आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

19 जून 2013

कुदरत का कहर : 'चारों तरफ लाशें हैं, उनके बीच से पत्ते बीनकर खा रहा हूं'



उत्तराखंड के विभिन्न इलाकों में अब भी हजारों लोग फंसे हुए हैं। हालांकि मंगलवार देर रात ट्राईसिटी के कुछ लोग सकुशल शहर लौट आए। इनमें शामिल हैं हेमकुंड साहिब के दर्शन को गए चंडीगढ़ के हरप्रीत सिंह और मोहाली के विक्रम सिंह। इस यात्रा के दौरान उन पर क्या गुजरी, कैसे कटे एक-एक पल भास्कर के रीडर्स के लिए उन्हीं की जुबानी। वहीं, किन्नौर में सैकड़ों पर्यटक अब भी फंसे हुए हैं, जिनमें चंडीगढ़ के दो एडवोकेट मोहित व विक्रांत नंदा और सुरेंद्र राणा शामिल हैं। उन पर क्या बीत रही है, यह भी जानिए उन्हीं की जुबानी।
चंडीगढ़. सेक्टर-40 में रहने वाले हरप्रीत सिंह परिवार के साथ 12 जून को हेमकुंड साहिब के लिए निकले थे। हरप्रीत और उनके परिवार को हर पल कुदरत के कहर का सामना करना पड़ा, सामने मौत का मंजर था, लेकिन रुकने के हालात नहीं थे। उनकी आपबीती...
15 जून
सुबह गोविंदधाम से 6 बजे बारिश के बीच हेमकुंड साहिब के लिए निकले। चलने में दिक्कत आ रही थी तो महिलाओं के लिए घोड़े और बच्चों के लिए पिट्ठू ले लिए। लगातार बारिश से रास्ता खराब हो चुका था। बर्फ की वजह से फिसलन बहुत थी। तभी हमसे आगे चल रहा एक घोड़ा और उस पर सवार दो लड़कियां अचानक ही खाई में गिर गईं। शोरगुल मचा, लोग थोड़ी देर को रुके, लेकिन न तो घोड़े का पता चला, न लड़कियों का।
16 जून
सुबह 6 बजे गोविंदघाट के लिए निकले। 2 किमी. ही चले होंगे कि पहाड़ से इतना पानी आया कि घोड़ा और पिट्ठू छोडऩा पड़ा। बच्चों और महिलाओं के साथ तेज बारिश में पैदल ही आगे चल पड़े। आगे हालात और बिगड़ गए, पहाड़ से आने वाले नाले का बहाव इतना तेज था कि उसे पार करना मुश्किल लगा। ऐसे में युवकों ने महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को पार करने का बीड़ा उठाया। ऐसा कई बार हुआ। आगे जाकर देखा तो ढाबे वाले ढाबे बंद करके नीचे जा रहे थे। रास्ते में पानी फिर पुल को छू रहा था। यहां फिर युवाओं ने बुजुर्गों, बच्चों और महिलाओं को पहले निकालने के लिए मोर्चा संभाला।
17 जून
सुबह उठे देखा कि लगातार बारिश के बीच पत्थर गिरने से रोड बंद हो चुके हैं। कर्णप्रयाग में होटल और करियाने की दुकानें रात में बह चुकी थीं। लोग बचे-खुचे घर छोड़कर ऊपर की ओर जा रहे थे। प्रशासन ने हॉस्पिटल, स्कूलों और दूसरी जगह पर लोगों को ठहराया था। पुलिस दो-दो घंटे बाद रोड खुलने की बात कर रही थी, लेकिन रोड नहीं खुल रही थी। हम 4-5 युवक पैदल आगे बढ़े ताकि पता चले कि रोड कब खुलेगी। 3 डेटोनेटर की मदद से सड़क से मलबा हटाना था, लेकिन एक ब्लास्ट के बाद ही ऊपर से और ज्यादा मलबा रोड पर आ गया। बारिश की वजह से बाकी दो डेटोनेटर मिस हो गए। शाम 5 बजे धूप निकली तो थोड़ी राहत मिली।
18 जून
सुबह बताया गया कि 12 बजे तक सड़क खुल जाएगी, जो 2 बजे खुली। लोकल लोगों ने अपनी दुकानें खाली करके लोगों को सुलाया, अपने घर खाना खिलाया। 2 बजे चले, लेकिन ट्रैफिक इतना ज्यादा था कि नगारसू होते हुए 7 बजे कोटद्वार पहुंचे। यहां भी किसी अजनबी ने हमें अपने घर ठहराया।
19 जून
सुबह 7 बजे कोटद्वार से चलकर नजीबाबाद हरिद्वार होते हुए साढ़े पांच बजे चंडीगढ़ पहुंचे। शुक्र मनाया कि वाहेगुरु की मेहर से सब सलामत यहां पहुंच गए। लेकिन जो असीं भुगतेया ओ किसी नाल न होवे।
मैसेज पर मिलेगा राहत राशि का संदेश
पीजीआई में आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों की मदद के लिए किसी भी राहत कोष से सहायता राशि मिलते ही उस मरीज या संबंधी के मोबाइल पर मैसेज मिल जाएगा कि उसके इलाज के लिए राहत राशि पीजीआई को मिल चुकी है।
पीजीआई ने ऐसे मरीजों के लिए मैसेज के जरिए उनको मिलने वाली आर्थिक मदद की सूचना देने के लिए ये सेवा शुरू कर दी है।
पीजीआई के डायरेक्टर प्रो. वाईके चावला ने बुधवार को एसएमएस अलर्ट की ये सर्विस लॉन्च की। इस सेवा के शुरू होने के बाद से प्रधानमंत्री राहत कोष, मुख्यमंत्री राहत कोष, ईएसआई, नेशनल रूरल हेल्थ मिशन या दूसरी एजेंसियों से मिलने वाली मदद पीजीआई पहुंचते ही आर्थिक रूप से कमजोर पीडि़त मरीज को मोबाइल पर मैसेज मिल जाएगा कि पीजीआई के प्राइवेट ग्रांट सेल में मदद की राशि पहुंच चुकी है। इसके बाद मरीज को मैसेज पर यह सूचना दे दी जाएगी। गौरतलब है कि  कई बार मरीजों को सहायता राशि की जानकारी न मिल पाने से काफी दिक्कत महसूस होती रही है। मगर नई सुविधा से उन्हें काफी आसानी होगी।
कैसे मिलेगा फायदा
इस सर्विस के शुरू होने से न सिर्फ मरीज या परिजनों को राहत राशि जारी होने की जानकारी लेने के लिए बार बार पीजीआई नही आना पड़ेगा। इस सर्विस के शुरू होने से मरीज का इलाज कर रहे डॉक्टर को भी मैसेज के जरिए सूचित कर दिया जाएगा कि मरीज के इलाज के लिए पैसा आ चुका है। इससे मरीज को भी मरीज के इलाज को प्लान करने में आसानी होगी। इस सिस्टम के जरिए प्राइवेट ग्रांट सैल को सर्जरी में इस्तेमाल होने वाले सामान की कोटेशन और फिर आर्डर देने में भी आसानी होगी।

