आपका-अख्तर खान

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20 मई 2013

"आओ कुछ अच्छा लिखें

"आओ कुछ अच्छा लिखें
राष्ट्रपति पर अच्छा लिखा नहीं जा सकता
कभी इंद्रा गांधी की रसोइया का राष्ट्रपति बन जाना उनके लिए गर्व की बात है
कभी किसी अम्बानी की मेहरबानी से कोई राष्ट्रपति बन जाता है
राष्ट्र के लिए किसी उल्लेखनीय कुर्बानी से तो कोई राष्ट्रपति बना ही नहीं
प्रधानमंत्री पर अच्छा लिखा नहीं जा सकता
हालांकि उन्हें देश की जनता ने कभी नहीं चुना किन्तु वह प्रधानमंत्री हैं
सोनिया पर अच्छा लिखा नहीं जा सकता
क्योंकि वह देश राजनीति से नहीं देह राजनीति के रास्ते यहाँ तक पहुँची हैं
राहुल गांधी हों या महाजन पर अच्छा लिखा नहीं जा सकता
अर्थ नीति पर अच्छा लिखा नहीं जा सकता
क्योंकि हमारी अर्थ व्यवस्था की अर्थी ही निकल गयी है
राजनीति पर अच्छा लिखा नहीं जा सकता
क्योंकि राजनीति हो ही नहीं रही है बस दुकाने चल रही हैं और गिरोह पल रहे हैं
खेल नीति पर अच्छा लिखा नहीं जा सकता
क्योंकि कलमाडी लम्बी जेल यात्रा के बाद स्वदेश रवाना हुए हैं
और बढेरा को किसी ने घेरा नहीं है
क़ानून व्यवस्था पर अच्छा लिखा नहीं जा सकता
क्योंकि घूस तो पेशकार लेता है, पहुँचती कहाँ तक है क्या बताएं
पुलिस पर अच्छा लिखा नहीं जा सकता
मायाबती/ मुलायम/ करूणानिधि/ यदुरप्पा
/कल्माणी / कनीमोझी पर अच्छा लिखा नहीं जा सकता
"शीला" कहो तो "शीला की जवानी" याद आती है दिल्ली की मुख्यमंत्री नहीं
रोबर्ट्स बढेरा हों या चटवाल सभी हैं मालामाल पर देश हो रहा है कंगाल
उस पर अच्छा नहीं लिखा जा सकता
कोंग्रेस /भाजपा /माकपा पर अच्छा लिखा नहीं जा सकता
कोंग्रेस के लिए भ्रष्टाचार अन्तरंग है और भाजपा के लिए जल तरंग
सेक्यूलर कुछ -कुछ सूअर का हमशक्ल शब्द है यह सर्व भोजन समभाव लेते हैं
अपने और पराये काले धन का अनुलोम विलोम करते
स्वामी रामदेव पर भी अब अच्छा लिखने का मन नहीं करता
अपने गुरु की रहस्यमय ह्त्या का राज्याभिषेक
रामदेवनुमा राजनीति को रोमांचित करता है
जनता यानी कि हमारे आपके चितकबरे चरित्र पर भी अच्छा नहीं लिखा जा सकता
NGO के टेस्ट ट्यूब बेबी अग्निवेश,संदीप पाण्डेय,तीस्ता सीतलवाद,
किरण बेदी,केजरीवाल, शबाना आजमी , महेश भट्ट
अनुदानों के कीचड़ में किलोलें कर रहे हैं, इन पर भी अच्छा नहीं लिखा जा सकता
अन्ना का पन्ना अभी लिखा जाना शेष है
अन्ना गांधी बनने चले थे
पर गांधी तो चालीस साल तक एक आन्दोलन को अंजाम तक पहुंचाता है
यह तो एक साल में हांफने लगे
आसान किश्तों में जेल जा रहे और जनता से जूते थप्पड़ खा रहे
मनमोहन मंत्रिमंडल के बारे में भी कुछ अच्छा नहीं लिखा जा सकता
आतंकवाद में शामिल मौलवियों के बारे में भी अच्छा नहीं लिखा जा सकता
और यौनशोषण के आरोपों में लिप्त महंतों
और पादरियों के बारे में भी अच्छा नहीं लिखा जा सकता
क्रिकेट पर दाउद की दया है, उसका हर मैच फिक्स है
बाकी खेल दयनीय से हैं उनकी दशा पर अच्छा नहीं लिखा जा सकता
इसी लिए आज छुट्टी आज कुछ नहीं लिखूंगा. " -- राजीव चतुर्वेदी

"कठिन है सत्य बोलना,

"कठिन है सत्य बोलना,
हनुमान जी की बातें करो
तो वेश्याओं के मोहल्ले में हाहाकार मच जाता है
कि यह व्यक्ति हमारी दूकान ही ठप्प कर देगा
वेश्याएं सेकुलर जो होती है,
कोलंबस की बात करो तो
गूलर के भुनगे भिनभिनाते हुए अपने ग्लोबलाईज़ेसन को बघारने लगे
हिन्दुओं की रूढ़ियाँ तोड़ोगे हिंदूवादीयो की आस्था को ठेस पहुंचेगी
इस्लाम का इहिलाम हुआ तो
कठमुल्ले इमाम का फतवा कामतमाम कर सकता है
ईसाईयों ने तो ह़र साल ईसामसीह को
सूली सजा कर उसपर उन्हें बार बार टांगने में परहेज नहीं किया
पर ईसा को आज भी सूले से उतारने की रस्म नदारद है
गेलीलियो के घर का बहुत पहले ही बुझा दिया था दिया
इसलिए खामोश !! --ईसाईयों की बात मत करना
सच बोलने से उनकी आस्था को भी ठेस पहुँचती है
खामोश ! अदालत जारी है ---सुना है जज साहब ईमानदार हैं
इसलिए उनके पेशकार की पैरोकारी के उनके घर की तरकारी की चर्चा मत करना
न्याय की देवी की आँखे बंद हैं और कोंटेक्ट लेंस कारगर
है कोई कोंटेक्ट ?
सुना है सभी कानूनी रूप से सामान हैं
पर चुप रहो, न्यायालय हो या संसद सभी के विशेषाधिकार हैं
कोंग्रेसीयों /भाजपाईयों /सपाईयों
बसपाईयों/चोरों /हरामजादों के बारे में भी सच कभी नहीं बोलना
आखिर उनकी भी आस्था है उनको भी ठेस पहुँचती है
कविता या साहित्य की बात भी यहाँ नहीं करना
क्योंकि हराम की दारू पी कर जो कवि रात को फुफकारता है
---"आसमान को शोलों से सुलगा दूंगा"
सुबह तक बीडी से आपकी रजाई सुलागा चुका होता है.
संपादकों/ पत्रकारों का समाचारों के अतिरिक्त जो बहिरउत्पाद है
वही तो उनकी समृद्धि का समाज शास्त्र है
वीर सिंघवी, बरखा दत्त, राजीव शुक्ला या दीपक चौरसिया जैसों की बात मत करना
क्योंकि सत्य से उनकी निष्ठा ने बहुत पहले ही अलविदा कह दिया था
दलाल शिरोमणि प्रभु चावला की बात भी मत करना
क्योंकि "सच के साथ उन्होंने गुजारे हैं चालीस साल"
जिससे सच तो गुजर गया और इनका गुजारा चल गया,
फेसबुक हो, ट्विटर,ऑरकुट
या कोइ सोसल साईट चिरकुट --इन पर भी सच मत बोलना
यहाँ एक स्वयम्भू सम्पादकनुमा एडमिन होता है खेत के बिजूके जैसा
उसे कविता की न भाषा ही पता है और न परिभाषा
यहाँ सच न बोलना इससे किसी न किसी की आस्था को ठेस पहुँचती ही है
आओ साहित्य लिखें बेतुकी बातों को तुक में पिरोयें
पर प्रेमिका की बात मत करना
इससे उस प्रेमिका के परिजनों की आस्था को ठेस पहुँचती है
आओ हम सब मिलकर सच की आस्था को ठेस पहुंचाएं
और कविता गुनगुनाएं." -----राजीव चतुर्वेदी

