नई दिल्ली। बीते साल 16 दिसंबर को चलती बस में पैरामेडिकल छात्रा के साथ बहुचर्चित सामूहिक गैंगरेप कांड के एक और आरोपी विनय शर्मा की जान खतरे में है। आरोप है कि साथी कैदियों द्वारा विनय की जेल में पिटाई की गई है। इसके चलते उसकी हालत काफी गंभीर हुई है।
शर्मा के वकील एपी सिंह ने एक न्यूज एजेंसी के साथ बातचीत और फिर अदालत में भी ये बातें कही हैं। सिंह ने कहा, 20 वर्षीय विनय मंगलवार को अचानक खून की उल्टियां करने लगा। इसके बाद उसे तुरंत एलएनजेपी अस्पताल ले जाया गया। विनय को तेज बुखार भी है और सीने में तेज दर्द की शिकायत बताई जा रही है। वकील का आरोप यह भी है कि विनय को जेल में खाने में स्लो पॉयजन भी दिया जा रहा है।
वकील ने याचिका में तिहाड़ प्रशासन पर यह भी आरोप लगाया है कि जिस अस्पताल में विनय को भर्ती किया गया है उसके डॉक्टर हड़ताल पर हैं। इस वजह से उसे पर्याप्त चिकित्सीय सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। वकील की याचिका पर विशेष अदालत ने तिहाड़ जेल प्रशासन को विनय को समुचित चिकित्सीय सुविधाएं मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। साथ ही यदि अस्पताल के डॉक्टर हड़ताल पर हों तो उसे किसी अन्य अस्पताल में स्थानांतरित करने को कहा है।
वहीं, इन आरोपों का तिहाड़ जेल के प्रवक्ता सुनील गुप्ता ने खंडन किया है। उनके अनुसार, विनय शर्मा को कल तेज बुखार की शिकायत थी। इसके बाद उसे पहले दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल और बाद में एलएनजेपी हॉस्पीटल में भर्ती कराया गया। यहां उसका उपचार अभी चल रहा है।
स्पेशल कोर्ट ने भी तिहाड़ जेल के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि विनय को समुचित चिकित्सा सुविधा मुहैया कराई जाए। एडिशनल सेशन जज योगेश खन्ना ने यह आदेश विनय के वकील के उस दावे के बाद दिया है जिसमें कहा गया है कि उनके मुवक्किल की हालत बेहद गंभीर है और बेहतर मेडिकल सुविधा नहीं मिल रही है क्योंकि जिस अस्पताल में वह भर्ती है वहां के डॉक्टर इस वक्त हड़ताल पर हैं।
इससे पहले 11 फरवरी को मुख्य आरोपी 33 वर्षीय राम सिंह ने तिहाड़ जेल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। राम सिंह ने जेल नंबर तीन में अपनी कमीज की रस्सी बनाकर और नाड़े का फंदा लटककर खुदकुशी कर ली। राम सिंह के साथ मौजूद कैदियों के अनुसार, वह रात दो बजे जेल में टहल रहा था। उन्हें लगा कि उसकी तबीयत ठीक नहीं। जब वह उठे तो सुबह पांच बजे रामसिंह को लटका पाया।