आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

01 मई 2013

थू है ऐसे स्वाभिमान पर ऐसे अभिमान पर जो दुशमनों को जमीन न चटा सके .


अगर मेरा भारत कथित  भारत महान नहीं होकर केवल भारत होता ..य्हना के लोग भारतीय होते ..यहाँ के लोग हिन्दू मुसलमान ..सिक्ख इसाई नहीं होते केवल हिन्दुस्तानी और भारतीय होते यहाँ अमेरिका के गुलाम कभी सरकारी नोकर रहे मनमोहन सिंह की जगह हमारे जेसे पागल प्रधानमत्री होते ..सियासी पार्टियां कुर्सी के लियें नहीं देश के लिए लड़ रहे होते ...हमारे देश में  से लड़ने का खुद का होसला होता ..हमे इसके लियें अमेरिका की इजाज़त की जरूरत नहीं होती
 तो दोस्तों यकीन मानिए आज पाकिस्तान पकिस्तान  नहीं रहा होता पाकिस्तान भारत के नक्शे में शामिल होता और हमारे सरबजीत जेसे ना जाने कितने लाडले ज़िंदा रहकर हमारे साथ होते ..हमारे कई निद्र्दोश लोग बेमोत आतंकी मोत मरने से बच जाते कश्मीर हमारे देश की सीमाओं के साथ बलात्कार नहीं कर रहा होता ..चीन हमारी इज्ज़त को तार तार नहीं कर रहा होता और हम चीन की सीमाओं में होते ओर चीन हमसे उसकी सीमाओं की जमीन देने की भीख मांग रहा होता लेकिन दोस्तों जिन हाथों में परमाणु का रिमोट है देश का स्वाभिमान है वोह हाथ अमेरिका के आगे बेबस पाकिस्तान और आतंकियों सहित चीनियों के सामने बेबस और नतमस्तक है मुझे शर्म आती है ऐसे लोकतंत्र पे जहां ऐसा प्रधानमन्त्री होता है जिसे जनता का एक व्यक्ति भी वोट देकर नहीं जिताता और अनचाहा व्यक्ति देश की सुरक्षा अस्मिता खुशाहली के भविष्य का फेसला करता है थू है ऐसे स्वाभिमान पर ऐसे अभिमान पर जो दुशमनों को जमीन न चटा  सके .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एम्बुलेंस में पड़ा था दूल्हा, वरमाला ले पहुंची दुल्हन और बांध लिया सात जन्मों का रिश्ता!


 
श्रीगंगानगर. अन्नक्षेत्र श्रीराम मंदिर में मंगलवार शाम एक जोड़े की एंबुलेंस में शादी हुई। दूल्हे के पैर में शनिवार को हुए एक्सीडेंट में फ्रेक्चर हो गया था। इससे वह एंबुलेंस से नीचे उतर पाने में असमर्थ था। शादी की रस्म यहीं पूरी कराई गई। इसी एक्सीडेंट में दूल्हे की मां की मौत हो गई थी, लेकिन दूल्हा-दुल्हन को इसकी जानकारी नहीं दी गई। नवविवाहित जोड़े के साथ नजर आ रहा दूसरा जोड़ा दूल्हे के भाई और भाभी हैं। उनकी शादी भी मंगलवार सुबह गोलूवाला में हुई।
 मंगलवार शाम को शहर में एक शादी ऐसी भी हुई, जिसमें न बैंड बाजा था, न दूल्हे के साथी। अन्य शादियों से अलग तरीके से हुई इस शादी के दौरान एंबुलेंस में स्ट्रेचर पर लेटे दूल्हे विजय ने दुल्हन मोनिका को वरमाला पहनाई और फिर इस जोड़े ने सात जन्म तक साथ निभाने की कसमें खाईं।
अन्नक्षेत्र श्री राम मंदिर में पंडित अश्वनी कुमार ने हिंदू रीति-रिवाज से इस जोड़े की शादी कराई। दूल्हे विजय कुमार सहारण निवासी अनूपगढ़ का शनिवार शाम को कैंचिया के पास एक्सीडेंट हो गया था। इसमें उसके बाएं पैर में फ्रेक्चर होने के कारण वह बैठ पाने तक की स्थिति में भी नहीं था। इस कारण एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती विजय शादी करने के लिए एंबुलेंस से अन्नक्षेत्र राम मंदिर पहुंचा। एंबुलेंस से नीचे उतर पाने में असमर्थ होने के कारण एंबुलेंस में ही शादी की रस्म पूरी करनी पड़ी।
 शनिवार को हुए एक्सीडेंट में दूल्हे की मां की मौत हो गई थी। लेकिन दूल्हे व दुल्हन को विजय की मां की मौत के बारे में नहीं बताया गया था। इससे शादी के समय दूल्हा व दुल्हन तो प्रसन्न थे लेकिन उनके परिजनों के चेहरों से खुशी गायब थी। हालांकि वे दूल्हा-दुल्हन के सामने तो मुस्कराते रहे लेकिन उनसे दूर होने पर उनकी आंखें नम हो रही थी।

