नोएडा/नई दिल्ली/लखनऊ. दुर्गाशक्ति नागपाल के मुद्दे पर यूपी
सरकार काफी आक्रामक रुख दिखा रही है। सरकार जहां उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई
(बर्खास्तगी तक) करने की योजना बना रही है, वहीं अखिलेश सरकार के एक
मंत्री ने कहा है कि दुर्गा को अपनी गलती के लिए माफी मांगनी चाहिए। उधर,
दुर्गा शक्ति मामले में सरकार के खिलाफ सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर
पोस्ट डालने पर पुलिस ने दलित चिंतक और अंबेडकरवादी लेखक कंवल भारती को
रामपुर से गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि, उन्हें सीजेएम कोर्ट ने जमानत दे
दी।
कंवल भारती ने फेसबुक पर लिखा था, 'आरक्षण और दुर्गाशक्ति नागपाल
मुद्दों पर अखिलेश यादव की समाजवादी सरकार पूरी तरह फेल हो गयी है। अखिलेश,
शिवपाल यादव, आज़म खां और मुलायम सिंह इन मुद्दों पर अपनी या अपनी सरकार की
पीठ कितनी ही ठोक लें, लेकिन जो हकीकत ये देख नहीं पा रहे हैं। अपराधियों
के हौसले बुलंद हैं और बेलगाम मंत्री इंसान से हैवान बन गये हैं। ये अपने
पतन की पट कथा खुद लिख रहे हैं। सत्ता के मद में अंधे हो गये इन लोगों को
समझाने का मतलब है भैस के आगे बीन बजाना।'
उधर, दुर्गा नागपाल के पक्ष में वक्फ बोर्ड भी आ गया है। एसडीएम के
निलंबन को गलत ठहराते हुए बोर्ड ने कहा है कि मस्जिद ध्वंस मामले से उनका
कोई संबंध नहीं है। उन्होंने सच का साथ देते हुए गांव वालों को सलाह दी थी।
मस्जिद को गिराने में उनकी कोई भूमिका नहीं है। बोर्ड के मुताबिक, दुर्गा
ने वक्फ बोर्ड की जमीन भू-माफियाओं से मुक्त कराई थी। वह हादसे के बाद
हालात का जायजा लेने पहुंची थीं। उन्हें इस मामले में जबरन फंसाया जा रहा
है।
इस्लामिक शिक्षण संस्थान दारुल उलूम देवबंद ने इस पुरे मामले को
सियासत का एक हिस्सा बताते हुए जांच की मांग की है। दारुल उलूम के पूर्व
प्रेस प्रवक्ता आदिल सिद्दकी ने कहा कि यह कोई नई चीज नहीं है। तबादले
सियासी अंदाज में होते हैं। इनका देश और आम आदमी से कई सरोकार नहीं होता
है। दुर्गा शक्ति प्रकरण की इमानदारी से जांच की जानी चाहिए।