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23 जून 2013

उत्‍तराखंड: बहुगुणा की होगी सीएम पद से छुट्टी? दिग्विजय ने ली मोदी पर चुटकी



राहत शिविर का रुदन कलेजा छलनी कर देता है। पहाड़ सी पीड़ा लिए लोग पहाड़ों से लौट रहे हैं। चारधाम यात्रा मार्ग पर मानवीय त्रासदियों के निशान छोड़कर। यहां कदम-कदम पर उजागर हो रही हैं सरकारी तंत्र की बेहिसाब जानलेवा लापरवाहियां। पुलिस थानों में बचाव के नाम पर सिर्फ टॉर्च और रस्सियां हैं। बचाव और राहत दल के नाम पर अग्रिम पंक्ति में अप्रशिक्षित होमगार्ड ही लगाए गए थे। 
 
देवप्रयाग, रुद्रप्रयाग, कर्णप्रयाग, जोशीमठ, केदारघाटी में कोई हैल्पलाइन नंबर तक नहीं है। एकमात्र प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सिर्फ श्रीनगर में है। श्रीनगर से बद्रीनाथ 175 किमी और केदारनाथ 150 किमी है। पर्यटन विभाग का गढ़वाल और कुमाऊं मंडल विकास निगम सुविधाओं के नाम पर या तो रैन बसेरे बनाता या कमाई के लिए अपने रिसॉर्ट दुरुस्त करता रहा।
 
बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति ने अपनी भूमिका सिर्फ चढ़ावा समेटने तक रखी। सुरक्षा के लिए कोई योजना या उपकरण नहीं। पिछले साल दस बुजुर्गों की मौत गौरीकुंड से ऊपर ऑक्सीजन की कमी से हो गई थी। एक स्थानीय एनजीओ चलाने वाले जेपी मैठाणी कहते हैं कि करोड़ों रुपए का चढ़ावा समेटने वाली मंदिर समिति श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था करने की जिम्मेदारी सरकार पर डाल रही है। कुप्रबंधन से होने वाली मौतों के लिए समिति भी बराबर जिम्मेदार है। बद्रीनाथ-केदारनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग सितंबर 2011 से टूटा है। गौरीकुंड से केदारनाथ का 14 किमी लंबा मार्ग इतना खराब है कि मामूली बारिश भी कहर बरपा देती है। हर साल 600 से ज्यादा श्रद्धालु हार्ट अटैक, भूस्खलन और बदहाल सड़कों के कारण हादसों में मारे जाते हैं।

चीन से मुकाबला करना है तो लाओ सस्ती टेक्नोलॉजी: नितिन गडकरी



 