बहन के विवाह में नहीं हो पाया शामिल 
 
विजय की शादी से पहले सोमवार को उसकी बहन रेनू और मंगलवार को भाई रवि कुमार की गोलूवाला में शादी हुई थी। एक्सीडेंट के कारण वह उनकी शादियों में शामिल नहीं हो पाया। वहीं बहन भी विजय की शादी में शरीक नहीं हो पाई। तीनों भाई-बहन की शादियां पूर्व में तय होने के कारण परिजनों ने विजय की मां की मौत के बावजूद तय तिथि पर सादे तरीके से शादी करने का निर्णय लिया।

लालच में पूरा घर खोद डाला, धन तो नहीं मिला खुद दफ़न हो गया!


जयपुर.तांत्रिक के झांसे में आकर गड़ा धन निकालने के लालच में झोटवाड़ा की श्रीरामनगर कॉलोनी में रहने वाले एक ज्वैलरी व्यवसायी ने अपनी जान गंवा दी। खुदाई के दौरान अचानक मिट्टी धंसने से वह दब गया और दम तोड़ दिया। घटना दोपहर करीब डेढ़ बजे कॉलोनी के प्लॉट नंबर 137ए में हुई। तांत्रिक कूकाराम मंत्र पढ़ रहा था और व्यवसायी भरत कुमार (35) खुदाई में जुटा था।
पिछले छह दिन में घर 20 फीट तक खोद दिया गया था। तांत्रिक के कहने पर भरत करीब दस फीट गहरे गड्ढे में शुद्धि के लिए उतरा था। इस बीच हादसा हो गया। तांत्रिक के साथ पूजा में बैठे परिजनों में चीख-पुकार मच गई। 
 
सूचना मिलने के बाद स्थानीय लोग, झोटवाड़ा थाना पुलिस व आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर पहुंचे और जेसीबी की सहायता से करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद भरत को बाहर निकाला गया। उन्हें एसएमएस अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्होंने दम तोड़ दिया।
 
महाराष्ट्र का तांत्रिक गिरफ्तार, छह दिन से करा रहा था खुदाई
 
तांत्रिक कूकाराम महाराष्ट्र के सतारा जिले का रहने वाला है। सोने-चांदी की रिफाइनरी का व्यवसाय करने वाले भरत भी मूलत: महाराष्ट्र के सांगली जिले के रहने वाले थे। दोनों एक-दूसरे से परिचित थे। तांत्रिक ने करीब एक माह पहले भरत से कहा था कि उनके घर में पुराना धन गड़ा है और वह उसे निकालवा सकता है। तांत्रिक के झांसे में आए भरत ने उसे छह दिन पहले ही महाराष्ट्र से यहां बुलाया था। धन निकलने पर उसे एक लाख रु. दिए जाने तय हुए थे। पुलिस ने तांत्रिक को गिरफ्तार कर लिया है।
 

