आपका-अख्तर खान

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15 सितंबर 2013

तू ही बता तेरे मेरे प्यार की कहानी इस बेचारे फूल सी क्यूँ है ..

ऐ मुझे भूल जाने वाले
ऐ मुझे बेकरार कर
खुद करार पाने वाले
ज़रा सुन ..
तेरा मेरा प्यार
क्यूँ इस खुबसूरत लेकिन बदकिस्मत
फूल की तरह से निकला
पहले खुशबु दी
फिर खिला
फिर  इसकी खूबसूरती को सभी ने निहारा
कुछ लम्हे कुछ खुशियों के बाद
मेरी किस्मत मेरे प्यार की तरह
यह फूल पहले मुरझाया
फिर इसकी पंखुडियां
मेरी जिंदगी की तरह
तार तार हुई
बस ख़ुशी है तो इसकी
यह फूल
कभी किसी की ख़ुशी का गवाह था
तो कभी किसी की अर्थी की सजावट
यह फूल बिखरने के बाद भी
देख लो
आज गुलकंद में शामिल होकर
मिठास सिर्फ मिठास बाँट रहा है
ऐ जानेमन
ऐ जाने जिगर
तू ही बता तेरे मेरे प्यार की कहानी
इस बेचारे फूल सी क्यूँ है ............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

ना तुम मुझे देखो न में तुम्हे देखूं

ना तुम मुझे देखो
न में तुम्हे देखूं
न तुम मुझे याद करो
ना में तुम्हे याद करने के बाद भी पुकार सकूं
आओ हमारे प्यार की
आज यूँ दे हम भी कुर्बानी
तुम्हारी ख्वाहिश जो मुझे भूल जाने की है
आओ में ना चाहते हुए भी
तुम्हारी इस ख्वाहिश को
 पूरा करने में तुम्हारा मददगार बनू
तुम्हारा तलबगार होने पर भी
तुम्हारा मददगार बनकर
तुम्हारी मुझे भुला देने की
ख्वाहिश को पूरा करूँ ...
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कुरान का सन्देश


तुम्हे याद है वोह लम्हा

तुम्हे याद है वोह लम्हा
जब अचानक
तुमने मुझे शरारती नजरों से निहारा था
और बस इस नज़र के बाद
हां इस नज़र के बाद
में हमेशा के लिए तुम्हारा सिर्फ तुम्हारा हो गया था ...
तुम्हे याद है वोह लम्हा
जब डरते डरते पहली बार
मेने तुमसे इकरार किया था
बढ़ी हिम्मत से कहा था
हाँ मुझे तुमसे प्यार है
हाँ मुझे तुमसे प्यार है ..
तुम्हे याद है वोह लम्हा
मेने तुम्हारे नरम नरम हाथों पर
अपनी हथेलिया रखीं थी
तुम्हे याद है वोह लम्हा
तुम बेजान निढाल होकर
मेरे प्यार को हमेशा निभाना
यह कहते हुए मेरे सीने से लिपट कर सिसक गयी थी ..
तुम्हे याद है वोह लम्हा
तुम मुझ पर मेरे लियें
कुछ भी कर गुजरने के लिए तय्यार रहती थी
तुम्हे फ़िक्र थी मेरी ..मेरी जरूरतों की ..मेरी बीमारियों की
तुम्हे याद है वोह लम्हा
तुम और में एक साथ जब बाज़ार में घुमे थे
तुम्हे याद है वोह लम्हा
जब तुम घंटों मेरा इन्तिज़ार करती थी
मेरे लियें बेकरार रहती थी ....
शायद कुछ याद नहीं तुम्हे अब
क्योंकि
ना जाने किसकी नज़र लगती है हमारे प्यार को
ना जाने क्यों बदल गयी हो तुम
अपने वायदों अपने इकरार से ..
शायद कुछ याद नहीं तुम्हे
इसीलियें तो आज हम उन लम्हों को याद करके
रोज़ तड़पते है ..रोज़ रोते है ..रोज़ मरते है
शायद कुछ याद नहीं तुम्हे
इसीलियें तो तुम सुकून से
हमे भुलाकर तुम्हारे अपनों के साथ जी रहे हो
चलो कोई बात नही
तुम भूल गए तो क्या
हम तो याद रखेंगे
तुम बेवफा निकले तो क्या
हम तो बावफा होंगे
हम तुम्हे माफ़ करते है
तुम हमेशा खुशहाल रहो
हमेशा सह्त्याब रहो ..कामयाब रहो
गलती से भी न हो तुम्हारा मेरा सामना
बस खुदा से हम यही दुआ करते है
बस खुदा से हम यही दुआ करते है ...........अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