हैवानियत की खेल जारी: बच्ची की जांच रिपोर्ट में कर दिया फेरबदल



कोटा. साढ़े 4 साल की बच्ची से ज्यादती के मामले में मेडिकल रिपोर्ट गलत कैसे बनी, इसका पता लगाने के लिए समिति गठित की जाएगी। इसके लिए राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने सिटी एसपी को निर्देश दिए हैं।
गौरतलब है कि आरएसी हैड कांस्टेबल के बेटे द्वारा ज्यादती के मामले में जब जयपुर में मेडिकल जांच हुई तो ज्यादती की पुष्टि हुई, जबकि कोटा के एमबीएस अस्पताल में रिपोर्ट इसके विपरीत थी। इसके अलावा आयोग ने पुलिस द्वारा बच्ची के बयान और अन्य सभी बातों की रिपोर्ट भी मांगी है।
आयोग की अध्यक्ष दीपक कालरा व सदस्य गोविंद बेनीवाल 6 जून को कोटा दौरे पर आए थे। बाल कल्याण समिति के सदस्यों ने आरएसी के हैडकांस्टेबल के बेटे सतीश द्वारा ज्यादती और बूंदी के कैथूदा में हुई बालिका के साथ ज्यादती का मामला उठाया था। दोनों में पुलिस की भूमिका और कार्यप्रणाली को लेकर सदस्यों ने शिकायत की थी।
दादाबाड़ी थाने के तत्कालीन एसआई पृथ्वीराज मीणा द्वारा बच्ची के परिजनों को धमकाने व पुलिस की मिलीभगत से मेडिकल रिपोर्ट बदलवाने की बात कही थी। सदस्य गोविंद बेनीवाल ने बताया कि आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है और एसपी को पत्र लिखकर मेडिकल रिपोर्ट के बारे में जांच करवाने के निर्देश दिए हैं।

