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26 जुलाई 2013

कपड़े उतार कर भी दर्शकों पर नशा नहीं चढ़वा सकीं पूनम पांडे


कपड़े उतार कर भी दर्शकों पर नशा नहीं चढ़वा सकीं पूनम पांडे
मुंबई. बोल्ड मॉडल और एक्ट्रेस पूनम पांडे अपनी पहली फिल्म नशा से दर्शकों पर छाप छोड़ पाने में सफल नहीं रही हैं। न तो फिल्म समीक्षकों ने नशा और पूनम की तारीफ की है और न ही उनकी फिल्म देखकर लौटे दर्शकों की प्रतिक्रियाएं सकारात्मक हैं। फिल्म में उन्हें फुटेज तो मिली है लेकिन उसमें वे कोई कमाल दिखा पाने में कामयाब नहीं रही हैं। हालांकि कुछ शहरों में उनके पहले शोज हाउसफुल रहने की रिपोर्ट मिलीं लेकिन बाद के शोज में दर्शकों की भीड़ नहीं उमड़ी। फिल्म देखकर लौटे लोगों का कहना है कि फिल्म को संवेदनशील और हॉट बनाने की दुविधा साफ दिखती है। इससे दर्शक भी संतुष्ट नहीं हैं। 
 
जिस्म फिल्म बनाने वाले निर्देशक अमित सक्सेना ने इसके पहले कई अच्छी हिंदी फिल्मों का संपादन किया है। लेकिन इस बार वह कोई कमाल नहीं दिखा सके। फिल्म के बारे में लोगों की राय है कि नशा कहानी, संगीत और अभिनय के स्तर पर कहीं न कहीं कुछ कम रह गई है।

किताब में ब्राह्मणों के खिलाफ अपशब्द! जमकर हुआ बवाल


किताब में ब्राह्मणों के खिलाफ अपशब्द! जमकर हुआ बवाल
जयपुर । 12वीं कक्षा की इतिहास पुस्तक (भारतीय इतिहास के कुछ विषय-भाग प्रथम) के अध्याय-3 (बंधुत्व, जाति, वर्ग) में ब्राह्मणों के खिलाफ अपशब्द लिखे होने से नाराज विप्र स्वाभिमान आंदोलन के जुड़े कार्यकर्ताओं ने गुरुवार सुबह जवाहर कला केंद्र से झालानी डूंगरी के राजस्थान राज्य पाठ्यपुस्तक मंडल के दफ्तर तक रैली निकालकर प्रदर्शन किया। वे बिना अनुमति के कार्यालय में घुसने लगे तो पुलिस ने उनको खदेड़ दिया। संस्था के संचालक लक्ष्मीकांत
भारद्वाज को पुलिस समझाने के लिए अंदर ले गई, लेकिन मामला शांत नहीं हुआ और प्रदर्शनकारी अंदर आकर प्रदर्शन करने लगे।
जब पुलिस लक्ष्मीकांत को जबरन थाने ले जाने लगी तो कुछ प्रदर्शनकारी पीसीआर के आगे बैठ गए। पुलिस ने फिर से लोगों को खदेड़ दिया और लक्ष्मीकांत को मालवीय नगर थाने ले गई। इससे गुस्साए प्रदर्शनकारी रोड जाम कर प्रदर्शन करने लगे। आधे घंटे के बाद लक्ष्मीकांत को थाने से लाया गया और एक प्रतिनिधिमंडल ने मण्डल के सचिव वेदप्रकाश को ज्ञापन सौंपकर ब्राह्मणों के बारे मे लिखे अपशब्दों के बारे में अवगत कराया।
एसीपी डॉ. तेजपाल सिंह ने बताया कि हम पुलिस जाब्ता लेकर यहां आए और प्रदर्शनकारियों को मंडल के बाहर रोका, लेकिन जब कुछ प्रदर्शनकारियों ने गेट खोलने की कोशिश की तो हल्का बल प्रयोग कर काबू में किया। लक्ष्मीकांत ने बताया कि एनसीईआरटी में आठ साल से तथा राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 12वीं की इतिहास की पुस्तक में एक साल से इन तथ्यों का उल्लेख है।

