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06 मई 2013

अर्जुन के गांडीव धनुष को धारण करना ही होगा !

अर्जुन के गांडीव धनुष को धारण करना ही होगा !
हमको भगवत गीता का उच्चारण करना ही होगा !
जेहादी धागों की माला खंड खंड करनी होगी !
इन्कलाब के नारों की ज्वाला प्रचंड करनी होगी !
बांध सब्र का टूट गया तो लंका राम जला देंगे !
और थूक थूक के हिन्दुस्तानी पाकिस्तान बहा देंगे !

यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारतः

यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारतः

सबने इसे न ज्जाने कितने बार सुना होगा
न जाने कितनी बार इससे प्रेरित हुए होंगे, हर्षित हुए होंगे
पर यह वाक्य श्लोक बड़ा रहस्मय है व् इसे समझना पुरे भारत वर्ष के लिए अत्यंत आवश्यक है क्यू के भक्ति मर्गियो ने ईश्वर का वो अज्ञान फैला के रखा है, चाहे अज्ञान से या लोभ से, के यह श्लोक भारत की दुर्दशा का सबसे बड़ा कारन बन गया है।लोग हर हाल में यह ही सोच के बैठे है के कोई अवतार फिर से आएगा व् चमत्कारों से दुर्जनों का नाश करेगा।कृष्ण भी मानव ही थे ज्ञान से परमात्मा बने व् उसी ज्ञान में यह श्लोक छिपा हुआ है।ईश्वर उर्जा है व् इसे ज्ञान,विज्ञानं से जाना जाता है व् यह उर्जा का नियम है के जब समाज में समाज के अधिकतम लोगो द्वारा ही भरी पाप की उर्जा बढ़ जाती ही तो अपने आप समाज में चीत्कार उठती है उस उर्जा के विरोध की व् उस पाप व् उन बड़े पापिओ से मुक्ति की।तब कोई सच्चा मानव,ज्ञानी ,योगी हिम्मत करता है उस उर्जा के विरुद्ध आने की क्यू के बाकी अधिकतम पापी ही है ,और फिर वह योगी,शुद्ध मानव उन सबका तारनहार बन जाता है।यह स्वतः है अतः हमे उस मानव ,योगी को पहचानना होगा जो उस काल उस युग में इस गन्दी उर्जा के विरोध में खड़ा है व् उसकी शक्ति बनना होगा, क्यू के कोई भी युग हो ये दुर्जन बड़े शक्तिशाली होते है व् यह शुद्ध व्यक्ति मानव ही होता है बस इसका ज्ञान इसे कर्मयोगी बना देता है।
वो कृष्ण के चमत्कार भूल जाओ ये भक्ति मार्गी अपनी दूकान चलाने को तिल का ताड़ बना के पेश करते है।ये सारे चमत्कार उस दिव्य मानव के जाने की बाद ही उससे जुड़ते है।अपने चित्त पे पड़े ये विकृत संस्कार मिटा दो,कृष्णा योगी थे व् जिसको पूर्ण ज्ञान होता है वो सबसे बड़ा कर्मयोगी बनता ही है ,व् योगी परमात्मा ही होता है पर लोग उसमे कोई चमत्कार आदि कुछ नही होता।उसके सत्य कि शक्ति से लोग उससे जुड़ते जाते है व् वो दुर्जनों का विनाश करता है।
पर यह श्लोक आज भी करोडो भारतीयों के चित्त में एक मेल जैसे जमा हुआ है के कोई भगवान आएगा अवतार लेगा व् जोर से घंटी बजेगी तब उसकी आराधना करेंगे व् वो ही सब करेगा हम तमाशा देखेंगे।इस श्लोक ने युगों से लोगो को अधर्म के विरुद्ध एक जुट न होने का लाइसेंस सा दे रखा है व् लोग जुल्म सहते है व् आस करते है के वो आएगा पर विरोध में नही आते।
कर्मयोगी बाबा रामदेव आज हमारे बीच है उन्हें पहचानो व् शक्ति बनो - यह श्लोक उर्जा सिद्धांत पे है व् शाश्वत है पर सही समय पे सही व्यक्ति को स्वयं ही पहचानना होगा। परमात्मा उर्जा है व् इसके अध्धयन में यह निहित है।भारत में अज्ञान मिटाने हेतु साझा करें। ॐ शांति




बाद में जोड़ा ......


मैं भी स्वाभिमान का समर्थक हु व् कर्मयोगी बाबा का भक्त हु
पर आओ कुछ समझे
(यदि आपको विज्ञान व् आध्यात्म पता है तो बाबा परमात्मा है)
पर थोडा अलग से समझो
4 जून 2012 .....बाबा क्रन्तिकारी है 20 फुट ऊँचे मंच से कूद गत वर्ष दुश्मन से अपने को देश लिए बचाया
4 जून 2112 ......बाबा ने 60 फुट ऊँचे मंच से कूद पोलिस को मारा
4 जून 2512 .......बाबा योग शक्ति से लम्बी दूरी की छलांग भी लगा लेते थे व् मच से उड़ते हुए दुश्मन को मारा
4 जून 3512........भगवान को उड़ना बचपन से ही आता था

यह मिलावट भक्ति व् अनेको अपने अज्ञान से स्वयं ही आ जाती है।जैसे आज भी लोग समझते है के कुंदिली जाग्रत हुई तो न जाने कहाँ उदा कूदा डोलेगा मानव कई लोग इसके लिए भी पूछते है मुझसे कहते है शक्तिपात कर दो।चित्त की शुद्धि व् परमेश्वर का पूर्ण ज्ञान ये कुंडली जाग्रत करता है व् सतत जाग्रत सी ही होती है व् वह ज्ञान से परमात्मा हो जाता है पर शरीर शक्तिया मानवीय ही रहती हैं।थोडा सा प्राणायाम करते ही कुंडली पुनह सक्रीय हो जाती है व् अंगो व् मष्तिष्क का रासानिक असंतुलन तुरंत मिट जाता है।क्यू के चित ईश्वर हो चूका है।पर लोग ये ही समझते है के कुंडली जगी तो तूफ़ान मचा दूंगा।ऐसे ही अनेको लोभ(भक्त फ़साने को ) व् अज्ञान से किसी योगी में हम अपनी और से न जाने क्या क्या जोड़ते जाते है व् यह यदा यदा ही धर्मस्य उसी विज्ञान में घुसा हुआ अज्ञान का कला बादल पुरे भारत में छाया है।गीता को विज्ञान सामने रखके पढो व् लोगो में सही सन्देश दो - पाप की अति होते ही कोई न कोई अतिशुद्ध आगे आता है बस उसकी शक्ति बन जाओ वो भगवान व् उससे जुड़ने से आपके समाज का पाप नष्ट।

अब तनाव लेने की जरूरत नही.. नाक में


अब तनाव लेने की जरूरत नही.. नाक में
दवाई छिड़को और पत्नी से सुलह करो..!

लंदन स्थित नॉटिंघम विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों का
दावा है कि उन्होंने एक ऐसी दवाई बना ली है जिसे नाक
में छिड़क लेने से पति पत्नी में जल्दी सुलह हो जाती है.

दवा का राज़ सीधा - साधा है, यह ऑक्सिटोसिन नामक
हारमोन से बनी है. इस हार्मोन का दूसरा नाम है आलिंगन हार्मोन.
यह पुरुषों में संवेदनशीलता बढाता है और स्त्रियों को शांत करता है.
यही हार्मोन मां और शिशु के बीच भावनात्मक सम्बन्ध स्थापित करता है.

यह दवाई एक स्प्रे के रूप में इस्तेमाल की जाती है.
क्लीनिकल प्रयोगों में इसकी कारगरता सिद्ध हो चुकी है.

विश्लेषणों से इस बात की भी पुष्टि हुई कि यह दवा नाक में
छिड़क लेने पर स्त्रियों के तंत्रिका - तंत्र पर झगडे का कोई चिन्ह
नहीं बचता. डाक्टरों का कहना है कि यदि दम्पति दिन में दो बार
यह दवा नाक में छिड़केंगे तो इससे दम्पति में परस्पर समझ बढ़ेगी
और विवाहित जीवन सुखी होगा.

‘‘नहीं कहूँगा राधा, कुछ भी नहीं कहूँगा।

‘‘नहीं कहूँगा राधा, कुछ भी नहीं कहूँगा।
जताना ही पड़े यदि कहकर कुछ तो अपनापन क्या हुआ?’’
कान्हा ने मिजाज़ दिखाते हुए कहा और मुँह फेरकर बैठ गया बजाने बाँसुरी/
राधा मुस्कुरा दी सुनकर कृष्ण का उपालंभ
एक अजानी पीर में पिरोकर अपना संपूर्ण व्याकरण ज्ञान
यह भी नहीं कह सकी
‘‘बाँसुरी से पूछो तो सही कान्हा!, छिद्रों से बिंधे अस्तित्व के बावजूद
तुम्हारे होठों से लगते ही गुनगुनाने का यह हुनर
आखिर किस के मन से उधार लेकर आई है?’’