कोटा.21वीं सदी नॉलेज और टेक्नोलॉजी की है। सस्ती टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके ही हमारा देश चीन से मुकाबला कर सकता है। वह 5 रुपए की चीज 1 रुपए में बेचता है। हम भी लागत और मुनाफा कम कर अपने उत्पाद का बाजार खड़ा कर सकते हैं।
यह बात रविवार को लघु उद्योग भारती की ओर से कैरियर पॉइंट ऑडिटोरियम में आयोजित लघु उद्यमियों के सम्मेलन में मुख्यअतिथि और भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कही। उन्होंने कहा कि देश धनवान है, लेकिन लोग गरीब हैं। यह देश की गलत आर्थिक नीति के कारण ही है। अर्थ नीति ऐसी होनी चाहिए, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार मिले। हमारे देश में लघु उद्योगों की स्थिति अच्छी नहीं है। व्यापार घाटा बढ़ रहा है और रुपए का अवमूल्यन हो रहा है।  देश की आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए एग्रीकल्चर और इंडस्ट्री पर ध्यान देना होगा।
एथनोल 40, पेट्रोल 75 रुपए
गडकरी ने कहा कि एथनोल का इस्तेमाल कर हम क्रूड ऑयल के आयात पर खर्च होने वाली 6.50 लाख करोड़ की विदेशी मुद्रा बचा सकते हैं। आज एथनोल 40 रुपए लीटर है, जबकि पेट्रोल 75 रुपए लीटर है। एथनोल से किसी तरह का प्रदूषण नहीं होता है। अमेरिका की जनरल मोटर कंपनी एथनोल से चलने वाली कारें बनाती है। हाल ही में हीरो कंपनी ने भी ऐसी बाइक तैयार की है। चीन में बैटरी से व्हीकल चल रहे हैं, तो भारत में क्यों नहीं। उन्होंने ऊर्जा संरक्षण के कई उपाय बताए, जिससे विदेशी मुद्रा को बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि देश में कर्नाटक में सोने की खान बंद पड़ी है। क्यों नहीं इस खान को चालू कर दिया जाता, ताकि विदेशी मुद्रा को बचाया जा सके। घटती जीडीपी दर पर भी चिंता जताते हुए कहा कि अटलबिहारी वाजपेयी जब प्रधानमंत्री थे, तब जीडीपी दर 8.5 प्रतिशत थी और अब 4.5 प्रतिशत से भी कम है।
सरकार ने गरीबों का उड़ाया मजाक: गडकरी ने कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अर्थशास्त्री के रूप में जाने जाते हैं, लेकिन उनके कार्यकाल में ही शहर में 32 रुपए और गांव में 27-28 रुपए रोज कमाने वाले को संपन्न वर्ग की श्रेणी में बताकर गरीबों का मजाक उड़ाया गया।
गडकरी का स्वागत करने पहुंचे भाजपा नेता: दिल्ली से रविवार को चार्टर विमान से रवाना होकर सुबह 10.30 बजे कोटा हवाई अड्डे पर पहुंचे नितिन गडकरी का स्वागत करने के लिए स्थानीय भाजपा नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या मौजूद थे। इनमें पूर्व सांसद रघुवीरसिंह कौशल, विधायक चंद्रकांता मेघवाल, शहर अध्यक्ष श्याम शर्मा, देहात अध्यक्ष प्रहलाद पंवार, महिला मोर्चा देहात जिलाध्यक्ष संगीता माहेश्वरी, प्रवक्ता योगेंद्र गुप्ता, कोटा व्यापार महासंघ अध्यक्ष क्रांति जैन, राजकुमार माहेश्वरी आदि शामिल थे। गडकरी सम्मेलन में भाग लेने के बाद दोपहर 12.30 बजे दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव एवं दी एसएसआई एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अशोक माहेश्वरी ने लघु उद्योग भारती के चिंतन शिविर में कोटा स्टोन को फिर से ओरेंज केटेगरी में शामिल करने की मांग की है। उन्होंने बताया कि राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी स्टोन उद्यमियों को हाल ही में नोटिस जारी कर 28 जून तक एनओसी लेने को कहा है। उन्होंने कहा कि जानबूझ कर कोटा स्टोन उद्योग को प्रदूषण बोर्ड ने रेड केटेगरी में डाल रखा है। कोटा स्टोन उद्योग वाटर बेस स्लरी निकलती है, जिससे किसी तरह का कोई प्रदूषण नहीं होता है। प्रदूषण बोर्ड ने 28 जून तक एनओसी नहीं लेने पर बिजली के कनेक्शन काटने की चेतावनी दी है। इससे हाड़ौती की करीब 10 हजार स्टोन इकाइयां प्रभावित होंगी।
लघु उद्योग भारती के जिला इकाई के अध्यक्ष अचल पोद्दार ने कहा कि कोटा स्टोन को ग्रीन केटेगरी में शामिल किया जाए। ताकि बार-बार एनओसी नहीं लेनी पड़े। इस मामले को राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर उठाया जाए।
जोधपुर के उद्यमी अनिल अग्रवाल ने लघु उद्योगों पर करारोपण, लघु उद्योगों के साथ सरकार के भेदभाव, चीन से प्रतिस्पर्धा, वित्त निगम की नकारात्मक सोच, महंगी बिजली दरें और इंस्पेक्टर राज जैसी समस्याएं उठाई। जयपुर के उद्यमी महेन्द्र मिश्रा ने क्लस्टर में राज्य सरकार के अड़ंगे की बात कही। इनके अलावा कई उद्यमियों ने मनरेगा योजना को उत्पादन से जोडऩे की बात कही। इससे पूर्व प्रांतीय अध्यक्ष गोविंदराम मित्तल ने पावर प्रेजेन्टेशन के जरिए उद्योगों पर इंस्पेक्टर राज और 100 तरह की रिटर्न के बारे में बताया। उन्होंने औद्योगिक कानूनों का भी इस मौके पर जिक्र करते हुए कहा कि फैक्ट्री में दुर्घटना होने पर उसे भी रोड एक्सीडेंट की तरह माना जाए। इसमें उद्यमी की कोई गलती नहीं होती है। गुजरात से आए शलभ चंद्र बोहरा ने गुजरात की पावर टैरिफ के बारे में जानकारी दी। सम्मेलन में पूर्व सांसद रघुवीर सिंह कौशल, भाजपा जिलाध्यक्ष श्याम शर्मा, लघु उद्योग भारती के संयोजक बीडी मूंदड़ा, प्रदेश सचिव कीर्ति जैन एवं जिला सचिव राजेन्द्र जैन समेत प्रदेश के सैकड़ों उद्यमी मौजूद थे।
खेती और उद्योग की हालत खराब
गडकरी ने कहा देश में उद्योगों और खेती की हालत खराब है। फर्टिलाइजर की कीमत पांच साल में चार गुना बढ़ चुकी है। महाराष्ट्र में बर्तन मांजने की मिट्टी 17 रुपए किलो और गेहूं 13 रुपए किलो बिकता है। गेहूं सस्ता है। कैसे सुधरेगी किसानों की हालत। किसान की हालत नहीं सुधरेगी तो इंडस्ट्री कैसे चलेगी। उन्होंने कहा कि विकास का केंद्रीयकरण नहीं विकेंद्रीकरण होना चाहिए।समारोह की अध्यक्षता करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रभारी कप्तान सिंह सोलंकी ने कहा कि हमारा देश संस्कृति और खनिज संपदा के मामले इतना समृद्ध है, जितना और कोई देश नहीं। देश फिर भी गरीब है। हम आजादी के 66 साल बाद भी उतना विकास नहीं कर पाए, जितना होना चाहिए।
समारोह में इनका हुआ सम्मान
कैरियर पाइंट के डाइरेक्टर ओम माहेश्वरी एवं प्रमोद माहेश्वरी का कोचिंग इंडस्ट्री में अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाने पर और उद्योगपति ताराचंद गोयल एवं प्रकाश चंद गोयल औद्योगिक क्षेत्र में विशेष योगदान के लिए सम्मान किया गया।
जज्बे और हाड़तोड़ मेहनत से बन गए करोड़पति