इन तथ्यों पर आपत्ति
ब्राह्मण कुछ लोगों को वर्ण व्यवस्था प्रणाली के बाहर मानते थे, समाज के कुछ लोगों को अस्पृश्य घोषित कर सामाजिक वैमनस्य को और अधिक बढ़ाया।
ब्राह्मणों का मानना था कि कुछ कर्म, खासतौर से वे जो अनुष्ठानों के संपादन से जुड़े थे, पुनीत और पवित्र थे, अपने को पवित्र मानने वाले लोग अस्पृश्यों से भोजन स्वीकार नहीं करते थे।
ब्राह्मणों का मानना था कि यह व्यवस्था जिसमें स्वयं उन्होंने पहला दर्जा प्राप्त है, दैवीय व्यवस्था है। शूद्रों और अस्पृश्यों को सबसे निचले स्तर पर रखा जाता था। इस व्यवस्था मे दर्जा संभवतया जन्म के अनुसार निर्धारित माना जाता था।

प्रियंका गांधी के बेटे ने दी पूर्व केंद्रीय मंत्री अरूण नेहरू को मुखाग्नि



नई दिल्‍ली। पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण नेहरु का आज लोधी रोड स्थित श्‍मशान घाट में पूरे सम्‍मान के साथ अंतिम संस्‍कार कर दिया गया। इस दौरान कांग्रेस और भाजपा के कई बड़े नेताओं समेत उनके परिवार के लोग यहां मौजूद थे। अरुण नेहरू को मुखाग्नि प्रियंका वाड्रा के पुत्र रेहान ने दी। इस मौके पर संप्रग अध्‍यक्ष सोनिया गांधी, कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा और उनके पति राबर्ट वाड्रा और केंद्रीय मंत्री फारूख अब्‍दुल्‍ला, दिल्‍ली की सीएम शीला दीक्षित, राज्‍यसभा में प्रतिपक्ष के नेता अरुण जेटली, केंद्रीय मंत्री सचिन पायलट के आनंद शर्मा और अन्‍य कई राजनेता भी मौजूद थे। अरुण नेहरू अपने पीछे पत्‍नी सुभद्रा और दो बेटियां राधिका और अवंतिका को छोड़ गए हैं।
कभी राजीव गांधी के सबसे बड़े रणनीतिकार रहे और उनके रिश्तेदार अरुण नेहरू का गुरुवार रात 10.45 पर निधन हो गया। वे कुछ दिनों से बीमार थे। गुडग़ांव के फोर्टिस अस्पताल में उनका निधन हो गया। अरुण नेहरू 69 साल के थे। राजीव गांधी के मंत्रिमंडल में अरुण गृह राज्यमंत्री होते थे। लेकिन बाद में आपसी विवाद के कारण कांग्रेस छोड़ दी। वीपी सिंह के साथ जनता दल में रहे। फिर भाजपा में आए गए। वे तीन बार लोकसभा के सदस्य रहे।

फिर घुसपैठ: इस बार भारतीय फौजियों ने खदेड़ा तो गिड़गिड़ाने लगे चीनी सैनिक

लेह/नई दिल्ली. एक तरफ देश आज करगिल जीत की 14 वीं वर्षगांठ मना रहा है, वहीं दूसरी ओर चीन की नापाक हरकतों का सिलसिला जारी है।  चीन के सैनिक 20 जुलाई को फिर लद्दाख के चुमार इलाके में घुस आए। इस बार भारतीय सैनिक सतर्क थे। उन्होंने चीनियों को तत्काल खदेडऩा शुरू किया। पहले तो चीनी सैनिकों ने कहा कि यह उनका इलाका है। वे पीएलए (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) के निर्देश पर यहां फोटो खींचने आए हैं। लेकिन भारतीय सैनिकों के कड़क रवैये को देख उनकी आक्रामक शैली अचानक बदल गई। 
 
