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13 सितंबर 2013

राजस्थान में अब शिक्षा माफिया स्कूल फीस के नाम मुनाफाखोरी और लूट खसोट नहीं कर सकेंगे ..

राजस्थान में अब शिक्षा माफिया स्कूल फीस के नाम मुनाफाखोरी और लूट खसोट नहीं कर सकेंगे ....इस लूट को रोकने के लियें राजथान सरकार ने निजी स्कूलों की फीस निर्धारण के लियें एक समिति का गठन किया है जो एक अगस्त दो हजार तेराह से अपना काम कर रही है इस समिति के चेयरमेन रिटायर्ड जज जस्टिस शिवकुमार शर्मा को बनाया गया है ... कमेटी के अध्यक्ष जस्टिस शिव कुमार शर्मा आज अपने एक दिवसीय कोटा दोरे पर थे उन्होंने बताया की अब निजी स्कूल फीस वसूली में मनमानी चोथ वसूली नहीं कर सकेंगे और निर्धारित फीस से अधिक वसूली की शिकायत आने पर ऐसे स्कूल संचालकों के खिलाफ मुकदमे और जुर्माने की कार्यवाही भी निर्धारित की जायेगी जिसमे ऐसे उलंग्घनकर्ता स्कूल संचालकों को तीन साल तक की सजा का प्रावधान और पचास हजार रूपये जुर्माने का प्रावधान रखा गया है जबकि अधिक वसूली की गयी फीस भी ऐसे स्कूलों को अभिभावकों को वापस लोटाना होगी .जस्टिस शिव कुमार शर्मा ने बताया के निजी स्कूलों की फीस निर्धारण कानून दो हजार तेराह का मकसद किसी स्कूल संचालक को परेशान करना नहीं बल्कि उनकी मनमानी लूट पर अंकुश लगाना है उन्होंने कहा के राजस्थान सरकार के उप सचिव स्कूली शिक्षा ग्रुप पांच सचिवालय राजस्थान सरकार के नाम से कोई भी अभिभावक ..छात्र सादे कागज़ पर शिकायत कर सकता है और उसकी जांच के बाद शिकायत सही मिलने पर कार्यवाही होगी उन्होंने ऐसे शिकायत करता का नाम पर पहचान गोपनीय रखने का भी भरोसा दिलाया ..जस्टिस शिवकुमार शर्मा ने कहा के राजस्थान में सी बी एस ई और राजस्थान बोर्ड सहित अन्य मान्यता प्राप्त स्कूलों की संख्या सतीस हजार के लगभग है ..जिनकी कितनी फीस किस क्लास की होना चाहिए इसके लियें शीघ्र ही कमेटी अपना निर्धारण करेगी इस निर्धारण में स्कूल की लोकेशन ..उसकी ईमारत ..सुविधाएं ...स्टाफ के खर्च वगेरा निकाल कर उसी अनुपात में फीस का निर्धारण किया जाएगा ..और इस मामले में स्कूलों को अपील का अधिकार भी रहेगा जो एक माह में अपनी आपत्तिया पेश कर सकेंगे और अंतिम रूप से जो भी फेसला होगा वोह तीन साल तक मानी रहेगा इसकी कहीं अपील नहीं होगी ....शिव कुमार शर्मा ने इस समिति के गठन को अभिभावक और छात्र छात्राओं के हित में बताते हुए कहा के इससे निजी शिक्षण संस्थाओं की मुनाफाखोरी पर रोक लगेगी उन्होने कहा के स्कूल में किसी भी प्रकार की वसूली फीस की परिभाषा में माना जाएगा जबकि स्कॊओल युनिफोर्म और किताबो क कमीशनखोरी को भी मुनाफाखोरी ही माना जाएगा ..उन्होंने कहा के निजी स्कूलों को बेवजह परेशान करना हमारा मकसद नहीं ..लेकिन इसका कार्य निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाना रहेगा ...इस समिति का कार्यकाल तीन वर्ष तक का होगा ..जस्टिस शिवकुमार शर्मा कोटा में वकील रहे ..फिर राजस्थान उछ न्यायालय में न्यायधीश नियुक्त हुए इन्होने लोक अदालत में हितकारी फेसले लिए फिर जस्टिस शिव कुमार शर्मा को विधि आयोग में सदस्य नियुक्त किया गया जहा इन्होने दहेज़ प्रताड़ना मामलों से टूटते हुए घर को बचाने के लिए इस धारा को समझोते योग्य और जमानती अपराध बनाने की सिफारिश कर सभी को चोंका दिया था अब इन्हें इनकी कार्यकुशलता को देखते हुए स्कूल की फ़ीस और दूसरी वसूलियों के नाम पर नियंत्रण करने के लिए राज्य स्तरीय समिति का चेयरमेन बनाया गया है ....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कुरान का सन्देश

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