शाम का वक्त है शाख़ों को हिलाता क्यों है ?

शाम का वक्त है शाख़ों को हिलाता क्यों है ?
तू थके मांदे परिन्दों को उड़ाता क्यों है ?

वक्त को कौन भला रोक सका है पगले ,
सूइयां घड़ियों की तू पीछे घुमाता क्यों है ?

स्वाद कैसा है पसीने का , ये मज़दूर से पूछ
छांव में बैठ के अंदाज लगाता क्यों है ?

मुझको सीने से लगाने में है तौहीन अगर
दोस्ती के लिए फिर हाथ बढ़ाता क्यों है ?

प्यार के रूप हैं सब , त्याग तपस्या पूजा
इनमें अंतर का कोई प्रश्न उठाता क्यों है ?

मुस्कुराना है मेरे होंठों की आदत में शुमार
इसका मतलब मेरे सुख दुख से लगाता क्यों है ?

देखना चैन से सोना न कभी होगा नसीब
ख़्वाब की तू कोई तस्वीर बनाता क्यों है ?

..................................................कृष्ण कुमार ‘नाज़’

ये गांव है बेहद अनोखा यहां विजयदशमी पर नहीं अब होता है रावण दहन


 

जयपुर/किशनगढ़-रेनवाल। नांदरी गांव में सोमवार को रावण के पुतले का दहन किया गया। इस दौरान लगे मेले में विधायक निर्मल कुमावत, दशहरा मेला कमेटी अध्यक्ष सुखदेव प्रसाद बागड़ा, केशरसिंह शेखावत, नंदकिशोर शर्मा सहित आसपास के क्षेत्र के लोग शामिल हुए।
 
 
सैकड़ों वर्षो से नांदरी गांव में वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की दशमी को नृसिंह लीला का आयोजन होता है। इसी दौरान रावण के पुतले का दहन किया जाता है। इस परंपरा को निभाते हुए सोमवार शाम करीब 7 बजे आतिशबाजी के साथ रावण के 20 फीट ऊंचे पुतले का दहन किया गया। दहन से पहले पुतले पर रखी रंगीन पानी से भरी मटकी को बंदूक की गोली मारकर फोड़ा गया।

फेसबुक पर आया लिंक कर सकता है आपका कंप्यूटर हैक, जानें इससे बचने के उपाय


जयपुर। बढ़ते सोशल नेटवर्क ने जहां एक ओर कम्युनिकेशन को बढ़ाया है, वहीं इन्हीं सोशल साइट्स के जरिए हैकर्स के द्वारा इंटरनेट यूजर्स के कंप्यूटर्स हैकिंग में भी इजाफा हुआ है। इसी तरह की मुश्किलों का बीते दिनों से जयपुराइट्स को भी सामना करना पड़ रहा है।
 
हैकर्स द्वारा शहर के फेसबुक यूजर्स को अनजान ट्रोजन हॉर्स लिंक भेजे जा रहे हैं। इन पर क्लिक करने वाले के पीसी से जुड़ी पूरी जानकारी डायवर्ट होकर अनजान हैकर्स तक पहुंच रही हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो अब तक शहर के 10 हजार से ज्यादा इंटरनेट यूजर्स के कंप्यूटर्स को फेसबुक पर भेजे गए लिंक के जरिए हैक करने की बात सामने आई है।  
 
केस-1
वैशाली नगर निवासी अनुराग शर्मा के फेसबुक अकाउंट पर बीते दिनों उन्हीं के फ्रेंड के एकाउंट से लिंक पोस्ट हुआ। उन्होंने उसे सॉन्ग फाइल समझकर क्लिक कर दिया। वो लिंक तो खुला नहीं, लेकिन थोड़े दिनों बाद लैपटॉप में वायरस और हैंग प्रॉब्लम आने लगी। उन्होंने लैपटॉप आईटी एक्सपर्ट से चेक करवाया तो पता चला कि वह पूरी तरह से हैक किया जा रहा था। उन्होंने तुरंत लैपटॉप फॉरमेट करवाया और जो भी जरूरी जानकारियां लैपटॉप में थीं, उनके आईडी पासवर्ड चेंज किए।  
 
 
केस-2
ऐसा ही कुछ बापू नगर निवासी सिद्धार्थ सिंह के साथ हुआ। उन्होंने पिछले मंगलवार को फेसबुक पर फ्रेंड द्वारा भेजे गए लिंक पर क्लिक किया तो उनके लैपटॉप में 1 घंटे बाद वहीं समस्या आने लगी, जो अनुराग के साथ थी। उन्होंने लैपटॉप तुरंत अपने छोटे भाई और आईटी एक्सपर्ट समर्थ से चेक करवाया तो पता चला कि उनका लैपटॉप भी उस लिंक के जरिए हैक किया जा रहा था।