इंजीनियरिंग करके उद्योग लगाया
॥मैंने मैकेनिकल ब्रांच में इंजीनियरिंग की है। सबसे पहले दो लाख रुपए पूंजी से 1976 में एक छोटा सा उद्योग लगाया था, वह भी ट्रांसमिशन प्लांट। इसके बाद टेलीकॉम, रॉलिंग मिल एवं कृषि यंत्रों की फैक्ट्री लगाई। पहली बार जब उद्योग लगाया तो पांच लाख का टर्नओवर था, जो मेहनत और भाग्य से 80 करोड़ रुपए के आसपास पहुंच गया है। हमारे बनाए कृषि यंत्र दक्षिण अफ्रीका में भी निर्यात होते हैं। उद्योगों में मंदी तो कई बार आई, किंतु इस बार जैसी पहले कभी नहीं। पिछले दो साल से उद्योगों की हालत खराब है। इसकी वजह सरकार की गलत औद्योगिक और आर्थिक नीति है। सरकार की औद्योगिक विकास की सोच नहीं है। सरकार मनरेगा में लोगों को बिना काम रुपया बांट रही है। हम कहते हैं मनरेगा के श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन सरकार करे और श्रमिक हमें दे, हम उन्हें रोजगार देंगे।
महेन्द्र कुमार गुप्ता, प्रदेश अध्यक्ष लघु उद्योग भारती

पार्टनर से फैक्ट्री मालिक बना
॥1991 में बीएससी करने के बाद मेरा उद्योग लगाने का विचार था, लेकिन धन की तंगी के कारण उद्योग नहीं लगा पाया। मैंने पिता के दोस्त की जयपुर की फैक्ट्री में काम करना शुरू कर दिया। मेरा काम करने का तरीका देखकर उन्होंने मुझे फैक्ट्री में 25 प्रतिशत की पार्टनरशिप दे दी। दो साल उनके साथ काम करने के बाद मैंने एक कास्टिंग यूनिट किराये पर लेकर अपना खुद का काम शुरू कर दिया। हम लोग महाराष्ट्र के रहने वाले हैं, उस समय मैं अकेला ही जयपुर आया था। वर्तमान में मेरे पास चार कास्टिंग यूनिट और फाउंड्री इंडस्ट्री है। सालाना 30 करोड़ का टर्नओवर है।
महेन्द्र कुमार मिश्रा, महासचिव राजस्थान फाउंड्री एसोसिएशन

राजस्थान से उत्तराखंड तक
॥वर्ष 1981 में उदयपुर में 30 हजार रुपए में माइनिंग मिनरल का काम शुरू किया था। माइनिंग मिनरल में निकलने वाले डोलामाइट, सोप स्टोन, स्टेराइड, चाइना क्ले इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट हैं। हमने मिनरल्स का कारोबार राजस्थान से शुरू हुआ था, जो आज उत्तराखंड में किच्छा तक फैला हुआ है। हैदराबाद में मिनरल्स के गोदाम हैं। हमारे मिनरल्स सबसे ज्यादा 90 प्रतिशत एशियन पेंट्स खरीदता है। वर्तमान में हमारा टर्नओवर 22 करोड़ रुपए सालाना का है। मेरी सबसे बड़ी पीड़ा यह है कि उद्योगों के लिए जमीन है, लेकिन भूमाफिया के कारण जमीन इतनी महंगी हो गई है कि आज के समय में कोई इंडस्ट्री लगाने की कल्पना नहीं कर सकता।
वीरेंद्र कुमार डांगी, उद्यमी उदयपुर

उत्तराखंड में बने मास्टर प्लान : गडकरी
भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने रविवार को कहा कि उत्तराखंड के लिए केंद्र सरकार को मास्टर प्लान बनाना चाहिए। उत्तराखंड में रोड नेटवर्क और रेलवे सिस्टम को हाईटेक करने की जरूरत है, ताकि पहाड़ी क्षेत्र में यातायात के लिए उसका उपयोग किया जा सके। विदेशों में इलेक्ट्रॉनिक ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम का उपयोग किया जाता है। कोटा में पत्रकारों से चर्चा में उन्होंने कहा कि गडकरी ने कहा कि जब वे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे तो उन्होंने उस समय उत्तराखंड के तत्कालीन मुख्यमंत्री से मास्टर प्लान तैयार करने के लिए कहा था। इस पर काम भी शुरू कर दिया गया था, लेकिन सरकार बदलने के बाद काम आगे नहीं बढ़ सका।

