आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

17 जून 2013

जो कोम सोती है उसके लीडरों को तो कोम का दर्द होता है आराम के साथ...... कोफ़ी पीते है बढ़े आराम से हुक्काम के साथ


दोस्तों पिछले दिनों शिक्षा नगरी कोटा में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की दया पर मुसलमानों के इदारों के मंत्री दर्जा के नेता बने तीन मंत्री दर्जा नेता कोटा में रह कर गए है ..लेकिन अफ़सोस किसी ने भी आम मुसलमानों की सुनवाई नहीं की खाया ..पीया ..मोज की ..कुछ आसामी मालदार मुसलमानों के यहाँ उठे बेठे खाना खाया ..चाय पी और चले गए अफ़सोस दर अफ़सोस कोम के लियें ना तो फ़िक्र की ..न सोचा और नाही कोम के लोगों से समस्या कारन और निवारन विषय पर कोई बात की ...राजस्थान अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष माहिर आज़ाद ने तो अधिकारीयों की बैठक ली ..उन्हें लताड़ा ..लेकिन आम आदमी की सुनवाई उन्होंने भी योजनाबद्ध तरीके से नहीं की उनका स्टाफ था ..कर्मचारी थे चाहते तो लिखित शिकायत लेकर केम्प लगते समस्याओं का समाधान करते तो हो सकता है टिपटा इलाक का ध्वस्त मजार मन जाता ....लाडपुरा की मस्जिद जो सरकारी रिकोर्ड में मन्दिर दर्ज है उसका दुरुस्ती करण हो जाता ...रंगबाड़ी में पचास बीघा का कब्रिस्तान नगर विकास न्यास से वक्फ के खाते में दर्ज हो जाता स्टेशन के कब्रिस्तान की जमीन जो गुमी हुई है वोह मिल जाती ....अनार वाले बाबा के अतिक्रमण और कब्जे के मामले में चर्चा होती ...कोटा में उर्दू विषय बंद किये जाने और सरकारी स्कूलों में उर्दू विषय का नामांकन बढ़ाने पर चर्चा होती ..मदरसों का आधुनिकीकरण होता ..मुस्लिम होस्टल के निर्माण के बारे में नई राह निकलती ...केथुन में आई टी आई ..दस्तकार नगर ..बुनकर कार्ड ....और बुनकरों की समस्याओं पर चर्चा होती कब्रिस्तानो के अतिक्रमण की समस्या का समाधान होता ..मस्जिदों के अस पास के अतिक्रमणों की बात होती .....कोटा की मुस्लिम बाहुल्य बस्तियों में सरकार की योजना के तहत करोड़ों रूपये के विकास कार्य के अधिकार की बात होती ..कोटा में विकास कार्यों का आंकड़ा जीरो है जबकि बूंदी में चालीस करोड़ के प्रस्ताव मुस्लिम बस्तियों के लियें भेजे गए है ..मुस्लिम छात्रवृत्ति और मुस्लिम ऋण सुविधा की बात होती ...खेर माहिर आजाद ने कम से कम जनता की नहीं सुनी तो क्या जो जानकारी उनके पास थी उसके आधार पर अधिकारीयों को बैठक कर  भी  भी किया .लेकिन राजस्थान वक्फ बोर्ड के चेयरमेन लियाक़त अली आये और वक्फ के बारे में चिंतन मंथन जाँच पड़ताल किये बगेर बिना जनता के लोगों से मिले चलते बने यही हाल मदरसा बोर्ड में चेयरमेन मोलाना फजले हक साहब का रहा है न मदरसों की बात ना आधुनिकीकरण की बात न मुसलमानों की बात ना कल्याण की बात सभी ने सरकारी खर्च पर मजे किये और नतीजा आम मुसलमानों के हक में जीरो रहा तो जनाब सरकार के तो हुए इन पर कोटा यात्रा पर लाखों खर्च और मुसलमानों को ठेंगा मिला ..ऐसे ही होता है जनाब और जो कोम सोती है उसके लीडरों को तो कोम का दर्द होता है आराम के साथ कोफ़ी पीते है बढ़े आराम से हुक्काम के साथ

राजसमंद के कुंभलगढ़ क्षेत्र में भी उपद्रव, धार्मिक स्थल को तोड़ा फिर नकाबपोशों ने किया हमला