प्रेम का मतलब क्या- कान्हा ने पूछा

प्रेम का मतलब क्या- कान्हा ने पूछा
ज़वाब देने को मचल पड़ी गोपियाँ/
किसी ने कहा दर्द का समंदर, किसी ने सपनों की उड़ान कहा,
किसी ने अमृत सा दिव्य बताया, तो किसी ने कहा उसे सच्ची पूजा सा पवित्र,
राधा की ओर देखा तो कृश्ण ने प्रश्नवाचक निगाहों से
तो राधा हौले से बुदबुदाई ‘कान्हा’ और चुप हो गई/
पता नहीं यह केवल एक संबोधन था या कृष्ण के सवाल का उत्तर.........

गीली लकड़ी सा इश्क तुमने सुलगाया है !

गीली लकड़ी सा इश्क तुमने सुलगाया है !
ना पूरा जल पाया कभी , न बुझ पाया है !

मेरी निगाहों ने जब चूमा तेरी पलकों को ,
खार से आंसुओं का उनमें स्वाद आया है !

दरमियान हमारे दूरी बेहि‍साब, इस खाति‍र,
सुरमई सी सांझ का बादल पयाम लाया है !

कोरे काग़ज पर है फक़त दो महकती बूंदे,
ये उन्हीं का है ख़त, जो मेरे नाम आया है !

ग़ज़ल के बहाने तुम्हें हाले दिल सुनाना है,
मेरे हिस्से के प्यार का ये उन्वान आया है

अलसाई आंखों के दरीचों से देखा है “रश्मि” ,
आज दरि‍या-ऐ–सब्र में कैसे उफान आया है !

..........रश्‍मि शर्मा

लिपट जाना मेरे सीने से आकर

लिपट जाना मेरे सीने से आकर दफ्तन तेरा
अभी तक याद है मुझको वो कोमल बदन तेरा
तेरे आगन मैं बैठा था मैं एक दिन चारपाई पर
अभी तक याद है मुझको वो गगन तेरा
तेरे आचल मैं छुप जाना अभी तक याद है मुझको
तेरा वो घास पर चलना ओर वो चमन तेरा
बहुत याद आते हैं मुझको वो बीते हुए लम्हे
बही छूना तुझे वो ही प्यारा बदन तेरा
लिपट जाना ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,मधु गुप्ता ,,,,,,,,,,

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्ला राजस्थान के गोपालगढ़ सरकारी नरसंहार के मामले में देर आयद दुरुस्त आयद हुए है

राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्ला राजस्थान के गोपालगढ़ सरकारी नरसंहार के मामले में देर आयद दुरुस्त आयद हुए है उन्होंने घटना के तीन सालों बाद इस सच को स्वीकार है के राजस्थान सरकार  गोपालगढ़ मामले में पूरी तरह दोषी है यह सच उनकी जुबां से निकलने में पुरे तीन साल लग तय है खेर देर आयद दुस्रुस्त आयद .....दोस्तों देश में और राज्यों में अल्पसंख्यक आयोग बनाकर अल्पसंख्यकों की सुरक्षा संरक्षा और उनके कल्याण के लियें सुझाव देने के लियें जो आयोग बनाये गए है उन पर प्रतिवर्ष करोड़ो रूपये खर्च होते है लेकिन सभी आयोग के अध्यक्ष मुख्यमंत्री या फिर प्रधानमन्त्री  के चमचे होते है और त्नख्य्ये होने के कारन मुख्यमंत्री और प्रधानमन्त्री के गुणगान चरण भात की तरह नज़र आते है ....राजस्थान में गोपाल्गद नरसंहार हुआ सरकार उंगलियाँ उठी राहुल गांधी ने इसे गम्भीरता से लिया लेकिन राजस्थान के गुलाम काफ़िर मोलाना खरीद फरोख्त में लग गए और मुझे रोटी का टुकड़ा दे दो फिर कोम को भाड़ में झोंक दो की तर्ज़ पर  सरकार के कसीदे पढने लगे हुआ भी यही राजस्थान के मोलानाओं ..सरकार की नोकरी से हते लोगों को सरकार ने इनाम दिया गुलामों को फिर कोम की सोदेबजी करने का मोका दिया मस्जिदें बिकी कोम बिकी ....मदरसे बर्बाद हुए और तो और राजस्थान के अल्पसंख्यक आयोग को गोपाल्ग्ध का दर्द तक नज़र नहीं आया हां वेतन भोगी कर्मचारी की तरह सरकार की गोलीबारी और क्रूरता की पेरवी करते रहे कोई रिपोर्ट तय्यार नहीं हुई कोई सुझाव नहीं दिए कलेक्टर एस पी के खिलाफ दिखावे के तोर पर हटाया गया ....खुद राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की टीम राजस्थान आई लेकिन गोपालगढ़ नहीं गयी राजस्थान सरकार की महमान बनी जिस सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ राष्ट्रिय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जांच करने आये थे वोह उन्ही के यहाँ मेजबानी लज़ीज़ खाने कहकर गए बताइए फिर क्या रिपोर्ट आती रिपोर्ट हलक में अटक गयी ..लेकिन कहते है निर्दोषों का खून सर चढ़ कर बोलता है फिर वोह खून चाहे हिन्दू का हो चाहे मुसलमानों का और कल ऐसा ही हुआ एक सरकारी कार्यक्रम में राष्ट्रिय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष वजाहत ह्बिबुला जो गोपालगढ़ का सच दबाये बेठे थे खुद ने उनके जज्बात भड़काए और उनकी जुबान से सच निकल पढ़ा उन्होंने चीख कर स्वीकार के राजस्थान का गोपालगढ़ नरसंहार सरकार के फेल्योर होने का नतीजा था लेकिन कुछ भी हो वोह निर्दोष जाने वापस नहीं आ सकती और सरकार जिसे खुद अल्पसंख्यक आयोग दोषी मनाता है इसके खिलाफ जुबां से बोलने वाला यही राष्ट्रिय अल्पसंख्यक आयोग का अधिय्क्ष अपनी लिखित रिपोर्ट केंद्र सरकार राजस्थान के गवर्नर और राष्ट्रपति को नहीं दे सकता लेकिन सच है के जब दिया बुझने लगता है तो लो उठती है और जब राष्ट्रिय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष का कार्यकाल पूरा होने का वक्त आया तब उनका जमीर जाग और वोह मुसलमान हो गए ........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दोस्तों इस लोकत्रंत में चुनाव में वोटर का टेस्ट भी अजीब है

दोस्तों इस लोकत्रंत में चुनाव में वोटर का टेस्ट भी अजीब है देश में जब टी वी पर लगातार छत्तीसगढ़ के जू देव को सरे आम रिश्वत लेते दिखाया जा रहा था और इधर वोटिंग पढ़ रही थी तो जनता ने जूदेव को तो भारी मतों से जिताया ही सही साथ ही उनकी पार्टी भाजपा की सरकार भी बनवाई और अब देश के रेलमंत्री पवन बंसल को भांजे के जरिये रिश्वत लेते भ्रष्टाचार फेलाकर पकड़ने का मामला सामने आया है लेकिन जनता ने उसी दिन कर्नाटक के चुनाव में इन पवन बंसल की पार्टी को जिताया है ...तो भाई है ना मजेदार बात अगर आप ईमानदार रहकर इस लोकतंत्र में चुनाव जितना चाहते हो तो आपको बेवकूफ से ज्यादा कुछ नहीं कहा जा सकता क्योंकि जनता का वोट महगाई ..भुखमरी ..कुशासन और भ्रष्टाचार को मिलता है यह आप पिछले कई चुनाव में देख चुके है तो भाई जब जमाना बदल गया है तो खुद को भी बदलो नहीं बदलो तो मेरी तरह रोते रहो एक कोने में बेठ कर .........अख्तर  अकेला कोटा राजस्थान

'सरकार की चूक से हुई गोपालगढ़ त्रासदी'



'सरकार की चूक से हुई गोपालगढ़ त्रासदी'

