से मुक्ति नहीं दे सकता ,

दुनिया का कोई भी धर्म पीड़ा से मुक्ति नहीं दे सकता ,
लेकिन प्रेम , विश्वास , ज्ञान और संकल्प ये गारंटी देते हैं |
जी हा दोस्तों अपने इन सटीक विचारों के साथ सुबह की खुशनुमा शुरुआत करने वाली कवयित्री साहित्यकार फरमाती है ..................
मेरा अपना परिचय आप सबसे है जो जितना समझ पायेगा वो उसी नाम से पुँकारेगा हाँ मेरा उद्द्श्ये अपने लिए कुछ नहीं बस मेरे द्वारा लिखी बात से कोई न कोई सन्देश देते रहना है की ज्यादा नहीं तो कम से कम किसी एक को तो सोचने पर मजबूर कर सके की हाँ अगर हम चाहे तो कुछ भी कर पाना असंभव नहीं और मेरा लिखना सफल हो जायेगा की मेरे प्रयत्न और उसके होंसले ने इसे सच कर दिखाया |
जी हां दोस्तों मीनाक्षी पन्त जिन्होंने अपने अहसास को शब्दों में पिरोकर साहित्य और कविताओं को नये आयाम दिए है ..विचारों को जिंदगी और शब्दों को धड़कन दी है और उनकी इस खुशनुमा कलम ने इन्हें फेस्बूकियों और ब्लोगरों का चहेता बना दिया है कई वर्षों से साहित्य का सर्जन कर रहीं बहन मीनाक्षी वर्ष दो हजार दस से ब्लोगिंग की दुनिया में है और फेसबुक से  लोगों को लिखने का अहसास और सलीका सिखा रही है चंद अल्फाजों में जिंदगी का फलसफा समेटने वाली मीनाक्षी बहन शब्दों में जान डालने का हुनर रखती है और शब्द खुद बा खुद लोगों के दिल की धड़कन बन जाते है इनकी कविताएँ जिंदगी के हर पहलु का अहसास दिलाती है कभी रुलाती है कभी हंसती है तो कभी जिंदगी के बारे में सोचने पर मजबूर करती है लम्बी चोडी बेकार बातें नहीं शब्दों की कीमत और वक्त की कीमत आप समझती है इनके साहित्य इनकी रचनाओं को पढ़ कर एक सुखद अहसास होता है और जिंदगी के सच को समझने में आसानी हो जाती है ..इनका कोई अल्फाज़ बेकार नहीं जाता है हर अलफ़ाज़ में जिदंगी बसी हुई होती है और इसीलियें मीनाक्षी पन्त अपनी लेखिनी के हुनर के जरिये अपने साहित्यकार भाइयों की चहेती हो गयी है उनके इस हुनर में और अधिक इजाफा हो कामयाबी मिले शोहरत मिले इनकी जिंदगी में खुशहाली हमेशा रहे इसी दुआ के साथ ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

यह सूरज

यह सूरज जो बादलों से डर कर उनकी ऑट में छुप जाता है ...यह सूरज जो बादलों की गडगडाहट और बिजलियों की कड कडा ह्ट से घबराता है यह सूरज जिससे चाँद रौशनी चुरा कर खुद की चांदनी बता इतराता है बताओ इसे क्या कहें .............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

खतना पर लामबंद हुए मुसलमान और यहूदी

खतना पर लामबंद हुए मुसलमान और यहूदी

जर्मनी में एक अदालती फैसले ने मुसलमानों और यहूदियों को एक साथ ला खड़ा किया है. वो एकजुट होकर खतना के खिलाफ इस अदालती फैसले का विरोध कर रहे हैं.
कोलोन शहर की जिला अदालत ने बुधवार को सुनाए गए एक फैसले में कहा कि धार्मिक आधार पर शिशुओं का खतना करना उनके शरीर को कष्टकारी नुकसान पहुंचाने के बराबर है.
जर्मनी में मुस्लिम और ईसाई समुदाय इस फैसले का कड़ा विरोध कर रहे हैं और वे इस बारे में कानूनविदों से मशविरा कर रहे हैं.
कई यूरोपीय मुस्लिम और यहूदी संगठनों ने साझा बयान जारी कर कहा है कि खतना उनकी धार्मिक श्रद्धाओं का आधार है और इसे कानूनी रूप से संरक्षण दिया जाना चाहिए.
इसराइल की संसद ने भी इस फैसले का विरोध किया है. हालांकि कोलोन की अदालत का ये फैसला पूरे जर्मनी पर लागू नहीं होता है!
सांसदों से हस्तक्षेप की गुहार
समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार यहूदी और मुस्लिम नेताओं ने जर्मन
सांसदों से भी इस फैसले का विरोध करने को कहा है.
दोनों समुदायों की साझा अपील में कहा गया है, “खतना एक प्राचीन अनुष्ठान है जो हमारी व्यक्तिगत श्रद्धाओं का आधार है और हम इस बारे में अदालत के फैसले का कड़े से कड़े शब्दों में विरोध करते हैं. हम अपने अधिकार की रक्षा और पारस्परिक परंपरा को बनाए रखने के लिए संघर्ष करेंगे और हम जर्मन सांसदों और सभी पार्टियों से इस फैसले को पलटवाने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करने की मांग करते हैं.”
इस साझा अपील पर यूरोपीय रब्बी केंद्र, यूरोपीय यहूदी संसद, यूरोपीय यहूदी संघ, जर्मनी के तुर्क-इस्लामी धार्मिक संघ और ब्रसेल्स इस्लामिक केंद्र के अधिकारियों ने हस्ताक्षर किए हैं.
तुर्की इस्लामी संघ की तरफ से जारी बयान के मुताबिक उन्होंने इस बारे में जर्मनी के अलावा फिनलैंड, बेल्जियम, इटली और पोलैंड के सांसदों से मुलाकात की है !

फेसबुक पर प्यार, शादी और जुदाई



 
इंदौर। फेसबुक पर एक लड़के से प्यार होने के बाद दिल्ली जाकर शादी करने वाली लड़की ने अब अपने माता-पिता के साथ रहने की बात कही है। लड़की की मर्जी को देखते हुए उसे माता-पिता के पास भेज दिया गया है। गौरतलब है कि लसूड़िया थाना क्षेत्र के एक रसूखदार परिवार की बेटी पूजा को छह महीने पहले फेसबुक पर पंजाब के गांव जैतो के एक लड़के शविंदरसिंह से प्यार हो गया था।
 
15 अप्रैल को शविंदर इंदौर आकर पूजा को अपने साथ दिल्ली ले गया था और यहां दोनों ने आर्य समाज मंदिर में शादी कर ली थी। वहां से दोनों जैतो चले गए थे। इसके बाद सूचना मिलने पर पूजा के पिता और भाई पुलिस को साथ लेकर वहां पहुंचे और एसडीएम के सर्च वारंट के आधार पर उसे इंदौर ले आए।
 
यहां एसडीएम रजनीश कसेरा की कोर्ट में पूजा के बयान लिए गए। पूजा ने खुद को बालिग बताते हुए अपने माता-पिता के साथ रहने की इच्छा जाहिर की। इस पर कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिए कि पूजा को उसके माता-पिता के पास पहुंचाया जाए। 
 
लसूड़िया टीआई बसंत मिश्रा ने बताया कोर्ट के निर्देश पर लड़की के बयान और शपथ पत्र लेने के बाद उसे परिजनों के साथ भेज दिया है।

जिससे सीखने आए 1100 सर्जन्स, वो ऑपरेशन ही नहीं कर पाया



जयपुर.बिड़ला ऑडिटोरियम में चल रही 9वीं इंटरनेशनल वर्कशॉप में देश-विदेश से करीब 1100 न्यूरो और ईएनटी सर्जन्स ने हिस्सा लिया। इसमें 25 पेशेंट्स को सर्जरी के लिए चुना गया था, लेकिन सिर्फ दो मरीजों की सर्जरी संभव हो पाई है। 
 
वर्कशॉप में कनाडा के न्यूरोसर्जन डॉ. अमीन कासम को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है। उनसे सर्जरी सीखने के उद्देश्य से अधिकतर एक्सपर्ट्स बारह घंटे तक ऑडिटोरियम में बैठे रहे। वर्कशॉप के दूसरे दिन भी जब डॉ.कासम ने एक भी सर्जरी नहीं की तो डेलिगेट्स निराश हुए।
 
