कोटा। उत्तराखंड से आ रही ट्रेन जैसे ही इंदौर स्टेशन पर रुकी तो
कोटा के कुन्हाड़ी निवासी रमेश की आंखें अपनी पत्नी रश्मि को तलाशने लगीं।
हालांकि वह जानता है कि रश्मि अब कभी नहीं लौटेगी। लेकिन, उम्मीद कभी नहीं
मरती। सभी परिजन उतर गए, लेकिन रमेश इंतजार करता रहा कि कोई और भी ट्रेन
से उतरे और तभी ट्रेन चल पड़ी।
कुन्हाड़ी में ब्याही रश्मि इंदौर अपने पीहर गई थी। वहीं से अन्य
रिश्तेदारों के साथ केदारनाथ के दर्शन को चली गई। अन्य परिजन तो बच गए,
लेकिन गौरीकुंड में आया मौत का सैलाब रश्मि को बहा ले गया।
जब से खबर मिली, तभी से रमेश इंदौर में है। कोटा जिले से तीर्थयात्रा पर
गए 626 लोगों में से अब भी 88 लोगों का पता नहीं चला है। इस बीच 22 यात्री
सोमवार को कोटा लौटे, जिसमें से बीमार होने पर पांच को एमबीएस अस्पताल में
भर्ती कराया गया है।
मां तो मिल गई, पिता का कोई पता नहीं
पिछले शनिवार से लापता अपने माता-पिता को ढूंढने हरिद्वार व ऋषिकेश पहुंचे
महावीर को मां आशा तो मिल गई, लेकिन पिताजी का पता नहीं चला। महावीर की 16
जून को मां से बात हुई थी। वे हरिद्वार सहित सभी क्षेत्रों में घूमे,
सोमवार को किसी के मोबाइल से मां ने बात की। वे उत्तराखंड तक हैलीकॉप्टर से
और वहां से बस द्वारा ऋषिकेश पहुंची हैं। पिताजी गुलाबचंद के बारे में
जानकारी नहीं है।
60 से में 32 जने लापता
लौटकर आए हरिमोहन दाधीच ने बताया कि वे सात जने कार से कोटा पहुंचे हैं।
वहीं मोहन व्यास ने बताया कि वे 60 तीर्थयात्रियों के साथ उत्तराखंड पहुंचे
थे। इसमें से 28 लोग ही कोटा पहुंच पाए हैं, बाकी 32 जनों का पता नहीं चला
है। कोटा लौटने वालों में देईखेड़ा के रमेश चंद, चौथमल, कलावती, संतोषबाई,
गुणकंवर व भंवरीबाई को तबीयत खराब होने पर एमबीएस में भर्ती कराया गया है।
जिसने देखा, वही जुट गया बीमार-पीडि़त यात्रियों की सेवा में
सात दिन तक बांटेंगे यात्रियों का खाना
प्रभुप्रेमी संघ व रघुबाला कंस्ट्रक्शन कंपनी के पदाधिकारियों ने सोमवार को
कोटा पहुंची उत्तरांचल एक्सप्रेस में यात्रियों को खाने के 500 पैकेट व
पानी की बोतलें बांटी।
अध्यक्ष सुनील गर्ग ने बताया कि यह व्यवस्था 7 दिन तक रहेगी। वहीं, शहर
जिला कांग्रेस कमेटी की ओर से गुमानपुरा स्थित कांग्रेस कार्यालय पर शोकसभा
में शहर कांग्रेस अध्यक्ष पंडित गोविंद शर्मा, महासचिव डॉ. विजय सोनी,
प्रदेश महासचिव पंकज मेहता, ब्लॉक अध्यक्ष सलीम भाई सहित अन्य ने दो मिनट
का मौन रखा। इधर, कुन्हाड़ी आर्यसमाज के प्रधान पीसी मित्तल के निवास पर
रविवार को शाम यज्ञ हुआ। पंडित बिरदीचंद शास्त्री ने यज्ञ करवाया। उधर,
शिवसेना हिन्दुस्तान के 50 कार्यकर्ता बुधवार को उत्तराखंड में बचाव कार्य
के लिए रवाना होंगे।
प्रशासन की ओर से आज जाएगी सामग्री
जनसहयोग से एकत्रित की गई एक ट्रक राहत सामग्री मंगलवार को प्रशासन द्वारा
प्रभावित क्षेत्र के लिए रवाना होगी। नायब तहसीलदार गजेंद्र सिंह ने बताया
कि 16 कार्टून बिस्किट के तैयार कर लिए गए हैं। मंगलवार को इसमें और इजाफा
हो जाएगा, इसके बाद रवाना किया जाएगा।
ये भी जुटे रहे पीडि़तों की मदद के लिए
मुस्लिम नौजवान कमेटी के सदस्यों ने जैफ खां मंसूरी के नेतृत्व में शबे
बारात पर दुआ मांगी। भाजपा अध्यक्ष श्याम शर्मा के नेतृत्व में दादाबाड़ी
मंडल में धन संग्रह किया गया। क्षत्रिय लोधी राजपूत समाज की ओर से अध्यक्ष
रणजीतसिंह लोधी के नेतृत्व में श्रद्धांजलि दी गई।
रास्तेभर शवों को देखता रहा, कहीं कोई अपना तो नहीं
रामबाड़ा के यहां पहाड़ी पर चढ़कर जान बचाई। उसके बाद अपने ग्रुप से बिछड़
गया। अकेला जंगल और पहाडिय़ों से होता हुआ 15 किलोमीटर भूखा-प्यास चलकर
गौरीकुंड तक पहुंचा। रास्ते भर मिलने वाले शवों की शक्ल देखता रहा। कहीं
कोई मिलने वाला तो नहीं। वहां सैनिकों के अलावा कोई मदद नहीं कर रहा है।
लोग भूखे-प्यासे फंसे हुए हैं। - चौथमल, दहीखेड़ा
भगवान ने ही बचाया
भारी बारिश और नीचे बहती मौत के बीच फंसे हुए थे। जंगल में भीगते हुए दो
दिन गुजारे। चार दिन तक कुछ खाने को नहीं मिला। हर पल बस यह लगता था कि कब
विनाश की चपेट में आ जाएंगे। सब लोगों की हिम्मत से हमने खतरनाक रास्ते को
पार किया। शवों के ऊपर से भी गुजरना पड़ा। गौरीकुंड में आने के बाद हमें
मदद मिली। वहां बिस्कुट का पैकेट भी 40 रुपए में मिल रहा था।
- संतोषबाई, दहीखेड़ा