कुंभलगढ़/उदयपुर. केलवाड़ा क्षेत्र के थोरिया गांव में बीती रात एक धार्मिक स्थल पर शरारती तत्वों ने तोडफ़ोड़ करते हुए दूसरी प्रतिमा स्थापित कर दी। सोमवार दोपहर धार्मिक स्थल की मरम्मत कर रहे परिवार के लोगों पर करीब तीस नकाबपोश युवकों ने हमला कर दिया। हमले में परिवार के चार जने घायल हो गए।
शहर से करीब 20 किमी दूर राजसमंद-केलवाड़ा मार्ग स्थित धार्मिक स्थल पर देर रात कुछ लोगों ने तोडफ़ोड़ कर दी। आरोपियों ने वहां पर एक प्रतिमा स्थापित कर दी। इसकी सूचना पर कुंभलगढ़ पुलिस उप अधीक्षक सुमित कुमार व थाना प्रभारी दिलीप सिंह मौके पर पहुंचे। लेकिन परिवार वालों ने मामला दर्ज कराने से इनकार कर दिया। बाद में पुलिस के कहने पर परिवार के लोग अपने स्तर पर ही धार्मिक स्थल की मरम्मत में लग गए।
 
पुलिस अधिकारी गजपुर चौकी प्रभारी कोजरमल व कांस्टेबल पूरण को मौके पर तैनात कर चले गए। दोपहर एक बजे जिला मुख्यालय से करीब 20 मोटरसाइकिलों पर 30 नकाबपोश युवक ल_ और सरिये लेकर आए और पुलिस की मौजूदगी में धार्मिक स्थल की मरम्मत कर रहे परिवार हमला कर दिया।
 
हमले में थोरिया निवासी गोटू खान (60), नूर खान (50), आजरा बानू (50) नन्हें खान (55) घायल आए। अचानक हुए हमले पर परिवार वालों ने इधर-उधर भाग कर जान बचाई। हमले के बाद आरोपी फरार हो गए। आरोपियों के संख्या में ज्यादा होने के चलते दोनों पुलिसकर्मियों भी कुछ नहीं कर पाए।
 
बाद में आसपास के ग्रामीण व पुन: कुंभलगढ़ डीएसपी सुमित कुमार व केलवाड़ा थानाप्रभारी दिलीप सिंह मौके पर पहुंचे। पुलिस ने घायलों को गजपुर अस्पताल पहुंचाया। पैर फ्रेक्चर होने पर गोटू खान को राजसमंद के आरके अस्पताल रेफर कर दिया। नूर खान, आजरा बानू व नन्हें खान को प्राथमिक उपचार कर छुट्टी दे दी गई।
 
गांव में सुरक्षा बढ़ाई
 
घटना को लेकर थोरिया गांव में पुलिस जाप्ता लगा दिया है। इससे पहले आरके अस्पताल से घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद पुलिस के पहरे में घर तक छोड़ा गया।
 
राजसमंद में रही शांति
 
राजनगर में फायरिंग की घटना के तीसरे दिन सोमवार को शांति रही। पुलिस बल राजनगर क्षेत्र में तैनात था। धारा 144 लगी होने से लोग घरों में ही दुबके रहे। बाजार तीसरे दिन भी बंद रहे। पुलिस के आला अधिकारी पल-पल की खबर ले रहे थे।
 
केलवा में बंद रहे बाजार
 
केलवा. राजनगर में शुक्रवार को फायरिंग की घटना के विरोध में सोमवार को केलवा में बाजार बंद रहे। महाराणा प्रताप सेना, शिव दल मेवाड़, बजरंग दल, नवयुवक सेना, गणपति मित्र मंडल सहित हिन्दू संगठनों की ओर से बंद रखा गया। बंद को व्यापारियों का पूर्ण सहयोग मिला। लोगों ने मोटरसाइकिलों पर रैली निकाली।
 
बंद के दौरान सूरजपोल पर बैठक की गई। इसमें फायरिंग के आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई। बैठक में कैलाश जोशी, मदन पालीवाल, सुरेश, रमेश सिंधल, भवानी शंकर, युवराज राव, भरत पालीवाल, राजकुमार पालीवाल, पिन्टू सांवरिया, मदन सिंधल सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।

