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29 अप्रैल 2013

"इस मुस्कुराती सुबह का क़त्ल होने से पहले बयान सुन लो

"इस मुस्कुराती सुबह का क़त्ल होने से पहले बयान सुन लो
जजवात मेरे तेरी जागीर नहीं हो सकते
रिश्ते तो रिश्ते हैं जंजीर नहीं हो सकते
जिन्दगी की हर गुमनाम सी गुंजाइश की नुमाइश करते लोग सुन लो
देह से होकर गुजरते रास्ते रिश्ते नहीं हो सकते
वह जो सूरज है जिन्दगी की रात में क्यों डूब जाता है ?
रोशनी क्यों बिक रही थी बस्तियों में रात को
तुलसी के पौधे पर अगरबत्ती जलाते लोग रातरानी की सुगंधें सोचते है
रात को बदनाम किसने कर दिया है
एक सूरज जल उठा है और तुम ठन्डे पड़े हो
धूप से सहमे हुए हो, चांदनी चर्चित है क्यों ?
आत्मा के आवरण को व्याकरण किसने कहा ?
सूरज के पिघलने पर धूप बहती है पहाड़ों से
वहां एक झरना फूटा है
शब्द बहते हैं वहां संकेत के
कह रहे है इस सुबह के क़त्ल में साजिश तुम्हारी है
धूप चिल्लाने लगी है अब सड़क पर
याद रखना सत्य का संगीत रागों से परे है
इस मुस्कुराती सुबह का क़त्ल होने से पहले बयान सुन लो
जजवात मेरे तेरी जागीर नहीं हो सकते " ----राजीव चतुर्वेदी

जैन मुनि पर हमले के बाद आगरा में साम्‍प्रदायिक तनाव



आगरा। जैन मुनि निर्भय सागर से अभद्रता और मारपीट पर आगरा के एत्‍मादपुर कस्‍बे में साम्‍प्रदायिक तनाव हो गया। सैंकड़ों लोग एक दूसरे पर भिड़ गए। नेशनल हाइवे नंबर 2 अराजकता का अखाड़ा बन गया।
आक्रोशित लोगों ने एक दर्जन से अधिक बसें तोड़ दी। रोडवेज की एक बस में आग लगा दी। पुलिस ने लाठीचार्ज किया तो भगदड़ मच गई। आठ लोग बुरी तरह घायल हो गए। रात साढ़े सात बजे से 12 बजे तक हाइवे पूरी तरह जाम रहा। आगरा - कानपुर के बीच आवागमन ठप हो गया। रात को पुलिस कड़ाई से पेश आई और तब माहौल शांत हुआ।

घटना की शुरुआत शाम करीब सात बजे आगरा से 20 किलोमीटर दूर एत्‍मादपुर इलाके में हुई। जैन मुनि निर्भय सागर बरहन से पैदल विहार कर संघ के साथ एत्‍मादपुर आ रहे थे। ऊंट वाले मौहल्ले के पास सुतुरवान बस्ती में एक दुकान पर बैठे एक सम्‍प्रदाय विशेष के कुछ युवकों ने छींटाकशी की। मुनि के साथ चल रहे लोगों ने विरोध किया। इसके बाद इस पर युवक भड़क गए। मुनि और संघ से खींचतान और मारपीट की। हमले में संजय जैन, यशू जैन, विनय जैन और अजय जैन घायल हो गए। मुनि और यात्रा में शामिल लोगों ने दौड़कर मौहल्ला जैनगंज में छिप कर जान बचाई।

यह खबर शाम साढ़े आठ बजे तक आग की तरह आगरा और फिरोजाबाद जिले में फैल गई। आक्रोशित लोग मुनी के समर्थन में एत्‍मादपुर पहुंच गए। लेकिन यहां पहले से मौजूद अराजकतत्‍वों ने उनकी पिटाई कर दी। इसके बाद देखते ही देखते जैन समाज के सैंकड़ों लोग पहुंच गए। अब माहौल साम्‍प्रदायिक तनाव और दंगे में बदल गया। दोनों तरफ से मोर्चाबंदी हो गई। पत्‍थरबाजी के बाद यहां पुलिस पहुंची।