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जयपुर। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्लाह ने गोपालगढ़ में साम्प्रदायिक हिंसा के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि सरकार नाकाम रही, इसीलिए गोली चली। उन्होंने 1984 के दंगों का जिक्र करते हुए कहा कि सिखों के घाव अभी भरे नहीं हैं, दिल्ली में कोर्ट के फैसले के बाद की प्रतिक्रिया से यह समझा जा सकता है। वे सोमवार को हरिश्चन्द्र माथुर लोक प्रशासन संस्थान में 'सामाजिक धार्मिक समुदायों की सामाजिक, आर्थिक व श्ौक्षिक दशा पर अघिकारियों व कर्मचारियों की संवेदनशीलता' पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 62 अघिकारी हिस्सा ले रहे हैं। हबीबुल्लाह ने कहा कि नासमझी नहीं होती, तो गोपालगढ़ जैसी त्रासदी नहीं होती। 
...फिर गलती मानी
हबीबुल्लाह ने कहा कि अभी आयकर विभाग ने गुड फ्राइडे को दफ्तर खोलने की घोषणा की, पर इसाई कर्मियों का ख्याल नहीं रखा। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के ध्यान में लाने पर सरकार ने गलती मानी, यह संवेदना है। उन्होंने कहा कि भारत अल्पसंख्यकों का राष्ट्र है, इसे एक धर्म का देश नहीं कह सकते। यहां केवल पुरूष ही बहुसंख्यक हैं और केरल में तो वो भी नहीं।
मुसलमान भी चाहता है बेटी को पढ़ाना?
हबीबुल्लाह ने कहा कि मुसलमान भी बेटी को स्कूल भेजना चाहते हैं, लेकिन नजदीक या छात्रा स्कूल में ही। उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा कि अल्पसंख्यकों के लिए चल रही योजनाओं का पूरा पैसा खर्च नहीं हो रहा। लोगों को जानकारी ही नहीं है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने योजनाओं की मॉनिटरिंग में कमी मानी।
...वहां तो दफ्तर ही नहीं
हबीबुल्लाह ने मीडिया से कहा कि राज्य अल्पसंख्यक आयोगों को पैरों पर खड़ा किया जाएगा। अभी तो एक जगह 5 हजार रूपए में अल्पसंख्यक आयोग चलाने का जिम्मा है। वहां उसका दफ्तर तक नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय आयोग में एक प्रतिनिघि गैर अल्पसंख्यक भी है। उन्होंने कहा, आरटीआई तो खुद ही ताकतवर है वहां सूचना आयोग आदेश भी दे सकता है, लेकिन अल्पसंख्यक आयोग केवल सिफारिश ही कर सकता है।
सब दबंग के साथ रहना चाहते हैं : अमीन
अल्पसंख्यक राज्यमंत्री अमीन खान ने कहा कि कमजोर का साथ देने का जोखिम कोई नहीं उठाता, सब सबल के साथ रहना चाहते हैं। राज्य मानवाघिकार आयोग अध्यक्ष एच.आर. कुड़ी, राज्य अल्पसंख्यक आयोग अध्यक्ष माहिर आजाद व हरिश्चन्द्र माथुर लोक प्रशासन संस्थान के निदेशक रोहित आर. ब्राण्डन ने भी संबोघित किया।
इस मौके पर प्रशिक्षु अघिकारियों में जागरूकता लाने के लिए ओटीएस व राज्य मानवाघिकार आयोग में एमओयू किया गया। निबन्ध प्रतियोगिता के 13 विजेताओं का सम्मान के साथ ही दो पुस्तकों का विमोचन भी किया गया।

एक क्लिक से तीन घंटे तक करोड़पति!




कोटा। आपको भले ही यकीन नहीं होगा, लेकिन यह सच है कि कम्प्यूटर के एक क्लिक से खेड़ली फाटक क्षेत्र स्थित सुभाष्ा कॉलोनी निवासी उपभोक्ता कुलदीप कौर करोड़पति बन गई। कौर के बैंक खाते में करीब तीन घंटे तक दो करोड़ रूपए जमा रहे। हुआ यूं कि सुभाष्ा कॉलोनी निवासी कुलदीप कौर व उसके पति गोरधनलाल का स्टेशन क्षेत्र स्थित यूको बैंक की शाखा में संयुक्त खाता है। सोमवार दोपहर करीब 12.30 बजे वह अपने खाते में दो हजार रूपए जमा कराने बैंक गई और पर्ची में  राशि भरकर नगदी  काउंटर पर राशि जमा करवाकर घर चल गई।
दोपहर करीब सवा तीन बजे बैंक के हैड कैशियर ने हरीश वर्मा को खाते की नकदी का मिलान करने पर गलती से कौर के खाते में दो हजार की जगह दो करोड़ दो हजार रूपए जमा कराने की जानकारी मिलते ही उसके होश उड़ गए। उसने बैंक के प्रबंधक को इसकी जानकारी दी। इससे बैंक में हड़कंप मच गया।
दोपहर करीब 3.30 बजे बैंक का एक कर्मचारी कौर के घर पहुंचा और उसने खाते में कैशियर की गलती से दो हजार की जगह दो करोड़ दो हजार रूपए जमा होने की बात कही व बैंक आने के लिए कहा। बैंक के हैड कैशियर हरीश वर्मा ने उन्हे खाते में गलत एन्ट्री होने की सूचना दी व उनसे आग्रह कर रूपया निकासी फार्म भरने के लिए कहा। कुलदीप कौर इसके लिए तैयार हो गई, लेकिन उसे डर था कि इससे उसे कोई परेशानी न आ जाए।
बैंक प्रबंधन ने विश्वास में लेकर कौर से यह राशि निकासी का फार्म भरवाया। इसके बाद कौर के खाते से यह राशि बैंक के खाते में डेबिट होने के बाद बैंक प्रबंधन ने राहत की सांस ली।
कुलदीप कौर के खाते में जल्दबाजी में कम्प्यूटर में दो हजार की जगह दो करोड़ दो हजार रूपए की एंट्री हो गई। इसमें बैंक प्रशासन की कोई गलती नहीं है।
हरीश वर्मा, हैड कैशियर, यूको बैंक
बैंक के हैड कैशियर से गलती से दो हजार की जगह दो करोड़ दो हजार रूपए की एंट्री हो गई थी, जिसे मैंने अपने स्तर पर डिलीट करने की कोशिश की, लेकिन नहीं हो पाई। इसलिए खाताधारक को बुलाकर रकम निकासी फार्म भरवाकर खाते को सामान्य किया गया।
बी.एन. मेहरा, प्रबंधक, यूको बैंक स्टेशन शाखा
संजय सैनी

रक्षा मंत्री ऐ के एंटोनी के अनुसार अनिवार्य सैन्य प्रशिक्षण लोकतंत्र के खिलाफ है.

रक्षा मंत्री ऐ के एंटोनी के अनुसार अनिवार्य सैन्य प्रशिक्षण लोकतंत्र के खिलाफ है...वास्तव में इस में बिलकुल भी सच्चाई नहीं है... क्यों की जब सभी युवाओं को सेन्य प्रशिक्षण मिलेगा तो आतंकवाद और नक्सलवाद जैसे तत्वों से अपना और दूसरों का बचाव करना सीखेंगे...जिस से आर्मी और अर्ध सैनिक बलों को कुछ राहत मिलेगी...प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं में से चुने गए युवाओं को उन के अच्छे आचरण के अनुसार विशेष नागरिक का दर्ज भी दिया जा सकता है...ऐसा किसी भी तरह से लोकतंत्र के विरुद्ध हो ही नहीं सकता !

सरकार इस तरह के प्रशिक्षण का इसलिए कर रही है क्यों कि उसे डर है कि प्रशिक्षित युवा कहीं उस के भ्रष्टाचार के किले को ध्वस्त ना कर दें...!

सरकार कि कितनी जबरदस्त फटी हुई है इस बात का अंदाजा सिर्फ इस बात से लगाया जा सकता है कि कपिल सिब्बल के किसी भी कार्यक्रम में सभागार/आडिटोरियम में चप्पल जूते बाहर ही उतरवा दिए जाते हैं ! ज्यादातर कांग्रेसी पुलिस द्वारा सुरक्षित जगहों या इनडोर आडिटोरियम जैसे स्थानों पर ही उदघाटन/सेमीनार या अन्य कार्यक्रमों में जाते हैं...!

जंगल में एक चीता बीड़ी पी रहा था।

जंगल में एक चीता बीड़ी पी रहा था।
तभी एक चूहा वहां पर आया और बोला भाई, नशा करना छोड़ दो।
आओ मेरे साथ और देखो जंगल कितना सुन्दर है!

चीते ने बीड़ी फेंक दी और चूहे के पीछे चल दिया।
आगे चलकर एक हाथी मिला जो कोकीन ले रहा था।
चूहे ने हाथी से कहा भाई, नशा करना बुरी बात है।
आओ मैं तुम्हें दिखाता हूं कि हमारा जंगल कितना सुन्दर है।
हाथी भी कोकीन फेंक कर चूहे के पीछे-पीछे चल दिया।

आगे चले तो देखा एक शेर व्हिस्की का पेग मारने जा रहा है।
चूहे ने शेर को भी ज्ञान दिया।
चूहे की बात सुनकर शेर ने पेग रखा।
फिर उस को चार-पांच चांटे जड़ दिए।

हाथी को गुस्सा आ गया क्यों मारा उसे..?