बूंदी एसपी से मांगी वास्तविक रिपोर्ट
बेनीवाल ने बताया कि कैथूदा में बच्ची के साथ ज्यादती के बाद पुलिस वाले उसे थाने ले गए और बाद में अस्पताल में भर्ती कराया था। अस्पताल में भी उसे साधारण वार्ड में रखा गया। इस मामले में भी बूंदी एसपी से पूरे मामले की वास्तविक रिपोर्ट मांगी है।
जांच कमेटी बनाने के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा
जांच कमेटी में एएसपी, एडीएम सिटी व सीएमएचओ शामिल होंगे। कमेटी बनाने के लिए कलेक्टर को पत्र लिखा है। निर्देश मिलते ही कमेटी जांच शुरू कर देगी।
- प्रफुल्ल कुमार, एसपी सिटी

मुख्यमंत्री ने खादी औऱ बुनकरों के लिए किया 12.50 करोड का प्रावधान


 

 जयपुर। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने खादी, कतिन एवं बुनकरों के लिए 12.50 करोड रूपये के अतिरिक्त प्रावधान को मंजूरी दी है। गहलोत ने बजट वर्ष 2013-14 में इसकी घोषणा की थी। इसके तहत राज्य के लगभग 36 हजार खादी, कतिन एवं बुनकरों को आवश्यक उपकरण क्रय करने तथा कार्यशील पूंजी के पेटे पांच -पांच हजार रूपये की राशि अनुदान के रूप में उपलब्ध करवाई जायेगी, जिसके लिए 18 करोड रूपये का प्रावधान किया गया है। साथ ही, कतिनों एवं बुनकरों का स्वयं सहायता समूह गठित कर इन्हें प्रोत्साहित किया जायेगा।

 नवसृजित तहसीलों एवं उप तहसीलों के लिए 36 करोड रूपये का प्रावधान
गहलोत ने प्रदेश में नवसृजित तहसीलों एवं उपतहसीलों के भवन निर्माण तथा राजस्व कार्यालयों एवं आवासों के जिर्णोंद्धार के लिए 36 करोड रूपये के अतिरिक्त प्रावधान की स्वीकृति दी है।

 
हाईवे पैट्रोलिंग के लिए 100 वाहन उपलब्ध कराने के लिए अतिरिक्त बजट प्रावधान

 इसके अलावा हाईवे पैट्रालिंग के लिए 100 वाहन उपलब्ध करवाने हेतु 75.44 लाख रूपये का अतिरिक्त बजट प्रावधान मंजूर किया है।  इससे हाईवे पैट्रालिंग के कार्य में गति आयेगी।

यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी कल करेंगी दो पावर प्लांट का शिलान्यास 


जयपुर। यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी गुरुवार को सूरतगढ़ में सुपर क्रिटिकल के दो पावर प्लांट और जायल ग्रामीण पेयजल परियोजना का शिलान्यास करेंगी। इन दोनों कार्यक्रमों की तैयारियां तेजी से चल रही है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तैयारियों का जायजा ले चुके हैं।
सोनिया गांधी दिल्ली से पहले श्रीगंगानगर के सूरतगढ़ पहुंचेंगी। वहां वे सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट का शिलान्यास करेंगी। इसमें 660-660 मेगावाट की दो इकाइयों का निर्माण किया जाएगा। इस पर 5500 करोड़ रुपए का खर्च आएगा और ये पावर प्लांट चार साल में बन कर तैयार हो जाएगा। पावर प्लांट के शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ ऊर्जा मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह भी मौजूद रहेंगे।