ऐसे हो रहा है कंप्यूटर हैक  
 
फेसबुक यूजर के अकाउंट पर किसी ट्रोजन हॉर्स के अनजान लिंक के पोस्ट होने पर यूजर्स गलती से लिंक पर क्लिक कर देते हैं, क्योंकि वह लिंक स्टार्ट फेसबुक के नाम से होता है। यूजर को लगता है कि वो फेसबुक की ही कोई फाइल है इसलिए वह उस पर क्लिक कर देता है। वेब सिक्योरिटी एक्सपर्ट गजराज सिंह कच्छावा कहते हैं, लिंक पर क्लिक करने के तुरंत बाद तो कुछ ओपन नहीं होता, लेकिन बैकग्राउंड में उस लिंक की फाइल ऑटो रन होकर एग्जीक्यूट हो जाती है। ऐसे में यूजर्स को पता ही नहीं चलता और उनका पीसी हैक हो जाता है। 

आदिवासी विधायक को राज्यपाल के स्वागत में जाने से रोका



जयपुर /आबू रोड। राज्यपाल मारग्रेट आल्वा के स्वागत के लिए सोमवार को आबू रोड स्टेशन पर गईं कांग्रेस विधायक और सिरोही जिलाध्यक्ष गंगाबेन गरासिया की गाड़ी रोकने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। विधायक ने पुलिसकर्मियों और प्रशासन पर र्दुव्‍यवहार करने, उनकी गाड़ी को रोकने और राज्यपाल से मिलने से रोकने का आरोप लगाया है।
 
घटना के बाद गंगाबेन राज्यपाल का स्वागत किए बिना ही स्टेशन से लौट गईं। उन्होंने बाद में ऐट होम का भी बायकाट किया। सूत्रों के अनुसार प्रशासन को आशंका थी कि गंगाबेन राज्यपाल को आदिवासी मामलों में शिकायतें करने वाली हैं। 
घटनाक्रम से क्षुब्ध गंगाबेन ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिख पुलिस व प्रशासन पर आए दिन जनप्रतिनिधियों का अपमान करने का आरोप लगाते हुए शिकायत की है।
 
कार्रवाई न होने की सूरत में उन्होंने जिला कांग्रेस  के सभी पदाधिकारियों के साथ इस्तीफा देने और आइंदा वीवीआईपी के कार्यक्रम में शामिल नहीं होने की चेतावनी दी है। इस प्रकरण में मंगलवार को डीसीसी की आपात बैठक भी बुलाई गई है। 
 
 
ऐसी घटना कांग्रेस के लिए शर्म की बात 
मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में गंगाबेन ने कहा है कि पहले तो रेलवे स्टेशन के बाहर विधायक की गाड़ी को रोका गया जबकि दूसरे लोगों की गाड़ियां बेरोकटोक जा रही थीं। इसके बाद प्लेटफार्म पर पुलिसकर्मियों ने अंदर जाने से रोका और अभद्र व्यवहार किया। शिकायत के बावजूद संबंधित पुलिसवालों पर कोई कार्रवाई नहीं की। ऐसी स्थिति में विधायक को राज्यपाल से बिना मिले जाना पड़ा, उस समय प्लेटफार्म पर कई भाजपा पदाधिकारी और पार्षद मौजूद थे, कांग्रेस के लिए यह शर्मनाक है। पुलिस और जिला प्रशासन द्वारा कांग्रेस विधायक व जनप्रतिनिधियों के साथ अभद्र व्यवहार करना आम बात हो गई है।
 
 
हां, मैने सीएम को पत्र लिखा है
इस सबंध में विधायक गंगाबेन गरासिया का कहना है कि राज्यपाल से मिलने जाने से पुलिसवालों ने रोका, गाड़ी भी रोकी। मैंने मुख्यमंत्री को पूरे मामले के बारे में पत्र लिख दिया है।
 
राज्यपाल अल्वा पहुंची माउंट आबू 
राज्यपाल मारग्रेट अल्वा सोमवार सुबह आबूपर्वत के राजभवन में पहुंचीं। अल्वा के साथ उनके पति निरंजन अल्वा भी गए हैं। राज्यपाल अल्वा सोमवार को अलसुबह आश्रम एक्सप्रेस से जयपुर से आबूरोड पहुंची। आबूरोड पर राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया। आबूरोड रेलवे स्टेशन पर राजस्थान विधानसभा में उप मुख्य सचेतक रतन देवासी, जनप्रतिनिधिगण, जिला कलेक्टर एम. एस. काला, पुलिस अधीक्षक लवली कटियार ने राज्यपाल की अगवानी की। 
 
राज्यपाल आबूरोड स्टेशन पर आए जनप्रतिनिधियों और गणमान्य नागरिकों से भी मिली। माउंट आबू राजभवन पहुंचने पर राज्यपाल आल्वा का माउंट आबू के प्रशासनिक अधिकारियों और राजभवन के अधिकारियों ने स्वागत किया। माउंट आबू राजभवन में राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर पेश किया गया। आल्वा राजभवन में आबूपर्वत के जनप्रतिनिधिगण और गणमान्य नागरिकों से मुलाकात की।  
 
राज्यपाल से सहाय की भेंट : राज्यपाल मारग्रेट आल्वा से सोमवार को आबू पर्वत स्थित राजभवन में सी.आर.पी.एफ. के महानिदेशक प्रवीण सहाय ने शिष्टाचार भेंट की।