कोटा डी एस सी एल उद्योग समूह के निदेशक के के कोल ने आज प्रेस क्लब कोटा में पत्रकारों के लाइब्रेरी भवन का लोकार्पण करने के बाद कहा के में गद गद हूँ के मुझे पत्रकारों के इस समूह की लाइब्रेरी के उद्घाटन समारोह में अतिथि बनाया गया है

कोटा डी एस सी एल उद्योग समूह के निदेशक के के कोल ने आज प्रेस क्लब कोटा में पत्रकारों के लाइब्रेरी भवन का लोकार्पण करने के बाद कहा के में गद गद हूँ के मुझे पत्रकारों के इस समूह की लाइब्रेरी के उद्घाटन समारोह में अतिथि बनाया गया है ..उन्होंने कहा के आअज के युग में पत्रकारों की बढ़ी ज़िम्मेदारी है और जब पत्रकार अपने अध्ययन के लियें लाइब्रेरी की बात करते है तो हमे ख़ुशी होती है ..के के कोल ने कहा के कोटा प्रेस क्लब और देश के पत्रकारों से उनका पुराना जुड़ाव रहा है वोह जब भी साहित्यिक गतिविधियों में शामिल होना चाहते थे तो वोह प्रेस क्लब कोफ़ी हाउस चले जाते थे ..उन्होंने कोटा प्रेस क्लब की गतिविधियों और कार्यकारिणी के भाव से किये गए कार्यों की सराहना करते हुए कहा के आज का युग संचार क्रान्ति का युग है यहाँ किताबे तो अपनी जगह है लेकिन इस लाइब्रेरी को इंटरनेट और आधुनिक सिस्टम से जोड़ने की जरूरत है के के कोल ने घोषणा की के प्रेस क्लब कोटा में आधुनिक लाइब्रेरी के प्लान में जो भी आवश्यकता होगी प्लान बनाइए उसे हमारा संस्थान पूरा करेगा ..के के कोल ने तालियों की गडगडाहट के बीच एक और घोषणा करते हुए कहा के प्रेस क्लब के निचले भवन में जो मरम्मत कार्य होना है उसकी पूरी ज़िम्मेदारी भी उनका संस्थान उठाएगा ..उन्होंने इच्छा ज़ाहिर की के भविष्य में कोटा प्रेस क्लब के ऐसे आयोजन होते रहे और उसमे में आमंत्रित अगर रहूंगा तो खुद को सोभाग्यशाली समझूंगा .......कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए ललित किशोर चतुर्वेदी पूर्व सांसद के स्वास्थ्य खराब हो जाने पर उनके प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित हुए भाजपा के युवा नेता हिरेंदर शर्मा ने कहा के यह मेरा सोभाग्य है के ललित किशोर चतुर्वेदी जेसे वरिष्ठ नेता ने मुझे यह सम्मान दिया ..हिरेंदर शर्मा ने कोटा प्रेस क्लब की लाइब्रेरी में पुस्तकों के लियें ग्यारह हजार रूपये की पुस्तकें देने की घोषणा की .कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार भाई विपुल चतुर्वेदी ने कहा के पत्रकारिता और साहित्य दोनों एक दुसरे के पर्यायवाची है उन्होंने घोषणा की के प्रेस क्लब कोटा को उनकी तरफ से नियमित रूप से पढ़ी वाली इक्क्यावन पुस्तके वोह भेंट कर रहे है ..इसी तरह से कवि साहित्यकार महेंद्र नेह ने कहा के प्रेस क्लब उनकी संस्था विकल्प को प्रति माह काव्य गोष्ठी और समारोह के लिए मुफ्त भवन उपलब्ध कराता है इसके लियें वोह आभारी है उन्होने प्रेस क्लब कोटा की लाइब्रेरी को सो से भी अधिक पुस्तके दने की घोषणा की जबकि रचना गोड सदस्य और साहित्यकार ने उनके द्वारा लिखित दो पुस्तके देने की घोषणा की इसी तरह से स्वर्गीय कवि नारायण शील के पुत्र सुधीन्द्र गोड प्रेस फोटोग्राफर ने भी उनके स्वर्गीय पिता की स्मर्ति में उनका साहित्य प्रेस क्लब कोटा को भेंट करने की घोषणा की ..प्रेस क्लब सदस्य और राजस्थान जार के प्रदेश सचीव नीरज गुप्ता ने प्रेस क्लब लैअब्रेरि के लियें एल सी डी भेंट की ..कार्यक्रम का संचालन महासचीव प्रेसक्लब हरिमोहन शर्मा ने क्या जबकि अध्यक्षता प्रेस क्लब के अध्यक्ष धीरज गुप्ता तेज ने की ..कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद वरिष्ठ उपाध्यक्ष राष्ट्र के वाचन समाचार पत्र के सम्पादक गजेंदर व्यास जी ने दिया ...कोटा प्रेस क्लब के सदस्य और साहिय्त्कर ई टी वी संवाददाता ओम नगर को हाल ही में केंद्र द्वारा सम्मानित करने पर कोटा प्रेस क्लब ने भी उनका सम्मान किया ....कार्यक्रम में उपाध्क्ष मनोहर पारिक ... कोषाध्यक्ष माल सिंह शेखावत ..सह सचीव पवन पारिक ...कार्यकारिणी सदस्य अख्तर खान अकेला ..विपिन तिवारी ..चन्द्र प्रकाश चंदु ..सहवरित सदस्य सुनील माथुर ..श्रीमती रचना गोड ...महिला प्रतिनिधियों में हेमलता शर्मा ..ज्योति पाठक ..अनिता आचार्य सहित कई पत्रकार प्रेस क्लब के सदस्य उपस्थित थे ........