सूरतगढ़ से सोनिया गांधी जायल के लिए रवाना होंगी। जायल में वे 2,938 करोड़ रुपए की लागत की राजस्थान ग्रामीण पेयजल और फ्लोराइड निराकरण परियोजना नागौर (द्वितीय चरण) का शिलान्यास करेंगी। जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी (जायका) के सहयोग से बन रही इस महत्वाकांक्षी पेयजल परियोजना का काम 10 पैकेज में कराया जाएगा। इसे अगले चार साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

इस परियोजना से नागौर जिले के 6 शहर लाडनूं, परबतसर, मकराना, डीडवाना, डेगाना और कुचामन के साथ 890 गांवों को शुद्ध पेयजल मिलेगा। इसमें परबतसर तहसील के 110 गांव, डीडवाना तहसील के 170 गांव, लाडनूं के 97, जायल के 136, मकराना के 119, डेगाना के 112 नावां तहसील के 96 गांव और नागौर तहसील के 50 गांव लाभान्वित होंगे।
इस परियोजना से 23 लाख शहरी और ग्रामीण लोगों को शुद्ध पेयजल मिल सकेगा। परियोजना वर्ष 2045 तक की आबादी के लिए डिजाइन की गई है। द्वितीय चरण के परियोजना जलस्रोत पन्नालाल बारूपाल लिफ्ट नहर पर स्थित नोखा दैया में 23 सौ लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता का जलशोधन संयंत्र का निर्माण कराया जाएगा। साथ ही 763 किमी मुख्य पाइप लाइन,1651 किमी उपमुख्य पाइप लाइन, 3886 किमी यूपीवीसी वितरण पाइप लाइन डालने का काम होगा। साथ ही 48 पंप हाउस व भूतल जलाशय, 289 उच्च जलाशय तैयार होंगे।

नागौर लिफ्ट कैनाल पेयजल परियोजना (761 करोड़ रुपए लागत) और 2,938 करोड़ रुपए लागत की राजस्थान ग्रामीण पेयजल और फ्लोराइड निराकरण परियोजना नागौर (द्वितीय चरण) के सभी काम पूरे हो जाने पर संपूर्ण नागौर जिले के नागरिकों को इंदिरा गांधी नहर से मीठा पानी मिल सकेगा।

शाहरुख शरीयत के गुनहगार, उनका होने वाला बच्‍चा भी हराम- दारुल ने जारी किया फतवा

उत्‍तराखंड सहित पूरे उत्‍तर भारत में जहां कुदरत कहर बरपा रही है, वहीं सरोगेसी के जरिए तीसरा बच्‍चा प्लान कर रहे बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान पर उनकी कौम की ओर से मुसीबत ढाई जा रही है। शाहरुख खान की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। बॉलीवुड अभिनेता पर जन्‍म से पहले बच्‍चे का लिंग परीक्षण करवाने के आरोपों की जहां सरकारी एजेंसियां जांच करवा रही हैं, वहीं मरकजी दारुल इफ्ता दरगाह आला हजरत ने उनके खिलाफ फतवा जारी किया है। इसमें शाहरुख को शरीयत का गुनहगार ठहराया है। साथ ही किराये की कोख से बच्चा पैदा कराने को भी हराम करार दे दिया है। फतवे में न सिर्फ शाहरुख खान बल्कि बच्चा पैदा करने वाली औरत को भी तौबा की सलाह दी गई है।
 
हाल में खबर आई कि शाहरुख खान किराए की कोख (सरोगेसी) के जरिये तीसरे बच्चे के पिता बनने जा रहे हैं। विवाद उस वक्त खड़ा हुआ, जब शाहरुख पर प्रसव पूर्व लिंग परीक्षण के आरोप लगे। महाराष्ट्र रेडियोलॉजिस्ट एसोसिएशन की मांग पर महाराष्ट्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने समाचार के जांच कराने का आदेश दिया है जिसमें एक अखबार ने दावा किया था शाहरुख और उनकी पत्नी गौरी सरोगेसी के जरिए एक बेबी ब्वॉय को एक्सैप्ट कर रहे हैं।
 
उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते एक अंग्रेजी अखबार में छपी थी। हालांकि शाहरुख ने इस समाचार की पुष्टि नहीं की थी। इस खबर को इंडियन रेडियोलॉजिकल एंड इमेजिंग एसोसिएशन ने गंभीरता से लिया और जांच की मांग की। आईआरआईए के समन्वयक डॉक्टर जिगनेश ठक्कर ने कहा था कि उन्‍होंने महाराष्‍ट्र के स्वास्थ्य विभाग को पत्र लिखकर इस बात की जांच कराने की मांग की है कि शाहरुख को बच्‍चे के लिंग का पता कैसे लगा? जबकि देश में लिंग परीक्षण कराना गैर कानूनी है।

गुजरात में नरेंद्र मोदी के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, भाजपाइयों ने भी दिया साथ



अहमदाबाद. गुजरात के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी की देश की राजनीति में बढ़ रही सक्रियता के बीच उनके राज्‍य में उनके खिलाफ ही विरोध के स्‍वर तेज ( होने लगे हैं तो वहीं दिल्ली में तबीयत खराब होने से बीजेपी नेता लाल कृष्ण आडवाणी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से नहीं मिल सके। गुजरात में मंडल बेचारजी को विशेष निवेश क्षेत्र के रूप में विकसित करने के सरकार के फैसले के खिलाफ करीब 5 हजार किसानों ने मंगलवार को विरामगम के नजदीक विट्ठलपुर चौराहे से गांधी नगर तक ट्रैक्‍टर रैली निकाली। वहीं, सरदार बल्लभभाई पटेल की प्रतिमा के निर्माण स्‍थल को लेकर भी विरोध होने लगा है। सरदार सरोवर नर्मदा डेम से लगभग 3 किमी की दूरी पर आकार लेने वाली 182 फीट ऊंची यह प्रतिमा दुनिया में सबसे ऊंची होगी। लेकिन स्‍थानीय लोग मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्‍ट के खिलाफ सड़कों पर उतर गए हैं और इसे किसी कीमत पर पूरा नहीं होने देना चाहते हैं। 
 
मंडल बेचारजी में विशेष निवेश क्षेत्र बनाना भी मोदी की महत्‍वाकांक्षी परियोजना है। यहीं पर मारुति सुजुकी इंडिया का प्रस्‍तावित संयंत्र भी बनने वाला है। लेकिन स्‍थानीय किसान इसका विरोध कर रहे हैं। किसानों का समर्थन करने वालों में सामाजिक कार्यकर्ताओं के अलावा प्रदेश के पूर्व वित्‍त मंत्री सनत मेहता, पूर्व भाजपा विधायक कानू कलसरिया और योजना आयोग के पूर्व सदस्‍य वाई के आगा शामिल थे। इससे पहले कलसरिया ने भावनगर जिले में नीरमा के सीमेंट संयंत्र का विरोध किया था। रैली के बाद किसानों ने राज्‍य के राजस्‍व मंत्री आनंदी पटेल को एक ज्ञापन सौंप कर मंडल-बेचारजी को विशेष निवेश क्षेत्र बनाने संबंधी नोटिफिकेशन को रद्द करने की मांग की। 
 
अहमदाबाद ग्रामीण के पुलिस अधीक्षक गगनदीप गंभीर ने कहा कि किसानों ने विट्ठलपुर से अहमदाबाद तक एक शांतिपूर्ण ट्रैक्‍टर रैली निकाली। अहमदाबार और मेहसाणा जिलों के मंडल, विरामगम और बेचारजी तालुका के करीब 44 गांवों के किसानों ने रैली में हिस्‍सा लिया। पांच सौ से अधिक ट्रैक्‍टरों पर सवार किसानों की इस रैली में 100 से अधिक कारें और मोटरसाइकिलें भी थीं। रैली में भाजपा के कुछ विधायक भी शामिल हुए।

