नई दिल्ली. तेलंगाना के अलग राज्य बनने के मुद्दे पर यूपीए
समन्वय समिति और कांग्रेस कार्यसमिति ने अपनी ओर से मंगलवार को हरी झंडी दे
दी। अब तेलंगाना भारत का 29वां राज्य होगा। पीएम आवास पर हुई यूपीए
कार्यसमिति की बैठक में सरकार के वरिष्ठ मंत्रियों ने हिस्सा लिया। इसके
बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के घर पर पार्टी के सीनियर नेताओं के
साथ तेलंगाना के मुद्दे पर पार्टी कार्यसमिति की बैठक हुई। इस बैठक में भी
अलग तेलंगाना राज्य बनाने को को हरी झंडी दे दी गई। इस बारे में शाम को सात
बजे कांग्रेस की ओर से हुई प्रेस कांफ्रेंस में अजय माकन और दिग्विजय सिंह
ने बताया कि आंध्र प्रदेश और तेलंगाना राज्य की राजधानी आने वाले दस सालों
तक हैदराबाद ही रहेगी। नए तेलंगाना राज्य में दस जिले होंगे। इस बारे में
बुधवार को कैबिनेट की विशेष मीटिंग में इस फैसले पर मुहर लगाई जाएगी।
दिग्विजय सिंह का कहना था कि तेलंगाना के मामले की तुलना अलग राज्यों
की दूसरी मांगों से नहीं की जा सकती है। इसका इतिहास दूसरा रहा है। अलग
राज्य बनाने की चर्चा के दौरान सुरक्षा, पानी, जिम्मेदारी आदि मुद्दों को
ध्यान में रखा गया है और ड्राफ्ट बनाते समय इसका ध्यान रखा जाएगा। दिग्विजय
ने साफ किया कि नए राज्य में अलग से चुनाव नहीं कराए जाएंगे। विधायक और
सांसद अपने आप तेलंगाना में भौगोलिक आधार पर ट्रांसफर हो जाएंगे। उन्होंने
कहा कि अलग राज्य बनने में चार से पांच महीने लग जाएंगे। उन्होंने दूसरे
राज्यों की मांग पर कुछ बोलने से मना कर दिया।
बीजेपी ने भी तेलंगाना राज्य बनने का स्वागत किया है। पार्टी प्रवक्ता
प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि राज्य बनने की लड़ाई में कई लोगों ने अपनी
कुर्बानी दी है। बीजेपी पहले फैसला देखेगी और इसके बाद अपनी प्रतिक्रिया
देगी। यही बातें पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी ने भी कहीं।
गुजरात के मुख्यंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर तेलंगाना राज्य बनने पर
वहां के लोगों को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह जनता की जीत है और साथ
में कहा कि कांग्रेस ने दबाव में यह फैसला लिया है। मोदी ने आंध्र प्रदेश
के लोगों को एक चिट्ठी भी लिखी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी आंध्र
प्रदेश के लोगों से राज्य बनाने में हुई देरी पर माफी मांगे। मोदी ने
बीजेपी को तेलंगाना राज्य बनने का समर्थक बताया है।