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14 जून 2013

उत्तर प्रदेश में फिर पुलिस वाले की हत्या, इस बार एसओ को बनाया निशाना



इलाहाबाद। इलाहाबाद के शंकरगढ़ इलाके में बदमाशों की गाड़ी का पीछा कर रहे बारा थाने के स्टेशन ऑफिसर (एसओ) राजेंद्र प्रसाद द्विवेदी की गोली मरकर हत्या कर दी गयी। दिन दहाड़े पुलिस के सब इन्स्पेक्टर की हत्या से महकमे में हडकंप मच गया।
 
बताया जाता है राजेंद्र प्रसाद द्विवेदी अपनी वैगन-आर कार से बारा थाने से निकल कर जब जसरा पेट्रोल पंप के पास पहुंचे तो उन्हें किसी ने सूचना दी की 30 मई को डॉ. भीमसेन सिंह से लूटी गाडी लेकर कुछ बदमाश उधर से गुजर रहे हैं जिसके बाद आर.पी.द्विवेदी को एक संदिग्ध इंडिगो गाड़ी दिखी।
 
गाड़ी देखते ही बिना यूनिफार्म में आर.पी.द्विवेदी इंडिगो गाड़ी का पीछा करने लगे इस दौरान शंकरगढ़ इलाके के हरयी गांव के पास इलाहाबाद बांदा मार्ग पर बदमाशों ने आर.पी.द्विवेदी की गोली मरकर हत्या कर दी। 
 
महकमे के सब इंस्पेक्टर की हत्या के बाद इलाहाबाद और बांदा जिले की पुलिस ने बॉर्डर सील कर हत्यारों की तलाश शुरू कर दी है। बड़ी संख्या में पुलिस बल को आर.पी.द्विवेदी के हत्यारों की धर पकड़ के लिए लगाया गया है। बताया जाता है की जिस इंडिगो सवार बदमाशों ने सब इन्स्पेक्टर की हत्या की उसके साथ एक और इंडिगो गाडी थी। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में लगी है।

कुवैत में भारतियों पर संकट, कोई पलंग के नीचे तो कोई अलमारी में जा छुपा



डूंगरपुर/जोधपुर। कुवैत में वीजा नियमों के उल्लंघन पर गुरुवार देर रात से एक बार फिर कार्रवाई शुरू हो गई है। इस्तकलाल व शर्क क्षेत्रों में हुई कार्रवाई में 500 भारतीयों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें अधिकतर लोग डूंगरपुर, बांसवाड़ा, सागवाड़ा, गलियाकोट क्षेत्र के है।
 
कुवैत में कार्यरत डूंगरपुर जिले के राजपुर निवासी मुकेश कलाल ने भास्कर को फोन कर बताया कि कुवैत की पुलिस ने भारतीय समयानुसार गुरुवार रात 10.30 बजे धरपकड़ शुरू कर दी। इस्तकलाल, शर्क क्षेत्रों में अचानक हुई कार्रवाई से वहां काम कर रहे लोग भयभीत हो गए।
 
उस समय लोग खाना खाने के बाद सोने की तैयारी कर रहे थे, तभी पुलिस की धरपकड़ शुरू हो गई। पुलिस ने कमरों में सोए, बैठे लोगों को उठा-उठाकर गिरफ्तार कर लिया। इस कार्रवाई में करीब 500 लोगों को पकड़ा गया है। मुकेश कलाल ने बताया कि गिरफ्तार लोगों में सबसे अधिक डूंगरपुर, बांसवाड़ा, सागवाड़ा क्षेत्रों के लोग है। जिनकी संख्या करीब 300 से 350 लोग है। यह धरपकड़ भारतीय समयानुसार सुबह 4 बजे तक जारी रही। 
 

लोहे के तार पर कपड़े सुखाते समय करंट आया, बहू और ससुर की मौत

 

अयाना (कोटा)। लोहे के तार पर कपड़े सुखाते समय एक महिला करंट से चिपक गई। उसे बचाने के प्रयास में उसका ससुर भी करंट की चपेट में आ गया। दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। दोनों को तार से अलग करते समय महिला का पति व बेटा भी मामूली रूप से झुलस गए।
 