दो दिन में कोई सर्जरी नहीं की 
 
डॉ. कासम पिछले आठ सालों से मुंबई आकर कैडेबर डिस्सेक्शन के जरिए एंडोस्कोपी एंडोनेसल टेक्निक  की मदद से सर्जरी कर रहे हैं। वर्कशॉप में उन्हें सर्जरी करने के लिए मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से अनुमति नहीं मिल पाई। नियमों के मुताबिक, कॉन्फ्रेंस में कोई भी सर्जरी करने के लिए एमसीआई से अनुमति मिलना जरूरी है। डॉ.अमीन कासम ने कहा, वर्कशॉप में सर्जरी करने से बेहतर है डॉक्टर्स को सिखाना। 
 
कैडबर के जरिए वे इन तीन दिनों में 1100 डॉक्टर्स को सिखा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस टेक्निक में ट्यूमर ऑपरेट करने के लिए ब्रेन को खोलने की जरूरत नहीं पड़ती। नाक जैसी छोटी विंडो से वे ब्रेन तक पहुंच जाते हैं।

हाईकोर्ट के आदेश: महिला उत्पीड़न की घटनाएं सख्ती से रोके सरकार


जोधपुर.राजस्थान हाईकोर्ट ने महिलाओं व छात्राओं के उत्पीड़न व शोषण की घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकारों व केंद्र शासित प्रदेशों को नोटिस जारी कर इन पर सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिए हैं।
 
न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास व न्यायाधीश वीके माथुर की खंडपीठ ने दैनिक भास्कर में प्रकाशित जयनारायण व्यास विवि के एमबीएम इंजीनियरिंग कॉलेज की छात्राओं के साथ अभद्र व्यवहार से संबंधित समाचार के संदर्भ में शनिवार को यह आदेश दिए।
 
ख्रंडपीठ ने हाल ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल ऑफ पुलिस बनाम सुमति रमन मामले में जारी निर्देशों की विवेचना करते हुए शैक्षणिक संस्थाओं व सार्वजनिक स्थलों पर महिलाओं व छात्राओं की पुख्ता सुरक्षा के लिए सरकार से कहा है कि वह कलेक्टर व एसपी को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करें। 
 
साथ ही छात्राओं की शिकायतों को लेकर प्रकाशित समाचार पर राज्य सरकार, जेएनवीयू के रजिस्ट्रार, जोधपुर पुलिस उपायुक्त को नोटिस जारी कर छह मई तक जवाब तलब किया है। इसके साथ ही जेएनवीयू के रजिस्ट्रार से पूछा है कि इस घटना के बाद आरोपियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई? छात्राओं की सुरक्षा के लिए क्या उपाय किए गए? इन सवालों का स्पष्टीकरण भी मांगा है।
 
जयपुर में 24 घंटे में तीन बेटियों से 
 
 
हाईकोर्ट की खंडपीठ ने सरकारों को दिए ये निर्देश
 
1. बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, मेट्रो स्टेशन, सिनेमा थियेटर, शॉपिंग मॉल, पार्क, बीच, सार्वजनिक परिवहन व धार्मिक स्थल पर मॉनिटरिंग के लिए सादा कपड़ों में महिला पुलिस की तैनातगी सुनिश्चित की जाए।
 
2. ऐसे सभी स्थलों पर नीति बनाकर सीसीटीवी लगाए जाएं, ताकि ऐसी हरकत करने वाले अभियुक्तों की पहचान हो सके एवं उन्हें पकड़ा जा सके।
 
3. शैक्षणिक संस्थान, धार्मिक स्थल, सिनेमा हॉल, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड के संचालकों व प्रभारी वे अपने अधिकार क्षेत्र में इस तरह की घटनाओं की रोकथाम के लिए नजदीकी पुलिस स्टेशन व महिला सहायता केंद्र को सूचना देंगे।
 
4. सार्वजनिक परिवहन के वाहन में यात्रा के दौरान अगर किसी यात्री द्वारा महिला या छात्रा के साथ छेड़खानी की जाती है तो उस लाइसेंसधारी वाहन चालक की जिम्मेवारी होगी कि महिला व छात्रा के बताने पर वाहन को सीधे नजदीकी पुलिस स्टेशन ले जाए। पीड़ित के बताने पर भी ऐसा नहीं करने पर परमिट निरस्त किया जाए।
 
5. सार्वजनिक वाहन के चालक व परिचालक एवं वाहन के स्टाफ द्वारा यदि किसी महिला यात्री के साथ छेड़छाड़ या र्दुव्‍यवहार करने की घटना हो तो पीड़िता की शिकायत पर पुलिस को तत्काल कार्रवाई करनी होगी।
 
6.शहरों व कस्बों में महिला शोषण की घटनाओं की रोकथाम के लिए अगले तीन माह में राज्य सरकारों को ‘वुमन हेल्पलाइन’ की स्थापना करनी होगी। जहां पर पीड़िता अपनी शिकायत बता सकें।
 
7.सार्वजनिक स्थान, शैक्षणिक संस्थाओं, बस स्टैंड, सिनेमा हॉल, समुद्र तट, व अन्य जगहों पर महिलाओं व छात्राओं के साथ छेड़छाड़ व शोषण अपराध है। इसकी सूचना प्रदर्शित करने के लिए बोर्ड लगाने होंगे। साथ ही इस तरह की सूचना सार्वजनिक परिवहन के साधनों पर भी चस्पां करनी होगी।
 
8.महिलाओं व छात्राओं के साथ शोषण व छेड़छाड़ की घटनाओं की रोकथाम के लिए हाईकोर्ट ने कहा है कि यह जरूरी नहीं है कि पीड़िता ही सूचना देवें। हर नागरिक का कर्तव्य है कि अगर वह ऐसी घटना देखता है तो उसे पुलिस स्टेशन व महिला सहायता केंद्र को इसकी सूचना देनी चाहिए।

भूमि- भवन निष्पादन के नए नियम बनेंगे


जयपुर.प्रदेश में भूमि एवं भवन निष्पादन के लिए नए नियम बनेंगे। नगरीय विकास, आवासन विभाग के एसीएस जी.एस. संधु की अध्यक्षता में शनिवार को बैठक में यह फैसला हुआ। इसमें परिपत्र व आदेश तथा वर्तमान की आवश्यकताओं के अनुरूप अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार नियम बनाने के संबंध में विचार-विमर्श किया गया।
 
संधु ने बताया कि निकाय क्षेत्रों में भूमि की आरक्षित दर निर्धारण, आवासीय योजनाओं के निर्माण, नई कॉलोनियों में ईडब्ल्यूएस और एलआईजी समूह के लिए आवास आरक्षण, राज्य एवं केंद्र सरकार के कर्मचारियों, पूर्व सैनिकों, स्वतंत्रता सेनानी, पत्रकार आदि को आरक्षित दर पर आवास निर्माण के लिए भूखंड आवंटन, धार्मिक व शैक्षणिक और जनोपयोगी कामों के लिए भूमि आवंटन आदि नियमों में संशोधन करने पर विचार किया जा रहा है। इससे स्थानीय निकायों के मामलों का शीघ्र निस्तारण हो सकेगा।
 
1974 में राजस्थान नगरपालिका (शहरी भूमि निष्पादन) नियम बनाए गए थे। वर्तमान राजस्थान नगर पालिका अधिनियम-2009 के प्रावधानों के अनुसार काम किया जा रहा है। वर्तमान विधि प्रावधानों की आवश्यकताओं को दृष्टिगत करते हुए नवीन राजस्थान नगरपालिका भूमि एवं भवन निष्पादन नियम का प्रारूप तैयार किया जा रहा है। बैठक में मुख्य नगर नियोजक एन.के. खरे, यूडीएच के संयुक्त सचिव एन.एल. मीणा, उपसचिव प्रकाश चंद शर्मा, स्थानीय निकाय के निदेशक ताराचंद मीणा और अतिरिक्त निदेशक मनीष गोयल, विधि निदेशक अशोक सिंह, वरिष्ठ नगर नियोजक प्रदीप कपूर व आर.के. विजयवर्गीय और विधि विशेषज्ञ मौजूद थे।