शेर ने कहा :-
.
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इस साले ने कल भी भांग पीकर मुझे 3 घंटे जंगल में घुमाया था।

हाँ मैं भी प्रतिदिन

हाँ मैं भी प्रतिदिन ढेरों ख्वाब सजाता हूँ ,
सूरज की किरण,आशा की जोत जलाता हूँ ।
छलकते हैं आंसू मेरी आँख में ,चाहत के ,
पलकों के बीच उनको छिपा लेता हूँ ।
देखता हूँ ख्वाब तुझे पाने के ,हरदम ,
तन्हाई में तुझसे बात किया करता हूँ ।
डॉ अ कीर्तिवर्धन
८ २ ६ ५ ८ २ १ ८ ० ०

मौन रहकर भी



मौन रहकर भी मुखर जो हो रहा है,
दर्द चेहरे से बयां वो हो रहा है ।

सोचा था जिऊँगा खुशहाल होकर ,
तनहा जीवन आज बोझिल हो रहा है ।

उम्र गुजरी सोचा नहीं मैंने कभी कुछ ,
जो नहीं सोचा वही सब हो रहा है ।

साथ थे मेरे हजारों हम सफ़र ,
आज क्यों सूना सा जीवन हो रहा है ?

मधुमास के दिन और रातें अब कहाँ ,
पतझड़ सा यौवन,उजड़ा सा आँगन हो रहा है ।

आंसू नहीं बहते मेरी आँख से अब ,
राजे दिल ,कौन फिर खोल रहा है ?

डॉ अ कीर्तिवर्धन
8 2 6 5 8 2 1 8 0 0

"च्यवनप्राश बहुत मँहगा है

"च्यवनप्राश बहुत मँहगा है
माँ , मेरे पास अब कुछ भी नहीं
सिवा तेरे दिए दीर्घायु होने के आशीर्वाद के
वह दठोना तो कब का मिट गया
जो तैने लोगों की बुरी नज़र न लगने के लिए लगाया था
तेरे रहने तक मैं दीर्घायु नहीं होना चाहता था
अब मेरा छोटा सा बेटा है
मैं चाहता हूँ वह दीर्घायु हो
पर च्यवनप्राश बहुत महगा है
बाहर चल रही हैं विषैली हवाएं
दवाएं बहुत महगी हैं
दुआएं मिलती नहीं बाज़ार में
इस गंदी दुनियाँ में गुजारा कर लिया मैंने
अब गुजर जाऊं तो अफ़सोस मत करना
तुम्हें फिर भी दीर्घायु होना है
क्योंकि दवाएं नकली ,दुआएँ फर्जी
और च्यवनप्राश बहुत मँहगा है ." -----राजीव चतुर्वेदी

एक छोटे कीड़े का खौफ, इस गांव में कोई नहीं करना चाहता है रिश्ता!


कोटा। बूढ़ादीत इलाके के 'झाडग़ांव की झोपडिय़ां' गांव में जिस दीमक का हमला पिछले तीन साल से चल रहा है, वह दुनिया की सबसे खतरनाक दीमक ओडोन्टोटर्मिस है। भास्कर इन्वेस्टिगेशन में कोटा गर्वनमेंट कॉलेज के लेक्चरर डॉ. गजानन चर्पे ने बताया कि यह विश्व में पायी जाने वाली दीमक की 2 हजार 865 प्रजातियों में सबसे खतरनाक है। वे दीमकों के प्रोजेक्ट पर काम कर चुके हैं। उनका कहना है कि सरकार चाहे तो करीब १५ लाख के खर्च में इस समस्या का समाधान हो सकता है।

भास्कर ने 6 सितंबर 2012 को 'पूरे गांव को चट कर रही दीमक' शीर्षक से इस गंभीर समस्या को उठाया था। इसके बाद तत्कालीन कलेक्टर जीएल गुप्ता ने एग्रीकल्चर विभाग की एक टीम भी गांव भेजी थी। लेकिन उनके सेवानिवृत्त हो जाने के बाद मामला आया-गया हो गया। गांव के अमरलाल ने बताया कि इनकी वजह से अब तक 30 से अधिक मकान गिर चुके हैं। कमलेश का कहना है कि यहां पैदा होने वाले अनाज के मंडी में खरीददार तक नहीं मिल रहे, अब तो लोग हमारे यहां रिश्ता करने से भी कतरा रहे हैं।


इस बाबत सरपंच भूली बाई का कहना है कि प्रशासन के अधिकारी आकर समस्या देख चुके हैं। लेकिन, वे अभी तक कुछ नहीं कर सके। ग्रामसेवक जगदीश राठौर ने कहा 'कृषि विभाग के अधिकारियों ने 24 सितंबर 2012 को दौरा किया था। मैंने भी अधिकारियों को लिखकर दे रखा है। इससे ज्यादा मैं कुछ नहीं कर सकता।'
'झाडग़ांव की झोपडिय़ां' गांव में दीमक ओडोन्टोटर्मिस का हमला इतना तेज है कि अब वह बर्फ की तरह छत से टपक रही है

पूर्व कलेक्टर द्वारा कराए गए सर्वे की रिपोर्ट देखूंगा
गांव में दीमक लगने के बारे में मुझे अभी तक कोई जानकारी नहीं मिली है। अब मैं पूर्व कलेक्टर द्वारा कराए गए सर्वे रिपोर्ट की फाइल को देखूंगा। गांव को दीमक से निजात दिलाने के लिए बेहतर प्रयास किया जाएगा। - जोगाराम, कलेक्टर कोटा

दीमक की सूचना पर कृषि विभाग की टीम को वहां भेजकर उपाय बताने को कहा था। वैसे दीमक समाप्त करने के लिए गांव के लोग भी ज्यादा रूचि नहीं ले रहे। टीम ने वहां क्या किया, क्या रिपोर्ट दी, इसके बारे में मुझे पता नहीं।
- जीएल गुप्ता, पूर्व कलेक्टर

अभी तक किसी ने गांव के हालात मुझे नहीं बताएं हैं। गांव के बारे में पता करवाऊंगा। देखा जाएगा कि दीमक किस हद तक नुकसान पहुंचा रही है। उसके अनुसार ही आवश्यक उपाय किए जाएंगे।
- इज्यराज सिंह, सांसद, कोटा

सवाल- पिछले 8 माह की मशक्कत में स्थानीय प्रशासन ने जो उपाय खोजा है उसका भार भी वे ग्रामीणों पर डालना चाहते हैं। उधर, गांव वाले पहले ही बहुत सी परेशानी दीमक की वजह से झेल रहे हैं। क्या सरकार इस प्राकृतिक हमले से निपटने का खर्चा भी नहीं उठा सकती?

राष्ट्रगान के समय सेंट्रल पार्क में झंडा नहीं होने से भड़के लोग



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जयपुर। भारत भावना दिवस पर सेंट्रल पार्क में सोमवार सुबह 10 बजे विभिन्न संगठनों की ओर से सामूहिक राष्ट्रगान के दौरान राष्ट्रध्वज नहीं लगा होने से लोगों ने हंगामा खड़ा कर दिया। शिवसेना हिंदुस्तान के प्रदेश महासचिव देवेंद्र शर्मा व शिव सेना (बाल ठाकरे) के जिला प्रमुख किशोर सिंह ने जेडीए अफसरों को इसकी जानकारी दी।
 
 
हालांकि राष्ट्रगान तय समय पर ही शुरू हुआ लेकिन कार्यक्रम के समापन के बाद शिवसेना के कार्यकर्ता वहां एकत्र हो गए और प्रशासन के विरोध में उतर आए। लोगों का आरोप था कि घोषित कार्यक्रम के बावजूद ध्वज हटाया गया, जो गलत है।  बाद में जेडीए ने करीब 11.30 बजे ध्वज वापस लगा दिया, तब जाकर मामला शांत हुआ।

और पिघलने लगे तार, जलने लगे मीटर, जब तक समझते झुलस गया लड़का



जयपुर। सोढ़ाला के रामनगर इलाके में रविवार रात हाइटेंशन लाइन पर केबल डालने से हुए फॉल्ट के कारण यहां श्याम वाटिका इलाके के करीब 20 घरों में लाखों का नुकसान हो गया। कई घरों के मीटर या तो जल गए या पिघल गए। साथ ही फ्रिज, टेलीविजन, पंखे और एमसीबी फुंक गए।
 
वहीं ट्यूबलाइट और बल्ब नीचे गिर गए। हालात ये थे कि यहां सोमवार को शाम तक बिजली सप्लाई बाधित रही। रामनगर में हुए इस फॉल्ट से चंबल पावर हाउस से जुड़ी आसपास की करीब 15 कॉलोनियों में बिजली गुल हो गई। हालांकि बिजली वितरण कंपनी के इंजीनियरों ने कुछ कॉलोनियों में दूसरे फीडरों से बिजली सप्लाई बहाल की।
 
 
कॉलोनियों के लोगों ने बताया कि रामनगर में 132 केवी हाइटेंशन लाइन पर केबल डालने से जोरदार धमाका हुआ और लाइन में फॉल्ट होने के साथ ही पूरे इलाके में अंधेरा छा गया। इसके साथ ही बिजली के जो भी उपकरण उस समय चल रहे थे, जल गए।
 