आईएएस बनने पर समाज को दिया हॉस्टल के रुप में तौहफा, 5 करोड़ खर्च करनें का ऐलान



 
मुस्लिम खैलदार समाज कोटा में बच्चों के लिए बनाएगा हॉस्टल
कोटा. मुस्लिम पंचायत खैलदारान कमेटी की ओर से आईएएस में चयनित जाफर मलिक का इस्तकबाल किया गया। रविवार को विज्ञान नगर के सर्वोदय पैरामाउंट स्कूल कैंपस में समाज के प्रदेशभर से आए मौजिज लोगों के बीच कोटा-जयपुर में समाज के बच्चों के लिए 5 करोड़ का हॉस्टल बनाने की घोषणा की गई। समारोह में सवाई माधोपुर जिले के मलिक का सम्मान किया गया। उसकी ऑल इंडिया में 97वीं और प्रदेश में 7वीं रेंक रही है।

उसके पिता अबरार अहमद उदयपुर जिला परिषद में सीईओ हैं, जो इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि रहे। खैलदार समाज की ओर से कोटा और जयपुर में हॉस्टल बनाने के लिए अब्दुल गफ्फार मिर्जा, अ. फरीद, डॉ. आजम बेग, शरफुद्दीन बेग को जिम्मेदारी सौंपी गई है। वे इसके लिए11-11जनों की कमेटी बनाएंगे। समारोह में बूंदी तहसीलदार मो.ताहिर, एजी मिर्जा, अ. फरीद और अलीगढ़ यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष डॉ. आजम बेग ने कॅरिअर गाइडेंस प्रोग्राम के तहत कई बच्चों का सम्मान किया।

कुरान का सन्देश

 

ई टी वी उर्दू चेनल हेड जगदीश चन्द्रा ..खुर्शीद रब्बानी और ई टी वी टीम मुस्लिम मसाइल मामले में जिंदाबाद तो मुसलमान सियासी लीडर देश के सामने मुर्दाबाद हो गए .........ई टी के कार्यक्रम में कल सियासी मुसलमानों को अपनी अपनी पार्टियों की फ़िक्र थी कोई कोंग्रेसी तो कोई भाजपाई तो कोई सपाई था सबको फ़िक्र अपने आका नेताओं की थी कोम की फ़िक्र किसी मुसलमान को हो ऐसा मुसलमान ई टी वी को भी ना मिला ....