कुरान का सन्देश

इस्लाम धर्म में गाय का महत्व


देश में विद्वेषपूर्ण और भ्रमक प्रचार किया जाता हैं कि इस्लाम गौवध कि इजाजत देता हैं | किन्तु ऐसा नहीं हैं निम्नलिखित उदाहरणों व तथ्यों के आधार पर यह स्पष्ट होता हैं कि इस्लाम व पैगम्बर साहब सदा गाय को आदर की नजर से देखते थे |
(1) ( बेगम हजरत आयशा में ) हजरत मों. साहब लिखते हैं कि गाय का दूध बदन की ख़ूबसूरती और तंदुरुस्ती बढाने का बड़ा जरिया हैं |
(2) (नासिहते हाद्रो) हजरत मों. साहब लिखते हैं कि गाय का दूध और घी तंदुरुस्ती के लिए बहुत जरूरी हैं | और उसका मांस बीमारी पैदा करता हैं | जबकि उसका दूध भी दवा हैं |
(3) ( कुरान शरीफ 16 - 66 ) में लिखा हैं कि बिलासक तुम्हारे लिए चौपायों में भी सीख हैं | गाय के पेट की चीजों से गोबर और खून के बीच में से साफ़ दूध पीने वालों के लिए स्वाद वाला हैं | हजरत मों साहब ने कहा हैं कि गाय दौलत कि रानी हैं | जब भारत में इस्लाम का प्रचार शुरू हुआ, तब गौ रक्षा का प्रश्न भी सामने आया, इसे सभी मुस्लिम शासको ने समझा और उन्होंने फरमान जारी करके गाय बैल का क़त्ल बंद किया था |
(4) जम्मू एंड कश्मीर में लगभग पांच सौ वर्षों से गाय का क़त्ल बंद हैं |
(5) " मौलाना फारुखी लिखित " खेर का बरकत से पता चलता हैं कि सरीफ मक्काने में भी गौ हत्या बंद करवाई गई थी |
(6) मुसलमानों को गाय नहीं मारना चाहिए ऐसा करना हदीस के खिलाफ हैं | यह बात मौलाना हयात सा व खानखाना हाली समद सा. ने कही थी |
(7) तफसीर हर मंसूर ने कहा कि गाय कि बुजुर्गी इहतराम किया करो, क्योंकि वह तमाम चोपायों कि सरदार हैं |
(8) बाबर, हुमायूँ, अकबर, जहाँगीर, शाहजहाँ जैसे शाशकों ने सौ से ज्यादा उलेमा, अहले सुप्त्के फ़तवा के मुताबिक गाय की क़ुरबानी बंद करवाई थी |
(9) भारतीय स्वतंत्र संग्राम के प्रसिद्द सेनानी हाकिम अजमल खान का कहना हैं कि ना तो कुरान और न अरब कि प्रथा हैं की गाय कि क़ुरबानी हो |
(10) जब सन 1922 में मौलाना अब्दुल बीरा सा. ने गाय कि क़ुरबानी बंद करवाई तो महात्मा गांधी ने उसका स्वागत किया था | किन्तु दुर्भाग्य से अंग्रेजी शासन में गाय बैल का क़त्ल प्रारंभ हो गया, अंग्रेजो कि फ़ौज गाय बैल का मांस बड़े शोक से खाती थी | इसलिए उन्होंने इस धंधे पर मुस्लिम कसाइयों को लगाया था ताकि हिन्दू और मुस्लिम भाइयों के बीच गहरे मतभेद हो जाये, यही प्रमुख कारण था, और आज भी हैं |

अमेरिका का दावा- 2000 मुसलमानों की हत्‍या में मोदी का हाथ होने के हैं सुबूत



वाशिंगटन. अमेरि‍का के एक सरकारी आयोग ने अमेरि‍की सरकार से कहा है कि वह गुजरात के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी के वीजा पर बैन कायम रखे। आयोग के जि‍स पैनल ने अमेरि‍की सरकार से यह अनुशंसा की है, उसका कहना है कि इस बात के महत्‍वपूर्ण सुबूत मौजूद हैं कि 2002 में गुजरात दंगों के दौरान हुए कत्‍ल-ए-आम में नरेंद्र मोदी की भूमिका  थी।
 
यूएस कमीशन फॉर इंटरनेशनल रि‍लीजि‍यस फ्रीडम (यूएससीआईआरएफ) ने यह अनुशंसा अपनी वार्षिक रि‍पोर्ट में की है। इस रि‍पोर्ट में भारत को टायर टू देशों में रखा गया है। टायर टू देशों में भारत के अलावा अफगानि‍स्‍तान, अजरबैजान, क्‍यूबा, इंडोनेशिया, कजाकि‍स्‍तान, लाओस और रूस को रखा गया है। 
 
काबि‍लेगौर है कि साल 2002 में गुजरात में हुए दंगों के समय नरोडा पाटिया हत्याकांड मामले में पि‍छले साल अगस्‍त में फैसला आया था। अहमदाबाद की स्‍पेशल कोर्ट ने इस मामले में 61 आरोपियों में से 32 को दोषी करार देते हुए 29 आरोपियों को बरी कर दिया था। इस हत्‍याकांड में 97 लोग मारे गए थे। इस दंगों में राज्य की पूर्व मंत्री माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी को भी दोषी ठहराया गया था। इस मामले में 300 से ज्यादा लोगों ने गवाही दी है। माया कोडनानी को अदालत ने 28 साल के लि‍ए जेल भेज दि‍या है। 
 
वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी के वकील ने पि‍छले महीने की 26 तारीख को कहा कि मोदी ने कभी नहीं कहा कि जाइए और लोगों की हत्या कीजिए। एसआईटी ने जकिया जाफरी की शिकायत की जांच करने के बाद 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के मामले में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दी थी। एसआईटी के वकील आरएस जमुआर ने कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और अन्य ने मुख्यमंत्री को निशाना बनाकर झूठी शिकायत दर्ज करवाई। मुख्यमंत्री ने कभी भी जाकर लोगों की हत्या करने की बात नहीं कही।
 