कुरान का सन्देश

एसबीसी आरक्षण मामला : गुर्जरों का 27 मई को चारों ओर से होगा जयपुर कूच



जयपुर। एसबीसी का 5 प्रतिशत आरक्षण लागू करने की मांग को लेकर गुर्जर, रैबारी, बंजारा, गाडिया लुहार आदि समाजों के लोग 27 मई को जयपुर कूच करेंगे। ये लोग आगरा रोड पर सिकंदरा, दिल्ली रोड पर शाहपुरा के पास अलवर तिराहा, अजमेर रोड पर दूदू और कोटा रोड पर निवाई से पैदल ही जयपुर के लिए कूच करेंगे। जयपुर पहुंचने के बाद ये लोग अनिश्चितकालीन पड़ाव शुरू कर देंगे।
गुर्जर एसबीसी आरक्षण संयुक्त संचालन समिति ने कहा है कि हालांकि उनका आंदोलन पूरी तरह शांति पूर्ण रहेगा, परंतु किन्हीं कारणों से अशांति हुई तो उसके लिए सरकार ही जिम्मेदार होगी। पूर्व विधायक अतर सिंह भड़ाना ने इस संबंध में सोमवार को मीडिया को बताया कि आरक्षण के मसले पर समाज के लोगों को जागृत करने के लिए 31 अप्रैल से ही प्रदेशभर में आरक्षण विजय संकल्प यात्रा निकाली जा रही है। चारभुजाजी से शुरू हुई यह यात्रा अब तक 72 विधानसभा क्षेत्रों का सफर तय कर चुकी है।
भड़ाना ने कहा कि गुर्जरों की असली मांग तो एसटी में आरक्षण देने की थी।तत्कालीन भाजपा सरकार ने उन्हें एसटी के लायक भी माना था। बाद में उन्हें एसटी के बजाय अति पिछड़ा मानते हुए एसबीसी में आरक्षण देने की बात की गई। तमाम रिपोर्टें आने और विधानसभा में विधेयक पारित होने के बावजूद उन्हें एसबीसी का आरक्षण नहीं दिया जा रहा है। गहलोत सरकार कोर्ट के नाम पर एसबीसी की जातियों को गुमराह कर रही है।
फिर 29 मई को दिल्ली कूच :
भड़ाना ने बताया कि जयपुर कूच के बाद अगर 28 मई तक सरकार उनके आरक्षण की व्यवस्था नहीं कर सकी तो 29 मई को गुर्जर और अन्य समाजों के लोग दिल्ली कूच करेंगे। दिल्ली कूच में एनसीआर और आसपास के लोग सम्मिलित होंगे।
ओबीसी का वर्गीकरण ही रास्ता :
भड़ाना ने कहा कि एसबीसी को 5 प्रतिशत आरक्षण देने के दो रास्ते हैं। पहला यह कि उनका ओबीसी में 8 प्रतिशत आरक्षण बनता है।इसमें से 4 प्रतिशत अलग करते हुए एसबीसी में दे दिया जाए, 1 प्रतिशत पहले से ही मिला हुआ है। दूसरा रास्ता यह है कि सरकार अगर 50 प्रतिशत की सीमा से बाहर जाकर आरक्षण देना चाहती है तो उसे संविधान की 9वीं अनुसूची में सम्मिलित करवाए।

सेना के लिए खतरा बना सेक्‍स, बिन शादी के ही लड़कियों को मां बना रहे अमेरिकी


वाशिंगटन. बेरोजगारों से जूझ रहे अमेरि‍का की मुसीबत कम नहीं होने वाली। एक तरफ हथि‍यारों और युद्ध का बेतहाशा खर्च उसकी स्‍थि‍ति को लगातार डांवाडोल कि‍ए हुए है, वहीं एक रि‍पोर्ट में दावा कि‍या गया है कि 13 से 20 फीसदी अमेरि‍की बच्‍चे कई तरह के दि‍मागी समस्‍या से ग्रस्‍त हैं। इसका नतीजा भी सामने आ रहा है और आए दि‍न अमेरि‍का के कि‍सी न कि‍सी स्‍कूल में फायरिंग हो रही है। 
 
हाल ही में हुए एक शोध में पाया गया है कि अमेरि‍का में 80 लाख से भी ज्‍यादा बच्‍चे तरह तरह की दि‍मागी बीमारि‍यों से ग्रस्‍त हैं। अमेरि‍का के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (सीडीसी) द्वारा जारी इस रि‍पोर्ट में बताया गया है कि फि‍लवक्‍त जो बच्‍चे दि‍मागी बीमारि‍यों से गुजर रहे हैं, उनमें से आधे से भी कम बच्‍चों को सही इलाज मि‍ल पा रहा है। सीडीसी ने मेंटल डि‍सऑर्डर्स को लेकर 2005 से लेकर 2011 तक कई सारे शोध कि‍ए।
 
शोध के मुताबि‍क अमेरि‍का में हर साल 247 बि‍लि‍यन डॉलर बच्‍चों के मानसि‍क स्‍वास्‍थ्‍य पर खर्च करता है। शोध बताता है कि इतना धन खर्च होने के बावजूद सरकारी तंत्र बच्‍चों की मदद करने में फेल साबि‍त हुआ है। इसके मुताबि‍क 42 लाख बच्‍चे हाइपर एक्‍टि‍वि‍टी डि‍सऑर्डर से ग्रस्‍त हैं। 22 लाख बच्‍चे व्‍यवहार और कंडक्‍ट प्रॉब्‍लम और 18 लाख बच्‍चे एंग्‍जॉयटी से ग्रस्‍त हैं। 13 लाख बच्‍चे डि‍प्रेशन से गुजर रहे हैं। 
 
शोध यह भी बताता है कि अमेरि‍का में रहने वाले लाखों कि‍शोर मादक पदार्थों का सेवन करते हैं। 12 लाख कि‍शोर नशे की दवाइयों के साइड इफेक्‍ट से उपजे डि‍सऑर्डर से ग्रस्‍त हैं। 10 लाख कि‍शोर शराब से उपजे डि‍सऑर्डर से परेशान हैं तो तकरीबन सात लाख कि‍शोरों ने सि‍गरेट पीकर अपने दि‍माग का सत्‍यानाश कर लि‍या है। तकरीबन एक लाख कि‍शोर ऐसे हैं जि‍न्‍हें टॉरेट सिंड्रोम है तो पौने सात लाख कि‍शोर ऑटि‍ज्‍म स्‍पेक्‍ट्रेम डि‍सऑर्डर से गुजर रहे हैं।
 
रि‍सर्च करने वाली टीम ने यह भी पाया कि बच्‍चों और कि‍शोरों में दि‍मागी परेशानि‍यां पि‍छले दो दशक से बढ़ी हैं। इन परेशानि‍यों में बायपोलर डि‍सऑर्डर, ऑटि‍ज्‍म स्‍पेक्‍ट्रम डि‍सऑर्डर ज्‍यादा है। कि‍शोरों में समस्‍याएं नशाखोरी करने की वजह से बढ़ी हैं। लड़कों में व्‍यवहार संबंधी परेशानि‍यां, ऑटि‍ज्‍म स्‍पेक्‍ट्रम डि‍सऑर्डर ज्‍यादा पाया गया तो लड़कि‍यों में शराब पीने के बाद हुई गाली गलौज से उपजा डि‍प्रेशन ज्‍यादा पाया गया। 
 

धीरूभाई अंबानी ने अमेरिका से मांगी थी नवाज शरीफ की जान की भीख'



बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने दावा किया है कि दिवंगत धीरूभाई अंबानी ने पाकिस्तान में गद्दी संभाल रहे नवाज शरीफ की जान बचाई थी। गडकरी के मुताबिक दोनों एक-दूसरे के बहुत अच्छे दोस्त थे। यही नहीं शरीफ को मुशर्रफ के कहर से बचाने के लिए धीरूभाई ने क्लिंटन से गुहार लगाई थी। गडकरी ने सोमवार को नागपुर में एक कार्यक्रम में यह दावा किया। उन्होंने कहा कि तब भारत में एनडीए की सरकार थी और अटल बिहारी देश के पीएम थे। धीरू भाई अंबानी और नवाज शरीफ के रिश्ते के बारे में किसी भी वरिष्ठ राजनेता की ओर से किया गया यह पहला दावा है। गडकरी ने यह दावा पत्रकार एमजे अकबर की किताब 'द शेड ऑप स्वोर्ड्स' के अनुवाद 'तलवारिनचया छायेत' के लांच के मौके पर किया। 
 