हजयात्रा 2013: 273 खुशनसीब करेंगे दीदार-ए-मुस्तफा


 

जयपुर.हजयात्रा 2013 में जाने वालों के चयन के लिए शनिवार को सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में लाटरी (कुर्रा) निकली। इसके माध्यम से 2519 आवेदकों का चयन हुआ। इस मौके पर बड़ी संख्या में आवेदक मौजूद थे। सबसे पहले अजमेर जिले की लॉटरी निकाली गई। जयपुर जिले को 273 सीटें आबंटित हुई हैं। 
 
सचिवालय में अल्पसंख्यक मामलात विभाग के राज्यमंत्री अमीन खां, हज कमेटी के अध्यक्ष सलीम कागजी ने कंप्यूटर पर बटन दबाकर जिलावार लॉटरी की शुरुआत की। स्क्रीन पर जैसे जैसे आवेदकों को चयन की जानकारी मिल रही थी। वे चयनित होने की बधाई दे रहे थे। मोहल्ला नीलगरान निवासी मोहम्मद आसिफ व सड़वा निवासी शाहिद खान ने कहा कि लॉटरी में नंबर आने पर वे बेहद खुश है। 
 
20 मई तक पहली किस्त : 
 
हज कमेटी के सदस्य हाजी शाहिद मोहम्मद ने बताया कि रिजर्व कैटेगरी और लॉटरी में चयनित सभी आवेदकों को 20 मई तक हजयात्रा की पहली किस्त सेंट्रल हज कमेटी के खाते में जमा करानी होगी। इस बार पहली किस्त के रूप में 76000 रुपए प्रति हजयात्री जमा होंगे। यह किस्त पिछले साल के मुकाबले 25000 रुपए अधिक है। 
 
9137 की वेटिंग लिस्ट जारी : 
 
हज के लिए राज्य हज कमेटी को इस बार 5018 सीटों के लिए 14155 आवेदन प्राप्त हुए थे। राज्य को आबंटित सीटों में से 2499 रिजर्व केटेगरी की हैं। 

'प्रमुख सचिव चाहें तो रुक जाए भ्रष्टाचार'


जयपुर.एंटीकरप्शन ब्यूरो के एडीजी अजीतसिंह ने कहा है कि एसीएस और प्रमुख सचिव यानी विभागीय प्रमुख ठान लें और सतर्कता आयुक्तों को सक्रिय कर दें तो भ्रष्टाचार को काबू किया जा सकता है। उनसे बेबाक बातचीत :
 
एसीबी में अचानक ये सक्रियता कैसे आई?
 
ये टीम स्पिरिट का कमाल है। भ्रष्टाचार के खिलाफ कुछ कर दिखाने में गर्व का एहसास। पहले एसीबी में आने पर आदमी ये सोचता था कि उसे मेनस्ट्रीम से अलग कर दिया है। अब तो एसीबी में आने को कतार लगी है। 
 
क्या बड़े शिकार की वजह मॉडर्नाइजेशन नहीं है?  
 
मॉडर्नाइजेशन भी है, इक्विपमेंट्स भी, लेकिन रिजल्ट की वजह है टीम स्पिरिट। आधुनिक उपकरण हों, कुछ करने का इरादा न हो तो कुछ नहीं कर सकते। ..हमारी प्लानिंग बहुत अच्छी है। सामने वाला क्या डिफेंस लेगा उसके एस्केप रूट्स क्या होंगे, हम देख लेते हैं। अजमेर एसपी का केस देखिए, 30 लोग इन्वॉल्व थे, लेकिन गोपनीयता पर जरा आंच नहीं आई।
 आपका सबसे बड़ा फेल्योर क्या रहा?
 
कोई बड़ा केस नहीं। ट्रैप में कई बार पैसा लेते समय सामने वाले को आभास हो जाता है। 
 
आपका सबसे मजबूत केस ?  
 
अजमेर डेयरी के एसके शर्मा का, जिसमें 4.98 करोड़ रु. नकद और 11 किलो सोना बरामद हुआ। देश की किसी भी एंटीकरप्शन एजेंसी की यह सबसे बड़ी कारवाई थी। आईपीएस अजयसिंह और फर्जी पायलट प्रकरण बड़े थे। एसपी राजेश मीणा प्रकरण इस रूप में अनूठा था कि अजमेर के 11 में से नौ एसएचओ, एडिशनल एसपी और एसपी तक इसमें इन्वॉल्व पाए गए। केंद्रीय सतर्कता आयुक्त ने भी इस केस की तारीफ की। 
 
ऐसे मामलों में जातिगत दबाव कितना आता है?  
 
जो परिपाटियां बनी हैं, भरपूर प्रयास हो रहा है कि कार्रवाई नहीं हो। अजयसिंह का केस भी इसकी मिसाल है, लेकिन हमने सब चीजें मेरिट्स पर तय कीं। मुझे तो यहां तक कहा गया कि बड़ी मुश्किल से तो एक राजपूत आईपीएस बना और आपने उसे आते ही खत्म कर दिया।
 
क्या आप इसका कोई उदाहरण देंगे? 
 
माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के एफए के यहां 54 करोड़ की एफडी बरामद हुईं। विभाग के प्रमुख लोगों और मुखिया को इसका पता ही नहीं था। ये आदमी पूरे बोर्ड का खाता अकेले ही ऑपरेट कर रहा था। ये 11 करोड़ की एफडी खुद भुना चुका था और बाकी की तैयारी थी। पूरा सिस्टम ही कोलेप्स हो चुका था। उस विभाग के अफसर, चेयरमैन, सेक्रेटरी सब इसके लिए जिम्मेदार और जवाबदेह हैं। उन्होंने व्यवस्था को सही क्यों नहीं रखा? ये मामला प्रशासनिक चूक का नहीं, आपराधिक लापरवाही का नमूना है। ये भी संभव है कि इन सबकी मिलीभगत से ही ये सब हो रहा हो।
 
लेकिन वे ऐसा क्यों नहीं करते?  
 
कोई भी बुरा नहीं बनना चाहता। ब्यूरोक्रेसी इस तरह भाई-बंदी से नहीं चल सकती। हम चार्जशीट प्रपोज करते हैं तो उसको ये एग्जॅनरेट (खारिज) कर देते हैं। 
 
एसीबी लोकायुक्त के तहत हो या मौजूदा स्थिति रहे?  
 
नतीजा इस पर निर्भर करता है कि आदमी कैसे हैं? फिर स्टेट और स्टेट के हैड की विल की भी बात है। मुख्यमंत्री ने हमें जो मांगा वह दिया और हमने कर दिखाया। 
 
एसीबी मंत्रियों के खिलाफ कुछ नहीं करती?  
 
नगर पालिका चेयरमैन, जिला प्रमुख आदि के खिलाफ तो हमने कार्रवाई की। शिकायतें ठोस थीं, क्रॉस चेक में सही निकलीं, लेकिन किसी बड़े मामले में ऐसी सूचना आएगी तो हम जरूर कार्रवाई करेंगे। कुछ भी एक्शनेबल होता है तो छोड़ते नहीं।
 
मंत्री बाबूलाल नागर के केस में कार्रवाई क्यों नहीं हुई?  
 
उसमें प्रक्रिया पूरी नहीं होने के आरोप थे। वह मामला साक्ष्य लायक नहीं था। सरकार ने उस आधी-अधूरी प्रक्रिया को भी रद्द कर दिया था।
 
क्या पुलिस वाले और पटवारी ही सबसे भ्रष्ट हैं? 
 
ये आम आदमी के संपर्क में रहते हैं। सिंचाई-पीडब्लूडी जैसे कई विभागों में तो भ्रष्टाचार संस्थागत रूप ले चुका है। इसमें सब कुछ तय है। कौन शिकायत करेगा? ठेकेदार देता है, इंजीनियर लेता है, इसे पकड़ना मुश्किल है।
 
क्या कोई मंत्री भी आपको भ्रष्टाचार की सूचनाएं देता है?  
 
 
पीडब्लूडी मंत्री भरतसिंह खुद चेक करवाते हैं और उन्होंने हमारे पास कई मामले भेजे भी हैं। हम उनके विभाग में जब भी कोई कार्रवाई करते हैं तो वे बधाई देते हैं। परसादीलाल मीणा ने भी कुछ मामले रेफर किए थे।
 
सरकारी सिस्टम भ्रष्टाचार से कैसे मुक्त हो सकता है? 
 