श्याम वाटिका नागरिक विकास समिति के अध्यक्ष गिरीश कुमार शर्मा ने ऊर्जा मंत्री, स्थानीय विधायक और विद्युत नियामक आयोग के अधिकारियों से प्रभावितों की आर्थिक सहायता की मांग की। उन्होंने इस कॉलोनी में ये तीसरा हादसा है। इससे पहले भी इसी तरह की घटना में दो लोग बुरी तरह झुलस गए थे। इस बार भी एक युवक झुलस गया। 132 केवी की लाइन को मुख्य सड़क पर शिफ्ट करने की भी मांग की है।
 
 
 
तीन उपकरण, जो रोकते हैं हादसे  
हाई वोल्टेज से होने वाले हादसों से बचने के लिए घरों-दफ्तरों आदि में  हम तीन तरह के सुरक्षा उपकरण लगा सकते हैं। इसके अलावा बिजली के लोड के मुताबिक वायरिंग का उपयोग करना चाहिए। 
1. एमसीबी (मिनिएचर सर्किट ब्रेकर) : ओवर लोड और शार्ट सर्किट से बचने के लिए ये कारगर है। ये फ्यूज सिस्टम का ही अपग्रेड वर्जन है।
 
 
2. ईएलसीबी (अर्थ लीकेज सर्किट ब्रेकर) : जितना करंट सप्लाई हुआ, वह यूज हो रहा है कि नहीं, ये इसे जांचता है और अगर इसमें अंतर आता है तो पावर कट कर देता है। इससे शॉक लगने या आग लगने जैसी घटनाओं से बचा जा सकता है। 
 
3. ओवर वोल्टेज प्रोटक्शन डिवाइस : इस डिवाइस की मदद से हाई वोल्टेज सप्लाई होने पर घरेलू उपकरणों को बचाया जा सकता है। घरों में नॉर्मल सप्लाई 230 से 250 वोल्ट तक  होती है। ये डिवाइस 265 वोल्ट प्लस पर सप्लाई बंद कर देता है। इससे घरेलू उपकरण जलने से बच जाते हैं।

सेक्‍स सुपरबग' से मचा हड़कंप, दुनिया भर के डॉक्टरों को सुनाई देने लगी मौत की घंटी



हवाई में 'सेक्स सुपरबग' के दो मामले सामने आने पर दुनिया भर के डॉक्टरों को मौत की घंटी सुनाई दे रही है। हवाई के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने चिंता जताई है कि यह सुपरबग एड्स फैलाने वाले वायरस एचआईवी से भी कहीं ज्यादा खतरनाक है। स्वास्थ्य विभाग ने सरकार से इसकी रोकथाम के लिए नया एंटीबॉयटिक ढूंढने को 54 मिलियन डॉलर की राशि की मांग की है। इस सुपरबग पर किसी दवा का असर नहीं होता है। हवाई में सेक्स सुपरबग का पहला मामला मई 2011 में एक युवती में मिला था। सेक्स सुपरबग को गोनोरिया  या H041 के नाम से भी जाना जाता है और इसकी खोज जापान में 2011 में की गई थी। इसके बाद यह हवाई में फैला और कैलीफोर्निया और नॉर्वे में भी अपने पांव पसारने शुरू कर दिए हैं। 
 
हवाई हेल्थ डिपार्टमेंट के पीटर विचर का कहना है कि पूरे हवाई में फिजिशियन और स्वास्थ्य सेवा देने वालों को इस सुपरबग के बारे में एडवाइजरी जारी कर दी गई है। सभी से कहा गया है कि इस सुपरबग से विशेष तौर पर सावधान रहें। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि इसे एचआईवी वायरस से कम न समझा जाए। गोनोरिया या प्रमेह उत्तरी अमेरिका में दूसरा सबसे तेजी से फैलने वाला इंफेक्शन है। यह एचआईवी से ज्यादा खतरनाक इस मायने में है कि इसके बैक्टीरिया ज्यादा आक्रामक होते हैं। यह तेजी से फैलते हैं और कम समय में ही अपना असर दिखाते हैं। जबकि एचआईवी से संक्रमित मरीज के शरीर को कमजोर होने में ज्यादा समय लगता है

हाथ में जूते लिए भगवान विष्णु का अवतार बने 'माही', धोनी के खिलाफ केस दर्ज bhaskar new | May 07, 2013, 04:56AM IST Email Print Comment Show Thumbnails 1 of 5 Photos Previous ImagePrev NextNext Image हाथ में जूते लिए भगवान विष्णु का अवतार बने 'माही', धोनी के खिलाफ केस दर्ज रांची. एक बार फिर इंडियन क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी चर्चा में है। महेंद्र सिंह धौनी के खिलाफ बेंगलुरू में मामला दर्ज हुआ है। कोर्ट में दायर याचिका के मुताबिक एक मैग्जीन के विज्ञापन में धौनी को भगवान विष्णु के रूप में दिखाया गया है। इसमें वे एक हाथ में जूते रखे हुए हैं। इससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं। कोर्ट 12 मई को शिकायतकर्ता का बयान दर्ज करेगी।


रांची. एक बार फिर इंडियन क्रिकेट टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी चर्चा में है। महेंद्र सिंह धौनी के खिलाफ बेंगलुरू में मामला दर्ज हुआ है। कोर्ट में दायर याचिका के मुताबिक एक मैग्जीन के विज्ञापन में धौनी को भगवान विष्णु के रूप में दिखाया गया है।
इसमें वे एक हाथ में जूते रखे हुए हैं। इससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं। कोर्ट 12 मई को शिकायतकर्ता का बयान दर्ज करेगी।

कुछ दिनों पहले सचिन तेंदुलकर के 40वें जन्मदिवस के मौके पर भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया था। सचिन तेंदुलकर के खिलाफ चंडीगढ़ जिला अदालत में एक आपराधिक याचिका दायर की गई थी। 
इसमें इलाहाबाद में उनके फैंस द्वारा उन्हें भगवान हनुमान के वेश में तस्वीर के माध्यम से पेश करने को लेकर आपत्ति जताई गई थी। याचिका में सचिन के अलावा एक अग्रैजी अखबार के संपादक को भी प्रतिपक्ष बनाया गया है।

स्वर्ण मंदिर में हथियारों के साथ घुसी जत्थेबंदियां, भिंडरावाले के समर्थन में लगे नारे



अमृतसर. सालों बाद श्री दरबार साहिब की परिक्रमा में सोमवार को 6-7 हथियारबंद लोग पहुंच गए। इससे कई श्रद्धालु सहम गए और उन्होंने वहां से बाहर जाने में ही भलाई समझी। इस अवसर पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की टॉस्क फोर्स के जवान भी दिखाई नहीं दिए, जिनके कंधों पर श्री दरबार साहिब की मर्यादा को कायम रखने का जिम्मा है।
स्टेनगन और राइफलों से लैस हथियारबंद लोग दमदमी टकसाल और संत समाज के उस काफिले का हिस्सा थे, जो लगभग 40 किलोमीटर दूर चौक मेहता के गुरुद्वारा गुरदर्शन प्रकाश से चलकर यहां अकाल तख्त के जत्थेदार गुरबचन सिंह को श्री दरबार साहिब के निकट बने नए गुरुद्वारे से जरनैल सिंह भिंडरावाले का नाम हटाने के विरोध में याद पत्र देने आया था।
मुख्यमंत्री के लिए चुनौती : ताजा घटनाक्रम ने ऐसी परिस्थिति को जन्म दे दिया है, जो आगे जाकर टकराव का कारण बन सकती है। ऐसा लगता है कि इस मामले में मुख्यमंत्री बादल बुरी तरह घिर गए हैं। अगर वह वोटों के नफे-नुकसान को देखते हुए कोई ठोस कदम नहीं उठाते तो उन्हें न सिर्फ कांग्रेस बल्कि अपनी सहयोगी पार्टी भाजपा की नाराजगी का सामना करना पड़ेगा और अगर कोई कार्रवाई होती है तो गर्म-ख्याल जत्थेबंदियां एक बार फिर उनके खिलाफ इकट्ठी हो सकती हैं।

हिरोइन बनने की चाहत लिए बैठी कार में, पार्किंग में दामन हो गई दागदा

चंडीगढ़.  फिल्म में रोल दिलाने का झांसा देकर एक युवक ने मॉडल को पहले बियर पिलाई, उसके बाद दुराचार किया। युवती ने विरोध जताया तो आरोपी ने उसे जान से मारने की धमकी दी। 
 
रविवार देर रात मेडिकल में युवती से रेप की पुष्टि होने के बाद सेक्टर-3 थाना पुलिस ने आरोपी के खिलाफ दुराचार और जान से मारने की धमकी देने का केस दर्ज कर लिया है। आरोपी की तलाश की जा रही है।
 