इससे पहले पि‍छले साल वाशिंगटन के कैपि‍टल हि‍ल में गुजरात दंगों में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद अहसान जाफरी की पत्‍नी जाकि‍या ने आरोप लगाया था कि वह जानती हैं कि उनके पति की हत्या के लिए नरेंद्र मोदी जिम्मेदार हैं। उन्‍हें मालूम है कि जब उनके पति ने मोदी को फोन किया तो जवाब मिला था- जाफरी अब तुम अकेले हो। खुद को बचा सको तो बचा लो। इस मौके पर ‘नरसंहार के खिलाफ गठबंधन नामक’ संगठन की ओर से हैदर खान ने कहा कि गुजरात में विधायक माया कोडनानी और पूर्व मंत्री अमित शाह को दोषी ठहराए गए हैं। इससे सिद्ध हो गया कि दंगों में मोदी प्रशासन का हाथ था।

सरबजीत की हालत में सुधार नहीं, हर रोज एक भारतीय अधिकारी लेगा हालचाल


लाहौर। सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर की धमकी के बाद भारत सरकार हरकत में आ गई लगती है। भारत ने एक बार फिर पाकिस्‍तान पर सरबजीत को रिहा करने और बेहतर इलाज के लिए बाहर भेजने का दबाव डाला है। भारत ने कहा है कि सरबजीत को मानवीय और सहानुभूति के आधार पर तत्‍काल रिहा करना चाहिए। पाकिस्‍तान में तैनात भारतीय उच्‍चायुक्‍त शरत सभरवाल ने इस मसले पर पाकिस्‍तान के विदेश सचिव से मुलाकात की है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने भारत और पाकिस्‍तान के अलावा किसी अन्‍य तीसरे देश में सरबजीत का बेहतर इलाज कराने की मांग की है। हालांकि भारत के अनुरोध पर पाकिस्‍तान इसके राजी हो गया है कि भारत का कॉन्‍सुलर हर रोज सरबजीत से मिलकर उसकी तबीयत की जानकारी लेगा। हालांकि बुधवार को सरबजीत की हालत देखने गए भारतीय अधिकारी ने बताया कि उसकी तबीयत में सुधार नहीं है। 
 
सबरजीत की बहन दलबीर बुधवार को भारत पहुंच गईं। पाकिस्तान से लौटी दलबीर कौर ने देश के पीएम मनमोहन सिंह से मांग की कि उनके भाई को भारत लाकर इलाज दिया जाए। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के लिए शर्म की बात है कि वे अपने एक नागरिक को नहीं बचा सके। भारत ने पाकिस्तान के कई कैदी छोड़े लेकिन अपने सरबजीत को नहीं बचा सके। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत सरकार ने उनके परिवार को धोखा दिया है। उन्होंने धमकी दी कि अगर सरबजीत को कुछ हुआ तो वह देश में ऐसे हालात पैदा कर देंगी कि मनमोहन सिंह कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहेंगे।
 
दलबीर का कहना था कि सरबजीत का शरीर अब भी गर्म है, आंख फड़क रही हैं, अंगुलियां हिल रही हैं लेकिन उन्हें डर है कि पाकिस्‍तानी अधिकारी उसकी जान ले सकते हैं। उन्होंने भारत के डॉक्टरों पर भरोसा जताया और कहा कि पाकिस्तान के डॉक्टरों पर उन्हें बिल्कुल भरोसा नहीं है। वहां के डॉक्‍टरों ने पहले दिन से ही सरबजीत की तबीयत को लेकर गुमराह किया। उन्होंने पूछा कि पाकिस्तान मलाला को इलाज के लिए इंग्लैंड भेज सकता है तो सरबजीत को विदेश क्यों नहीं भेजा जा सकता है। दलबीर का कहना था कि उन्हें पाकिस्तान में सरबजीत से मिलने से रोका गया, उसकी गलत रिपोर्ट दी गई, डॉक्टरों ने उनसे कभी सलाह नहीं ली, पाक अधिकारियों और डॉक्टरों को उनके सवालों से गुस्सा आता था। दलबीर का कहना था कि वह सरबजीत की बहन हैं, अगर वह डॉक्टरों से सवाल नहीं पूछेंगी तो क्या जरदारी या मनमोहन पूछेंगे।
 
दलबीर ने भारत आने की वजह बताई कि उनके कारण उनके बच्चों को नुकसान हो सकता था। इसलिए उन्हें देश में छोड़ने आई हैं और दोबारा पाकिस्तान जाएंगी। दलबीर ने दावा किया कि उन्हें पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने बताया कि तालिबान ने उन्हें भी जान से मारने की भी धमकी दी है। दलबीर ने सवाल उठाए कि सरबजीत को मारने के लिए कैदियों को रॉड किसने दी, जेल अधिकारी बताएं कब से पलानिंग हो रही थी। हमले के समय सरबजीत ने शोर भी मचाया लेकिन कोई अधिकारी उसे बचाने नहीं आया। उन्होंने दावा किया  कि पाकिस्तान ने किसी कैदी को नहीं पकड़ा है, कोई अधिकारी सस्पैंड नहीं किया गया है। सिर्फ भारत सरकार को दिखाने के लिए झूठी खबरें दी गईं।

आदेश मिले तो चीन को कड़ा जवाब देने को तैयार भारतीय सेना!