घटना अयाना  थाना इलाके में लक्ष्मीपुरा ग्राम पंचायत के अरनिया गांव की है। शुक्रवार सुबह 6 बजे यशोदा पत्नी दुर्गाशंकर प्रजापत (35) नहाने के बाद मकान के भीतर ही लोहे के तार पर कपड़े सुखा रही थी। जैसे ही उसने कपड़े डाले तो तार में आ रहे करंट की चपेट में आ गई।
 
 
पास में ही बैठे ससुर चौथमल प्रजापत ने जब उसे चिपका हुआ देखा तो वो उसे बचाने के लिए दौड़े। उन्होंने तार से बहू को अलग करने का प्रयास किया, लेकिन वो भी उसकी चपेट में आ गए।  इससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। उन्हें बचाने के प्रयास में यशोदा के पति दुर्गाशंकर व बेटे विनोद के भी करंट से हाथ झुलस गए।
 
 
 
चीखपुकार सुनकर आसपास के लोग वहां जमा हो गए। चारों को अस्पताल ले जाया गया। जहां यशोदा व चौथमल को डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया तथा दुर्गाशंकर व विनोद को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे गई। घटना की जानकारी मिलने पर अयाना थानाधिकारी दिग्विजयसिंह भी मौके पर पहुंचे।
 
 
:पूरा मकान था करंट की चपेट मेंत्नप्राथमिक जांच में पता चला कि घटना के समय पूरा मकान करंट की चपेट में था। जांच में सामने आया कि विद्युत पोल से लिए गए कनेक्शन की विद्युत लाइन मकान के पिछवाड़े में मकान में लगे लोहे के फ्रेम से सटकर गुजर रही थी। फ्रेम में करंट आने से दीवारों में करंट आया और उसी से लोहे के तार में करंट पास हुआ और ये हादसा हो गया। 
 
:अवकाश नहीं होता तो शायद हादसा टल जाता
घटना के बाद गांव में चर्चा थी कि मृतक बीपीएल परिवार की श्रेणी में है और नरेगा में मजदूरी कर परिवार का गुजर बसर कर रहा था, लेकिन शु़क्रवार को नरेगा में अवकाश होने से वह घर पर ही थे। अन्य दिनों वे नरेगा कार्य पर जल्दी ही घर से निकल जाते थे। 
 
अवकाश नहीं होता तो वे सुबह ही चले गए होते और संभवत: हादसा टल जाता।
 
मुआवजा दिलाने की मांग
लक्ष्मीपुरा ग्राम पंचायत के सरपंच रमेश चन्द डोली, एससी-एसटी अत्याचार सतर्कता समिति सदस्य राजेन्द्र धाकड़ घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि मृतक भूमिहीन किसान होने के साथ बीपीएल परिवार की श्रेणी में आता है, ऐसे में मृतक परिवार के सदस्यों को आर्थिक सहायता दी जाए।

मिठाई बनाते समय गिरे तीन बॉयलर, तीन युवक झुलसे



कोटा। केशवपुरा सेक्टर चार स्थित जोधपुर मिष्ठान भंडार के कारखाने में शुक्रवार सुबह मिठाई बनाते समय तीन युवकों पर तीन बॉयलर गिर गए। जिससे तीनों गंभीर रूप से झुलस गए। तीनों बॉयलर एक के ऊपर एक रखे हुए थे। युवकों के चिल्लाने की आवाज सुनकर क्षेत्रवासी एकत्रित हो गए।
 
तीनों को तुरंत तलवंडी के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। जहां देररात तक तीनों की हालत गंभीर बनी हुई थी। इधर, पुलिस ने कारखाने के मालिक के खिलाफ आईपीसी की धारा 336 एवं 285 में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
एएसआई अनवर अली के अनुसार केशवपुरा चौराहा स्थित जोधपुर मिष्ठान भंडार का मालिक रानूसिंह केशवपुरा सेक्टर 4 स्थित अपने मकान के नीचे मिठाई बनाने का कारखाना चलाता है। शुक्रवार को कारखाने में मध्यप्रदेश निवासी तीनों युवक बृजेश (19) पुत्र वृंदावन, लालाराम (19) पुत्र हुकमसिंह, देवेन्द्र (22) पुत्र मंशाराम रोजाना की तरह बॉयलर से मिठाई बना रहे थे। 
 