 ई टी वी उर्दू चेनल हेड जगदीश चन्द्रा ..खुर्शीद रब्बानी और ई टी वी टीम मुस्लिम मसाइल मामले में जिंदाबाद तो मुसलमान सियासी लीडर देश के सामने मुर्दाबाद हो गए .........ई टी के कार्यक्रम में कल सियासी मुसलमानों को अपनी अपनी पार्टियों की फ़िक्र थी कोई कोंग्रेसी तो कोई भाजपाई तो कोई सपाई  था सबको फ़िक्र अपने आका नेताओं की थी कोम की फ़िक्र किसी मुसलमान को हो ऐसा मुसलमान ई टी वी को भी ना मिला ....
दोस्तों इस देश में मुसलमानों को उनका हक दिलाने .. उन्हें  जाग्रत करने उन्हें इन्साफ दिलाने का काम  जिन मुस्लिम लीडरों को करना चाहिए था ....वोह तो सियासी पार्टियों के गुलाम बनकर ..मुस्लिम कोम की वोटर के रूप में सोदेबाज़ी कर रहे है ... लेकिन खुदा ने इसी बीच मुसलमानों के साथ राजनीतिक अत्याचार ..भेदभाव ..बलात्कार ...और सिर्फ और सिर्फ कोरी घोषणाओं के सच को जानकर उनके लिये  उनकी  अपनी बात कहने के लियें   उनका दर्द बताने और उन्हें इंसाफ दिलाने के लियें  ... ई टी वी  उर्दू हेड जगदीश चन्द्रा कातिल और रिपोर्टर खुर्शीद रब्बानी के रूप में एक जरिया बनाया ..............अफ़सोस इस बात पर है के जगदीश चन्द्र कातिल और खुर्शीद रब्बानी इस कोशिश को पिछले चार सालों  लगातार कर रहे है ......लेकिन मुसलमानों के किसी भी नेता के कान पर जू नहीं रेगी है ..उनका जमीर नहीं जागा  है ...उनके दिलों में कोम की हमदर्दी पैदा नहीं हुई ..सिर्फ उनके गलों में सियासी पार्टियों का पट्टा है ....... और यह सियासी पार्टियाँ ..अगर कहती है ..के भोंको ..तो यह भोंकते है ..वरना एक समझदार वफादार की तरह ...अपने कोम का दर्द ...कोम की नाइन्साफ़िया भूल कर ..सियासी पार्टियों के आकाओं के तलवे चाटते है ... या फिर कोम के हालातों पर कोम के लोगों की चीख  पुकार रोकने के नाम पर ....सियासी पार्टियों से पदों के लालच में सोदेबाज़ी करते है .......ई टी वी उर्दू हेड जगदीश कातिल और खुर्शीद रब्बानी सहित उनकी पूरी टीम ने कोम के लीडरों का कोम से ज्यादा सियासी पेरवी का सच आम जनता को दिखाया है ..देश और विश्व को दिखाया है ...मुस्लिम कोम के दबे कुचले हालातों को देख कर .... हिन्दू नेताओं को मुसलमानों पर रहम आ गया ..मुस्लिम विरोधी कट्टर हिंदूवादी पार्टियों को मानवता के नाते मुस्लिमों के दर्द के बारे में सोचने पर मजबूर होना पढा ... लेकिन अफ़सोस सद अफ़सोस ..मुसलमान नेता मुसलमान नहीं बन सके ....वोह कोम के दर्द को समेट कर सियासी पार्टियों के आकाओं के सामने सिर्फ और सिर्फ सोदेबाज़ी करते नज़र आये .....किसी भी सियासी पार्टी के मुस्लिम नेता में इतना साहस नहीं के वोह खुले मंच से मुसलमानों के सही हालातों की तर्जुमानी करे ...मुसलमानों के दुःख तकलीफों को उजागर करे ...और सरकार से लड़कर ..... अपनी सियासी पार्टियों से लड़कर मुस्लमानो को उनका हक दिलाये ......आज ई टी वी उर्दू की इस कोशिश से कोम जाग गयी है ..देश जाग गया है ...देश में जो लोग मुसलमानों से नफरत कर उनकी तुष्टिकरण की बात करते थे .. कोरी सरकार की घोषणाओं और कोरे वायदों का सच जानकर जो लोग मुसलमानों पर गुस्सा होते थे ..आज उनपर रहम खाने लगे है ..... लेकिन यह कोम के नेता आज भी कसाई बनकर .... कोम को बकरा बकरियों की तरह से सियासी पार्टियों को बेचने की जुगत में लगे हुए है .. पुरे पैसठ साल के कोम के साथ हुए बलात्कार ..अत्याचार ..अनाचार नाइंसाफी का सच भाजपा के राजनाथ तो जान गए है ..पत्रकार संतोष भारतीय समझ गए है ..ई टी वी उर्दू चेनल जान गया है लेकिन कोम के लीडर जानकर भी अनजान बने बेठे है और कोम की पेरवी करने की जगह सियासी गुलामी में लगे है ....दोस्तों एक कोम के लियें इससे ज्यादा शर्म की बात और क्या हो सकती है .... के एक केंद्र सरकार का केबिनेट मंत्री ... जिसकी केंद्र में सरकार है ...और जिस केंद्र सरकार को संविधान की अवहेलना करने पर किसी भी राज्य की सरकार को बर्खास्त करने का अधिकार हो ....वोह मंत्री मंच पर गुजरात सरकार के सामने बेबस एक मेमना सा गिद्गिदाता हुआ कहे ... के में तो गुजरात के लियें बजट भेजता हूँ ... गुजरात सरकार  मुसलमानों को देने से इंकार करती है   ....अरे ऐसी सरकार ...जो केन्द्रीय योजनाओं और संविधान के भाव के खिलाफ अगर काम करती है ...तो केंद्र से उसे बर्खास्त क्यूँ नहीं करवाते .....एक सेवानिव्रात्त नोकर जो अल्पसंख्यक आयोग का चेयरमेन है जिसे ऐसे किसी भी अधिकारी ऐसे किसी भी लोकसेवक चाहे वोह सांसद लोकसेवक हो ....चाहे वोह मुख्यमंत्री लोकसेवक हो ...उसे मुसलमानों के साथ ना इंसाफी पर जवाब देने के लियें पहले सम्मन से और फिर अगर नहीं आये तो वारंट से बुलाने का अधिकार हो ...