उन्होंने गिड़गिड़ाते हुए कहा कि उनका भोजन खत्म हो गया है कुछ खाने को दे दो। भारतीय सैनिकों के पास उस वक्त खाने का सामान नहीं था। सिर्फ जूस था। उन्होंने दया करके चीनी सैनिकों को जूस पिलाया। उसके बाद चीनी सैनिक लौट गए।

राहुल की करीबी सांसद को सौ टका टंच माल बताने के बाद बोले दिग्विजय- टीवी चैनल पर करूंगा केस



नई दिल्ली.  12 रुपये में भर पेट खाना वाले बयान पर राज बब्‍बर ने भले ही अफसोस जता दिया हो, लेकिन दिग्विजय सिंह के एक बयान पर नया विवाद खड़ा हो गया है। कांग्रेस के विवादास्पद नेता और पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह ने आरएसएस पर निशाना साधने के चक्कर विवादित बयान देने के कुछ घंटों के भीतर ही अपनी ही पार्टी की महिला सांसद को लेकर आपत्तिजनक भाषा में टिप्पणी कर डाली। दिग्विजय सिंह अपनी पार्टी की सांसद की शान में कसीदे गढ़ रहे थे, लेकिन इसके लिए प्रयोग की गई भाषा को लेकर सवाल उठ रहे हैं।( ..
 
दिग्विजय सिंह मध्य प्रदेश की मंदसौर सीट से लोकसभा सांसद मीनाक्षी नटराजन के बारे में मंदसौर की ही एक सभा में अजीब-ओ-गरीब बातें बोल गए। दिग्विजय सिंह ने मीनाक्षी नटराजन के बारे में कहा, 'गांधीवादी, सरल और ईमानदार हैं। सोनिया जी और राहुल जी इनको बहुत मानते हैं। मैं इनके काम को देखता हूं। ये मंदसौर में सब जगह जाती हैं, सबके पास जाती हैं, गांव-गांव पहुंचती हैं। मैं भी एक जौहरी हूं। 40-42 साल का अनुभव है। थोड़े वक्त बाद ही पता चल जाता है, कौन सही है और कौन फर्जी है। ये सौ टका टंच माल है। मैंने इनकी पहचान कर ली है।'  
 
टीवी चैनलों पर उनके इस बयान को आपत्तिजनक बताते हुए विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया दिखाई गई तो सिंह ने सफाई दी। उन्‍होंने कहा कि उनके बयान को गलत ढंग से पेश किया गया। उन्‍होंने जो शब्‍द बोले थे उनका मतलब होता है सौ फीसदी खरा। इसमें कुछ भी गलत नहीं है। सिंह ने यह भी कहा कि वह उन टीवी चैनलों पर मानहानि का मुदकमा करेंगे, जि‍न्‍होंने उनके बयान को तोड़ मरोड़कर दि‍खाया है।  
 
मंदसौर की उस सभा में मौजूद मीनाक्षी ने दिग्विजय सिंह का बचाव करते हुए प्रतिक्रिया दी, 'दिग्विजय सिंह की टिप्पणी में कुछ भी गलत नहीं है। उन्होंने मेरे काम की तारीफ ही की है। उसमें कुछ गलत नहीं है।'
 
बीजेपी की प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'दिग्विजय सिंह ऐसी बातें पहले भी करते रहे हैं। मीनाक्षी नटराजन और कांग्रेस पार्टी इस बारे में क्या कहते हैं, यह जानने के बाद ही मैं अपनी बात कहूंगी।'  बीजेपी की नेता स्मृति ईरानी ने इस बारे में कहा, 'कांग्रेस ने कुछ दिनों पहले वर्कशॉप कर नेताओं को सच बोलने, संयत भाषा का इस्तेमाल करने की सीख दी थी। लेकिन राज बब्बर समेत कई नेताओं ने गरीबों का मजाक उड़ाया। और अब दिग्विजय सिंह, जिनकी आदत ही बकवास करना बन चुकी है, वे महिला के लिए ऐसी घटिया बातें कर रहे हैं।

कुरान का सन्देश

 
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