अराजक तत्‍वों ने पुलिस के साथ भी हाथापाई की। इसके बाद पुलिस पीछे लौट गई। अब आक्रोशित जैन समाज के लोग नेशनल हाइवे नंबर 2 पर पहुंच गए। रात करीब साढ़े आठ बजे थाने को घेर लिया। इसके बाद आगरा-कानपुर हाइवे जाम हो गया। गुस्‍साए लोगों ने कासगंज डिपो की एक रोडवेज बस घेर ली। बस में चीख-पुकार मच गई। सवारियां उतर कर भागीं। उग्र भीड़ ने फिर खाली रोडवेज बस को आग के हवाले कर दिया। इसके बाद कई थानों की फोर्स आलाधिकारी के साथ यहां पहुंची।

तब तक करीब एक दर्जन बसों में तोड़-फोड़ की जा चुकी थी। यात्री जानबचाकर भाग रहे थे। पुलिस ने लाठीचार्ज करके आक्रोशित भीड़ तितर-बितर किया और हालात पर काबू पाया। एनएच 3 पर एक ओर टूंडला तक और दूसरी ओर रामबाग तक वाहनों की कतारें लगी हुई थीं।

एसएसपी सुभाष चंद्र दुबे ने बताया कि जैन मुनि के साथ अभद्रता, मारपीट करने वाले और बाद में उपद्रवियों को पकड़ने की कार्रवाई चल रही है। ऐसे लोगों पर राष्‍ट्रीय सुरक्षा कानून के तरह कार्रवाई होगी।

पुरुष फौजी को अगवा कर एक हफ्ता गैंगरेप करती रहीं चार महिलाएं, फिर पहाड़ों में फेंका



स्‍टार फुटबॉलर रोनाल्‍डो भले ही नई सुपरमॉडल से सेक्‍स करने के कारण विवादों में आ गए हों, लेकिन जिम्‍बाब्‍वे में यौन उत्‍पीड़न का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां चार महिलाओं ने एक पुरुष सैनिक को अगवा कर करीब हफ्ते भर उसके साथ गैंगरेप किया। इन महिलाओं के गिरोह ने पुरुष सैनिक को पत्‍थर भी मारे और पहाड़ों में फेंक कर फरार हो गईं।
 
25 साल के इस पीडित शख्‍स के साथ अनहोनी की शुरुआत उस वक्‍त हुई जब उसने जिम्‍बाब्‍वे के मुटारे शहर में इन महिलाओं से लिफ्ट मांगी। इस मर्सिडीज कार में दो महिलाएं और एक पुरुष पहले से सवार था। कुछ दूर चलने के बाद ड्राइवर ने कार दूसरी तरफ मोड़ ली। किसी अनहोनी की आशंका को देखते हुए सैनिक ने जब कार दूसरी तरफ मोड़ने की वजह पूछी तो कार में सवार लोगों ने उसे चाकू से डराया-धमाकाया।

सिवनी में बलात्कार की शिकार चार वर्षीय बच्ची की नागपुर के अस्पताल में मौत

सिवनी। सिवनी जिले के घंसौर की दुष्कर्म पीडि़त  गुडिय़ा की नागपुर के अस्पताल में सोमवार रात मौत हो गई। उसका वहां 21 अप्रैल से इलाज चल रहा था।
डॉक्टरों के अनुसार बच्ची के सिर पर गंभीर चोट होने के कारण उसके मस्तिष्क ने काम करना बंद कर दिया था। उसे वेंटीलेटर पर रखा गया था। हॉस्पिटल में बच्ची के मातापिता, मामा तथा अन्य परिजन साथ थे। बताया जा रहा है मंगलवार को पोस्टमॉर्टम के बाद बच्ची का शव घंसौर ले जाया जाएगा। वहीं अंतिम संस्कार होगा।
आरोपियों के खिलाफ अब हत्या की धारा भी- सिवनी कलेक्टर भरत यादव के अनुसार बच्ची की मौत के बाद अब आरोपियों के खिलाफ धारा 367, 376 और 302 का भी अपराध दर्ज होगा। यानी हत्या की धारा भी जोड़ी जाएगी।
यह हुआ था 17 अप्रैल को
घंसौर में 17 अप्रैल को 4 वर्ष की बालिका  लापता हो गई थी। 18 अप्रैल को कब्रिस्तान में बच्ची गंभीरावस्था में मिली थी। दो दरिंदों ने उसका अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म किया था। उसके साथ मारपीट भी की। सिर पर गंभीर चोट आई। फिर उसे मरा समझ छोड़कर भाग गए। बाद में सिवनी पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था।
वेंटिलेटर पर गंभीर अवस्था में हो रहा था उपचार
 