 
प्रमुख सचिव, एसीएस या विभाग प्रमुख ठान लें तो क्या नहीं हो सकता!
 
कोई उदाहरण ?
  
प्रदेश में अवैध माइनिंग हो रही है। पर्यावरण का विनाश हो रहा है। पैसा इफरात में आ रहा है और अपराध बढ़ रहे हैं। विभाग सैटेलाइट इमेजिंग करवा ले और हर दो माह में चेक करे तो अवैध खनन का पता चल जाएगा। दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। ट्रांसपोर्टेशन में अवैध वसूली भी बड़ा भ्रष्टाचार है। ओवरलोडिंग मामलों में टोल बैरियरों के जरिये कंप्यूटराइज्ड धर्मकांटों को एक सेंट्रल सिस्टम से जोड़ दें तो ओवर लोडिंग भी खत्म हो जाएगी और जुर्मानों से सरकार का रेवेन्यू भी बढ़ेगा।
 
भ्रष्टाचार के मामले काबू होने में ही नहीं आ रहे?  
 
सरकारी विभागों की आंतरिक विजिलेंस सही काम करे तो हो सकता है। कार्यप्रणाली टाइम बाउंड हो, सशक्तऔर ट्रांसपेरेंट हो। आंतरिक शिकायतों की मॉनिटरिंग और शिकायतों की जांच तेजी से हो और दोषी लोगों पर कार्रवाई हो तो कौन कहता है कि सिस्टम ठीक हो सकता।
 
सरकारी महकमों में भ्रष्टाचार का जिम्मेदार कौन है?  
 
हर विभाग को स्वच्छ रखने के लिए उसका हैड जिम्मेदार है। सतर्कता की जिम्मेदारी और जवाबदेही उसी की है। ट्रांसफर, पोस्टिंग, वर्क डिस्ट्रीब्यूशन आदि पर ध्यान दें तो यह सब नहीं हो। सिस्टम पर जितना वॉच हैड्स को रखना चाहिए, उतना वे नहीं रखते। बेसिक जिम्मेदारी तो उन्हीं की है, क्योंकि हमारा सिस्टम ब्यूरोक्रेटिक प्रोसेस से चलता है।
 
 
राजनेताओं के कितने दबाव आते हैं?
 
किसी ने कभी दबाव नहीं डाला। मुख्यमंत्री ने हमें फ्री हैंड दे रखा है। राजस्थान में एसीबी कई मामलों में सीबीआई से भी ज्यादा स्वतंत्र है। सीबीआई ज्वाइंट सेक्रेटरी या इससे ऊंचे लेवल के अधिकारियों पर कार्रवाई करती है तो उसे सरकार से अनुमति लेनी होती है। लेकिन राजस्थान में एसीबी के साथ ऐसी कोई बाध्यता नहीं है। जितनी भी कार्रवाइयां हमने की हैं, वे सभी हमने अपने स्तर पर कीं और इनके लिए कभी किसी से अनुमति नहीं ली।

राजनाथ से मिलने कहीं कार्यकर्ताओं में चली गोलियां तो कहीं पुलिस से भिड़े



छतरपुर/खजुराहो। खजुराहो आए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के स्वागत को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच एयरपोर्ट पर जमकर लाठी-डंडे चले। इसमें भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष अवनींद्र पटेरिया घायल हुए हैं। इस दौरान गोली चलने की भी खबर है, लेकिन आधिकारिक स्तर पर इसकी पुष्टि नहीं हुई।
 
इधर, राजनाथ के रीवा पहुंचने पर भी हेलिपैड में घुसने को लेकर पार्टी नेताओं और टीआई के बीच झूमा-झटकी हुई। भाजपा प्रदेश संगठन महामंत्री अरविंद मेनन ने देर रात भोपाल पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी ली। मेनन का कहना है कि स्थिति स्पष्ट होने के बाद कार्रवाई की जाएगी।
 
जानकारी के मुताबिक शनिवार को अटल ज्योति कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रीवा जाने के लिए राजनाथ सिंह विशेष विमान से खजुराहो पहुंचे थे। यहां उनके स्वागत के  लिए पार्टी के कुछ पदाधिकारियों को ही एयरपोर्ट के अंदर जाने के लिए पास जारी किए गए थे।
 
इसके चलते एयरपोर्ट के बाहर से ही नारेबाजी होने लगी। इस बीच किसान मोर्चा के जिला अध्यक्ष अवनींद्र पटेरिया और विभाग संगठन मंत्री बिहारी सिंह सोलंकी के बीच बहस हो गई। इससे उत्तेजित भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने पटेरिया के साथ धक्का-मुक्की कर दी।
 
कुछ देर बाद प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, संगठन महामंत्री मेनन और राजनाथ सिंह एयरपोर्ट से बाहर आए तो मामला कुछ देर के लिए शांत तो हो गया। लेकिन, उनके जाते ही पटेरिया समर्थकों की भाजयुमो कार्यकर्ताओं से झड़प शुरू हो गई। दोनों पक्षों में जमकर लाठी-डंडे चले। दोनों पक्षों ने एक दूसरे के खिलाफ खजुराहो थाने में शिकायत दर्ज कराई है। 
 
पुलिस ने एक पक्ष से घायल पटेरिया और उनके छोटे भाई जनपद अध्यक्ष सुबोध पटेरिया तथा दूसरे पक्ष से भाजपा युवा मोर्चा के जिलाध्यक्ष अरविंद और जनपद सदस्य कामता शुक्ला की एमएलसी कराई है। एसडीओपी खजुराहो कैलाश नाहटा ने गोली चलने की घटना की पुष्ट नहीं की है। एएसपी सुनील तिवारी ने कहा कि दो पक्षों में मामूली झगड़ा हुआ है। एफआईआर दर्ज होने के बाद मामले में ज्यादा जानकारी दे पाएंगे।

बच्चियों के साथ जारी है बर्बरता : रेप के बाद एक को टॉयलेट दो दूसरी को फेंका कुएं में


दिल्ली. बदरपुर स्थित शौचालय में बुरी तरह घायल हालत में मिली छह साल की बच्ची के मामले में पुलिस ने अब दुष्कर्म, हत्या का प्रयास और पोक्सो एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। हालांकि अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। घटना से नाराज लोगों ने शनिवार को मथुरा रोड पर जमकर प्रदर्शन किया और करीब दो घंटे तक बदरपुर फ्लाई ओवर पर यातायात बाधित रहा। प्रदर्शन में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता व कुछ अन्य एनजीओ के लोग भी शामिल हुए। लोगों का कहना है कि घटना को एक दिन बीत चुका है लेकिन पुलिस अब तक आरोपी को गिरफ्तार नहीं कर सकी है। काफी मशक्कत के बाद लोगों को समझा बुझाकर करीब साढ़े तीन बजे यातायात को समान्य किया जा सका।
दक्षिण-पूर्वी जिला पुलिस उपायुक्त अजय चौधरी का कहना है कि यह मामला काफी गंभीर है। फिलहाल आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आसपास के इलाके करीब  दो दर्जन लोगों से पूछताछ की जा चुकी है। ज्ञात हो कि शुक्रवार दोपहर करीब साढ़े तीन बजे बच्ची शौचालय में अचेत अवस्था में पड़ी मिली थी। उसके शरीर पर कपड़े नहीं थे। बच्ची का गला भी रेतने का प्रयास किया गया था।
बच्ची खतरे से बाहर
 
 बच्ची की हालत स्थिर बनी हुई है। वह होश में है और खतरे से बाहर है। उसे फिलहाल आईसीयू में रखा गया है। बच्ची की स्थिति पर लगातार नजर रखने के लिए आठ डॉक्टरों की टीम बनाई गई है जिसमें एम्स के यूरोलॉजी, बाल रोग, फॉरेन मेडिसिन, एनीस्थिसिया, स्त्री रोग और बाल सर्जन विशेषज्ञ शामिल हैं। एम्स ट्रॉमा सेंटर सर्जरी के डॉ. विप्लव मिश्रा ने बताया कि शुक्रवार शाम एम्स में लाई गई बच्ची की हालत स्थिर बनी हुई है। शुक्रवार को हुई सर्जरी का सकारात्मक असर देखने को मिल रहा है। बच्ची के गले पर ब्लेड और उसके शरीर पर कई स्थानों पर चोट के निशान हैं।
 
