आपका-अख्तर खान

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15 जुलाई 2013

एक पाती सियासत के शिकार तबाह हुए मुसलमानों के जमीर को झकझोरने के नाम

दोस्तों कल अदालत परिसर में अचानक डाकिया आया और एक पत्र मुझे थमा गया ..पहले मेने सोचा के वकीलों को तो केवल रजिस्ट्री से काम रहा है और आज मोबाइल इंटरनेट के दोर में यह अंतर्देशीय पत्र किसने भेजा  है ......पहले मेने सोचा जेल से किसी केदी  का होगा लेकिन जब खोला तो यकीन मानिए .... इस अनजान व्यक्ति द्वारा लिखे गए पत्र ने मेरे जमीर के तार झकझोर दिए और मुझे सोचने पर मजबूर कर दिया ..इसीलियें दोस्तों में यह पत्र आपको नज़र कर रहा हूँ प्लीज़ पढिये सोचिये और मेरे सुझाव में और तरमीम सुधार कीजिये ................
पत्र इस तरह है ....मोहतरम अस्स्लामॉलेकुम .बाद  आदाब अर्ज़ है के आप एक समाज सेवा का जज्बा रखते है कोम का देश का राष्ट्रीयता का जज्बा रखते है ...इसीलियें में आपको यह पत्र लिख रहा हूँ माफ़ फरमाए ..............क्या हमने कभी सोचा है .......पन्द्राह अगस्त उन्नीस सो सेतालीस से लगातार हर साल पन्द्राह अगस्त और छब्बीस जनवरी को स्कूलों ..कोलेजों ..तमाम सरकारी समारोह में हमेशा कोमी तराना .....सारे जहां से अच्छा हिंदुस्तान हमारा .हम बुलबुले है इसकी यह गुलिस्तान हमारा ...बजाया  जाता था लेकिन भाजपा आते ही भाजपा के एक मंत्री .............................नाम आप समझ गए होंगे ने इस तराने को बंद करवा दिया लेकिन आजतक हमने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया .......दूसरी बात ठंडी राम मीना ...कलेक्टर ..एदुराम मीणा एस पी ..गोबरी लाल मीणा चीफ एक्ज़िक्युतिव ..और सय्यद शुबराती सट्टेबाज़ ....जुम्मा खान पठान खाईवाल ..शेख मदारी जेबकट खान भाई  कबाड़ी .... ऐसा क्यूँ  ...क्या कभी हमारी कोम ने गोर किया ...........एक प्रतिशत संस्क्रत के लियें संस्कृत विश्वविध्यालय और पन्द्राह प्रतिशत उर्दू वालों के लियें कोई अच्छा सा कोलेज भी नहीं ..हमारी तहजीब को किस तरह खत्म कर दिया ...किसी को पता नहीं चला ..किस तरह उर्दू को स्टेशन बूक स्टोल से गायब कर दिया .. हमे अहसास ही नहीं ....अजमेर यूनिवर्सिटी को ......लोग दयानंद यूनिवर्सिटी बना ले गए और हम सोते रहे जबकि इसका नाम ख्वाजा गरीब नवाज़ यूनिवर्सिटी होना चाहिए था ...हमे कोई अहसास नहीं ......आज दरगाह के नुमाइंदों के पास कोम का करोड़ों रुपया आता है इसे वेह शराब शबाब में उड़ा देते है अगर हम जरा गोर करे तो इस रकम से हम एक दीनी व् दुनियावी मुस्लिम गर्ल्स यूनिवर्सिटी चला सकते है ... इस पर गोर करें .....आप  एक कमेटी बनाये जिसमे जोधपुर के रहमानी साहब ...सवाई माधोपुर के वकील सय्यद आबिद साहब पूर्व आई ऐ एस जे एम खान साहब जेसे लोग हों और कोम को बेचारगी से उभारें ...एक और शेर ...बनी बनती है तो लाखों निसार होते है ..बनी बिगडती है तो दुश्मन हजार होते है ......अल्ल्लाह हाफ़िज़ आपका कीमती वक्त लिया माफ़ करना  ....शफ़िउद्दिन ...जे पी कोलोनी गली नम्बर तीन रंगपुर रोड कोटा जंक्शन कोटा ........
इस पत्र को लिखने के पीछे मेरे दोस्त मेरे हमदर्द शफ़िउद्दिन की जो भी मंशा हो लेकिन एक बात तो है के इसमें कई सवालात छुपे है  दर्द छुपा है मुस्लिम कोम की तबाही की दास्ताँ छुपी है ... वेसे तो मेने इन जनाब को पत्र लिखा है ..और ऐ पी जे अब्दुल कलाम ..अब्दुल कलाम आज़ाद ...फखरुद्दीन  अली अहमद ...डोक्टर जाकिर हुसेन ..सलमान खान...शाहरुख़ खान ..आमिर खान सहित हाल ही में आई ऐ एस बने साथियों का हवाला दिया है ...लेकिन यह जवाब ग़ालिब दिल बहलाने को ख्याल अच्छा है .. बात सही है ...हमारी नादानियों ..