नई दिल्ली. आर्मी चीफ जनरल बिक्रम सिंह ने लद्दाख में चीन की घुसपैठ के बारे में सुरक्षा मामलों पर कैबिनेट कमेटी को जानकारी दी। आर्मी चीफ ने पीएम मनमोहन सिंह और सीनियर कैबिनेट मंत्रियों को बताया कि यह स्‍थानीय समस्‍या है। जनरल सिंह ने इस समस्‍या के समाधान के लिए सेना द्वारा उठाए जाने वाले कदमों की जानकारी भी सरकार को दी। सूत्रों के मुताबिक आर्मी चीफ ने कैबिनेट को ऐसे पांच उपाय सुझाए हैं जो मौजूदा समस्‍या को हल करने के लिए उठाए जा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक जनरल सिंह ने कैबिनेट से कहा है कि यदि आर्मी को आदेश मिलता है तो वह चीनी सैनिकों द्वारा गाड़े गए पांच तंबुओं तक पहुंचने वाली सप्‍लाई का रूट काट सकती है। इसके अलावा भारतीय सेना चीनी घुसपैठ के जवाब में ऐसे इलाके पर अपना दावा करते हुए अपने झंडे गाड़ सकती है जो विवादित है। आर्मी चीफ ने कहा है कि भारतीय सेना सीमा पर गश्‍त फिर से शुरू कर सकती है जिसमें चीनी सेना की मौजूदगी के चलते बाधा आ रही है। ऐसा कर भारतीय सेना अक्‍साई चीन में चीनी कैम्‍प के बेहद करीब गश्‍त करने में कामयाब हो सकती है।
 
बुधवार को कैबिनेट की बैठक में भी चीन की घुसपैठ का मसला उठा। इस बैठक में सेना प्रमुख को भी बुलाया गया। लेकिन खुफिया विभाग और वरिष्‍ठ सरकारी अधिकारियों को इस बात की उम्‍मीद कम ही है कि लद्दाख में घुस आई चीनी सेना हमेशा के लिए चीन लौटेगी। उनका मानना है कि पूर्वी लद्दाख के राखी नुल्‍लाह में घुस आई चीनी सेना वहां से कभी वापस नहीं गई। ऐसी ही स्थिति फिर से बन गई है। उनका यह भी मानना है कि घुसपैठ के जरिए चीन यह आंकना चाहता है कि भारत इस पर कैसी प्रतिक्रिया देता है। ऐसी घटनाओं पर अब तक भारत की प्रतिक्रिया कूटनीतिक ही रही है।
 
लद्दाख में चीन की सेना के सीमा में अंदर तक घुसने की घटनाओं के इतर चीन के आम नागरिक भी अवैध रूप से घुसपैठ करते पकड़े गए हैं। पिछले तीन साल (2010-12) में ऐसे 13 मामले सामने आए हैं जिनमें स्थानीय चीन या तिब्बत के नागरिकों को सीमा पर अवैध रूप से घुसने की चेष्टा में गिरफ्तार किया गया। हालांकि सभी मामलों में उन्हें वापस भेज दिया गया या फिर वहां के स्थानीय अधिकारियों को फ्लैग मीटिंग के दौरान सौंप दिया गया। अधिकारिक सूत्रों के मुताबिक वर्ष 2013 में ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है। 
 
अवैध घुसपैठ करने वाले अधिकतर चीनी नागरिकों का कहना था कि वे चिकित्सा संबंधी जड़ी-बूटी के संग्रहण के लिए भारत आए हैं। ऐसे ही एक मामले में जनवरी 2010 में सीमा पर तैनात भारतीय अधिकारी चौंक गए जब उन्होंने चीन की सेना पीएलए के एक कर्मी को बूमला में गिरफ्तार किया। चेंग हैंग शेंग नामक इस पीएलए कर्मी ने भी चिकित्सा के लिए जरूरी जड़ी-बूटी की खोज ही घुसपैठ की वजह बताई थी। शेंग को बाद में पीएलए के अधिकारियों को सौंप दिया गया। 
 
वर्ष 2010 में ही जुलाई महीने में नीमा शेरिंग, सोनम दोरजी और ताशी दोरजी नामक तीन चीनी नागरिकों को सेना और आईटीबीपी की संयुक्त टीम ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग में गिरफ्तार किया गया। उन्हें भी बाद में चीनी अधिकारियों को सौंप दिया गया। एक अधिकारी ने कहा कि पिछले तीन साल में घुसपैठ के 13 मामलों में 9 चीनी नागरिक अवैध रूप से भारतीय सीमा में घुसपैठ करते पकड़े गए। 
 