मेट्रो में मनचलों को सबक सिखा रही सीआईएसएफ वूमेन प्रोटेक्शन टीम तैनात
 
मेट्रो ट्रेन में महिला मुसाफिरों के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं पर लगाम कसने के लिए सीआईएसएफ ने सभी मेट्रो स्टेशनों पर वूमन प्रोटेक्शन टीम गठित की है। इस टीम में महिला अधिकारी के साथ इंटेलीजेंस यूनिट के अधिकारियों को शामिल किया गया है। यह टीम सीधे सीआईएसएफ मेट्रो हेल्पलाइन के कंट्रोल रूम से संपर्क में रहेगी। सभी स्टेशनों पर तैनात वूमेन प्रोटेक्शन टीमों के बीच समन्वय के लिए शास्त्री पार्क और बाराखंभा रोड में अतिरिक्त कंट्रोल रूप भी बना दिए गए हैं।
 
सीआईएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार मुसाफिरों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सीआईएसएफ ने हेल्पलाइन नंबर 011-22185555 की शुरुआत की थी। इस नंबर को यात्रियों तक पहुंचने के लिए सभी मेट्रो ट्रेन और स्टेशनों पर सीआईएसएफ मेट्रो हेल्पलाइन नंबर वाले स्टीकर चिपका दिए गए हैं।
 
चार युवक गिरफ्तार : अधिकारी के अनुसार शनिवार को एक युवती की पहल और सीआईएसएफ मेट्रो हेल्पलाइन की मदद से चार युवकों को छेड़खानी में गिरफ्तार किया गया है। दरअसल, शिकायतकर्ता युवती हुडा सिटी सेंटर से मेट्रो में अपनी दो सहेलियों के साथ सवार हुई थी। सफर के दौरान ट्रेन में मौजूद चार युवकों ने इनपर द्विअर्थी शब्दों के प्रयोग के साथ फब्तियां कसनी शुरू कर दी।
 
युवती ने तत्काल ट्रेन से सीआईएसएफ मेट्रो हेल्पलाइन पर फोन कर घटना के बारे में अवगत कराया। टीम के अधिकारियों ने चारों युवकों को अर्जनगढ़ मेट्रो स्टेशन से हिरासत में लेकर मेट्रो पुलिस के हवाले कर दिया। चारों युवकों की पहचान तुषार, गौरव, अमित और सौरभ के रूप में हुई है। ये सभी शाहदरा के निवासी हैं।

दिल्ली में मेट्रो स्टेशन के बाहर मिला युवती का शव, पास में मिली एसिड की बोतल

नई दिल्ली. दिल्ली के राजौरी गार्डन मेट्रो स्टेशन के पास शिल्पी नामक युवती की लाश बरामद हुई है. शव के पास ही एसिड की बोतल भी मिली है. युवती के पिता ने पति पर हत्या का आरोप लगाया है. शिल्पी के पति दीपक को हिरासत में ले लिए गया है.  
इससे पहले, शनिवार को गुड़िया मामले में मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बड़ा खुलासा किया है। गुडिय़ा के पिता की शिकायत पर मुख्यमंत्री के कार्यालय के निर्देश को भी गांधीनगर के एसीपी व एसएचओ ने पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया।
मुख्यमंत्री कार्यालय से जुड़े सूत्रों के मुताबिक 18 अप्रैल को गुडिय़ा के पिता ने हेल्पलाइन नंबर 181 पर बच्ची के लापता होने की सूचना देकर कहा था कि पुलिस केस दर्ज नहीं कर रही।
इसके बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने एडिशनल सीपी सुधीर यादव को शिकायत दर्ज करने और कार्रवाई में आनाकानी करने वाले के  खिलाफ  कार्रवाई का निर्देश दिया था। इस मामले के खुलासे के बाद महिला कल्याण एवं बाल विकास मंत्री प्रो. किरण वालिया ने कहा कि पुलिस आयुक्त नीरज कुमार को अपने पद से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए।
प्रदीप 12 दिन की हिरासत में : कड़कडड़ूमा कोर्ट ने इस मामले के दूसरे आरोपी प्रदीप को नौ मई तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इससे पहले पुलिस ने चार दिन तक उससे पूछताछ की थी।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश संजय गर्ग ने 19 वर्षीय प्रदीप को 12 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। मामले का मुख्य आरोपी मनोज 30 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में है।
जांच टीम ने अदालत में अभिषेक नाम का गवाह भी पेश किया। सूत्रों के अनुसार अभिषेक ने वारदात के तुरंत बाद खून से सने कपड़ों में मनोज व प्रदीप को मकान से भागते देखा था।
पुलिस ने बताया कि जैसे ही मनोज को प्रदीप के सामने बैठाया गया उसने अपना अपराध कबूल करते हुए लोनी से गांधी नगर पंहुचने, दुष्कर्म से लेकर बिहार पहुंचने की सारी कहानी बता दी। मनोज ने खून से सने कपड़ों के भी विषय में बताया।

कुरान का सन्देश

दोस्तों प्रति दिन एक नया दिवस बनाने वाले इस विश्व में और खासकर भारत में आज पुरुष दिवस मनाया रहा है

दोस्तों प्रति दिन एक नया दिवस बनाने वाले इस विश्व में और खासकर भारत में आज पुरुष दिवस मनाया  रहा है लेकिन जिस तरह से देश के हालत है चीन देश की सीमा में घुसा है ..पाकिस्तान सरबजीत को मार रहा है ..गुपचुप आतंकवादी घुसपेठ कर रहा है ..सरकार में बेठे मंत्री खुली चोरी कर रहे है ..सडकों पर बहन बेटियों के साथ रोज़ नियमित बलात्कार की घटनाएँ हो रही है ...घरों में पत्नियों को दहेज़ की मांग को लेकर तो शराब पीकर पीटा जा रहा है देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं है हम कमजोर होकर आत्महत्याएं कर रहे है तो क्या इस पुरुषार्थ दिवस की आज कोई प्रासंगिकता है या नहीं बताइए प्लीज़ ..अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा पत्रकार मित्र मंडल द्वारा कल यहाँ पत्रकारिता समस्या और समाधान विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन रखा गया है

कोटा पत्रकार मित्र मंडल  द्वारा कल यहाँ पत्रकारिता समस्या और समाधान विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन रखा गया है ..इस अवसर पर कोटा के पत्रकार हाल ही में कोटा में संयुक्त निदेशक जनसम्पर्क बनकर आये डोक्टर प्रभात कुमार सिंघल की कामयाब कार्यशेली और रचनात्मक कलमकार होने के लियें उनका सम्मान करेंगे ....पत्रकार मित्र मंडल के सुभाष देवड़ा ...के डी अब्बासी ...डोक्टर डी एन गाँधी ..एडवोकेट अख्तर  अकेला ...प्रदीप पंचाल  ने बताया की पत्रकारिता समस्या और समाधान विषय पर कल दोपहर तीन बजे रेलवे स्टेशन क्षेत्र स्थित रेलवे युनियन  कुलकर्णी भवन में कार्यक्रम आयोजित होगा जिसमे कोटा के अतिरिक्त  अधीक्षक लक्ष्मण गोड मुख्य अतिथी होंगे जबकि अध्यक्षता इलेक्ट्रोनिक मीडया संघ के अध्यक्ष रजत खन्ना करेंगे ..कार्यक्रम में प्रेस क्लब के सचिव हरिमोहन शर्मा ..रेलवे युनियन के रघु मित्तल ..डॉक्टर गजेन्द्र सिसोदिया मुख्य चिकित्सा अधिकारी ..डोक्टर प्रभात कुमार सिंघल संयुक्त निदेशक जनसम्पर्क कोटा विशिष्ठ अतिथि होंगे कार्यक्रम का संचालन एडवोकेट अख्तर खान अकेला करेंगे ....इस अवसर पर सभी प्रेस क्लब के सदस्यों ..पत्रकारों ..कलमकारों ..साहित्यकारों और बुद्धिजीवियों से निवेदन है की वोह उपस्थित होकर कार्यक्रम की शोभा बढायें ............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 