पाकिस्तान में 1999 में नवाज शरीफ को गद्दी से हटाकर परवेज मुशर्रफ के सत्ता में आने से धीरूभाई अंबानी भी चिंतित हो गए थे। गडकरी का दावा है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज के तत्कालीन चेयरमैन धीरूभाई अंबानी ने अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिटंन से कहा था कि नवाज एक अपना इंसान है और मेरा अच्छा दोस्त है। गडकरी ने कहा कि बिल मार्च 2000 में भारत के दौरे पर थे। क्लिंटन और उनके दल का मुंबई में स्टॉक एक्सचेंज में एक कार्यक्रम था। इसमें गडकरी महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता के तौर पर मौजूद थे। 
 
गडकरी का कहना है कि कार्यक्रम शुरू होने से पहले धीरूभाई ने क्लिंटन से मुलाकात की थी और उनसे अपने दोस्त को बचा लेने की प्रार्थना की थी। धीरूभाई का मानना था कि क्लिंटन और मुशर्रफ के संबंध काफी अच्छे हैं और अगर वह कहेंगे तो नवाज शरीफ को जान का खतरा नहीं रहेगा। अंबानी को डर था कि मुशर्रफ उनके दोस्त शरीफ से उसी तरह छुटकारा न पा लें जैसे जिया उल हक ने जुल्फिकार अली भुट्टो से पाया था। इसलिए अंबानी ने क्लिंटन से कहा था कि शरीफ एक आम हिंदुस्तानी की तरह ही अच्छा इंसान है क्योंकि बंटवारे से पहले दोनों देश एक ही थे। गडकरी का कहना है कि इस मौके पर उनके दोनों बेटे मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी भी मौजूद थे। 
 
गडकरी ने कहा कि इसके बाद क्लिंटन पाकिस्तान के दौरे पर गए। वहां जाकर उन्होंने शरीफ की जान बचाने के लिए मुशर्रफ से कहा। गडकरी का कहना था कि इसके बाद क्लिटंन ने धीरूभाई को बताया कि अब उनका दोस्त सुरक्षित है। इसके बाद ही शरीफ पाकिस्तान से निकल कर सऊदी अरब में शरण ले सके।

याजूज माजूज और उनका ख़ुरूज



क़ियामते सुग़रा यानी ज़हूरे आले मुहम्मद और क़ियामते कुबरा के दरमियान दज्जाल के बाद याजूज और माजूज का ख़रूज होगा। यह सद्दे सिकन्दरी से निकल कर सारे आलम में फ़ैल जायेंगे और दुनिया के अमनो अमान को तबाह व बरबाद कर देने की पूरी कोशिश करेंगे।
याजूज व माजूज हज़रत नूह अलैहिस्सलाम के बेटे याफ़िस की औलाद से हैं। यह दोनों चार सौ क़बीलों और उम्मतों के सरदार हैं। उनकी कसरत का कोई अंदाज़ा नही लगाया जासकता है। मख़लूक़ात में फ़रिश्तों के बाद उन्हें कसरत दी गई है। उनमें कोई भी ऐसा नही है जिसके एक हज़ार औलाद न हों। यानी वह उस वक़्त तक नही मरते जब तक एक हज़ार औलाद पैदा न करलें। यह लोग तीन क़िस्म के हैं। एक वह जो ताड़ से ज़्यादा लम्बे हैं। दूसरे वह जिनकी लम्बाई व चौड़ाई बराबर है यानी उनकी मिसाल हाथी से दी जा सकती है। तीसरे वह जो अपना एक कान बिछाते व दूसरा ओढ़ते हैं। उनके सामने लोहा, पत्थर और पहाड़ तो कोई चीज़ ही नही है। यह हज़रत नूह अलैहिस्सलाम के ज़माने में दुनिया के आख़िर में उस जगह पैदा हुए थे जहाँ सबसे पहले सूरज निकला था। ज़माना -ए- फ़तरत से पहले यह लोग अपनी जगह से निकलते थे और अपने क़रीब की सारी दुनिया को खा पी जाते थे। यानी हाथी, घोड़ा, ऊँट इंसान, जानवर, खेती बाड़ी जो भी सामने आजाता था सबको हज़म कर जाते थे। वहाँ के लोग उनसे बहुत तंग थे। ज़मान – ए- फ़तरत में हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम के बाद जब ज़ुल क़रनैन उस जगह पहुँचे और उन्हें वहाँ का वाक़िया मालूम हुआ और वहाँ की मख़लूक़ ने उनसे अर्ज़ किया कि हमें इस मुसीबत, याजूज माजूज से बचाईये तो उन्होंने दो पहाड़ों के उस दरमियानी रास्ते को, जिससे वह आते जाते थे, अल्लाह के हुक्म से लोहे की दीवार से बंद कर दिया था। यह दीवार 200 गज़ ऊँची और 50 या 60 गज़ चौड़ी है। इसी दीवार को सद्दे सिकन्दरी कहते हैं। क्योँकि ज़ुल क़रनैन का असली नाम सिकन्दर था। सद्दे सिकन्दरी के बन जाने के बाद उनकी ख़ुराक साँप क़रार दी गई, जो आसमान से बरसते हैं। यह क़ौम इमाम अलैहिस्सलाम के ज़हूर तक वहीं पर बंद रहेगी। उनका असूल व तरीक़ा यह है कि वह लोग पूरी रात सद्दे सिकन्दरी को चाट कर काटते हैं। जब सुबह होती है और उनके ज़िस्मों को धूप लगती है तो हट जाते हैं। फिर दूसरी रात कटी हुई दीवार भी पुर हो जाती है और वह फिर उसे काटने में लग जाते हैं। यह लोग इमाम अलैहिस्सलाम के ज़माने में ख़ुरूज करेंगे दीवार कट जायेगी और यह निकल पड़ेंगे। उस वक़्त हालत यह होगी कि यह सब लोग पूरी दुनिया में फैल जायेंगे और निज़ाम को दरहम बरहम करना शुरू कर देंगे। लाख़ों लोग मारे जायेंगे और दुनिया की खाने पीने की कोई चीज़ ऐसी बाक़ी न रहेगी जिस पर यह तसर्रुफ़ न करलें। यह लोग बला के जंग जू होंगे और दुनिया को मार कर खा जायेंगे। यह लोग आसमान पर तीर फ़ेंक कर आसमानी मख़लूक़ को मारने का होंसला करेंगे। जब उधर से अल्लाह के हुक्म से खूँन लगा तीर वापस आयेगा तो यह बहुत खुश होंगे और आपस में कहेंगे कि अब हमारा इक़्तेदार ज़मीन से बलंद हो कर आसमान तक पहुंच गया है। इसी दौरान हज़रत इमाम महदी अलैहिस्सलाम की बरकत और हज़रत ईसा अलैहिस्सलाम की दुआ से अल्लाह एक बीमारी भेजेगा जिसको अरबी में नग़फ़ कहते हैं। यह बीमारी नाक से शुरू हो कर ताऊन की तरह एक ही रात में उन सबका काम तमाम कर देगी। उनके मरने के बाद उनके मुरदा जिस्मों को खाने के लिए उनक़ा नामी परिन्दा पैदा होगा जो ज़मीन से उनकी ग़ंदगी को साफ़ कर देगा।
( तफ़सीरे साफ़ी सफ़ा 278 व मिशकात सफ़ा 366 सही मुसलिम व सही तिमीज़ी व इरशाद उत तालेबीन सफ़ा 398 व ग़ायत उल मक़सूद जिल्द न.2 सफ़डा 765 व मजमा उल बहरैन सफ़ा 466 व क़ियामत नामा सफ़ा 8)