24 से शुरू होगी आईआईटी प्रवेश प्रक्रिया, 23 को होगा किस्मत का फैसला


सीकर। देश के प्रतिष्ठित 13 आईआईटीज में एडमिशन के लिए 24 जून से काउंसिलिंग और च्वाइस लॉकिंग की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हालांकि, इससे पहले जेईई एडवांस का रिजल्ट 23 जून को घोषित किया जाने वाला है। इसके बाद ही वैकेंट सीट्स के लिए काउंसिलिंग शुरू होगी।
सीबीएसई ने हाल ही में काउंसिलिंग ब्रोशर जारी किया है। इसमें सभी आईआईटी के कोर्स और उनमें प्रोविजनल एडमिशन की जानकारी दी गई है। चार जुलाई को जारी होगी फर्स्ट राउंड की लिस्ट कैंडीडेट इंस्टीट्यूट और कोर्स की च्वॉइस लॉक 24 से 30 जून तक कर सकेंगे।
इसके बाद चार जुलाई को पहले राउंड की लिस्ट जारी की जाएगी। कैंडीडेट्स खाली सीट्स पर चार से आठ जुलाई तक प्रोविजनल एडमिशन ले सकेंगे। फस्र्ट राउंड में आठ जुलाई के पहले एडमिशन लेना होगा। प्रोविशनल एडमिशन सीमा खत्म होने के दूसरे दिन नौ जुलाई को सैकंड राउंड की लिस्ट जारी की जाएगी।

इसमें प्रोविजनल एडमिशन 10 और 11 जुलाई को होंगे। सीट विदड्रॉल की आखिरी डेट 11 जुलाई रखी गई है। इसी क्रम में 13 जुलाई को तीसरी और अंतिम लिस्ट जारी की जाएगी। इसमें कैंडीडेट्स को 14 और 15 जुलाई को जोनल आईआईटी में प्रोविजनल एडमिशन का मौका मिलेगा।
आर्किटेक्चर एप्टीट्यूड टेस्ट दो जुलाई को
आर्किटेक्चर एप्टीट्यूड टेस्ट के लिए कैंडीडेट्स को 24 से 25 जून तक रजिस्ट्रेशन कराना होगा।यह टेस्ट 28 जून को आयोजित किया जाएगा। इसका रिजल्ट दो जुलाई को घोषित कर दिया जाएगा।

कुरान का सन्देश

कोटा बाई पास के लियें हेंगिंग ब्रिज का तीन माह से रुका पढ़ा कार्य जल्दी शुरू करवाने के मामले में कोटा के मुखर सामज सेवी डोक्टर सुधीर गुप्ता ने आसमान में सुराख करने के लियें एक तबियत पत्थर से उछाल दिया है

