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17 जुलाई 2013

मोदी पर राजद्रोह का केस, बीजेपी में बगावत, बसपा ने भी सांसद को निकाला



नई दिल्ली. 2002 के दंगे और हाल के दिनों के विवादित बयान गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी की चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष नरेंद्र मोदी और उनकी तरफदारी करने वालों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहे हैं। मोदी के हाल के दिनों में सामने आए बयानों को लेकर मोदी के खिलाफ राजद्रोह और दो समुदायों के बीच नफरत फैलाने के सिलसिले में पटना में मुकदमा दर्ज किया गया है। यह केस पटना यूनिवर्सिटी के सांख्यिकी विभाग के एक टीचर ने दर्ज करवाया है।  
 
 
'कुत्ते के बच्चे' वाले बयान पर मोदी का बचाव करने वाले बीएसपी सांसद विजय बहादुर सिंह को उनकी पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया है। विजय बहादुर सिंह ने पलटवार करते हुए कहा है, 'राजनेता होने का यह मतलब नहीं होता कि हम पार्टी लाइन को लेकर इतने प्रतिबद्ध हो जाएं कि तर्क की कोई जगह न बचे। क्या मैं दो और दो के जोड़ को सिर्फ इसलिए एक कह दूं क्योंकि मोदी इनके जोड़ को चार बता रहे हैं?' बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने पिछले दिनों कहा था कि मोदी का बचाव करने वाले हमीरपुर से सांसद को पहली और आखिरी चेतावनी दी गई है। विजय बहादुर सिंह ने मोदी का यह कहते हुए बचाव किया था कि उन्होंने कोई गलत बात नहीं बोली बल्कि उनके बयान का गलत निकाला जा रहा है। 
 
 
 
मोदी की पार्टी यानी बीजेपी के भीतर भी गुजरात के मुख्यमंत्री के खिलाफ आवाजें उठनी बंद नहीं हुई हैं। बीजेपी में दो महीने पहले बतौर दिल्ली प्रदेश ईकाई उपाध्यक्ष शामिल हुए मशहूर नाटककार आमिर रजा हुसैन ने मोदी को घटिया आदमी करार देते हुए उन्हें 2002 के दंगों के लिए जिम्मेदार ठहराया है। हुसैन ने मंगलवार को पार्टी से यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया कि अगर बीजेपी मोदी को प्रधानमंत्री पद के दावेदार के तौर पर पेश न करे तो मुस्लिम समुदाय बीजेपी को वोट दे सकता है। लेकिन मोदी को प्रोजेक्ट किए जाने पर अल्पसंख्यक उनके खिलाफ वोट देंगे। 
 
 
इसी बीच, पुरी में शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने एक सनसनीखेज बयान में कहा है कि मोदी ने मंगलवार को फिर कोई गलती न होने का उनसे आशीर्वाद मांगा था। हालांकि, शंकराचार्य के बयान से यह साफ नहीं हो पाया कि मोदी पहले की गई किस गलती की बात कर रहे हैं। मोदी भगवान जगन्नाथ के दर्शन और पूजा-अर्चना के बाद गोवर्धन पीठ के शंकराचार्य से मिलने पहुंचे थे। 
 
 
लेकिन इन तमाम विवादों से परे बीजेपी नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के दावेदार के तौर पर पेश करने की तैयारी में जुटी है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक राजनाथ सिंह इसी हफ्ते अमेरिका जा रहे हैं, उनके अमेरिका से लौटते ही संसदीय बोर्ड की बैठक में इस बारे में अंतिम फैसला कर लिया जाएगा।

22 बच्चों की मौत के बाद भी सामने नहीं आए नीतीश, मंत्री ने राजनीतिक साजिश बताकर झाड़ा पल्ला