जी , मैं खुश हूँ . आपने सही सुना , कि मैं खुश हूँ .

जी , मैं खुश हूँ .
आपने सही सुना , कि मैं खुश हूँ .

शायद आज किसी को रोते नहीं देखा ,
नंगे बदन फ़ुटपॉथ पर सोते नहीं देखा ,
शायद रिश्तों की कालिख छुपी रही आज,
तो किसी को टूटी माला पिरोते नहीं देखा.

आज भी भगवान को किसी की सुनते नहीं देखा,
पर हाँ, आज किसी के सपनों को लुटते नहीं देखा,
तन्हा नहीं देखा , किसी को परेशान नहीं देखा,
पाई पाई को मोहताज, सपनों को घुटते नहीं देखा.

बैचैनी नहीं दिखी, कहीं मायुसी नजर ना आयी ,
कहीं कुछ गलत होने की भी कोई खबर ना आयी,
सब कुछ आज वाकई इतना सही क्यों था आखिर,
कि दर्द ढूंढती मेरी निगाहें कहीं पे ठहर ना पायी .

मैं खुश हूं वाकई, पर कुछ हो जाने से नहीं
कुछ ना हो पाने से खुश हूँ कुछ पाने से नहीं
किसी के जाने से खुश हूँ, किसी के आने से नहीं
किसी के रूठ जाने से, किसी के मनाने से नहीं

पर ये खुशी की खनक मेरे आस पास ही थी,
कई अनदेखी आँखें आज भी उदास ही थी,
मैनें कुछ नहीं देखा, का मतलब खुशहाली तो नहीं
मेरे अकेले की खुशी, एक अधूरा अहसास ही थी..

वो दिन आयेगा शायद, जब हर कोई खुशी देख सकेगा,
बिन आँसू और गमो के जब हर कोई रह सकेगा.
खुशी सही मायनों में वो होगी तब,
"मैं खुश हूँ" ... जिस दिन हर इन्सान ये कह सकेगा..

चाचा ने आबरू से खेलने के बाद बनाई अश्लील क्लिपिंग, ब्लैकमेल कर बुझाता रहा हवस की प्यास



जयपुर। रिश्तों को शर्मसार करने की घटनाएं रूकने का नाम ही नहीं ले रही। जयपुर में गुरुवार को ऐसा ही एक और मामला सामने आया जिसमें चाचा अपनी ही भतीजी की अश्लील क्लिपिंग बनाकर उससे तीन साल तक यौन शोषण करता रहा। इतना ही नहीं युवती की शादी के बाद भी चाचा ने उसे ब्लैकमेल करना नहीं छोड़ा और जबरन संबंध बनाता रहा। आखिरकार लड़की ने हिम्मत कर इस घटना की शिकायत पुलिस और परिवारजनों को कर दी। इस संबंध में गांधीनगर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।पुलिस के अनुसार गांधी नगर थाना इलाके में झालाना क्षेत्र में रहने वाली एक युवती ने अपने ही चाचा पर बलात्कार का मामला दर्ज करवाया है।
युवती के अनुसार अश्लील क्लिपिंग सार्वजनिक करने का भय दिखा कर सगा चाचा उससे तीन साल तक यौन शोषण करता रहा। युवती ने पुलिस को जानकारी दी कि उसके सगे चाचा कमल कुमार ने तीन साल पहले 2010 में उसे घर में टीवी देखने के बहाने बुलाया। इस दौरान उससे दुष्कर्म किया और अश्लील क्लिपिंग बना ली। इसके बाद से आरोपी क्लिपिंग को सार्वजनिक करने की धमकी देकर लगातार उसका यौन शोषण करता रहा। विरोध करने पर जान से मारने की धमकी भी दी।

आपको गुमराह करेंगी वसुंधरा, बातों में मत आ जाना: गहलोत


 
डूंगरपुर/सिमलवाड़ा। भाजपा की नेता वसुंधरा राजे आपको गुमराह करेंगी। उनकी बातों में मत आ जाना। आने वाले चुनावों में वोट कांग्रेस को ही देना है। वे झूठे वादे करने में माहिर हैं। फैसला आपको करना है। कांग्रेस संदेश यात्रा के सातवें चरण के दूसरे दिन डूंगरपुर में जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने ये बातें कहीं। उन्होंने कहा कि उनके पास कहने को कुछ नहीं। गिनाने को न काम हैं न वादे। हमारे पास काम हैं, योजनाएं हैं। इन योजनाओं का लाभ उठाओ और कांग्रेस को वोट दो। हम आगे भी ऐसी योजनाएं लाएंगे।

वहीं प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. चंद्रभान ने कहा कि यदि प्रदेश में विकास नहीं हो रहा तो उनको जनआंदोलन चलाना चाहिए। अब कि बार आपको ध्यान रखना है। कांग्रेस ने ही देश को आजादी दिलाई। यह पहली सरकार है जिसने गरीबों से लेकर हर वर्ग के लिए योजनाएं दी हैं और आगे भी देगी। ऐसे में आपको हर हाल में उनसे दूरी बनाए रखनी होगी। कांग्रेस की नीतियों ने राज्य को प्रगति की राह पर ला दिया है और उन्होंने केवल भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नहीं किया।

