दोस्तों ...आज हमारे देश का बच्चा बच्चा ...कथित रूप से साक्षर है ...कानूनी पहलुओं और देश के हालातों पर तो ...वोह ऐसे डिसकस करता है ...मानो उसने ...डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की हो ...ऐसे में ..इस देश के लोगों को ...में अपराधी होने का अहसास दिलाता हूँ ...और पेशकश करता हु ...के वोह ...खुद अपनी सज़ा मुक़र्रर करे ..दोस्तों ...हम जिसे भारत माँ कहते है ...हम जिसकी वन्दना करते है ....हम जिस भारत माँ के लियें ...अपनी जान तो क्या ...सब कुछ कुर्बान करने का एलान करते है ..हम जिस तिरंगे की आन बान शान के लियें ...अपना सब कुछ न्योछावर करने के लियें तय्यार रहते है ..उसी तिरंगे को ... सलामी देने वाले ..उसी तिरंगे की हिफाज़त करने वाले ..उसी तिरंगे को अपनी गाड़ियों में लगाकर घुमने और दफ्तरों में सजाने वाले नेता को हम चुनते है ...जिसे हम भारत माँ के संस्कारों ..इसके कायदे कानून ..इस की सीमाए ..संस्क्रती की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी ...सोंपने के लियें वोट डालते है ...और वोह अगर लुटेरा निकलता है ..वोह अगर देश को लूटता है ...बेइमान भ्रष्ट नाकारा होता है ..देश में भाईचारा ..सदभावना ..बिगाड़कर ...खून खराबा करता है ...तब इस अपराध के लियें ...आप ऐसे नेता को वोट डालकर ...चुनने पर आप अपराधी होते है ...और ऐसे नेता को चुनते देख कर ...घर पर बिना अपना वोट डाले बेठे रहने वाले लोग ज़िम्मेदार होते है ..जी हां दोस्तों ... कानून भी यही कहता है ...किसी अपराध को होते देखना अपराध की श्रेणी में आता है ...और अगर आपकी मदद से कोई अपराध कर रहा है ...तो आप भी आपराधिक षड्यंत्र और सम्बधित अपराध में शामिल होने के अपराधी है ...तो जनाब दोस्तों ...भाइयों ..बहनों ...बुजुर्गो ...जरा सोचो ...एक लोकतंत्र का तोहफा ..एक लोकतंत्र के पहरेदार को चुनने की ज़िम्मेदारी ...खुदा ...अल्लाह ...भगवान ...ने आपको दी है ..और आप भेड़ बकरियों की तरह से या तो बिक जाते हो ...या फिर ...बिना समझे ..बिना सोचे ..बेइमान चोर ..लोगों को पार्टी के दबाव में चुनने के लियें वोट डाल डाल कर ...आजाते हो .....दोस्तों जो हो गया ..सो हो गया ...लेकिन ...इस अपराध की पुनरावृत्ति ना हो ...अपने इलाके में जो भी उम्मीदवार खड़े हो ...चाहे वोह किसी भी पार्टी से हो ...अगर अच्छे नहीं है ...तो उन्हें वोट मत दो ...निर्दलीय को वोट दो ...या फिर खुद अच्छे आदमी की तलाश कर ... उसे खड़ा करो ...ताकि संसद ...विधानसभाओं में इन चोर ..बेइमान ...बलात्कारियों से हमारे देश को छुटकारा मिल सके और हम भी अपराध बोद्ध से ..अपराधी होने के बोझ से ...पांच साल तक .... तिल तिल कर ...सिसक सिसक कर ...मरने से बच जाएँ ........... ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
14 सितंबर 2013
सदस्यता लें
संदेश (Atom)