मेरे दोस्तों ..मेरे भाइयों ..जरा मुझे एक बात तो बताओ ...हमारा इस्लाम खुदा के अलावा किसी और की गुलामी से इनकार करता है ..... हम खुद को मुसलमान भी कहते है ......लेकिन फिर भी .....अपने अपने भाई साहबों ..अपने अपने सियासी खुदाओं के आगे पीछे उनके इशारे पर नाचते भी फिरते है ....कई बार तो हम हमारे भाइयों की ... ज़ुल्म ज्यादती ....ना इंसाफी सभी नज़र अंदाज़ कर ...बेगेरत बन जाते है फिर हम ऐसे लोगन के गुणगान और जय जयकार करते है जो हमारे मजहब और हमारे भाइयों को नुकसान पहुंचाते है ..ऐसी क्या कमी है हमारे बुजुर्गों की परवरिश में ..ऐसी क्या खराबी है हमारे मोलाना और मोलवियों में जो हमे ईसाम का पाठ सही नहीं पढ़ा पाए और खुदा को छोड़ कर इन लोगों के आगे पीछे घुमने को हमने अपनी जिंदगी बना लिया है कोई जवाब जनाब ..नहीं ना ..में सलमान खुर्शीद ....गुलाम नबी आज़ाद ...शाहनवाज़ खान ... मुख़्तार अब्बास नकवी वगेरा अकेले की बात नहीं कर रहा हूँ में पुरे देश के छोटे बढ़े पार्टी के कार्यकर्ताओं की बात कर रहा हूँ ..मजहब पहले ...खुदा का पैगाम पहले ..अमन पहले ..सुकून पहले ...सुकून पहले ....देश पहले ..देशभक्ति पहले फिर इन सब से पहले भाई साहब और सियासी पार्टियां एक मुसलमान के लियें केसे और केसे हो सकती है भाई .....
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
18 अगस्त 2013
ऐ मोत तू जरा गोर से सुन ले ..
ऐ मोत
तू जरा गोर से सुन ले ..
तूने जिंदगियां खत्म की होंगी
लेकिन
एक बार
मेरी जिंदगी के बारे में सुन ले ..
मेरे कुछ पल ..कुछ क्षण ..कुछ यादे ..
मेरे अपनों ..मेरे परायों के साथ
ऐसे भी गुज़रे है
जो
यादगार बन गए है ..
इसलियें कहता हूँ ऐ मोत
वक्त से पहले
हा वक्त से पहले
तू मुझे खत्म भी कर दे अगर
तब भी
मेरी जिंदगी के कुछ लम्हे
याद बनकर
धडकन बनकर
साँसे बनकर
कुछ लोगों के दिल में
जिंदा रहेंगे .जिंदा रहेंगे
तब तू ऐ मोत
सोच लेना
मान लेना
मेरी जिंदगी
मेरी साँसे
मेरी धड़कने
वक्त से पहले खत्म करने का
तेरा इरादा ,बेकार ,बेमाने
साबित हुआ है
ऐ मोत
वक्त से पहले
तू मेरी जिंदगी तो ले ले
मेरी सांसे तो लेले
लेकिन फिर भी
हारना तो तुझे ही होगा
हारना तो तुझे ही होगा
में तो फिर भी
कुछ पल कुछ क्षण ही सही
मेरे अपनों
मेरे परायों
की यादों में ...साँसों में ..धडकनों में
ज़िंदा रहूँगा ..जिंदा रहूंगा
ऐ मोत तू सुन ले ..तू सुन ले
तू जरा गोर से सुन ले ..
तूने जिंदगियां खत्म की होंगी
लेकिन
एक बार
मेरी जिंदगी के बारे में सुन ले ..
मेरे कुछ पल ..कुछ क्षण ..कुछ यादे ..
मेरे अपनों ..मेरे परायों के साथ
ऐसे भी गुज़रे है
जो
यादगार बन गए है ..
इसलियें कहता हूँ ऐ मोत
वक्त से पहले
हा वक्त से पहले
तू मुझे खत्म भी कर दे अगर
तब भी
मेरी जिंदगी के कुछ लम्हे
याद बनकर
धडकन बनकर
साँसे बनकर
कुछ लोगों के दिल में
जिंदा रहेंगे .जिंदा रहेंगे
तब तू ऐ मोत
सोच लेना
मान लेना
मेरी जिंदगी
मेरी साँसे
मेरी धड़कने
वक्त से पहले खत्म करने का
तेरा इरादा ,बेकार ,बेमाने
साबित हुआ है
ऐ मोत
वक्त से पहले
तू मेरी जिंदगी तो ले ले
मेरी सांसे तो लेले
लेकिन फिर भी
हारना तो तुझे ही होगा
हारना तो तुझे ही होगा
में तो फिर भी
कुछ पल कुछ क्षण ही सही
मेरे अपनों
मेरे परायों
की यादों में ...साँसों में ..धडकनों में
ज़िंदा रहूँगा ..जिंदा रहूंगा
ऐ मोत तू सुन ले ..तू सुन ले
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