हमारी चुप्पी ,,, हमारी गेर सियासी सोच ,,,, हमारी गुलामी सोच ने हमे पेंसठ  सालों में रसातल में पहुंचा दिया है ...जो लोग शासक थे ...आज याचक बन गए है ...जो लोग भवन बनाते थे ..आज खुद के रहने के लिए तरस रहे है ..जो लोग अपराध से नफरत करते थे ..आज वही लोग अपराधी बने बेठे है ... पढाई है तो रोज़गार नहीं ..रोज़गार है तो दोहरा व्यवहार ...केवल हम वोटर बनकर रह गए है ... पार्टियों में टिकिट नहीं ...केवल भीड़ बढाने का हम साधन बन गए है ...केवल दंगाई ...केवल उत्पाती और आतंकवादी का चेहरा हमे पेंसठ  साल की सरकार ने हमे वोटर बनाकर दिया है ..अभी भी हम नहीं जागे तो हमारी खेर नहीं ..हम राष्ट्रभक्त है ...हम इस्लाम भक्त है ...हमे देश को आगे बढाना है ...तो खुद को आगे बढना होगा ...खुद को पढना होगा ...एक और नेक होना होगा ...वोटर की तरह जो गुलामी मानसिकता हमारी है ....उसे हमे बदलना होगा ....क्या कोंग्रेस ..क्या भाजपा ...क्या सपा  ..क्या बसपा ...सब छोड़ कर केवल देश और कोम के बारे में सोचना होगा ... हमारे देश में मुसलमान नहीं है .....मोलवी मोलाना नहीं है ...केवल कोंग्रेसी है ...केवल भाजपाई है ..सपाई  है ...बसपाई है ...तो दोस्तों कोम के पिछड़ेपन ...उसके साथ हो रहे अत्याचार का दर्द ...उसके विकास का प्लान कोन  आगे लाएगा ..सलमान खुर्शीद से अगर कोंग्रेस कहे मस्जिद तोड़ दो ...वोह कहेंगे ठीक  है तोड़ दी .....मुख़्तार अब्बास नकवी ...शाहनवाज़ से अगर कहेंगे के ...मोदी ने मुसलमान मारे है ....इसकी तारीफ कर दो तो वोह कहेंगे हुकम हाज़िर है ....हमारे मोलाना ...मोलवी ...मस्जिदों में गोलिया चलाने वालों के हक में फतवे देकर सरकारी पदों पर बेठ जायेंगे ...तो जनाब कोम की सोदेबाज़ी अगर चलती रही तो गुलामी हमारा भविष्य बनकर रह जाएगा ....हमे खुद को उठना होगा .....हमे पढना होगा ..हमे स्वावलम्बी बनना होगा हमे खुद अपने वोट के अधिकार के बारे में सोचना होगा .....बेखोफ ...निष्पक्ष ...होकर हमे वोट डालने या नहीं डालने का फेसला लेना होगा ..हमारे पास आज न धन है न दोलत है केवल और केवल एक वोट है ....इस्लाम और ईमान की ताकत है ..जिसे भी यह बाज़ीगर गुलाम मानसिकता वाले बिगाड़ते है ...और फिर पांच साल तक हमे खून के आंसू रुलाते है ..हम एक बार वोट नहीं भी डालेंगे तो क्या फर्क पढ़ता है ...लेकिन हमसे टिकिट मांगते वक्त तुम चुनाव हर जाओगे ....कहने वाले यह तो सोचेंगे के ... जब हम इनके वोट लेकर जीतते है तो इन्हें टिकिट देकर नहीं जिताएंगे तो हम भी मिटटी में मिल जायेगे ....हमारा वक्फ निजाम लूट खसोट वाला है ...कानून टूटा फूटा है ...सरकार के तन्खय्यों  का इस वक्फ पर कब्जा है ...और देश का वक्फ निजाम ....तबाह बर्बाद हो गया है ...जो बचा है ...उसे भी बर्बाद किया जा रहा है ....मस्जिदों की कमेटियों पर गुंडे और बदमाशों का कब्जा है ....कई मस्जिदों में न जाने किस तरह की कमाई लगाई गयी है ...सभी जानते है ...तो दोस्तों हमे बदलना होगा ...हमे आगे बढना होगा ...अगर हमे देश को आगे बढाना है ....तो हमे मजबूत स्वावलम्बी बनना होगा ....लेकिन इसके लियें हमे गुलामी ....सियासी गुलामी छोड़ कर .... देश के संविधान ... देश के कानून ..और खुदा के हुक्मनामे ... कुरान के बताये हुए रास्ते पर चलकर ... राष्ट्रभक्त  बनकर ..खुद को और देश को आगे बढाना होगा और कोमी सियासी दलालों को सियासी बिकाऊ मुफ़्ती मोलानाओं को सड़कों पर सबक सिखाना होगा ...........देश में भाईचारा एक दुसरे के परस्पर काम आने एक दुसरे से काम लेने का माहोल बनाना होगा .......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कारसेवकों पर गोली चलाने का अफसोस हैः मुलायम