छपरा. बिहार के सारण जिले के के स्कूल में जहरीला मिड-डे-मील खाने से  22 बच्चों की मौत (देखें तस्वीरें) के बाद राज्य भर में जमकर हंगामा हुआ। बिहार के शिक्षा मंत्री पीके शाही ने कहा कि घटना के बाद से ही हेडमास्टर अपने परिवार समेत फरार हैं। शाही के मुताबिक कुक ने खाने के तेल के बारे में उनसे शिकायत की थी लेकिन उसे नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि हेडमास्टर मिड-डे-मील का अनाज बाजार से खरीदती थीं। साथ ही आरोप लगाया कि हेडमास्टर का पति एक राजनीतिक दल का सदस्य है और छपरा के हेडमास्टर को राजनीतिक दबाव के चलते ही नियुक्त किया गया था। हेडमास्टर को सस्पेंड कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस घटना के पीछे षड्यंत्र होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। राज्य सरकार की कार्रवाई के बारे में शाही का कहना था कि सरकार ने मामले में तुरंत कदम उठाए। उन्होंने कहा कि बच्चों को दिए गए खाने में जहर मिला हुआ था। पुलिस जांच कर रही है कि यह कैसे हुआ।
राज्य में इतने बड़े हादसे के बाद भी मुख्यमंत्री के सामने न आने पर गुस्साए लोगों ने कई जगहों पर हंगामा और पुलिस पर पथराव किया। छपरा में गुस्‍साए लोगों ने कई जगहों पर तोड़फोड़ की। सड़कों पर उतरे लोगों ने पुलिस वैन फूंक दी और थाने को आग के हवाले कर दिया तो पटना में मिड-डे मील के दफ्तर पर भी नाराज लोगों ने हंगामा और तोड़-फोड़ की। पटना के अस्पताल में अब भी 25 बच्चों का इलाज चल रहा है। 
बच्चों की मौत के बाद राज्य में राजनीति तेज हो गई है। भाजपा, राजद और लोजपा की ओर से सारण बंद कराया गया है तो भाकपा माले ने राज्य में प्रतिवाद दिवस का ऐलान किया है। बुधवार को कई नेता बच्चो को देखने अस्पताल पहुंचे लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने न आने पर या अस्पताल न जाने पर भी विरोध गहरा रहा है। विपक्षी दलों ने नीतीश से इस्तीफे की भी मांग की है।
खाने में मिली छिपकली, 22 बच्चे बीमार
 
बिहार के ही मधुबनी में नूरचक विद्यालय में मिड डे मिल खाने से 22 बच्चे बीमार हो गये। इनमें 15 बच्चों की स्थिति गंभीर बनी हुई है और वे अब भी बेहोश हैं। लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें खतरे से बाहर बताया है। जिला प्रशासन की ओर से बताया गया कि खाने में छिपकली गिरी हुई थी। इससे खाना जहरीला हो गया था। उसे खाने के बाद बच्चों को उल्टी होने लगी। इसके बाद ही उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उधर, गया के एक स्कूल में खाना बनाने की जगह पर सल्फास की गोलियां मिलने से हडकंप मच गया। हालांकि यहां पर खाना बनाने से पहले ही गोलियां मिलने से किसी तरह का खतरा नहीं है।

22 बच्चों की मौत के बाद भी सामने नहीं आए नीतीश, मंत्री ने राजनीतिक साजिश बताकर झाड़ा पल्ला

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छपरा. बिहार के सारण जिले के के स्कूल में जहरीला मिड-डे-मील खाने से  22 बच्चों की मौत (देखें तस्वीरें) के बाद राज्य भर में जमकर हंगामा हुआ। बिहार के शिक्षा मंत्री पीके शाही ने कहा कि घटना के बाद से ही हेडमास्टर अपने परिवार समेत फरार हैं। शाही के मुताबिक कुक ने खाने के तेल के बारे में उनसे शिकायत की थी लेकिन उसे नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि हेडमास्टर मिड-डे-मील का अनाज बाजार से खरीदती थीं। साथ ही आरोप लगाया कि हेडमास्टर का पति एक राजनीतिक दल का सदस्य है और छपरा के हेडमास्टर को राजनीतिक दबाव के चलते ही नियुक्त किया गया था। हेडमास्टर को सस्पेंड कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस घटना के पीछे षड्यंत्र होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। राज्य सरकार की कार्रवाई के बारे में शाही का कहना था कि सरकार ने मामले में तुरंत कदम उठाए। उन्होंने कहा कि बच्चों को दिए गए खाने में जहर मिला हुआ था। पुलिस जांच कर रही है कि यह कैसे हुआ।
राज्य में इतने बड़े हादसे के बाद भी मुख्यमंत्री के सामने न आने पर गुस्साए लोगों ने कई जगहों पर हंगामा और पुलिस पर पथराव किया। छपरा में गुस्‍साए लोगों ने कई जगहों पर तोड़फोड़ की। सड़कों पर उतरे लोगों ने पुलिस वैन फूंक दी और थाने को आग के हवाले कर दिया तो पटना में मिड-डे मील के दफ्तर पर भी नाराज लोगों ने हंगामा और तोड़-फोड़ की। पटना के अस्पताल में अब भी 25 बच्चों का इलाज चल रहा है। 
बच्चों की मौत के बाद राज्य में राजनीति तेज हो गई है। भाजपा, राजद और लोजपा की ओर से सारण बंद कराया गया है तो भाकपा माले ने राज्य में प्रतिवाद दिवस का ऐलान किया है। बुधवार को कई नेता बच्चो को देखने अस्पताल पहुंचे लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने न आने पर या अस्पताल न जाने पर भी विरोध गहरा रहा है। विपक्षी दलों ने नीतीश से इस्तीफे की भी मांग की है।
खाने में मिली छिपकली, 22 बच्चे बीमार
 