 कोटा  बाई पास के लियें हेंगिंग ब्रिज का  तीन माह से रुका पढ़ा कार्य जल्दी शुरू करवाने के मामले में कोटा के मुखर सामज सेवी डोक्टर सुधीर गुप्ता ने आसमान में सुराख करने के लियें एक तबियत पत्थर से उछाल दिया है .और इसका नतीजा यह रहा के इस मांग के समर्थन में आज कोटा कलेक्ट्रेट के बाहर धरना स्थल पर दलगत और जातिगत राजनीति से ऊपर उठ कर कोटा एक जुट नज़र आया .......कोटा में आपात स्थिति के बाद से ही शहरी आबादी से अलग हट कर बाई पास की मांग जोरो से उठती रही है ...मुख्यमंत्री भेरोसिंह के कार्यकाल में जब भी कोटा में मंत्री रहे ललित चतुर्वेदी इस मांग को उठाते थे तब भेरोसिंह शेखावत उन्हें दिल की बीमारी होने से बाइपास की सलाह देकर इस मांग को ताल दिया करते थे ...राजस्थान में आज हर जिले ..हर कस्बे हर तहसील में बाई पास है लेकिन कोटा ही एक अकेला ऐसा जिला है जहाँ सभी भारी वाहनों को कोटा शहर की छाती को कुचल कर निकाल जा रहा है वर्ष उन्नीस सो सत्यान्वे में चम्बल पुलिया से हेंगिंग ब्रिज की योजना बनी और बाइपास हेंगिंग ब्रिज इस योजना का बजट कई  अरब रूपये बढ़ता गया वर्ष दो हजार ग्याराह में इसके निर्माण के दोरान तकनीकी मिलावट और अनुभवहीन इंजीनियरों के चलते एक   हादसा हुआ निर्माणाधीन ब्रिज गिरा और कई दर्जन लोगों की मोत हो गयी अधिकारी पकडे गए जमानत पर छूटे और फिर विदेशी अधिकारी गमन इंडिया के अधिकारी फरार हो गए जिन्हें पुलिस पकड़ नहीं पा रही है ..गमन इण्डिया कम्पनी को ब्लेक लिस्टेड नहीं करना देश के और दुसरे कामों को जब्त नहीं करना और फिर गमन इन्डिय को अतिरिक्त लाभ देना इतना ही नहीं फरार अधिकारी को गिरफ्तार करने के लियें कोई सरकारी दबाव नहीं बनाना यह सब एक सरकारी और कम्पनी के बीच मेच फिक्सिंग की लम्बी कहानी है ....लेकिन दोस्तों जो काम दो हजार ग्यारह में पूरा होना वोह आज भी रुका पढ़ा है ................सरकार चुप ..जनता चुप ..मिडिया चुप ..समाज सेवी चुप ..रोज़ मर्रा कोटा की छाती को रोंदते हुए सेकड़ों ट्रक बसे भारी वहन कोटा के निर्दोष लोगों को कुचलते हुए निकल रहे है दुर्घटना का ग्राफ हजारों की मोत और घायलों की गिनती पर भी नहीं थम रहा है ..प्रदूषण कोटा में इस कदर के नहा कर अगर बाहर निकले तो सड़क पर उसके मुंह पर वाहनों के धुंए की कालिख पुत जाती है ........फेफड़े खराब ..आँख की बिमारी ..सांस का उखड़ना ..दिमाग में तनाव ..मिजाज़ में चिडचिडापन ....इसी प्रदूषण की देन है यह सब कोटा के मुखर समाज सेवी निर्विवाद और हरदिल अज़ीज़ कहलाये जाने वाले डोक्टर सुधीर गुप्ता और उनके मित्र पत्रकार पर्यावरण प्रेमी पुरुषोत्तम पंचोली ..सुनील माथुर ...रजत खन्ना ने जाना पहचाना और आज उन्नीस जून को कोटा को जगाने के लियें हेंगिंग ब्रिज का रुक पढ़ा काम शीघ्र शुरू करवाने के लियें लोगों को कलेक्ट्रेट पर समर्थन के लियें बुलाया ..इस चिंता में इस चिंतन में इस आवाज़ में दम था ..निष्पक्षता थी ..सियासत नहीं सेवा थी तो जनाब बिना किसी विवाद के बिना किसी तोहमत के आज के इस धरने पर कोटा के सभी मुखर समाज सेवी ...भाजपा कोंग्रेस के नेता ..व्यापारी ..मजदूर नेता ...चिकित्सक ..वकील कर्मचारी नेता ....हर तबके से जुड़े लोग इस महफिल इस धरने इस आन्दोलन में शामिल थे ..सभी की एक ही आवाज़ पार्टी ..सियासत ..जाती धर्म जाए भाड़ में हमे तो बस एक जुट होकर निर्विवाद तरीके से बिना किसी पक्षपात की राजनीति किये ब्रिज के इस अधूरे कम को जल्दी और जल्दी पूरा करवाना है तो जनाब आज जो लोग धरना स्थल पर थे उनको देख कर लगता था के डोक्टर सुधीर गुप्ता ने मेंडक तोलने का काम सफलता से कर दिखाया है और इसीलियें यह कहने को जी  चाहता है के कोन कहता है के आसमान में हो नहीं सकता सुराख एक पत्थर तो तबियत से उछालो यारों ..तो जनाब कोटा के डोक्टर सुधीर गुप्ता ने हेंगिंग ब्रिज  जो कोटा की प्रमुख मांग है इस मांग के असमान में सुराख करने के लियें एक पत्थर एकता ..एकरूपता ..धरना प्रदर्शन का तबियत से उछाल दिया है अब कोटा के सभी लोगों को कोटा की जनता की जान और स्वास्थ्य की हिफाज़त के लियें इस हेंगिंग ब्रिज के हेंग हुए काम को हर हल में जल्दी शुरू करवाने के लिए कोटा जयपुर ..कोटा दिल्ली और जमीन आसमान एक कर देना चाहिए ताकि डोक्टर सुधीर की अलख कोटा को रोशन कर सके ..................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...