शिक्षकों ने सिविल लाइंस फाटक पर किया सरकार के खिलाफ प्रदर्शन



जयपुर। मदरसा पैराटीचरों के नियमितिकरण और उर्दू के शिक्षकों की भर्ती की मांग को लेकर सोमवार को राजस्थान उर्दू शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षकों ने सिविल लाइंस फाटक पर प्रदर्शन किया।इस दौरान उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। साथ ही मदरसा बोर्ड में अनियमितताओं के मामले को लेकर बोर्ड अध्यक्ष मौलाना फजले हक का पुतला फूंका।


प्रदर्शन के दौरान संघ के अध्यक्ष अमीन कायमखानी ने कहा कि राज्य सरकार ने वाहवाही लूटने के लिए अल्पसंख्यकों के लिए कई प्रकार की घोषणाएं तक कर दी। लेकिन इनका लाभ नहीं मिल पा रहा है। मदरसा पैराटीचर कई दिनों से नियमित करने की मांग कर रहे हैं। लेकिन अभी तक इस दिशा में कुछ नहीं हुआ। उर्दू शिक्षकों की भर्ती नहीं होने से उर्दू माध्यम के बच्चों को सामान्य शिक्षक पढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने मांग नहीं मानी तो आंदोलन को तेज किया जाएगा। शिक्षक यहां से नारेबाजी करते हुए सहकार भवन पहुंचे।यहां भी उन्होंने प्रदर्शन किया।

नाबालिग लड़की से एक भाई ने की शादी, तो दूसरे ने मनाई सुहागरात


कन्नौज. बीते 11 मई को एक दलित नाबालिग लड़की का दो सगे भाइयों ने जिले के गोवा गांव से अपहरण कर लिया और उसे हरदोई ले गए। यहां एक भाई ने उसके साथ जबदस्ती शादी की, तो दूसरे भाई ने पीड़िता के साथ सुहागरात मनाई। उसके बाद दोनों भाई नौ दिनों तक उस पीड़ित लड़की का बलात्कार करते रहे। किसी तरह आरोपियों तक पहुंची पीडिता की मां ने पुलिस की मदद से अपनी बेटी को उन दरिंदो की चंगुल से छुड़ाया। उधर पुलिस एक आरोपी को हिरासत में लेकर दूसरे की तलाश में जुट गयी है। 

जानकारी के मुताबिक, कन्नौज जिले के तालग्राम थाना क्षेत्र के गोवा गांव की रहने वाली रीना (बदला हुआ नाम) दवा लेने के लिए अपने घर से निकली थी। रास्ते में उसे अगवा करके हरदोई ले जाया गया। पीड़िता के मुताबिक, वह 11 मई की सुबह गुरसहाय सरकारी अस्पताल अपना दवा लेने के लिए घर से निकली थी। रास्ते में बबलू नाम के युवक ने उसे गुरसहाय अस्पताल छोड़ने की बात कह उसे जबरदस्ती अपने ट्रक में बैठा लिया। पीडिता के शोर मचाने पर बबलू ने उसे बेहोश कर दिया। उसे लेकर हरदोई जनपद आ गया।

13 बीवियों से 27 बच्‍चे पैदा करने वाले राजा की 22 साल की लड़की पर पड़ी बुरी नजर


लंदन. दक्षिण अमेरीकी देश स्‍वाजीलैंड के राजा मस्‍वाती (थर्ड) की 14वीं रानी बनने से इनकार करते हुए एक 22 वर्षीय लड़की ने ब्रिटेन से शरण मांगी है। स्‍वाजी राजा की पहले से 13 पत्‍नियां हैं। महिला तिनत्‍सवालो नगोबेन को उस वक्‍त भागकर ब्रिटेन जाने पर मजबूर होना पड़ा जब उस पर अरबपति निरंकुश राजा की बुरी नजर पड़ी। इस राजा को उसकी ऐश ओ आराम वाली जिंदगी के लिए जाना जाता है।
 
स्‍वाजीलैंड के रीति रिवाजों के मुताबिक 45 वर्षीय राजा को हर साल अपने लिए नर्इ रानी चुनने का अधिकार है। यह राजा अभी 27 बच्‍चों का पिता है। पिछले वर्ष इस राजा की छठी पत्‍नी उसे छोड्कर भाग गई थी। उसने अपने पति पर वर्षों तक भावनात्‍मक और शारीरिक रूप से प्रताड्ति करने का आरोप लगाया था। बर्मिंघम में रहने वाली नगोबेनी जब केवल 15 साल की थी, तब राजा की उस पर नजर पड़ी। राजा ने अपनी चौ‍थी पत्‍नी के महल में उसे देखा था। नगोबेनी का कहना है कि जब राजा की उससे शादी करने की नीयत के बारे में पता चला तो वह घबरा गई। 
 
बतातें चलें कि राजा की काली नजर पड़ने से पहले नगोबेनी एक निजी बोर्डिंग स्‍कूल में पढ़ाई कर रही थी। लेकि‍न जब राजा ने अपनी हरकतें शुरू कीं तो वह बोर्डिंग स्‍कूल की अपनी सहज जिंदगी छोड्ने पर मजबूर हो गई और उसे वहां से फरार होना पड़ा। नगोबेनी का कहना है कि भागने के अलावा उसके पास कोई वि‍कल्‍प ही नहीं बचा था। कोई भी राजा के आदेश को मानने से इनकार करने की हिम्‍मत नहीं दिखा सकता। युवती ने कहा, 'वह मुझे बोर्डिंग स्‍कूल में कॉल करने लगा। वह पूछता था कि क्‍या वह शाही परिवार की सदस्‍य बनना चाहती है। मैं डर से बिल्‍कुल चुप रहती थी लेकिन मुझे पता था कि मैं उससे शादी करना और अपनी जिंदगी राजा को सौंपना नहीं चाहती थी।' नगोबेनी की मां इंग्‍लैंड में रहती थी और बोर्डिंग स्‍कूल में उसकी पढ़ाई के वक्‍त उसकी अंटी मुख्‍य गार्जियन थी। उन्‍होंने ही पांच साल पहले नगोबेनी को बर्मिंघम भाग जाने के लिए व्‍यवस्‍था की। 
 
दरअसल राजा की पत्नियों को सुरक्षाकर्मियों के घेरे में राजमहल में रखा जाता है और जब तक राजा की इजाजत न हो, तब तक वे कहीं नहीं जा सकती। राजा की पत्नियां केवल एक चीज करती हैं। वे साल में एक बार अमेरिका जाती हैं और राजा की ओर से दिए गए शॉपिंग अलाउअंस से वे वहां खरीदारी करती हैं।
 