बिहार के ही मधुबनी में नूरचक विद्यालय में मिड डे मिल खाने से 22 बच्चे बीमार हो गये। इनमें 15 बच्चों की स्थिति गंभीर बनी हुई है और वे अब भी बेहोश हैं। लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें खतरे से बाहर बताया है। जिला प्रशासन की ओर से बताया गया कि खाने में छिपकली गिरी हुई थी। इससे खाना जहरीला हो गया था। उसे खाने के बाद बच्चों को उल्टी होने लगी। इसके बाद ही उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उधर, गया के एक स्कूल में खाना बनाने की जगह पर सल्फास की गोलियां मिलने से हडकंप मच गया। हालांकि यहां पर खाना बनाने से पहले ही गोलियां मिलने से किसी तरह का खतरा नहीं है।

22 बच्चों की मौत के बाद भी सामने नहीं आए नीतीश, मंत्री ने राजनीतिक साजिश बताकर झाड़ा पल्ला

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छपरा. बिहार के सारण जिले के के स्कूल में जहरीला मिड-डे-मील खाने से  22 बच्चों की मौत (देखें तस्वीरें) के बाद राज्य भर में जमकर हंगामा हुआ। बिहार के शिक्षा मंत्री पीके शाही ने कहा कि घटना के बाद से ही हेडमास्टर अपने परिवार समेत फरार हैं। शाही के मुताबिक कुक ने खाने के तेल के बारे में उनसे शिकायत की थी लेकिन उसे नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने कहा कि हेडमास्टर मिड-डे-मील का अनाज बाजार से खरीदती थीं। साथ ही आरोप लगाया कि हेडमास्टर का पति एक राजनीतिक दल का सदस्य है और छपरा के हेडमास्टर को राजनीतिक दबाव के चलते ही नियुक्त किया गया था। हेडमास्टर को सस्पेंड कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इस घटना के पीछे षड्यंत्र होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। राज्य सरकार की कार्रवाई के बारे में शाही का कहना था कि सरकार ने मामले में तुरंत कदम उठाए। उन्होंने कहा कि बच्चों को दिए गए खाने में जहर मिला हुआ था। पुलिस जांच कर रही है कि यह कैसे हुआ।
राज्य में इतने बड़े हादसे के बाद भी मुख्यमंत्री के सामने न आने पर गुस्साए लोगों ने कई जगहों पर हंगामा और पुलिस पर पथराव किया। छपरा में गुस्‍साए लोगों ने कई जगहों पर तोड़फोड़ की। सड़कों पर उतरे लोगों ने पुलिस वैन फूंक दी और थाने को आग के हवाले कर दिया तो पटना में मिड-डे मील के दफ्तर पर भी नाराज लोगों ने हंगामा और तोड़-फोड़ की। पटना के अस्पताल में अब भी 25 बच्चों का इलाज चल रहा है। (देखिए, रांची में जंगली साग की सब्जी खाते हैं सरकारी स्कूल के बच्चे)
ट्रेनों में भेड़-बकरियों की तरह सफर करते हैं लोग, देखिए तस्वीरें
बच्चों की मौत के बाद राज्य में राजनीति तेज हो गई है। भाजपा, राजद और लोजपा की ओर से सारण बंद कराया गया है तो भाकपा माले ने राज्य में प्रतिवाद दिवस का ऐलान किया है। बुधवार को कई नेता बच्चो को देखने अस्पताल पहुंचे लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सामने न आने पर या अस्पताल न जाने पर भी विरोध गहरा रहा है। विपक्षी दलों ने नीतीश से इस्तीफे की भी मांग की है।
खाने में मिली छिपकली, 22 बच्चे बीमार
 
बिहार के ही मधुबनी में नूरचक विद्यालय में मिड डे मिल खाने से 22 बच्चे बीमार हो गये। इनमें 15 बच्चों की स्थिति गंभीर बनी हुई है और वे अब भी बेहोश हैं। लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें खतरे से बाहर बताया है। जिला प्रशासन की ओर से बताया गया कि खाने में छिपकली गिरी हुई थी। इससे खाना जहरीला हो गया था। उसे खाने के बाद बच्चों को उल्टी होने लगी। इसके बाद ही उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। उधर, गया के एक स्कूल में खाना बनाने की जगह पर सल्फास की गोलियां मिलने से हडकंप मच गया। हालांकि यहां पर खाना बनाने से पहले ही गोलियां मिलने से किसी तरह का खतरा नहीं है।

कुरान का सन्देश

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