सेक्टर-3 थाने में युवती की ओर से दी गई शिकायत के मुताबिक आरोपी गगन से उसकी जान पहचान थी। दोनों के बीच ज्यादातर संपर्क फोन के जरिए ही होता था। आरोपी रविवार रात करीब 8 बजे स्कॉर्पियो गाड़ी लेकर एक प्रोड्यूसर से मुलाकात कराने के बहाने सेक्टर-23 में युवती के पीजी आया।
 
यहां से साथ लेकर वह उसे शहर में कई जगह घुमाता रहा। इस दौरान उसने सेक्टर-15 से बियर की चार बोतलें खरीदी। रास्ते में उसे बियर पिलाने के बाद वह उसे सुखना लेक की बैक साइड पार्किग में ले गया। शिकायत के मुताबिक आरोपी ने यहां उससे रेप किया। 
 
युवती ने विरोध की कोशिश की तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई। इसके बाद आरोपी उसे पीजी के पास छोड़कर फरार हो गया। युवती ने फोन कर अपने एक जानकार को बुलाया और सेक्टर-3 थाने पहुंची। एसआई बलबीर कांडा ने बताया कि युवती आरोपी का पता नहीं जानती है। फोन के जरिए ही दोनों में संपर्क था।

कुरान का सन्देश

आंसूंओं से तो अपना

आंसूंओं से तो अपना , नाता पुराना है ,
आंसुओं में अब तक , न कोई फर्क पाया है |
दर्द तब भी उठता था , दर्द अब भी उठता है ,
तब और अब के दर्द में , मीलों का फासला पाया |
बंद कमरों में खुद को महफूज़ समझते रहे ,
हर एक आहाट में दिल फिर था घबराया |
अँधेरे न रास आते थे , पर वो साथ निभाते थे ,
रौशनी से मिलने को , हम अक्सर मचलते रहे |
कई बार लांघा हदों को , कई बार टूट कर बिखरे
पर दर्द के सिवा कुछ भी , हमको हासिल नहीं हुआ |
मुंसुबें उची उड़ान के , मन अक्सर सजाता रहा ,
टूटकर बिखरने का खौफ , हिम्मत पस्त करता रहा |
चाहतों ने कभी , पीछे मुड़कर नहीं देखा ,
हरबार जहन में एक नया , सपना सजाता रहा |

रेलवे घूस कांड: सात साल में ही जीरो से 152 करोड़ की हुई बंसल के बेटों की कंपनी!


चंडीगढ़/नई दिल्‍ली। रेलगेट कांड में सीबीआई की जांच में रविवार को नया खुलासा हुआ है। रेल मंत्री के भांजे विजय सिंगला ने अगला रेलवे चेयरमैन बनाने का भी सौदा कर लिया था। जून 2013 में वर्तमान चेयरमैन विनय मित्तल के रिटायर होते ही इस पद पर कुलभूषण को नियुक्त करने की बात पक्की हो चुकी थी।
 
कुलभूषण इस समय रेलवे बोर्ड में मेंबर इलेक्ट्रिकल पद पर तैनात हैं। इस संबंध में सीबीआई ने रविवार को पूरक एफआईआर दर्ज की। सीबीआई ने यह जानकारी सिंगला और संदीप गोयल की फोन रिकॉर्डिग से जुटाई। यह उस रिकार्डिग का अंश है, जिसमें गोयल पश्चिम रेलवे के जीएम महेश कुमार को कह रहा है, ‘आप जून तक इंतजार करें।
 
इलेक्ट्रिकल का पदभार आपको मिलेगा। सिंगला ने बताया है कि रेलवे बोर्ड के चेयरमैन मित्तल के रिटायर होते ही कुलभूषण को चेयरमैन तैनात करा देंगे।’ सिंगला व गोयल से इस संबंध में पूछताछ की जा रही है। कुलभूषण से अगले सप्ताह पूछताछ होगी।
 
बंसल के पीएस की सिंगला से 40 बार बात
 
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, पवन बंसल का रिश्तेदार और उनके प्राइवेट सेक्रेटरी राहुल भंडारी लगातार विजय सिंगला के संपर्क में थे। एक माह में उनकी 40 बार विजय सिंगला से लंबी बातचीत हुई है। जबकि, महेश को प्रमोशन देने वाले रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनय मित्तल से राहुल भंडारी की दर्जनों बार बातचीत होती रही है। सीबीआई इस मसले पर पहले विनय मित्तल से पूछताछ करेगी।
 
जिसे फोन लगाया, सुनते ही काटा 
 
राहुल भंडारी से 12 बार उनका पक्ष जानना चाहा, लेकिन उन्होंने फोन काट दिया। इसके बाद रेलवे के एडि. डॉयरेक्टर जनरल पब्लिक रिलेशन अनिल सक्सेना को फोन लगाया तो उन्होंने बात करने से इंकार कर दिया।

नाबालिग बेटी को बीवी बनाना चाहता था, दो साल तक करता रहा रेप, गर्भवती हुई तो खुली पोल


रांची/ हटिया। धुर्वा थाना क्षेत्र के जगन्नाथपुर बस्ती निवासी रूकमणि देवी (नाम बदला हुआ) ने अपनी 14 वर्षीय नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म करने संबंधी प्राथमिकी दर्ज कराई है। मामले में उन्होंने अपने पति और नाबालिग के सौतेले पिता महेंद्र सोनार को आरोपी बनाया है। फिलहाल पुलिस ने इससे संबंधित प्राथमिकी दर्ज करते हुए आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। 
 
आरोपी पेशे से राजमिस्त्री है। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, रूकमणि का पहला पति कुछ वर्ष पूर्व उसे छोड़ कर चला गया। इसके बाद वह मजदूरी कर जीवन यापन करने लगी। इसी क्रम में उसने महेंद्र सोनार से शादी कर ली। प्राथमिकी में कहा गया कि महेंद्र काम के बीच में घर आकर उनकी 14 वर्षीय बेटी से दुष्कर्म करता रहा। यह क्रम करीब दो वर्ष तक चलता रहा। बेटी को किसी से बोलने पर जान से मारने की धमकी देकर चुप करा दिया। लेकिन हाल के दिनों में जब वह गर्भवती हुई, तो मामले का खुलासा हुआ। महेंद्र अपनी बेटी से शादी करना भी चाहता था। 
 
पुलिस का कहना है कि बच्‍ची का मेडिकल चेकअप करा लिया गया है। अगली कार्रवाई रिपोर्ट आने के बाद ही की जाएगी। दूसरी ओर, इस घटना के बाद से गांव में गुस्‍से का माहौल फैल गया है।

प्रभु ईशू के दोबारा जी उठने के निशान, तहखाने में ननों ने की पूजा



दुनियाभर के हजारों रूढ़िवादी ईसाई लोगों ने रविवार को ईस्टर संडे मनाया। इनमें कई भक्तों ने रोमानिया के खोपड़ियों से भरे तहखाने वाले चर्च में प्रार्थना की। इस चर्च में मौजूद खोपड़ियां यहां रहने वाली ननों की हैं। रोमानियाई रूढ़िवादी पादरी यहां पूजा करते हैं और हाथों में मोमबत्तियां लिए हुए नन्स गाना गाती हैं। 
 
 
रोमानिया में करीब 85 फीसद ईसाई रूढ़िवादी हैं। ईसा मसीह को क्रूस पर चढ़ाने के बाद उनकी मौत हो गई थी। लेकिन वे कुछ दिनों में फिर से जी उठे थे। यह समाज इस दिन को खुशी से मनाता है। ईसाई धर्म के सबसे पवित्र चर्च में मनने वाले हॉली फायर सेरेमनी के लिए लौ येरूशलम से रूढ़िवादी पादरियों द्वारा लाई जाती है।

मुसलमानों के गुस्‍से में जला बांग्‍लादेश, तस्‍लीमा बोलीं- बेकार, नाकारा धर्म है इस्‍लाम



ढाका. बांग्लादेश की राजधानी ढाका में ‘अल्लाहो अकबर’ का नारे लगाते हुए हजारों लोगों ने रवि‍वार को कठोर ईशनिंदा कानून की मांग करते हुए 100 दुकानों को आग लगा दी। पुलिस के साथ हुई झड़पों में आज कम से कम चार लोगों की मौत हो गई और 80 घायल हो गए। नव-गठित हिफातज-ए-इस्लाम या ‘इस्लाम के संरक्षक’ धर्मनिरपेक्ष आवामी लीग के नेतृत्व वाली सरकार पर कठोर ईशनिंदा कानून लागू कराने के लिए दबाव बनाने की खातिर ‘ढाका का घेराव’ करने की अपनी योजना को अंजाम दे रहे हैं। वह इस्लाम या पैगंबर का अपमान करने वालों को सजा देने के लिए ईशनिंदा कानून लागू करने सहित अपनी 13 सूत्री मांग के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं।
 
