बड़ी बहन परवाना (साढ़े तीन साल) बेसुध हो गई। चाचा का बेटा फरहान (पांच साल) छटपटा ही रहा था कि राहगीर की नजर पड़ गई। मौके पर आस-पड़ोस के लोग भी जुट गए। कांच तोड़कर बच्चों को निकालने का प्रयास कर ही रहे थे कि माता-पिता आ पहुंचे। गंभीर हालत में बच्चों को अलवर के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
पूरा इलाज कराए बिना ही घर ले गया
पिपरोली निवासी इश्ताक खां बहन की शादी के लिए सामान खरीदने परिजनों के साथ रामगढ़ आया था। यहां पेट्रोल पंप के पास कार खड़ी की और तीनों बच्चों को कार में ही लॉक कर गया। इश्ताक ने बताया कि शुक्रवार को ही उसके ताऊ चांद खां का निधन हो गया। बहन की शादी भी है। इसी गहमा-गहमी के बीच वह बच्चों को बोलेरो में छोड़कर चला गया और हादसा हो गया। उसका कहना था कि घर में शादी है, इस कारण बच्चों का इलाज कराने की स्थिति में नहीं हूं और उन्हें अस्पताल से घर ले जा रहा हूं।