और वोह मंच पर बेबस सा नज़र आये ...तो फिर यही सच लगता है के यह लोग केवल गुलाम और बिके  हुए है हुए है ...केवल अपने वायदे के लियें कोम की सोदेबाज़ी कर रहे है ...और कोम के मसाइल के नाम पर सियासत और सिर्फ सियासत कर रहे है .......ई टी वी हेड जगदीश चन्द्र कातिल ने कल कोंफ्रेंस में बहुत कोशिश की ...के मुसलमान नेता मुसलमानों के लिये मुसलमानों के मसाइलो पर बोले ....लेकिन वोह नाकाम रहे।। मंच पर बोलने वाले शायद नाम से तो मुसलमान थे ...लेकिन सियासत के इन गुलामों ने सिर्फ और सिर्फ अपनी अपनी पार्टियों  का प्रचार और केवल क़सिदेबाज़ी की है .... देश ने इस सच को देखा है ... मंच पर बेठे इन कोम के सोदेबाज़ों की ..सियासी गुलामी वोह समझे है ..........ई टी वी  हेड जगदीश कातिल ने कोंफ्रेंस शुरू करते वक्त सीधे शब्दों में कहा था के चाहे केंद्र सरकार हो ....चाहे भारत सरकार हो ....पैसठ सालों में इन सरकारों ने कोरी घोषणाओं के सिवा ...कोरे वायदों के सिवा ...मुसलमानों को कुछ ख़ास नहीं दिया है ... बजट हर साल बनता है  ..योजनाएं हर साल बनती है .... लेकिन वोह मुसलमानों तक नहीं पहुंच पाता ....पैसठ सालों में एक साल भी ऐसा नहीं है जब सरकार द्वारा घोषित मुसलमानों के कल्याण के बजट की पूरी क्रियान्विति हुई हो ...उनके लियें खर्च किये जाने वाला बजट पूरा खर्च किये  बगेर हर बार करोड़ों करोड़ रूपये मुसलमानों के कल्याण पर बिना खर्च हुए वापस चले जाते है ...बस इसे ही बताने के लियें मुसलमानों को बोलना था ... लेकिन ई टी वी उर्दू चेनल ने मंच पर उन लोगों को बुलाया जो केवल और केवल नाम के मुसलमान  थे ..लेकिन हकीक़त में मुसलमान नहीं सियासत के गुलाम थे ...जिन्हें कोम के हक में बोलने में डर लगता है ..जो सियासी पार्टियों के वकील है ..कोम के सोदेबाज़ है ... इस सच को कल ई टी वी के जगदीश चन्द्र ने जाना और घोषणा की ..के अगली बार ऐसी कोंफ्रेंस जब भी होगी ...तब कोई सियासी व्यक्ति कार्यक्रम की अध्यक्षता नहीं करेगा ...कोई सियासी व्यक्ति इस सेमिनार का उद्घाटन नहीं करेगा ... एक इक्कीस साल का कोम का नोजवान तो कार्यक्रम का आगाज़ करेगा और जो मजहब और धर्म की बात करता हो कोम की बात करता हो वोह कार्यक्रम की सदारत करेगा .......सियासी लोग तो भाषण देंगे ...उनका सम्मान करेंगे ...बस इतना ही काफी है ..............इस सेमीनर का नाम अब अल्पसंख्यकों के समक्ष चुनोतियों की जगह मुसलमानों के समक्ष  चुनोतिया  रखा जाएगा ................ई टी वी के कार्यक्रम में का देश ने देखा है वहां  उपस्थित मुसलमानों ने देखा है ...देश के मुसलमानों ने देखा है के वहां सभी को फ़िक्र थी अपनी अपनी पार्टियों ... अपने अपने आका सियासी नेताओं की ..किसी ने भाजपा की फ़िक्र की ..किसी ने कोंग्रेस की फ़िक्र की ..किसी ने सपा की ....किसी ने जदयू की ..तो किसी ने दूसरी पार्टी की फ़िक्र की ....लेकिन कोम की फ़िक्र रखने वाला कोई मुसलमान नेता नहीं ...या तो धर्मगुरु था ..या फिर शंकराचार्य थे ..कोम की फ़िक्र वाले या तो संतोष भारती थे या फिर ई टी वी के जगदीश चन्द्र थे ऐसे में ऐसे नेताओं के साथ क्या सुलूक किया जाए कोम बहतर जान्रती ......... इससे बहतर तो भाजपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष राजनाथ सिंह निकले .....संतोष भारती निकले डोक्टर किरोड़ी मीणा निकले ..ई टी वी ने भी बोलने वालों को बोलने नहीं दिया और जिसे जनता नहीं सुन्ना चाहती थी उन्हें बोलने का मोका दिया ...आम जनता आम मुसलमान जिसके मसाइल थे ...उसकी तरफ से किसी को मुक़र्रर नहीं किया के कोम के राज्य और केन्द्रीय स्तर के कोनसे मसले है जो उजागर हो .. जिन पर  नेता मंत्री अधिकारी और सरकारे विचार करे .....मुस्लिमों के लियें स्वीक्रत बजट कहा जाता है क्यूँ मुसलमानों तक नहीं पहुंचता कोई नहीं बोला ....पन्द्राह सूत्रीय कार्यक्रमों की क्रियान्विति जीरो क्यूँ है कोई नहीं बोला ............उन्नीस सो तिरेपन के आरक्षण परिपत्र में केवल हिन्दुओं को ही आरक्षण देकर मुस्लिम दस्तकारों को आरक्षण से बाहर क्यूँ किया गया कोई नहीं बोला ..देश की सियासत में मुसलमानों की भागीदारी क्यूँ नहीं बनाते कोई नहीं बोला .. ऐसे कई मुद्दे थे जिनपर ई टी वी और वक्ताओं को बोलना था लेकिन यह सब अनछुए रहे लेकिन जो भी रही नहीं मामा से काने मामा की तरह बहतर रहे कामयाब रहे और मुबारकबाद के लायक रहे कुछ तो धुल उडी है कोम के दबे हुए मसलों से मुस्लिम लीडर जो गुलाम है वोह जागे हो या ना जागे हो उनका जमीर जागा हो या ना जागा हो लेकिन मुसलमान और देश जरूर जाग रहा है ..........................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