13 मामलों में 7 तिब्बत नागरिक पकड़े गए। तिब्बत के नागरिकों में से अधिकतर ने अपने भारत में अवैध प्रवेश की वजह अपने धर्मगुरु दलाई लामा से मुलाकात करने की इच्छा बताई। आईटीबीपी के एक अधिकारी ने कहा कि अधिकतर ऐसे मामले बूमला, ग्योरिया (अलांग), बाढ़ीकांग में सामने आए हैं। वहां इन मामलों के बाद निगरानी बढ़ा दी गई है। 
 
विदेश मंत्री को विवाद हल होने की उम्मीद 
 
विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने चीन के साथ मौजूदा विवाद हल होने की उम्मीद जताई है। उन्होंने कहा, ‘हमारी अपनी एक व्यवस्था है। जब भी ऐसी कोई घटना होती है इसी व्यवस्था के तहत उसका हल किया जाता है। मुझे उम्मीद है कि इस बार भी समस्या का हल निकल आएगा।’

चार साल की बच्ची के साथ कुकर्म करने के आरोपी को बचाने वाली पुलिस के खिलाफ कार्यवाही की मांग

कोटा के दादाबाड़ी थाना क्षेत्र में पिछले दिनों एक चार साल की बच्ची के साथ कुकर्म करने और उसे भुत बनकर डराने धमाने वाले को पुलिस ने गिरफ्तार तो कर लिया लेकिन अभी तक इस मामले को दबाने का प्रयास करने वाले थानाधिकारी और अनुसन्धान अधिकारी के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं होने से महिला समाज खफा है कोटा की नोजवान महिलाओं ने अतीका खान के नेतृत्व में आज पहले आई जी कोटा को दादाबाड़ी थानाधिकारी और प्रथ्विराज अनुसन्धान अधिकारी को निलम्बित कर कार्यवाही करने की मन को लेकर आई जी कोटा रेंज को ज्ञापन दिया लेकिन उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की और उलटे फालतू बातें की जिससे नाराज़ महिलाओं ने आज कोटा में पहुचे जिला वक्फ विकास परिषद के चेयरमेन हाजी अब्दुल गफार मेव और राजस्थान अल्पसंख्यक कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष को ज्ञापन देकर आई जी कोटा रेंज के कृत्य की शिकायत की और मासूम बालिका के साथ कुकर्म करने के आरोपी को बचाने वाले पुलिस अनुसन्धान अधिकारी को तुरंत निलम्बित करवाने की मांग की जिस पर गफ्फार मेव ने कहा के इस मामले में मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार को लिखित शिकायत कर कठोर कार्यवाही करवाने के प्रयास किये जायेंगे .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान वक्फ विकास परिषद के चेयरमेन हाजी अब्दुल गफ्फार मेव का आज कोटा पहुंचने पर राजस्थान वक्फ विकास परिषद के सदस्य वफाती खान सहित कोटा के बुद्धिजीवी मुसलमानों ने उनका खेरमकदम किया स्वागत किया

राजस्थान वक्फ विकास परिषद के चेयरमेन हाजी अब्दुल गफ्फार मेव का आज कोटा पहुंचने पर राजस्थान वक्फ विकास परिषद के सदस्य वफाती खान सहित कोटा के बुद्धिजीवी मुसलमानों ने उनका खेरमकदम किया स्वागत किया ...हाजी गफ्फार ने बताया की वक्फ विकास परिषद का राजस्थान में पहली बार गठन हुआ है पहले वर्ष दो हजार नो में इसका प्रावधान किया गया था और अब दो हजार बारह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुझे राज्यमंत्री का दर्जा देकर इसका चेयरमेन बनाया है उन्होंने कहा के इसके लियें हमने फीलहाल  पचास करोड़ रूपये का बजट मांगा है जो राजस्थान की जिला वक्फ कमेटियों को वक्फ सम्पत्तियों को विकसित करने के लियें ऋण के रूप में दिया जायेगा इसके लियें वक्फ विकास परिषद की जिला कमेटियों का भी शीघ्र गठन किया जायेगा .गफ्फार ने बताया के सभी कमेटियों को कहा गया है के वक्फ सम्पत्तियों को व्यवसायिक विस्तार के प्रयास किये जाये और इस सम्पत्ति से होने वाली आय से कर्जा चुकाने के बाद जो भी आमदनी हो वोह मुस्लिम लोगों के उत्थान के लियें खर्च की जाए ....गफ्फार का आज राजस्थान कोंग्रेस प्रदेश महासचीव पंकज मेहता सहित कई प्रबुद्ध मुस्लिम समाज के लोगों ने स्वागत किया गफ्फार साहब वफाती खान के कोठडी स्थित निवास पर भी पहुंचे जहां उनका जबर्दस्त स्वागत हुआ हाजी गफ्फार ने कोटा शहर काजी अनवर अहमद के निवास पर जा कर उनकी मिजाज़ पुरसी भी की कोटा शहर काजी काफी दिनों से बीमार चल रहे है .....हाजी अब्दुल गफ्फार के साथ राजस्थान अल्पसंख्यक कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष हारून खान और कई पदाधिकारी भी कोटा आये थे उनका भी सभी ने स्वागर किया ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पिछवाड़े के रोशनदान दिखाती जीन्स


