नई दिल्ली। कहते हैं दिल्ली दिल वालों का शहर है, यहां जो भी
एक बार आता है वह यहीं का होकर रह जाता है। यमुना नदी के किनारे बसा यह शहर
यूं तो भारत की राजधानी है और अपने दामन में इतिहास की कई कडवी-मीठी यादों
को समेटे हुए है।
इस शहर ने मुग़ल बादशाह शहंशाह जलालुद्दीन अकबर के बढ़ते हुए शौर्य को
देखा है तो वहीं अपने ही बेटे भारत के वीर सपूत पृथ्वीराज चौहान को अपने ही
लोगों के षड़यंत्र का शिकार होते देखा है।वैसे तो दिल्ली में ऐसे कई स्थान
है जो अपने समय के इतिहास को स्वयं ही स्पष्ट कर रहे हैं लेकिन इतिहास के
इस प्रसिद्ध शहर के कुछ स्थान ऐसे भी हैं जहां जाने के नाम से ही लोगों की
रूह कांप उठती है।यह दरवाजा बहादुरशाह जफर मार्ग पर दिल्ली गेट के पास स्थित है।यह जगह
उतनी ही डरावनी है जितना की इसका नाम। कहा जाता है कि इस स्थान पर मुग़ल
सल्तनत के तीन शहजादे मरने के बाद आज भी अपने साथ हुए अपमान का बदला लेने
की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
दरअसल अंग्रेज कैप्टेन हडसन ने बहादुरशाह जफ़र के दो बेटों मिर्जा मिगल और क्रिज सुलतान तथा पोते अबू बकर को गिरफ्तार किया और नंगा कर गोली मारकर उनकी बेरहमी से ह्त्या कर दी थी।
दरअसल अंग्रेज कैप्टेन हडसन ने बहादुरशाह जफ़र के दो बेटों मिर्जा मिगल और क्रिज सुलतान तथा पोते अबू बकर को गिरफ्तार किया और नंगा कर गोली मारकर उनकी बेरहमी से ह्त्या कर दी थी।