घर में मातम और बाजारों में पसरा सन्नाटा, एक परिवार से उठे नौ जनाजे



श्रीमाधोपुर/खंडेला।   जयपुर रोड पर शुक्रवार सुबह रींगस के पास एक वैन खड़े ट्रक में घुसने से एक ही परिवार के नौ लोगों सहित दस जनों की मौत हो गई, जबकि चार अन्य गंभीर घायल हो गए। ये सभी खंडेला के बिसायतियों के मोहल्ले के रहने वाले थे और दोहा कतर से आए अपने परिजन को लेकर जयपुर एयरपोर्ट से लौट रहे थे।
 
 वैन में 14 लोग सवार थे। गंभीर घायलों का जयपुर में उपचार जारी है। जिला प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को 50-50 हजार व घायलों को दस-दस हजार का मुआवजा देने की घोषणा की है। इजराइल के दौरे पर गए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वहां सूचना मिलने पर दुर्घटना में मारे गए लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की।
 
 
जानकारी के मुताबिक बिसायतियों का मोहल्ला खंडेला निवासी मोहम्मद शकूर कहार मजदूरी के लिए दोहा कतर गया हुआ था। करीब दो वर्ष बाद वह घर लौट रहा था। गुरुवार रात 11 बजे परिवार के लोग उसे लेने मारुति वैन से जयपुर एयरपोर्ट के लिए रवाना हुए थे और सुबह करीब साढ़े आठ बजे वहां से खंडेला आ रहे थे। सरगोठ और रींगस के बीच स्थित झंकार होटल के पास इनकी वैन सड़क किनारे खड़े ट्रक में घुस गई।  
 
 
 
रींगस के पास हुए हादसे ने बिसायती परिवार की खुशियां और ख्वाहिशें बिखेर दी हैं। डेढ़ साल बाद दोहा से लौट रहे शकूर को जयपुर एयरपोर्ट से लेकर कई तमन्ना पाले हुए परिवार वापस घर आ रहा था। दोहा में कुछ दिनों से काम नहीं मिलने पर शकूर ने वतन वापसी का मन बनाया था।
 
 
शारजहां एयरपोर्ट पर काम करने वाले अपने पड़ोसी जमील अहमद से कहा था कि ‘बस अब सारा काम फिनिश करके जा रहा हूं। यह अंतिम मुसाफिरी है, फिर लौट कर नहीं आऊंगा।’ शकूर परिवार के साथ वक्त गुजारकर यहीं रोजी रोटी के लिए कुछ करने की ख्वाहिश पाले था कि हादसे ने उसकी जिंदगी लील ली।
 
 
 
हादसे में शकूर के साथ उसकी मां, पत्नी, भाई, बेटा -बेटी भी इस दुनिया से रुख़सत कर गए। जब शाम को एक ही परिवार से नौ जनाजे एक साथ उठे तो घर में मातम और बाजारों में सन्नाटा पसरा था। वैन चालक मुश्ताक की अम्मी नूर बानो जवान बेटे के शव को देखकर बेहोश हो गई, जिसे अस्पताल में दाखिल कराना पड़ा।
 
शकूर के आने की खबर पाते ही उसका परिवार उस रवायत को निभाने में जुट गया, जिसमें बाहर से आने वाले का एयरपोर्ट पर ही इस्तकबाल किया जाता है। गुरुवार रात 11 बजते -बजते एक वैन में सवार होकर जयपुर के लिए निकल पड़े। बड़े भाई अब्दुल कबीर ने कुछ काम होने व गाड़ी में जगह नहीं होने की वजह से मना किया तो पत्नी गुलशन बानो ने कहा अम्मी जा रही हैं तो आप क्यों नहीं।
 
दो मासूम बेटियां व भतीजी अस्पताल में भर्ती
विदेश से आए शकूर, उसकी पत्नी, एक बेटी व बेटे की हादसे में मौत हो गई। शकूर की तीन मासूम बेटियां इस हादसे में बच गई जिनमें से दो का जयपुर में इलाज जारी है। उसकी सबसे बड़ी बेटी सबीरा उर्फ शबनम (14) को छुट्टी दे दी गई है। समीरा (6), सुहाना (18 माह ) व भतीजी अलवीरा अस्पताल में भर्ती हैं। 
 
हादसे में इनकी हुई मौत 
 
हादसे में विदेश से लौटे मोहम्मद शकूर (32), उसकी मां जाहिदा (50), पुत्री सिमरन (10), पुत्र नबील (3), बड़े भाई मोहम्मद कबीर (34), भतीजी फरीना (8) व शाहिना (16), साला जाबिद (25) व वैन चालक मुश्ताक अली की मौके पर ही मौत हो गई। शकूर की पत्नी शहनाज ने भी जयपुर में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

एडीजीपी बोले राजस्थान पुलिस की नीयत में खोट, बस बातों में होशियार, काम में है फिसड्डी


कोटा। ‘मैं आज यहां आपसे बातें करने आया हूं, सिर्फ बातें करूंगा, भाषण नहीं दूंगा।’ शुक्रवार को पुलिस लाइन में हुई बैठक के दौरान अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक नवदीप सिंह (लॉ एंड ऑर्डर) ने अपनी बात शुरू की और फिर बातों ही बातों में अफसरों से लेकर गनमैन तक पूरे पुलिस बल को करीब 1.30 घंटे तक वह सब सुनाया जो आम जनता की भाषा है।
 
उन्होंने उर्दू की कहावत बोलते हुए कहा कि राजस्थान पुलिस बातों में तो होशियार है लेकिन काम में फिसड्डी होती जा रही है। सारी सुविधाओं के बावजूद पुलिस प्रोफेशनल रूप से पिछड़ रही है, जो खेद का विषय है।
 
 
पहले यह बोले नवदीप सिंह  
अफसर कभी जेलों में जा रहे हैं (अजमेर एसपी मामला) तो कभी नो एंट्री की जगह 200 रुपयों (जयपुर का मामला) में एंट्री हो जाती है।
 
राजस्थान में 79 हजार पुलिस बल जनता के बीच रहता है। ये जो करते हैं, जनता पुलिस को वैसा ही मानती है। ऐसी घटनाओं से लगता है कि पुलिस की नीयत में खोट आ गई है।
 
रक्षक पुलिस भक्षक बन बैठी है। हमने खुद अपनी सिंह जैसी छवि को धूमिल किया है, अब हमें इसे जमाने के हिसाब से बदलना होगा।
 
 
फिर अफसरों से गनमैन तक को यूं बांधा परिभाषा में
सीआई व अफसर 
शहर में 21 से ज्यादा चिन्हित भगोड़े घूम रहे होंगे। पता नहीं क्यूं ये उन्हें पकड़ने में दिलचस्पी नहीं लेते। इनकी आदत बिजली गिरने पर काम करने जैसी पड़ चुकी है। 
 
आईओ 
हिस्ट्रीशीटर की एफआईआर और चार्जशीट कंपलीट होना तो दूर इनके पास उसके घर का नक्शा तक नहीं रहता। हिस्ट्रीशीट पर हस्ताक्षर किसके हैं, यह भी नहीं पहचानते। 
 
बीट कांस्टेबल 
अपने हाथ से कोई एंट्री नहीं करते। 
 
जवान
जवानों को पीटी-परेड का अभ्यास नहीं रहा। बस वर्दी सही होनी चाहिए। 
 
ड्राइवर 
इनके पास शहर का रोडमैप ही नहीं रहता। अफसर को असिस्टेंट बनकर रास्ता दिखाना पड़ता है। 
 
गनमैन  
किसी ने 10 सालों से बंदूक चलाने का अभ्यास ही नहीं किया होगा। चाहे तो पूछ लो।

मायावती के बैग से मिले एक लाख रुपये, कार-हेलिकॉप्‍टर की तलाशी पर भड़की बीएसपी


बेंगलुरु. बीएसपी सुप्रीमो मायावती के लिए कर्नाटक में चुनाव प्रचार मुश्किल साबित हो रहा है। गुलबर्गा में मायावती की कार और उनके हेलीकॉप्टर की चुनाव आयोग के निर्देश पर तलाशी ली गई। मायावती के खिलाफ इस तरह की  कार्रवाई पर बसपा ने कड़ा ऐतराज किया है। पार्टी का कहना है राहुल गांधी और सोनिया गांधी की ऐसी तलाशी क्यों नहीं की जाती है?
 