मित्रों आज हम आपकी मुलाक़ात पत्रकार पंडित बद्रीप्रसाद गोतम से कराते है .

मित्रों आज हम आपकी मुलाक़ात पत्रकार  पंडित बद्रीप्रसाद गोतम से कराते है ...यह हमारे बढ़े भाई भी है ...दोस्तों भाई बद्रीप्रसाद गोतम जिनका हमेशा मुस्कुराता चेहरा ...एक दुसरे से मेलमिलाप हंसी मजाक का जज्बा ..मदद का जज्बा इनकी धरोहर है और भाई बद्री प्रसाद गोतम अपनी इसी मिलकियत की वजह से आज पत्रकार साथियों में सभी के लियें दिल अज़ीज़ बने हुए है ..पाक्षिक अख़बार मंगलवर्धनि समाचार पत्र के मालिक प्रकाशक जिसका प्रकाशन सुव्यवस्थित साज सज्जा के साथ रंगीन प्रष्टों में मैगजीन की शक्ल में लगातार होता है इस पत्रिका में भाई बद्रीप्रसाद गोतम सिर्फ और सिर्फ पान बाज़ार की बात करते है ...पान ...गुटके ..सुपारी ...महमान नवाजी के लियें रखे जाने वाले माउथ फ्रेशर का प्रचार प्रसार करते है .......कोटा प्रेस क्लब के चुनाव के वक़्त इनकी भूमिका एक तरफ भामाशाह की होती है तो दूसरी तरफ कुशल प्रबंधकीय व्यवस्था के तहत अपने पेनल को चुनाव लड़ाने के लियें संयोजक पद का कार्यभार यह निहायत ही कामयाबी के साथ निभाते है और विकट परिस्थितियों में भी भाई बद्रीप्रसाद जी गोतम हारी हुई बाज़ी को जीत में बदल कर विपक्ष के पेनल को चोंका देते है ..चुनाव दोस्ताना होता है लेकिन चुनाव के वक्त भाई बद्रीप्रसाद जी गोतम भीष्म पितामाह की तरह प्रतिज्ञाबद्ध होकर अपने पेनल के साथ खड़े रहते है और फिर चाहे दुसरे पेनल में इनका निकटतम मित्र भी क्यूँ ना हो यह हाथ जोड़ कर उससे क्षमा याचना कर लेते है .....पंडित बद्रीप्रसाद गोतम कोटा प्रेस क्लब के चुनाव के रणनीतिकार ..वरिष्ठतम सदस्य ..मुखर वक्ता तो है ही सही लेकिन इनके ऊपर हाडोती पत्रकार परिषद जो पंजीकृत संस्थान है उसके प्रदेश अध्यक्ष की भी ज़िम्मेदारी है और यह इस ज़िम्मेदारी को भी बखूबी निभा रहे है ...हमारे बढ़े भाई पंडित बद्रीप्रसाद गोतम को मुबारकबाद बधाई ...................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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