दुष्कर्म पीड़िता की हालत अस्पताल में भर्ती होने के बाद से लगातार गंभीर बनी हुई थी। कृत्रिम श्वास पर उसका उपचार किया जा रहा था। केयर अस्पताल प्रशासन की ओर से प्रवीण मनाडिया और डॉ. अशोक टांक ने बताया कि बच्ची के मस्तिष्क की तंत्र प्रणाली पूरी तरह थम गई थी। रक्त दाब काफी कम हो गया था। उसे हाई डोज दवाइयां दी जा रही थी। इसके बावजूद बालिका की हालत में कोई सुधार नहीं आ रहा था।
 
शहर में मौत की खबर के बाद छाई खामोशी
 
दुष्कर्म कांड का पुरजोर विरोध करते हुए शहर के 'युवा जागरूक' समूह ने कड़ा विरोध प्रदर्शन किया था। लोगों ने कैंडल मार्च निकालकर पीड़िता की सलामती के लिए दुआएं भी की, लेकिन सोमवार को उसकी मौत के बाद से शहर में खामोशी पसर गई। प्रदेशभर में इस घटना के बाद से आक्रोश था, लेकिन गुड़िया की मौत के बाद अब सबकी आंखें नम हैं।

कोटा सहित कई स्थानों पर तो उर्दू मीडियम के स्कूलों को बंद करने की साली हैजिश कर डा