कर्नाटक के मुख्‍य चुनाव अधिकारी अनिल झा के मुताबिक मायावती की चुनावी रैली से रुपये मिले हैं। ये रुपये कहां से हैं और रकम कितनी है, इसकी जांच हो रही है। सूत्रों के मुताबिक मायावती के बैग की जांच हुई जिससे एक लाख रुपये मिले हैं।
 
दूसरी तरफ, कर्नाटक के मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार की दौलत बीते पांच सालों में चार गुनी हो गई है। लेकिन इसके बावजूद उन्हें अपनी पत्नी से कर्ज लेना पड़ा है। हुबली से पांचवीं बार चुनाव लड़ रहे शेट्टार के हलफनामे के मुताबिक उन पर 18.97 लाख का कर्ज है। उन्हें 7.51 लाख रुपये तो अपने परिवार और 4.5 लाख रुपये अपने भाई को लौटाने हैं। शेट्टार ने अपनी पत्नी से 6.96 लाख रुपये का कर्ज लिया हुआ है। 
 
शेट्टार के पास मौजूद संपत्ती की कीमत में बीते पांच सालों में अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है। 2008 में जहां शेट्टार के पास 99.42 लाख रुपये की संपत्ति थी। वहीं, यह अब चार गुना से भी ज्यादा बढ़कर 4.44 करोड़ रुपये हो गई है। शेट्टार के पास 2008 में 78 लाख रुपये कीमत की अचल संपत्ति थी जो अब बढ़कर 3.64 करोड़ रुपये की हो गई है। शेट्टार परिवार के पास अब कोई कार नहीं है और परिवार के पास 1,310 ग्राम सोना है जो पांच सालों में बढ़ा नहीं है। मुख्यमंत्री के पास हुबली के नजदीक चावरगुड्डा में खेती लायक तीन एकड़ जमीन के 20 फीसदी हिस्से का मालिकाना हक है। शेट्टार के पास दो प्लॉट भी हैं। हुबली के केशवपुर में 1,383 वर्गफुट और बेंगलुरु के आरटी नगर में  3,991 वर्गफुट के प्लॉट भी उनके नाम हैं। शेट्टार के पास हुबली में दो घर हैं जिनका कुल एरिया 11,780 वर्ग फुट और कीमत एक करोड़ रुपये है। शेट्टार की चल संपत्ति भी पांच सालों में बढ़ गई है। 2008 में कर्नाटक के सीएम के पास 20.64 लाख रुपये की चल संपत्ति थी जो अब बढ़कर 80.47 लाख रुपये हो गई है।
 
शेट्टार की पत्नी की भी दौलत पांच सालों में दोगुनी हो गई है। 2008 में शेट्टार की पत्नी के पास 21.06 लाख रुपये की संपत्ति थी और यह अब बढ़कर 43.18 लाख हो गई है। कर्नाटक में 5 मई को विधानसभा चुनाव के तहत वोटिंग होगी।

भारत बना दुनिया का आठवां सबसे ताकतवर देश


नई दिल्ली. दुनिया के 10 सबसे अधिक शक्तिशाली देशों में भारत को 8वीं रैंक मिली है। अपने आप में पहले बार इस तरह की एक स्‍टडी हुई है, जिसमें नेशनल पॉवर का अध्‍ययन किया गया है। 27 देशों में भारत को आठवां रैंक मिला है। यह रैंक देश के ख्‍यात नीति निर्धारक और विद्वानों ने दिया है। नई दिल्‍ली स्थिति फाउंडेशन फॉर नेशनल सिक्‍युरिटी रिसर्च (एफएसएनआर) ने यह स्‍टडी की है। 
 
स्‍टडी के बारे में प्रोफेसर सतीश कुमार कहते हैं कि हमने शक्तिशाली देशों का चयन कई आधार पर किया। इसके लिए इन देशों को कुछ जरूरी मापदंड पूरा करना था। मसलन उन देशों को लिया गया, जिनकी आबादी 5 करोड़ से अधिक थी। जीडीपी का स्‍तर 500 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक था। इसी तरह ऐसे देशों को इसमें शामिल किया गया जो अपने 5 अरब डॉलर अपने सामरिक क्षेत्र में खर्च करते हैं। भारत ऐसे देशों में से एक है।
स्‍टडी में कहा गया है कि यूनाइटेड स्‍टेट दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश है। अपने करीबी प्रतिस्पर्धी चीन से अमेरिका काफी आगे है। स्‍टडी में कहा गया है, "एनर्जी, सुरक्षा, तकनीकी क्षमता और विदेशी मामलों में चीन अभी भी यूएस से काफी पीछे है। यहां तक की अर्थव्‍यवस्‍था और सामरिक के क्षेत्र में भी चीन काफी पीछे है। यूएस के प्रभुत्व को चुनौती देने की चीन की इच्‍छा भविष्‍य में खतरा पैदा कर सकती है। 
 
यूएस और चीन जैसे देशों के बहुत बाद में भारत का नंबर आता है। रिपोर्ट में कहा गया है, "भारत की अर्थव्‍यवस्‍था की क्षमता आठवें नंबर पर है जबकि सामरिक क्षमता के मामले में भारत विश्‍व में सातवां स्‍थान रखता है। जबकि तकनीक के क्षेत्र में भारत 17वें नंबर पर है। एनर्जी सुरक्षा में भारत की स्थिति और भी खराब है और वह 20वें स्‍थान पर टिकता है।" 
 
सेना के साजो सामान और पावर प्रोजेक्‍शन, सायबर और स्‍पेस सिक्‍युरिटी में भारत की रैंकिंग बहुत ही खराब है। सैद्धांतिक मसलों में भी भारत निराश करता है। प्रौद्योगिक क्षमता की बात करें तो यहां भी भारत कमजोर है। सबसे अधिक मार्क्‍स भारत को उसकी जनसंख्‍या क्षमता पर मिला है। लेकिन यदि भारत अपने लोगों के मेनपावर इंडेक्‍स में निवेश नहीं करता है तो यही जनसंख्‍या उसके लिए खतरा बन सकती है। चीन को इसमें 100 और भारत को 87.5 अंक मिले हैं। उपकरण इंडेक्‍स में  भारत की स्थिति चीन से बहुत ही खराब है। 100 अंक पाने वाले चीन की तुलना में भारत को उपकरण इंडेक्‍स में मात्र 50 अंक की मिले हैं। शिक्षित मजदूरों के मामले में चीन भारत से काफी आगे है। भारत को लगातार चुनौती मिल सकता है। 
 
निवारण और पावर प्रोजेक्शन की यदि बात करें तो चीन को इसमें 75 अंक मिला है जबकि भारत को 60 से भी कम अंक में समझौता करना पड़ा। रणनीति और सैद्धांतिक अनुकूलन में भी चीन भारत से अधिक निवेश करता है।

टीचर ने दो स्‍टूडेंट्स से किया रेप, पकड़े जाने पर दी जहर की गोली



राजस्‍थान में बीकानेर के खाजूवाला में एक निजी स्कूल के शिक्षक के खिलाफ अपनी ही स्कूल की दो नाबालिग छात्राओं के साथ दुष्कर्म करने और उनकी हत्या का करने का मुकदमा दर्ज हुआ है। पुलिस ने आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया है। खाजूवाला वृत्ताधिकारी बाबूलाल बिश्नोई ने बताया कि 25 केवाईडी में जेआर धांगड़ इंग्लिश स्कूल है। दो केवाईएम निवासी एक पिता ने स्कूल के शिक्षक राजेश धांगड़ पर अपनी बेटी और उसकी सहेली के साथ दुष्कर्म करने के बाद उनकी हत्या का आरोप लगाया है।
 
पीडि़त पिता ने बताया कि उसका बेटा व बेटी दोनों ही आरोपी की स्कूल में आठवीं कक्षा में पढ़ते थे। पांच अप्रैल को आरोपी शिक्षक उसके बेटे, बेटी व उसकी एक सहेली को अपनी गाड़ी में बैठाकर समय से पहले ही स्कूल लेकर गया। वहां उसने उसकी बेटी व उसकी सहेली दोनों के साथ दुष्कर्म किया। तीनों को जान से मारने की धमकी देकर यह बात किसी को बताने से मना कर दिया। इसके बाद वह लगातार ऐसा करता रहा। 
 
