लखनऊ. विश्व का अकेला पांडवकालीन परिजात वृक्ष जिसकी डालियों
में सोने के फूल खिलते हैं। यह यूपी की राजधानी से महज 28 किलोमीटर दूर
बाराबंकी जिले के सिरौली गौसपुर तहसील के बरौलिया गांव में स्थित है।
यह वृक्ष महाभारत काल का एक मात्र जीवित प्रतीक माना जाता है। यह वही
वृक्ष है, जिसे अर्जुन स्वर्ग से लाये थे। माता कुंती इसी वृक्ष के फूलों
से भगवान शंकर की उपासना करती थी।
इस वृक्ष की कई वर्षों से देख रेख कर रहे पंडित रामदास बताते है कि
अज्ञातवास के समय पांचों पांडव बाराबंकी के पास घने वन में शिकार कर लौटे
और माता कुंती से भोजन मांगा, उस समय माता कुंती भगवान भोले नाथ की भविष्य
वाणी सुन चिंतित थी।