राजस्थान सरकार द्वारा शिक्षा के अधिकार अधिनियम के प्रावधान के तहत भूमिहीन स्कूलों को खुद के भवन में संचालित करने का जो नियम बनाया है उस नियम का फायदा उठा कर पुराने चल रहे स्कूलों को बंद कने और समायोजन करने के नाम पर राजस्थान के जिला शिक्षा अधिकारीयों द्वारा योजनाबद्ध तरीके से चुन चुन कर मुस्लिम बस्तियों के स्कूलों को दूर दराज़ इलाके में समायोजित किया जा है और कोटा सहित कई स्थानों पर तो उर्दू मीडियम के स्कूलों को बंद करने की साली हैजिश कर डा ...ऐसी ही साज़िश कोटा जिले में प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी और कर्मचारियों ने की है कोटा की मुस्लिम बाहुल्य बस्तियों से मुस्लिम बच्चों के पढने के प्राइमरी उर्दू मीडियम स्कूल के समायोजन मामले में स्थानीय मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने दखल देकर रुकवाया है ......कोटा में स्कूल बंद करने की साजिश करते हुए शिक्षा के अधिकार अधिनियम का सहारा लिया गया है कोटा में उत्तर विधानसभा क्षेत्र में पाटनपोल ..चंद्रघटा भाटा पाडा रामपुरा क्षेत्र में मुस्लिम बाहुल्य बस्ती है और यहाँ गरीब मुसल्मा सरकारी स्कूल में ही पढ़ते है चंद्रघटा नवीन स्कूल तो पूरी तरह से उर्दू माध्यम का है जबकि भाटापाड़ा भी उर्दू माध्यम है इन स्कूलों में अध्यापक और छात्र है लेकिन कोटा प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी रश्मि शर्मा ने इन स्कूलों के समायोजन के आदेश जारी कर दिए अब इस मामले में जब कोई सुनवाई नहीं हुई तो मेने कोटा के विधायक और मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल साहब को इस मामले में जानकारी दी उन्होंने इसे गम्भीरता से लिया और इनके क्षेत्र में शिक्षा का कम देख रहे शिक्षाविद बुद्धसेन शर्मा को इस समस्या का हल निकलने के लियें कहा गया जिन्होंने तत्काल प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी को तलब किया और इस मामले में आवश्यक निर्देश जारी किये ..कोटा अल्पसंख्यक कर्मचारी संघ .के अमीन भाई प्रधानमन्त्री पन्द्राह सूत्रीय कार्यक्रम समिति के एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने इस सम्बन्ध में प्रारम्भिक शिक्षा अधिकारी रश्मि शर्मा को भी ज्ञापन सोंपा जिन्होंने तुरंत पाटनपोल चन्द्र्घता स्कूल का मोका देखा और उर्दू माध्यम स्कूल को यथावत संचालित करने का प्रस्ताव तय्यार कर सर्कार को भेजने की सहमती जताई ..इस सम्बन्ध में अख्तर खान अकेला ने भाषाई अल्पसंख्यक शिक्षा मंत्री नसीम अख्तर और मदरसा बोर्ड के चेयरमेन मोलाना फजले हक से भी वार्ता कर समस्या का हल निकालने की मांग की .......कोटा के विधायक और केबीनेट मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल साहब द्वारा इस सम्बन्ध में तत्काल निर्णय लेकर मुस्लिम बच्चों और अभिभावकों को स्कूल का समायोजन अन्यंत्र रोक कर जो राहत दिलवाई है उसके लियें सभी ने उनका धन्यवाद ज्ञापित किया है .इसके पूर्व कोटा ब्रिजराज्पुरा उर्दू माध्यम का प्राथमिक स्कूल बस्ती से स्कूल भवन नहीं होने के नाम पर दस किलोमीटर दूर तलवंडी में समायोजित किया गया है अब इस स्कूल में उर्दू के बच्चे जा नहीं पा रहे है और उर्दू बंद कर दी गयी है इसी तरह से मोखापाडा स्कूल में उर्दू बंद कर दी गयी है मुस्लिम बस्ती किशोरपुरा में चार सो से भी अधिक बच्चियां बढती है इस स्कूल को भी दूसरी जगह काफी दूरी पर समायोजित करने की तय्यारी है ...कोटा में राजस्थान सरकार द्वारा दस मुस्लिम बच्चों पर उर्दू खोलने का प्रस्ताव भेजने बाबत प्रधानाध्यापक को जो निर्देश जरी कर रखे है उसकी भी पालना नहीं है और जबरन उर्दू पढने के इच्छुक बच्चों को संस्क्रत या दूसरी भाषा पढना पढ़ रही है ..लेकिन अब तो मुस्लिम बस्तियों से बहाने बाज़ी कर स्कूल बंद करने की योजना भी साकार की जाने लगी है जो इस सरकार के शिस्खा के अधिकार अधिनियम के नियमावली और प्रासंगिकता पर भी प्रश्न चिन्ह लगाती है ..ताज्जुब इस पर है के राजस्थान में मुख्यमत्री अशोक गहलोत मुस्लिम बस्तियों में साक्षरता और भाषाई अल्पसंख्यक शिक्षा की अलख जगाने का प्रयास कर रहे है और उनकी ही सरकार के मंत्री और अधिकारी योजनाबद्ध तरीके से मुस्लिम बाहुल्य बस्तियों के स्कूलों को बंद कर रहे है ..इससे भी ताज्जुब की बात यह है के गली मोहल्ले से लेकर जिले और राजधानी जयपुर तक के कथित मुस्लिम खेर ख्वाह मुस्लिम नेता उर्दू शिक्षा आन्दोलन से जुड़े नेता इस मामले में खामोश है और सरकारी क्र्म्चैर्यों अधिकारीयों मंत्री द्वारा सभी स्कूल बंद करने का इन्तिज़ार कर रहे है ..........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कुरान का सन्देश

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