अशांति फैलाने वाले हि‍फाजत-ए-इस्‍लाम के सदस्‍यों को बांग्‍लादेश की प्रसिद्ध लेखि‍का डा.तस्‍लीमा नसरीन ने आड़े हाथ लि‍या है। तस्‍लीमा ने अपने ब्‍लॉग में लि‍खा है कि, 'हि‍फाजत-ए-इस्‍लाम के हजारों समर्थकों ने शहर में लोगों की दुकानें और वाहन फूंक डाले। हि‍फाजत-ए-इस्‍लाम के लोग उन लोगों को फांसी पर लटका देना चाहते हैं जो इस्‍लाम को नहीं मानते। वहीं सरकार इस्‍लाम न मानने वालों को उनके नास्‍ति‍क होने के चलते गि‍रफ्तार कर रही है। इससे भी हि‍फाजत-ए-इस्‍लाम के लोग खुश नहीं हैं। वो उनकी हत्‍या करना चाहते हैं और यही उनका मुख्‍य उद्देश्‍य है। उनका दूसरा एजेंडा बांग्‍लादेश को फालतू के धर्म की फालतू धरती बनाना है।'
 
तस्‍लीमा ने कहा कि 'अल्‍लाह अपने खुद की और अपने धर्म की रक्षा करने में अक्षम हो गए हैं। इसलि‍ए सरकार और कुछ स्‍वयं सेवी संगठन मि‍लकर अल्‍लाह और इस्‍लाम की रक्षा करने के लि‍ए काम कर रहे हैं। बांग्‍लादेश की दूसरी सबसे बड़ी राजनीति‍क पार्टी इस्‍लाम और कट्टर इस्‍लामि‍यों को सपोर्ट करती है। देश की तीसरी सबसे बड़ी राजनीति‍क पार्टी का भी यही एजेंडा है। बांग्‍लादेश सरकार इस्‍लाम की आलोचना करने वालों के खि‍लाफ पहले ही कार्रवाई कर चुकी है। ऐसा लगता है कि बांग्‍लादेश में ज्‍यादातर लोग इस्‍लाम की रक्षा करने की कोशि‍श कर रहे हैं। इस्‍लाम विकलांग हो गया है और बगैर मदद के जिंदा नहीं रह सकता।'
 
दरअसल तस्‍लीमा बांग्‍लादेश में हुए बवाल से खासी खफा हैं। रवि‍वार को जमात-ए-इस्लामी की छात्र शाखा जमात-शिबिर के कार्यकर्ताओं ने हिफाजत-ए-इस्लाम के लोगों के साथ मिलकर कम से कम 100 दुकानों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को आग लगा दी, बैतूल मुकर्रम मजिस्जद परिसर में मौजूद दुकानों को लूट लिया और राजधानी में 30 से ज्यादा सरकारी बसों को आग के हवाले कर दिया।
 
रविवार को हुए बवाल के प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि राजधानी के बीचोबीच स्थित पुराना पठान इलाका हिंसा का सबसे भयावह रूप नजर आया। प्रदर्शन में शामिल कार्यकर्ताओं के हाथों में रोड़े, पत्थर और देशी बम थे। उनकी दंगा-निरोधी पुलिस के साथ झड़प हुई । पुलिस को उन्हें तितर-बितर करने के लिए सैकड़ों रबड़ की गोलियां चलानी पड़ी। स्थानीय मीडिया की खबर के अनुसार, हिफाजत-ए-इस्लाम और इस्लामी छात्र शिबिर के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हुई झड़प में चार लोगों की मौत हो गई और 80 लोग घायल हो गए।
 

..तो ऐसे हटे भारतीय सीमा से चीनी सैनिक, भारत को झुकाए बिना नहीं माना ड्रैगन


नई दिल्ली. चीन ने रविवार देर शाम लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी सेक्टर से अपने सैनिक हटा लिए। लेकिन इसके लिए भारत को काफी मशक्‍कत करनी पड़ी और उसे भी अपने सैनिक पीछे करने के लिए राजी होना पड़ा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता सैयद अकबरूद्दीन के अनुसार चीन और भारत की सीमा की स्थिति 15 अप्रैल जैसी फिर से हो गई। इसके लिए दोनों देशों के बीच फ्लैग मीटिंग हुई थी। जिसके बाद स्थिति फिर से सामान्‍य हो गई है।
 
चीनी सैनिकों के घुसपैठ को लेकर कई दिनों से दोनों देशों के बीच गतिरोध बना था। इसे दर करने के लिए कई दिनों से विदेश सचिव रंजन मथाई के नेतृत्‍व में राजनयिक मुहिम चलाई जा रही थी। वह सेना के अधिकारियों से भी तालमेल बनाए हुए थे। चीन में भारतीय राजदूत एस. जयशंकर ने मुहिम की अगुआई संभाल रखी थी। 
 
इस मुहिम का नजीता हुआ कि रविवार शाम चार बजे दोनों देशों के सैन्‍य अफसरों के बीच फ्लैग मीटिंग हुई, जो सफल रही। इससे पहले तीन दौर की फ्लैग मीटिंग बेनतीजा रही थी। रविवार को तीन घंटे से भी ज्‍यादा देर तक चली बैठक के बाद शाम साढ़े सात बजे कमांडरों ने हाथ मिलाए और दोनों देशों की सेनाओं को अपनी-अपनी सीमा में जाने और तंबू उखाड़ने के आदेश दिए गए। 
 
इससे पहले भारत का विदेश मंत्रालय फोन के जरिए लगातार चीन के संपर्क में था। बीजिंग में भारतीय राजदूत एस. जयशंकर खुद चीन के अधिकारियों से मीटिंग के लिए दो बार मिले।
 
चीनी सैनिकों के पीछे हट जाने के बाद भारतीय सेना भी रात के दस बजे तक अपनी वास्‍तविक पोजिशन पर आ गई थी।
 
चीन के करीब 50 सैनिक 15 अप्रैल को वास्‍तविक नियंत्रण रेखा से भारतीय सीमा में करीब 19 किलोमीटर भीतर लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी (डीबीओ) सेक्टर में घुस आए थे। तब से पांच तंबू गाड़े बैठे थे। उन्हें चीन की तरफ से करीब 25 किलोमीटर दूर से रसद मिल रही थी। भारतीय सेना ने भी उन पर नजर रखने के लिए उनसे करीब 300 मीटर दूर तंबू गाड़ रखा था।
 

दो फूल संग फूले, किस्मत जुदा-जुदा है।

दो फूल संग फूले, किस्मत जुदा-जुदा है।
इक का बना है सेहरा, इक कब्र पर चढ़ा है।
सब किस्मत का खेल है। बेनजीर हुस्न की मलिका मुमताज महल की यह किस्मत ही थी कि उससे शहंशाह-ए-हिंद शाहजहां को इश्क हो गया और वे उनकी बेगम बन गईं। बेगम मुमताज महल से बेपनाह मुहब्बत करने वाले इस मुगल बादशाह ने आगरा में यमुना के किनारे उनकी मजार पर एक नायाब इमारत की तामीर करा दी जिसे दुनिया ताजमहल के नाम से जानती है। आज भी दुनिया भर से लाखों लोग हर साल इस शाही इश्क की यादगार को देखने आते है। वहीं मुमताज की सगी बहन मल्लिका बानो की किस्मत तो देखिए कि राजधानी पटना के चौक थाना क्षेत्र में गंगा के किनारे उसकी मजार अंधेरे में एक चहारदीवारी के भीतर गुमनामी में पड़ी हुई है।
पटना सिटी में विश्व प्रसिद्ध तख्त श्री हरिमंदिर से महज 70 गज की दूरी पर गंगा किनारे एक व्यवसायी की चहारदीवारी के अंदर चुपचाप सो रही हैं मुमताज की बड़ी बहन मल्लिका बानो उर्फ हमीदा बानो। परिवार के एस.एम. फिरोद-उल-हक कहते हैं कि मल्लिका बानो की मजार तक जानकारी के अभाव में कम ही लोग आ पाते हैं। उनके अलावा स्थानीय लोग भी बताते हैं कि क्षेत्र में मल्लिका और सईफ की मुहब्बत के भी चर्चे थे, लेकिन दुर्भाग्यवश सूबेदार सईफ खान अपनी बेगम के स्मारक को शाहजहां के ताजमहल जैसा रूप न दे सके।
इतिहासकारों की मानें तो शाहजहां का पटना सिटी से नजदीकी रिश्ता रहा है। गद्दीनशीन होते ही उन्होंने अपने रिश्तेदार सईफ खान को बिहार का सूबेदार बना दिया था।
सईफ ने मस्जिद-मदरसा बनवाया मदरसा मस्जिद के इमाम मुहम्मद सलीम फानी बताते हैं कि सूबेदार सईफ ने भी झाऊगंज में गंगा तट पर विशाल मस्जिद व मदरसे का निर्माण कराया जो वर्तमान में मदरसा मस्जिद के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा 40 खंभों वाले हाल का निर्माण भी कराया जो चहालसलूम के नाम से प्रसिद्ध हुआ। गुलजारबाग के समीप शाही ईदगाह का निर्माण भी कराया पर अपनी मुहब्बत को यादगार रूप नहीं दे सके।
नसीब अपना-अपना
बेगम मल्लिका के परिवार से जुड़ी शीरी व ताहिरा शारीन बताती हैं कि एक ही कोख से पैदा होने के बाद भी सबका नसीब अलग-अलग होता है। बस समझ लीजिए, मुमताज व मल्लिका की तकदीर में आकाश-पाताल जैसा अंतर है।
पहले लोग चढ़ाते थे चादर
परिवार के नौशाद बताते हैं कि एक जमाना था जब कोई प्रमुख व्यक्ति पटना आता था तो बिहार के सूबेदार सईफ खान की पत्नी मल्लिका उर्फ हमीदा बानो की मजार पर चादर चढ़ाना नहीं भूलता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है।