बोला अम्मा क्यों घूम रही हो, पता नहीं यहां दो मर्डर हो गए और फिर कर दिया कारनामा



कोटा। श्रीनाथपुरम सेक्टर ई में मॉर्निग वॉक पर निकली वृद्धा से तीन युवकों ने पुलिसकर्मी और फोटोग्राफर बनकर 4 तोला सोने के जेवरात ठग लिए। महावीर नगर सीआई विजयशंकर शर्मा ने बताया कि श्रीनाथपुरम निवासी बसंती जाटोलिया (60) पत्नी गंभीर सिंह सुबह 6 बजे वॉक पर निकली थीं।
 
एक बाइक पर आए दो युवकों में से एक ने उन्हें टोका और कहा कि अम्मा जी आप यहां क्यों घूम रही हो, आपको पता नहीं है कि रात को यहां दो मर्डर हो गए हैं। हम पुलिसकर्मी हैं और आपको साहब बुला रहे हैं। बसंती देवी युवक के साथ दूसरे के पास पहुंची। उसने कहा कि अम्माजी पुलिस जेवर पहनकर घूमने के लिए मना कर रही है, आप चेन और टॉप्स उतार कर रख लो और घर जाओ। बसंती देवी ने जेवर खोले और अपनी हाथ में रख लिए।
 
ऐसे दिया वारदात को अंजाम
वृद्धा के जेवर हाथ में रखने के बाद पहले युवक ने वहां से गुजर रहे अन्य युवक को बुलाकर पूछताछ शुरू कर दी। अपने को फोटोग्राफर बता रहे युवक से दोनों ठगों ने कहा कि अपनी अंगूठी और चेन उतारकर अंदर रख ले। युवक ने तुरंत चेन व अंगूठी उतारकर कागज की पुड़िया में रख ली।
 
फिर उससे पुलिस अफसर बने युवक ने कहा कि अब तेरी यही सजा है कि तू अम्मा जी के जेवर कागज की पुड़िया में लपेटकर उनकी साड़ी के पल्लु से बांध दे। वृद्धा कुछ समझ पाती तब तक फोटोग्राफर ने टॉप्स व चेन लेकर कागज की पुड़िया में लपेटे और पल्लु में बांध दिए। सीआई विजयशंकर का कहना है कि इसी दौरान उसने पुड़िया बदल दी। बसंती देवी ने घर जाकर देखा तो पुड़िया में केवल कागज ही कागज थे। चेन व टॉप्स दो-दो तोले की थी। 
 
हो सकते हैं बंगाली या उड़िया
पुलिस अफसर बने आरोपी की उम्र करीब 40 साल है और रंग सांवला है। पुलिसकर्मी बने युवक की उम्र करीब 35 साल है और उसका रंग गोरा है। जबकि फोटोग्राफर की उम्र 25 साल है और उसका भी रंग सांवला है। तीनों की बोलचाल से लग रहा है कि आरोपी बंगाली या उड़ीसा के हो सकते हैं।

कुरान का सन्देश

अकेलापन

अकेलापन
======

बटन पुश कर देते हैं
स्क्रीन चमकने लगती है
उँगलियाँ हिलने लगती हैं
हम गुम हो जाते हैं अनजान दुनिया में !

बाहर की दुनिया क्या सचमुच
इतनी नीरस और उबाऊ है कि
हम अपने चिर-परिचित दायरों में
रोमांच खोजने लग जाते हैं?

जीते-जागते इंसान को छोड़कर
उससे नज़रें बचा कर
सैकड़ों लोगों का सर्कस देखना
ज्यादा अच्छा लगता है

सामने बैठे इंसान से मुस्करा कर
दो बोल बोलने के बजाय
किसी दीवार पर
"LOL", "fantastic", "miss you"
लिखना ज्यादा अच्छा लगता है

बिस्तर से सुबह उठते ही
बटन पुश कर देते हैं
स्क्रीन चमकने लगती है
उँगलियाँ हिलने लगती हैं
हम गम हो जाते हैं अनजान दुनिया में !

समय के साथ उम्र ढल जाती है
मॉडल बदल जाते हैं, प्लान बदल जाते हैं
चार-चार स्मार्टफोन घर में हो जाते हैं
पहले ही कम बोलते थे
अब मरघट सा छा जाता है
घर में ही SMS भेजे जाने लगते हैं

और एक दिन बैटरी चुक जाती है
चार्जर भी जवाब दे जाता है
तो अकेलापन ही अकेलापन
नितांत अकेलापन ही नज़र आता है
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...