नई दिल्ली. समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव का कहना है कि उन्हें 1990 में अयोध्या में कारसेवकों पर गोली चलवाने के फैसले पर अफसोस है। इसके साथ ही मुलायम सिंह यह कहना नहीं भूलते हैं कि तब उनके पास दूसरा कोई रास्ता नहीं था। एक समाचार चैनल से बाचतीच में मुलायम ने कहा कि कारसेवकों पर गोली चलाने के फैसले पर उन्हें दुख है लेकिन उस समय देश की अखंडता दांव पर लगी हुई थी। तत्कालीन सीएम मुलायम ने कहा कि अयोध्या के विवादित ढांचे के चारों ओर करीब 11 लाख कारसेवक जमा हो गए थे। उन्हें वहां से हटाना था और यह भी देखना था कि हालात काबू में रहें। देश में शांति बनाए रखने के लिए यह उस समय लिया गया एकदम सही फैसला था।
 
मुलायम ने इस बातचीत में मोदी को भी नहीं बख्शा। उन्होंने कहा कि देश में विकास के लिए गुजरात मॉडल नहीं यूपी के मॉडल को अपनाएगा। मुलायम ने कहा कि अखिलेश सरकार अच्छा काम कर रही है और उनका मॉडल ही देश के सामने आदर्श मॉडल है। मोदी से सवाल करते हुए कहा कि उन्होंने किसानों और लड़कियों के लिए गुजरात में क्या किया है? उन्होंने कहा कि इस समय हर कोई मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार की 'कन्यादान योजना' की तारीफ कर रहा है, लेकिन यूपी में 10 साल पहले ही यह योजना लागू कर दी गई थी। मुलायम ने कहा कि यूपी अकेला राज्य है जिसने सच्चर कमिटी की सिफारिशों को लागू किया है।
 
हालांकि मुलायम ने यह नहीं बताया कि 2014 के चुनावों में उनकी पार्टी किसे समर्थन देगी। मुलायम ने कहा कि एनसीपी चीफ शरद पवार पीएम बनते हैं तो इसमें क्या गलत है? मुलायम ने कहा कि समाजवादी पार्टी चुनावों के बाद ही किसी पार्टी को समर्थन देने पर फैसला करेगी।

कुरान का सन्देश

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