शाम का वक़्त हैं

शाम का वक़्त हैं
और मैं यहाँ तनहा
तुम्हारी यादो के संग हूँ
आलू के पराठो की सोंधी सुगंध
तुम्हारा जल्दी से आना
और कहना
लंच टाइम हैं
जल्दी जाना होगा
शाम को मिलती हूँ
कहकर मुझे बहलाना!

शाम को तुम्हारी सहेली का इर्द- गिर्द होना
विपरीत रास्ता होने पर भी
मेरा भीड़ में
बस पर तुम्हारे साथ चढ़ जाना
और महसूस करना
उस रस्ते भर तुम्हारी खुशबू
और महक को
भर लेता था अंतर्मन में

करवटे बदल कर
रात गुजर जाती थी
सुबह के इंतज़ार में
एक बार फिर से
लंच टाइम के इंतज़ार में


अब तुम दूर देश में
अपने अपने के साथ
जब बनाती होगी
मसालेदार आलू के पराठे
और लगाती होगी ठहाके
तो कही न कही
जरुर कसकता होगा
मेरा प्यार
और तुम मेरे नाम से भी
एक कौर
जरुर खाती होगी

मजबुरिया क्या नही करवाती सोना
जानती हो सामने वाली बेंच पर
एक जोड़ा खा रहा हैं लंच बॉक्स से
मसालेदार आलू के पराठे
खुशबू सारे माहौल में हैं
पराठो की भी
उनकी मोहब्बत की भी

पर .......क्या?
फिर से एक नया इतिहास लिखा जायेगा
और कोई मेरी तरह ऐसे ही
पेड़ के नीचे यादो में खो जायेगा

चलो जाने दो !!
तुम खुश तो हो न सोना
मैंने तो आलू के पराठे खाने ही छोड़ दिए ................नीलिमा

अब ईवीएम मशीन बताएगी, आपका वोट किसे मिला



मतदाता को जल्द ही यह पता लग सकेगा कि उसने चुनाव में ईवीएम के माध्यम से जो वोट डाला है वह उसी उम्मीदवार के पक्ष में गया है कि नहीं जिसके लिए उसने मतदान किया था.
इस प्रक्रिया में मतदाता की पुष्टि के लिए एक प्रकाशित पर्ची जारी की जाएगी और निर्वाचन आयोग द्वारा वोटर वैरीफाइड पेपर आडिट ( वीवीपीएटी) प्रणाली को लागू किए जाने पर जल्द ही यह योजना हकीकत का रूप ले लेगी.

इस व्यवस्था को कुछ राजनीतिक दलों विशेष रूप से बीजेपी द्वारा जतायी गयी आशंकाओं के मद्देनजर लाया जा रहा है. राजनीतिक दलों ने ईवीएम मशीन की निष्पक्षता के संबंध में सवाल उठाए थे.

निर्वाचन आयोग ने पिछले सप्ताह ही सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसने हाल ही में वीवीपीएटी डिजाइन को मंजूरी दी है तथा इसे पूरी तरह दुरूस्त बनाने के लिए इसमें कुछ और सुधार की जरूरत है. आयोग ने इस नई व्यवस्था पर विचार विमर्श के लिए दस मई को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया है.

आयोग में उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि वह ईवीएम मशीनों से जोड़ने के लिए जून के पहले सप्ताह में करीब 250 प्रिंटर हासिल करेगा. परीक्षण के बाद उपचुनाव में इन्हें प्रायोगिक स्तर पर लगाया जाएगा. नई प्रणाली को दो जून के उपचुनाव में नहीं परखा जाएगा. निर्वाचन आयोग में उच्च पदस्थ सू़त्रों ने बताया कि नई प्रणाली संभवत: देशभर में अगले आम चुनाव में क्रियान्वित नहीं की जाएगी क्योंकि प्रत्येक ईवीएम से जोड़ने के लिए इस प्रकार के 13 लाख नए उपकरणों की जरूरत होगी और इस पर करीब 1700 करोड़ रुपये का खर्च आएगा.

नई प्रणाली के तहत एक मतदाता ईवीएम में एक बटन दबाकर उस उम्मीदवार के नाम, पार्टी के नाम तथा सीरियल नंबर की प्रकाशित पर्ची हासिल कर सकेगा जिसके पक्ष में उसने अपना वोट डाला है. इस प्रणाली के जरिए मतदाता अपने वोट की पुष्टि कर सकेगा लेकिन मतदान की गोपनीयता को सुनिश्चित करने के लिए मतदाता को यह पर्ची अपने साथ घर ले जाने की अनुमति नहीं होगी.

कुछ राजनीतिक दलों ने इस नई प्रणाली का पक्ष लिया है लेकिन ईवीएम व्यवस्था में लंबे समय से सुधार की मांग कर रहे कुछ राजनीतिक दल नई व्यवस्था को जांचे परखे बिना इस पर अपनी कोई राय बनाने से हिचक रहे हैं.

बीजेपी काफी पहले से ही इस प्रकार की व्यवस्था अपनाए जाने की वकालत कर रही थी लेकिन उसकी सहयोगी पार्टी जनता दल यू ने इस बारे में अभी अपनी कोई राय नहीं बनायी है.

बीजेपी के उपाध्यक्ष मुख्तार अब्बास नकवी ने बताया, ‘हम इसके पक्ष में हैं और निर्वाचन आयोग से आगामी लोकसभा चुनाव में इस नई व्यवस्था को इसकी कमियां दूर कर अपनाए जाने को कहते रहे हैं.’ उन्होंने कहा, ‘हम ईवीएम में बदलाव की मांग कर रहे हैं. मतदाताओं को पता होना चाहिए कि किसके पक्ष में वह मतदान कर रहा है.’ कांग्रेस ने हालांकि इस विचार का समर्थन किया लेकिन उसने नई व्यवस्था के बारे में अपनी कोई राय नहीं बनायी है.

कांग्रेस नेता राशिद अल्वी ने कहा, ‘देखते हैं कि नयी प्रणाली कैसे काम करती है. हम इस पर विचार करेंगे और उसके बाद टिप्पणी करेंगे.’ भाकपा सचिव डी राजा ने कहा कि वाम दल ईवीएम की विश्वसनीयता बढ़ाए जाने की मांग करते रहे हैं और लगता है कि इस संबंध में यह एक समाधान है.

ईश्वर ने हमारे शरीर की रचना कुछ इस प्रकार की है की

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ना तो हम अपनी ही पीठ थप-थपा सकते है .............
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और ना ही अपने आप को लात मार सकते है ............
इसलिए
मित्र और आलोचक जरूरी होती है .......!!!

एक 8 साल के एक लडके की माँ मर जाती है..!

एक 8 साल के एक लडके की माँ मर जाती है..!
बाप ने दूसरी शादी कर ली...
एक दिन बाप ने अपने लडके से पुछा कि बेटा, तुझे अपनी नई माँ और अपनी मरी हुई माँ मेँ क्या फर्क लगा..?
तो वह लडका बोला : मेरी नई माँ सच्ची है और मरी हुई माँ झुठी थी..!!
यह सुनकर बाप अचरज मेँ पड गया,
फिर बोला : क्यु बेटा तुझे ऐसा क्यो लगता है..?
जिसने तुझे अपनी कोख से जन्म दिया वह
झुठी और कल आई हुई माँ सच्ची क्यु लगती है..?
तो लडका बोला : जब मैँ मस्ती करता था तब मेरी माँ कहती थी कि "अगर तु इस तरह करेगा तो तुझे खाना नही दुगीँ". फिर भी मैँ बहुत मस्ती करता रहता था.
और मुझे पुरे गाँव मेँ से ढुढँ कर घर लाती और अपने पास बिठाकर अपने हाथो से
खाना खिलाती थी..!!
और यह नई माँ कहती है कि "अगर तु
मस्ती करेगा तो तुझे खाना नही दुँगी.... और सच मेँ उसने मुझे आज तीन दिन से
खाना नही दिया...;
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