पिछवाड़े के रोशनदान दिखाती जीन्स और
फेमिना टाइप की टी-शर्ट पहना हुआ वो ड्यूड
मुझसे बोला कि मुझे इंडिया की राजनीति के बारे
में कुछ नहीं पता और जानकर क्या करना है.?
मैंने उस चितकबरे को ऊपर से नीचे तक
निहारा और कहा-
बेटा, हम वो धरती के लाल हैं जो नीम
की निबोरी को देखकर बता दें
कि वो मीठी निकलेगी या कडवी और तो और ये
भी बताऊँ कि तेरी बारात जायेगी कि आएगी.??
वो करण जौहर जैसी 'बोडी लैंग्वेज' में
पतली गली से निकल लिया.!!
वीर योद्धाओं के राष्ट्र में जाने कहाँ से 'नपुंसक
नस्ल' आ गयी.??
लानत है भारतीय सभ्यता संस्कार के
गद्दारों पर....
"राष्ट्र सर्वप्रथम सर्वोपरि"
वन्दे मातरम...
जय हिंद... जय भारत...

हर बरस तेरी अदाओं का समाँ बिकता है/

हर बरस तेरी अदाओं का समाँ बिकता है/
दूर मज़दूर का बस्ती में मकाँ बिकता है/

तेरे बच्चों नें लिबासों की दुकानें खोलीं/
उसके फटते हुए कपड़ों से बदन दिखता है/

जिन ज़मीनों पे बड़ी शान से बनवाया महल/
हाथ खोलोगे कभी उसमें से ख़ूँ रिसता है/

दूध की नदियाँ बहा डाली फ़क़त शान रहे/
लिख रखा मुफ़लिसी तक़दीर कभी मिटता है/

एक राशन की दुकाँ खुल गयी बस्ती में नयी/
कितनी चक्की है एक इंसान वही पिसता है/

एक दफ़ा पास में आओ तो मेरा हाल सुनो/
घर जवाँ बेटी है और पास नहीं रिश्ता है/

हर शिफ़ाखानें सभी पांच सितारा दिखते/
उन दवा ख़ानों में मज़दूर कहा टिकता है/

आंकड़े कहते हैं हर ओर ही खुशहाली है/
जिसकी मर्ज़ी है जहाँ जो भी वही लिखता है/

-------------------------सलमान रिज़वी

फर्ज़ी प्रोफ़ाईल और झूठी जानकारी देने पर 2 से 7 साल की सजा...!!!



इंटरनेट और सोशल साइट्स का इस्तेमाल करने के लिए अपने बारे में गलत सूचना देना दंडनीय अपराध है। बच्चों के नाम पर फर्ज़ी सूचना देने वाले अभिभावक भी सज़ा के दायरे में आते हैं। भारत में सूचना प्रौद्योगिकी (IT) क़ानून और भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत दोषी पाए जाने पर दो साल की और धोखेबाज़ी का उद्देश्य सिद्ध होने पर अधिकतम रात साल के कारावास की सज़ा का प्रावधान है।

तेज़ी से विस्तार ले रही इंटरनेट की दुनिया में कहीं आप नियमों का उलंघन तो नहीं कर रहे हैं..?

इंटरनेट पर अपने बारे में झूठी जानकारी देना दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है, जिसके लिए भारतीय क़ानून के तहत जेल जाना पद सकता है। सोशल साइट्स पर अपने नाम, पता और उम्र जैसी बातों की गलत जानकारी देना दंडनीय अपराध माना गया है। विधि विशेषज्ञों के अनुसार गलत सूचना देकर सोशल साईट्स पर अकाउंट बनाना सीधे तौर पर आईटी एक्ट और आईपीसी की धाराओं के तहत दंडनीय है। यदि बच्चे फर्ज़ी अकाउंट हैं तो वे तो न्यायिक प्रक्रिया के दायरे में आते ही हैं। यदि अभिभावक बच्चों के बारे में गलत सूचना देते हैं तो, वे भी आईपीसी की धाराओं के तहत सज़ा के दायरे में आते हैं...!