 
बॉयलर गिरे और झुलस गए तीनों युवक
तीनों बॉयलर एक के ऊपर एक रखे हुए थे। तभी अचानक तीनों बॉयलर नीचे गिर गए। जिससे तीनों युवकों के हाथ, चेहरा और शरीर का ऊपरी हिस्सा बुरी तरह झुलस गया। बॉयलर से निकला गर्म पानी कारखाने के बाहर तक फैल गया। बॉयलर और बाहर फैले पानी को फायर ब्रिगेड से पानी डाल कर ठंडा किया गया। तीनों को तलवंडी के एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया। तीनों युवक गोदाम में ही रहते भी थे। इधर, पुलिस ने तीनों के परिजनों को सूचना दे दी, जो शनिवार तक कोटा पहुंचेंगे।

चार दिन बाद बेटी मिली तो मां ने सीने से लगा लिया


 

कोटा। अपनी मासूम बेटी को लावारिस छोड़ने वाली मां के पश्चाताप के बाद बाल कल्याण समिति ने शुक्रवार को बेटी उसके सुपुर्द कर दी। समिति ने बेटी तो दे दी, लेकिन मां व परिजनों द्वारा पर्याप्त सबूत नहीं दे पाने के कारण शर्त लगा दी कि अभी सुपुर्दगी अस्थायी है। जब तक समिति सबूतों से संतुष्ट नहीं हो जाएगी तब तक स्थायी रूप से बालिका नहीं सौंपी जाएगी। समिति जब चाहे तब बालिका व परिजनों को वापस बुला सकती है।
 
उद्योगनगर में रहने वाली अंजना उर्फ नटी देवी पत्नी लोकेश कुमार सोमवार को अपनी 8 माह की बेटी ईशा को प्रेमनगर में एक पेड़ के नीचे छोड़ गई थी। पति लोकेश को घटना का पता चला तो अंजना के साथ वे बुधवार को भास्कर कार्यालय पहुंचे। भास्कर ने उन्हें बाल कल्याण समिति के पास भेजा था ताकि मां-बेटी का पुन: मिलन हो सके। समिति ने उस समय उनसे पूछताछ करने के बाद शुक्रवार को बेटी सौंपने के लिए बुलाया था।
 
समिति की शुक्रवार को हुई बैठक में सदस्य एडवोकेट चितरंजन जैन, विमल जैन के सामने परिजन उपस्थित हुए। समिति ने सबूत के लिए उनसे बच्ची की जन्म तिथि तथा उस दिन का घटनाक्रम भी पूछा। समिति सदस्यों का कहना है कि कुछ सबूत तो उन्होंने दे दिए, लेकिन जन्म तिथि के बारे में उनकी बताई गई तारीख तथा बालिका के साथ मौके पर मिले पोलियो टीकाकरण कार्ड पर दर्ज तिथि भिन्न पाई गई।
 
ऐसे में उनसे बेटी के जन्म स्थान तलवास गांव से सर्टिफिकेट लाने के लिए कहा गया है। महिला के रिश्तेदारों की उपस्थिति में फिलहाल अस्थायी रूप से बेटी को मां के सुपुर्द कर दिया गया है। यदि वे पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर पाए तो मां-बेटी का डीएनए टेस्ट करवाया जाएगा।
 
पुलिस में मुकदमा दर्ज
समिति जब सुनवाई कर रही थी उसी समय उद्योगनगर थाने के आईओ कमलकिशोर पुरी भी वहां पहुंच गए। बेटी को लावारिस छोड़ना कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है, उस दिन तो पुलिस ने अज्ञात महिला के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। अब मां व परिजनों के सामने आने के बाद पुलिस सभी को वहां से थाने ले गई। जहां मां अंजना को आईपीसी की धारा 317, बच्चों को लावारिस छोड़ने के मामले में गिरफ्तार कर थाने में ही हाथोंहाथ जमानत भी ले ली।

कुरान का सन्देश

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