स्‍वाजीलैंड में विपक्षी दलों पर प्रतिबंध लगा हुआ है और एक्टिविस्‍टों को गिरफ्तार और प्रताडि़त किया जाता है। लेकिन इंग्‍लैंड आने के बाद से नगोबेनी दमनकारी स्‍वाजी व्‍यवस्‍था के खिलाफ मुखर हो गई हैं। नगोबेनी अब जानी-मानी एक्टिविस्‍ट बन गई हैं और वह लंदन में स्‍वाजी दूतावास के बाहर अपने संगठन स्‍वाजी विजिल के साथ अक्‍सर प्रदर्शन करती हैं। उनकी इन गतिविधियों के कारण स्‍वाजी सरकार उनपर हमेशा नजर रख रही है। अब वह मानती है कि पहले की तुलना में उनकी जिंदगी को अब ज्‍यादा खतरा है। 
 
युवती का कहना है कि हाल ही में खबर मिली थी कि उसे पकड़कर स्‍वदेश ले जाने के लिए स्‍वाजीलैंड से लोगों को इंग्‍लैंड भेजा गया है। इससे वह सही मायने में भयभीत है। अगर वह वापस गई तो उसे गिरफ्तार कर लिया जाएगा या फिर राजनीतिक कार्यकर्ताओं की तरह उसे भी प्रताडि़त या फिर मार दिया जाएगा।
 
भय के साये में जी रही नगोबेनी ने पहली बार 2007 में इंग्‍लैंड से राजनीतिक शरण की मांग की थी जिसे 2011 में खारिज कर दिया गया। पिछले माह युवती को गिरफ्तार कर आव्रजन हिरासत केंद्र ले जाया गया, लेकिन बर्मिंघम से लेबर पार्टी के सांसद रोजर गॉडसिफ के हस्‍तक्षेप के बाद उसे रिहा कर दिया गया। 
 
मजेदार बात यह है कि इंग्‍लैंड के राजकुमार विलियम और केट की शादी और पिछली गर्मियों में महारानी के डायमंड जुबली समरोह में यह राजा शाही परिवार का मेहमान रह चुका है। 

फिक्सिंग में निकल रहा कास्टिंग काउच का एंगल, फिल्‍मों में रोल दिलाने के नाम पर श्रीसंथ ने किया मॉडल से सेक्‍स?



नई दि‍ल्‍ली. आईपीएल में स्‍पॉट फिक्सिंग मामले में बॉलीवुड का कास्टिंग काउच का कनेक्‍शन भी सामने आ रहा है। गिरफ्तारी के वक्‍त श्रीसंथ के साथ जहां बॉलीवुड की एक लड़की थी, वहीं अब पता चला है कि बॉलीवुड के एक डायरेक्‍टर ने इस क्रिकेटर को कई खूबसूरत मॉडल्‍स की तस्‍वीरें भेजी थीं। सूत्रों के मुताबिक श्रीसंथ की उभरती मॉडल्स के साथ होटलों में लगातार मुलाकात होती थी। श्रीसंथ का भाई मलयाली फिल्म बना रहा था और पुलिस पता कर रही है कि श्रीसंथ जिन मॉडल और एक्ट्रेस से मिलता था उनका संबंध कहीं कास्टिंग काउच से तो नहीं था। पुलिस को ये भी पता करना है कि श्रीसंथ को मॉडल की तस्‍वीरें किस मकसद से भेजी गई थीं। इस बीच, पुलिस ने अजित चंदीला के एक रि‍श्‍तेदार के घर से बीस लाख रुपये बरामद कि‍ए हैं। माना  जा रहा है कि यह पैसा बुकीज द्वारा पहुंचाया गया। 
 
दि‍ल्‍ली पुलि‍स का कहना है कि श्रीसंथ पूरी रात पार्टी करना चाहता था। 15 मई को ही पार्टी में वह जि‍तनी मुमकि‍न हों, उतनी लड़कि‍यों का साथ चाहता था। उस दि‍न उसने जमकर शराब पी और लड़कि‍यों के लालच में मुंबई के ट्राइडेंट होटल पहुंच गया। वहां पुलि‍स पहले ही जीजू को गि‍रफ्तार कर चुकी थी। जीजू की मदद से ही पुलि‍स ने श्रीसंथ को लालच दि‍या। पुलि‍स के कहने पर जीजू ने ही श्रीसंथ को फोन करके होटल ट्राइडेंट में बुलाया था। जीजू ने फोन पर श्रीसंथ को लड़की से मि‍लवाने का लालच दि‍या था। जीजू के फोन करने के कुछ ही मि‍नट बाद अपनी बाहों में एक लड़की को लेकर श्रीसंथ होटल ट्राइडेंट पहुंच गया। हालांकि जब जीजू ने श्रीसंथ को फोन कि‍या था तो उसने उसे बताया था कि वह घर पर आराम कर रहा है। 
 
दि‍ल्‍ली पुलि‍स की स्‍पेशल सेल के अधि‍कारि‍यों ने यह भी बताया कि जब वह श्रीसंथ को गि‍रफ्तार करने गए, तब श्रीसंथ कार में एक लड़की के साथ थे। श्रीसंथ यह समझ रहे थे कि उन्‍हें कार में लड़की के साथ देखकर पकड़ा गया है। उन्‍होंने पुलि‍स से यह भी कहा कि वो तो केवल एक ग्राहक हैं। जब पुलि‍स उनकी गि‍रफ्तारी के लि‍ए अड़ी रही तो श्रीसंथ ने अधि‍कारि‍यों पर धौंस जमाते हुए अपना मोबाइल अधि‍कारि‍यों की ओर फोन फेंक दि‍या और कहने लगे कि अगर उनके बारे में जानना है तो जाएं, केरल और महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री से बात करें। (
 
उधर, पुलि‍स के हत्‍थे चढ़े बुकी रमेश व्‍यास के मुताबि‍क सट्टेबाजी दाऊद इब्राहि‍म का दूसरा सबसे बड़ा कारोबार है। पाकि‍स्‍तान में उसका सट्टेबाजी का कारोबार छोटानी और नुमान संभालते हैं। भारत में दाऊद का सट्टेबाजी का कारोबार सुनील और देवेंद्र संभालते हैं। इनमें से देवेंद्र मुंबई में रहकर सट्टेबाजी का सारा कारोबार करता है। रमेश व्‍यास का कहना है कि आईपीएल में हुई स्‍पॉट फि‍क्‍सिंग में भी इन्‍हीं चार लोगों का अहम रोल था। वहीं दूसरी तरफ मुंबई पुलि‍स ने ओआरजी और रॉयल्‍टी पब की भी सीसीटीवी फुटेज जब्‍त कर ली है। श्रीसंथ इन्‍हीं दोनों पबों में लड़कि‍यों और सट्टेबाजों से मि‍ले थे। बताया जा रहा है कि इन सीसीटीवी फुटेज से अहम सुराग मि‍लने की संभावना है।
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