मैं समझती थी मैं ही पागल हूँ

मैं समझती थी मैं ही पागल हूँ
अपनी दुनियाँ में मस्त खुद में ही खोयी
शायद अलबेली
तुमसे मिली तो तुम भी अलमस्त अलबेली
मेरी तरह अकेली
चलो एक से भले दो
दिनभर अपनी ही दुनिया में खोयी
अब तो मुझे यह दुनिया ही पागल लगती है
जरा मेरे नाज़रिये से देखो...अंजना

जब से मेरी आँखों में जाला पड़ गया

जब से मेरी आँखों में जाला पड़ गया
जब से मेरी आँखों में जाला पड़ गया
सच मानिये दिल का उजाला बढ़ गया
अब नजर आता है मुझको साफ़ साफ़
क्यों खडी फसल पे पाला पड़ गया
आँख रहते सच नजर आता नहीं था
मेरा वजूद किस नहर में सड़ गया
क़त्ल करते हुए देखा था अपनी आँख से
फिर भी वह तो झूठ पर ही अड़ गया
चुप चाप देखता रहा अपराध बढ़ता ही रहा
सांसदों का काफिला कुछ और आगे बढ़ गया
क्या खिलाएं अपने बच्चों को यहाँ पर अब
हर चीज का मिजाज़ देखो आसमा पर चढ़ गया
बे खौफ घूमता था मैं सड़कों पर सीना तान
घबरा रहा हूँ जबसे मेरा सच से पाला पड़ गया
"चरण"

"मई दिवस पर गर्व से कहो हम पाखंडी हैं

"मई दिवस पर गर्व से कहो हम पाखंडी हैं ! हमने बचपन में गाय पर निबंध लिखे और बड़े हो कर खूब आधुनिकतम कसाईखाने खोले परिणाम गाय की हालत चिंताजनक है. पोस्टमेन पर निबंध लिखे तो उसकी भी हालत पस्त है. "यत्र नारी पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता" की रटंत की और हर छः माह में नौ दिन (नौ देवी पर) कन्या पूजीं तो विश्व की हर सातवीं बाल वैश्या भारत की बेटी है और हर साल ५० हजार से ज्यादा दहेज़ हत्याएं हो रही हैं. इसी क्रम में मजदूर की बारी भी हर साल मई दिवस के बहाने आ ही जाती है. साल दर साल पर मजदूर पर प्रवचन देने वाले मस्त और मजदूर पस्त है. मजदूर दिवस वामपंथी एकाधिकार से ग्रस्त जुमला है. तीस साल तक पश्चिम बंगाल में वामपंथी सरकार रही पर जानवर की जगह आदमी को जोत कर रिक्शा कोलकाता में चलता ही रहा--- क्योंकि वह असंगठित क्षेत्र का मजदूर था और उसका वोट बैंक नहीं था. देवगोडा जब प्रधानमंत्री थे तब वाममोर्चे के प्रखर नेता चतुरानन मिश्र कृषि मंत्री थे तब कृषि मजदूरों के लिए क्या किया गया ?--- क्योंकि वह असंगठित क्षेत्र का मजदूर था और उसका वोट बैंक नहीं था. कोलकाता में वामपंथी सरकार के दौरान तीस साल तक विश्व के सबसे बड़े वैश्यालय (बहू बाजार / सोना गाछी ) धड़ल्ले से चलते रहे और वहां बाल वेश्याएं खुले आम बिकती रही.--- क्योंकि वह असंगठित क्षेत्र की मजदूर थी इसलिए मजबूर थीं उनका वोट बैंक नहीं था. बाल श्रमिकों का भी कोई वोट बैंक नहीं है. लड़ाई ट्रेड यूनियनों के झंडे तले लामबंद होते वोट बैंक की है ताकी उद्योग जगत से धन वसूली की जा सके वरना सच-सच बतलाना महाराष्ट्र में दत्ता सामंत को किसने मरवाया ? दरअसल लड़ाई श्रम के आदर और सम्मान की नहीं, श्रमिक को हथियार बनाने की है. सच तो यह है कि नब्बे प्रतिशत मजदूर असंगठित क्षेत्र का मजदूर है और वह इस लिये मजबूर है कि उसका कोई वोट बैंक नहीं. यह मई दिवस के बहाने तो वोट बैंक का इष्ट साधा जा रहा है." ----राजीव चतुर्वेदी
"सो जाते हैं सड़कों पर अखबार बिछा कर,
हम मजदूर हैं नीद की गोली नहीं खाते." (मुनब्बर राना )

इतनी दूर आ गए हैं की

इतनी दूर आ गए हैं की
अब लौटना - मुश्किल हो गया .
जीवन की भूल भुलैया में
वो बचपन - ना जाने कहाँ खो गया .

आ लौट चलें - फिर वहीँ
सपनों की - अपनों की
उसी दुनिया में - जहाँ
फ़िक्र की मंजिल - स्कूल से
आगे नहीं जाती थी .

आँखें - रोती नहीं -
घडयाली आसूं बहाती थी .
बड़ों की कोई सीख -
जरा भी मन को नहीं भाती थी .

समय का फेर -
आज देखो कितना बड़ा है .
मेरा आज - कसकर
मेरी ऊँगली पकडे खड़ा है .
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...