पिता ने कहा, '11 अप्रैल को शिक्षक ने मेरे बेटे को एक हजार रुपए देकर फल लाने के लिए बाइक देकर खाजूवाला भेज दिया। बेटा जब वापस आया तो उसने शिक्षक को उन दोनों के साथ दुष्कर्म करते फिर देख लिया। उसने धमकी दी कि वह यह बात घर जाकर बताएगा। आरोपी शिक्षक ने फिर उनको धमकाया। थोड़ी देर में मेरी बेटी की सहेली के पेट में दर्द हुआ तो आरोपी तीनों को खाजूवाला हॉस्पिटल ले आया। इस दौरान मेरी बेटी की सहेली ने मेरे बेटे व बेटी को बताया कि शिक्षक ने उसे जहर की गोली खिला दी है।'
 
पिता ने कहा, 'खाजूवाला से उस बच्ची को बीकानेर रेफर किया गया। आरोपी शिक्षक के साथ ही मेरे बेटे-बेटी भी उनके साथ बीकानेर चले गए। वहां पर डॉक्टर ने मेरी बेटी की सहेली को मृत घोषित कर दिया। इस पर आरोपी शिक्षक वहां से फरार हो गया और गांव जाते समय मेरी बेटी को मेरे के फोन पर मेरी बेटी से संपर्क किया। उसने फोन पर मेरी बेटी को दबाव देकर कहा कि जो गोली उसने दी है वह तू भी खाले और मैं भी खा लेता हूं। वरना दोनों हत्या के आरोप में जेल जाएंगे। इस पर मेरी बेटी ने भी डर के मारे उसी वक्त वह गोली खा ली और उसकी मौत हो गई। उसकी मौत के बाद हम अपने गांव चूरू जिले के सांगासर गांव चले गए। वहां 12 दिन की रस्म पूरी कर मुकदमा दर्ज करवाने शुक्रवार को पहुंचे हैं।' वृत्ताधिकारी ने बताया कि शाम को एफआईआर दर्ज करने के साथ ही आरोपी शिक्षक को गिरफ्तार कर लिया गया है।

सरबजीत के सिर से लगातार बह रहा खून, ब्रेन हेमरेज का खतरा, भारत में भड़का गुस्‍सा

लाहौर। पाकिस्‍तान की कोट लखपत जेल में बंद भारतीय कैदी सरबजीत सिंह की हालत गंभीर बनी हुई है। वह डीप कोमा में चले गए हैं। उनके सिर पर गंभीर चोट है और चेहरा काफी सूजा हुआ है। उनकी सर्जरी करने की सख्‍त जरूरत है, लेकिन कोमा से बाहर आए बिना डॉक्‍टर सर्जरी नहीं कर सकते। इस समय उन्‍हें वेंटीलेटर पर रखा गया है। फांसी की सजा पाए सरबजीत पर शुक्रवार को जेल में ही कैदियों ने जानलेवा हमला कर दिया था।
लाहौर क्षेत्र के डीआईजी (जेल) मलिक मुबाशर खान पूरे मामले की जांच कर रहे हैं। भारतीय उच्चायोग के दो अधिकारी इस्‍लामाबाद से सरबजीत के पास पहुंच गए हैं। सरबजीत की बहल दलबीर कौर भी वहां जाना चाह रही हैं। उन्‍होंने कहा कि मैंने सभी से कहा था कि वह सुरक्षित नहीं है। सरबजीत पर हमला पहले से सुनयोजित था। उसे मारने की कोशिश की जा रही है। उन्‍होंने कहा, 'हम आज ही पाकिस्‍तान जाना चाहते हैं। हमें आज ही वीजा मिलना चाहिए।' वह काफी सदमे में हैं और उनकी तबीयत भी बिगड़ गई है। अमृतसर में उनका इलाज चल रहा है।
सरबजीत पर हमले से उनकी पत्नी सुखप्रीत कौर और बेटी पूनमदीप कौर का रो-रोकर बुरा हाल है। पूनमदीप ने कहा है कि सरकार ने मेरे पिता के समुचित इलाज कराने की व्यवस्था नहीं कि तो मैं आत्मदाह कर लूंगी। सुखप्रीत का कहना है कि उनके पति पर साजिश के तहत हमला किया गया है।

सरबजीत ने चिट्ठी में बताया था जान का खतरा....


पाकिस्तान की कोट लखपत जेल में बंद भारतीय कैदी सरबजीत सिंह ने करीब तीन साल पहले ही अपने साथी कैदियों के बुरे व्यवहार के बारे में बताया था। लेकिन इसके बावजूद जेल प्रशासन ने उसकी सुरक्षा पर कोई कदम नहीं उठाए।
 
उसने अपने वकील अवैस शेख को इस संबंध में एक मार्मिक चिट्ठी लिखी। पत्र में उसने अपनी आपबीती बयां की थी। उसने लिखा था कि पाकिस्तान के सरकारी संस्थान (पुलिस और कोर्ट) उसे सरबजीत सिंह से मंजीत सिंह बनाने पर तुले हुए थे, जबकि वह खुद मंजीत सिंह के बारे में नहीं जानता था और उसने पाकिस्तान में क्या किया था, इसका भी इल्म उसे नहीं था। 
 
उसने लिखा था, "जेल का स्टाफ और पुलिस और यहां तक कि जेल में बंद कैदी भी मुझे हिकारत भरी नजरों से देखते थे। वे मुझे धमाके करने वाला मानते थे।" सरबजीत ने पाकिस्तानी वकील अवैस शेख का धन्यवाद देते हुए लिखा कि उन्होंने असली मंजीत सिंह को ढूंढ निकाला था। जब सरबजीत को पकड़कर मंजीत सिंह बनाया तो उस वक्त असली मंजीत सिंह इंग्लैंड और कनाडा की सैर कर रहा था। लेकिन बाद में वह पकड़ा गया। 
   
उसने लिखा, "पाकिस्तान में गलती से दाखिल हो गया था। लेकिन मुझे लगता था कि मैं जल्द ही छूट जाऊंगा। मैंने कोई जुर्म नहीं किया था, सिर्फ बॉर्डर ही तो पार किया था। पाकिस्तान के कानून बनाने वालों ने मुझे मंजीत सिंह बना कर पेश किया गया।" सरबजीत ने अपनी चिट्ठी में पाकिस्तानी न्यायिक प्रणाली पर आरोप लगाए हैं। उसने लिखा कि अदालत ने उसकी बात पर जरा भी गौर नहीं किया और न ही सफाई देने का मौका दिया। सिर्फ सजा दे दी गई। सजा-ए-मौत।
 
उसने पाकिस्तान की फेडरल इनवेस्टिगेटिव यूनिट (एफआईयू) के बारे में बताया कि यह भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा करती है। इसके अलावा पंजाब के भोले-भाले नौजवानों को गुमराह करना और सीमा पार आंतक फैलना उसका काम है।

ये किताबों के किस्से

ये किताबों के किस्से , ये फसानो की बातें ,
निगाहों की झिलमिल जुदाई की रातें|
महब्बत की कसमें , निभाने के वादे ,
ये धोखा वफ़ा का , ये झूठे इरादे |
ये बातें किताबी ,ये नज्में पुरानी ,
ना इनकी हकीक़त, ना इनकी कहानी|
न लिखना इन्हें , ना महफूज़ करना ,
ये जज्बे हैं बस, इनको महसूस करना..
बस महसूस करना......
बस महसूस करना......

औरत हो ?

औरत हो ? - पैदा होने से पहले मार दी जाओगी l
औरत हो ? - बस मे जाओ रेप होगा l
औरत हो ? - पाँच साल की उम्र मे पडोसी रेप करेगा l
औरत हो ? - अदर कास्ट से प्यार करो भाई ओनरकिल्ड करेगा l
औरत हो ? - लिफ्ट माँगो कार मे रेप होगा ।
औरत हो ? - पढने जाओ टीचर निर्लज्ज करेगा l
औरत हो ? - दहेज के लोभ मे पति जिन्दा जला देगा l
औरत हो ? - अगर नजरे झुका के चलोगी तो समाज जीने नही देगा l

इसलिये पत्थर बन जाओ समाज पूजा करेगा.......
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...