मुस्लिम आरक्षण के नाम पर मुसलमानों के साथ धोखे को लेकर कोटा में मंज़ूर तंवर ..एडवोकेट अख्तर खान अकेला से केन्द्रीय मंत्री के रहमान ने झूंठ बोलकर पीछा छुडाया

मुस्लिम आरक्षण के नाम पर मुसलमानों के साथ धोखे को लेकर कोटा में मंज़ूर तंवर ..एडवोकेट अख्तर खान अकेला से केन्द्रीय मंत्री के रहमान ने झूंठ बोलकर पीछा छुडाया
राजस्थान के जयपुर की क्लार्क आमेर होटल में ई टी वी उर्दू द्वारा अल्पसंख्य्कों के समक्ष चुनोतिया विषय पर आयोजित सेमीनार में केंद्र और कोंग्रेस सरकार द्वारा मुसलमानों के लियें कथीत कल्याणकारी घोषणाओं का बखान कर जा रहे केन्द्रीय अल्पसंख्यक मामलात मंत्री के रहमान को कोटा देहात कोंग्रेस प्रवक्ता मंज़ूर तंवर और सदस्य पन्द्राह सूत्रीय कल्याणकारी समिति एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने मुसलमानों के आरक्षण और मुस्लिम तलाक शुदा महिलाओं से अदालत की डिक्री सरकार द्वारा मांगे के सवाल कर उन्हें ला जवाब कर दिया और स्थिति यह बनी के जब उनके पास कोई जवाब नहीं बना तो सुप्रीम कोर्ट का वास्ता देकर अपना पीछा छुड़ा कर उन्हें चलता होना पढ़ा .........कल भाजपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष राजनाथ सिंह द्वारा मुसलमानों के साथ इन्साफाना सुलूक करने की गारंटी से भरा भावुक उद्बोधन के बाद जब राजनाथ सिंह ने सभी को मिलजुल कर मुसलमानों के पिछेपन को दूर करने का सुझाव दिया ..उसके बाद जब केंद्र सरकार में अल्पसंख्यक मामलात के मंत्री जनाब के रहमान का नम्बर आया तो उन्होंने पहले गुजरात में कोंग्रेस द्वारा मुसलमानॉन के लियें भेजी गयी योजनाओं का लाभ मोदी सरकार द्वारा गुज्रानते में नहीं दिए जाने का सवाल उठाते हुए राज्य सरकारों द्वारा योजनाओं की उपेक्षा की बात कही और फिर उन्होंने मुसलमानों के आरक्षण के लियें सरकार की संवेदन्शीलता ..कोंग्रेस का मुसलमानों के आरक्षण के प्रति वायदा निभाने की कोशिशो और सच्चर रंगनाथ मिश्र के बारे में मुसलमानों को बताया और ..कोंग्रेस के मुसलमानों के लियें सब कुछ कर रही है जब उन्होंने इसकी घोषणा की तब के रहमान से ..कोटा देहात कोंग्रेस के प्रवक्ता मंज़ूर तंवर और एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने उन्हें रोक कर मंच पर ही सवाल किया .........जिसमे कोंग्रेस के शासन काल में केंद्र सरकार द्वारा वर्ष उन्नीस सो तिरेपन में काका केलकर की रिपोर्ट के बाद व्यवसाय और दस्तकारी के पिछड़ेपन के आधार पर उन्हें आरक्षण देने की के बाद जब मांस का व्यापार करने वालो ..कपड़ा बुनने वालो ...कपड़ा धोने और रंगने वालो सहित कई काम करने वालों को आरक्षण का सरकार ने परिपत्र आदेश निकाल जिसमे आरक्षण केवल हिन्दुओं के लियें लिखा गया नतीजा हिदू कसाई जो खटीक है उसे आरक्षण का लाभ मिला लेकिन इसी व्यवसाय इ करने वाले मुस्लिम कसाई को इसका लाभ नहीं दिया गया इसी तरह से कोली समाज को कपड़ा बुनने के कारण हिन्दू होने से आरक्षण मिला लेकिन मुस्लिम जुलाहों को इसका लाभ नहीं दिया गया ऐसे कई दस्तकार है जिन्हें हिन्दू मुस्लिम में बांटकर मुसलमानों से उनका हक छिना गया है सवाल था के इस परिपत्र में से केवल हिन्दुओं के लियें शब्द समस्त भारतियों के लियें कोग्न्रेस सरकार क्यूँ नहीं करती ताकि मुस्लिम समाज या किसी भी समाज को इसका लाभ मिल सके ...दूसरा सवाल था के जब मुस्लिम पर्सनल लो में मुस्लिम पुरुष द्वारा लिख कर या फिर बोल कर तलाक देने की परम्परा है मुस्लिम पर्सनल लो में तलाक मामले में महिला को किसी तलाक डिक्री की आवश्यकता नहीं है तो फिर के आवेदन में मुस्लिम महिलाओं को भी अदालत की तलाक की डिक्री देने के लियें क्यूँ शर्त रख कर उन्हें परेशान किया जा रहा है ...मंजूर तंवर और एडवोकेट अख्तर खान अकेला द्वारा अप्रत्याशित रूप से उठाये गए इन मुस्लिमो की समस्या से सीधे जुड़े कानूनी सवालों को उठाने पर के रहमान अचानक सकते में आ गये उनसे कोई जवाब नहीं बन पढ़ा पहले उन्होएन कहा के इसके लियें काम चल रहा है फिर संभले और सरासर झूंठ बोले कहा के में इस मामले में टिपण्णी नहीं करना चाहता क्यूंकि मामला सुप्रीमकोर्ट में है जबकि देश जानता है के इस मामले में कोई भी कार्यवाही सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग नहीं है यह तो केवल और केवल सरकार के दायें हाथ का कम है जो सरकार मिनटों में कर सकती है जेसे इस परिपत्र में बोद्ध ..फिर इसाई जोड़ कर सरकार ने उन्हें आरक्षण दे दिया है .अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोंग्रेस के माहिर और भाजपा के अमीन ने अपने अपने अंदाज़ में पार्टी की भी लाज राखी और मुसलमानों की बात भी उठायी

कोंग्रेस के माहिर और भाजपा के अमीन ने अपने अपने अंदाज़ में पार्टी की भी लाज राखी और मुसलमानों की बात भी उठायी
राजस्थान की राजधानी जयपुर की क्लार्क आमेर होटल में कल आयोजित ई टी वी उर्दू द्वारा आयोजित अल्पसंख्यकों के समक्ष चुनातियों की सेमीनार में कोंग्रेस के नेता और राजस्थान अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमेन माहिर आज़ाद ..राजस्थान भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अमीन पठान ने का दर्द अपने अपने अंदाज़ में पेश किया ........कल जब भाजपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष राजनाथ सिंह सभी मुसलमानों को साथ चलने और भाजपा शासित राज्यों में किसी भी मुसलमान के साथ भेदभाव नहीं होने और अगर ऐसा होता है तो उसकी सीधी उनसे शिकायत करने का भावुक संवेदनशील भाषण पेल कर बिना किसी को सुने जाने लगे तब राजस्थान अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमेन माहिर आज़ाद ने उन्हें गुजरात में मुसलमानों को केंद्र की छात्रवृत्तिया और लाभ नहीं देने तथा मुस्लिमों के साथ दोयम दर्जे के नागरिक की तरह सुलूक करने की लिखित शिकायत करने की कोशिश की लेकिन राजनाथ ने मंच पर जो कहा था उसके एक पल में अपना स्टेंड बदला और माहिर आज़ाद को टाल दिया इसी बीच ई टी वी मंच से माहिर आज़ाद को बोलने की दावत दी गयी और मोके का फायदा उठाते माहिर आज़ाद ने कार्यक्रम से जा राजनाथ सिंह को आवाज़ लगाकर कहा के राजनाथ सिंह जी आपने जो कहा वोह सच नहीं है गुजरात के हालात देखो वहां मुसलमानों को केंद्र की योजनायें मोदी सरकार मुसलमानों तक नहीं पहुचा रही है ..और उनके साथ दोयम दर्जे के नागरिक का व्यवहार आकर रही है वोह भी भाजपा शासित राज्य है आप कहते कुछ और हो करते कुछ और हो ...इसी बीच राजस्थान भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अमीन पठान मंच पर चढ़ गए और माहिर आज़ाद से माइक लेकर उन्होने माहिर आज़ाद से सीधा सवाल दाग के माहिर भाई राजस्थान में गोपालगढ़ के मुसलमानों पर जो जुल जो ज्यादती हुई है वहां जो हत्या हुई है इस मामले में कोंग्रेस ने क्या क्या इसका कोई जवाब है ..थोड़ी देर के लियें ई टी वी मंच राजनितिक अखाड़ा बनता दिखा लेकिन सभी लोगों ने बात शांत कर दोनों को बिठा दिया माहिर आज़ाद का भाषण अधूरा रह गया और अमीन पठान के गोपालगढ़ के सवाल अधूरे रह गए ..लेकिन कल कार्यक्रम के दोरान लोगों के बीच चर्चा रही के सियासी मामला ही सही लेकिन राजनाथ सिंह के बढे बढ़े झांसे से भरे वायदों के बाद माहिर आज़ाद ने गुजरात के मुसलमानों का सवाल उठा कर एक तरफ तो मुसलमान होने का और दुसरे तरफ कोंग्रेसी होने का फर्ज़ निभाया है इसी तरह से भाजपा के राष्ट्रिय अध्यक्ष राजनाथ सिंह के सामने ही उनसे उलट सवाल कर आम लोगों के सामने उनको लाजवाब करता देख भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अमीन पठान ने भाजपा का वफादार होने का फर्ज़ निभाते हुए मंच को घेर और एक मुसलमान का फर्ज़ निभाते हुए गोपालगढ़ की हत्यारी सरकार से गोपालगढ़ के मामले में सवाल दाग कर एक मुसलमान होने का फर्ज़ भी निभाया .............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कुरान का सन्देश

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