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18 सितंबर 2013

47 साल के इस आदमी ने की हैं 5000 शादियां, इसके पीछे है एक ख़ास राज!



हम अपने आस-पास अक्सर शादियां देखते हैं। इन शादियों में आस-पास के लोग और रिश्तेदार बड़े उत्साह के साथ शामिल होते हैं। भारत में मुख्य रूप से दो तरह की शादियां होती हैं। पहली- धार्मिक रीती से और दूसरी- कानूनी रूप से। इनमें धार्मिक शादियां काफी प्रचलित हैं। कानूनी शादियां लड़के, लड़की और कुछ गवाहों की सहमति के बीच होती है। इसके अलावा कानूनी शादियां तब भी होती हैं जब राज्य सरकार कोई क़ानून या योजना बना देती है। इन सबका फायदा कुछ गलत लोग भी उठा लेते हैं।
ऐसा ही कुछ हुआ छत्तीसगढ़ में। पिछले दिनों पुलिस ने विजय गजभैय्ये नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। इस शख्स की राजनंद गाँव से हुई। गजभैय्ये पर 5000 शादियां करने का आरोप लगा है। उसने यह काम सरकार से प्रोत्साहन राशि पाने के लिए किया था। गिरफ्तार होने के बाद 47 साल के इस व्यक्ति ने मीडिया कर्मियों से बातचीत बताया कि मुझे याद तो नहीं है लेकिन अंदाजन "पांच-छः हजार शादियां तो की होंगी। इस पूरे मुद्दे पर यहां के सीएसपी शशिमोहन सिंह ने बताया कि "विजय की हर बात पर आंख मूंद कर विश्वास नहीं किया जा सकता। आरंभिक जांच के बाद फ़िलहाल तो पुलिस ने धोखाधड़ी और दस्तावेजों के साथ जालसाज़ी के लिए क्रमशः धारा 420, 467 और 468 के तहत मामले दर्ज किए हैं।"

सीएसपी ने आगे कहा कि "मेरे लिए यक़ीन करना मुश्किल है कि उन्होंने हजारों की संख्या में शादियां की होंगी। लेकिन उन्होंने जितनी भी शादियां की होंगी, उसके बारे में शिकायत मिलने पर हम जाँच पड़ताल करके आगे की कार्रवाई करेंगे।"
छत्तीसगढ़ सरकार ने आदिम और अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा अंतरजातीय शादी करने प्रोत्साहन के रूप में कुछ राशि दिए जाने की योजना चालाई है। इस योजना के तहत पूर्व में ऐसी शादी करने वाले को छः हजार रुपए दिए जाते थे।
आगे चलकर सरकार ने इस राशि को दो बार बढ़ा दिया। पहले अगस्त 2009 में  25 हज़ार रुपए दिए जाने का ऐलान हुआ। दूसरी बार जुलाई 2011 से अंतरजातीय शादियां करने वालों को 50,000 रुपया दिया जाता है।
विजय ने इस योजना के पैसों को हड़पने के लिए कुछ सरकारी कर्मचारियों की मदद से सैकड़ों शादियां की हैं। ऐसा आरोप उस पर लगा है।
पुलिस के अनुसार इस काम के लिए वो हमेशा छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में किसी न किसी लड़की के साथ शादी करने का दस्तावेज प्रस्तुत करता और फिर उसी प्रमाण-पत्र के सहारे सभी मिलकर अन्तर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना की रकम को हड़प कर जाते थे।
गजभैय्ये ने बताया कि "यह सब करना आसान नहीं था, उसके लिए लड़की की व्यवस्था करनी पड़ती थी। उन्हें पत्नी बनाना पड़ता था। हमलोग कलक्टर साहब के सामने खड़े हो कर आवेदन करते थे कि हमदोनों कोर्ट मैरेज करना चाहते हैं। इसके बाद दोनों पति-पत्नी बन कर मांग भरी हुई शादी की फोटो पेश करते थे। तब कहीं जा कर हमारी अन्तर्जातीय शादी होती थी और प्रशासन द्वारा 20 हजार रुपए मिलते थे।"
पुलिस की तरफ से दावा किया गया कि उन्हें कई प्रकार के प्रमाण पत्र, कलेक्टरों और दूसरे बड़े अफसरों के कार्यालय की सील मुहर भी बरामद की गयी हैं। इन सबका उपयोग व वह अपने फर्जीवाड़े के कामों में करता था। विजय गजभैय्ये इस समय न्यायिक हिरासत में है।

कुरान का सन्देश

"तेरे अन्दर -मेरे अन्दर, एक समन्दर

"तेरे अन्दर -मेरे अन्दर, एक समन्दर
उस समन्दर के अंदर
सिद्धांत के कुछ बुलबुले
सवाल कुछ चुलबुले
नाराज सी नैतिकता
निरीह नीति
समय के सामने कुछ संकेत सीमित से
समन्दर के अन्दर झिलमिलाती तारों की परछाईं के प्रश्न
शेष सी यादें कई
इतिहास के उपहास की कुछ तल्खीयां
झिलमिलाती आँख में आंसू से रंगी तश्वीर कुछ
और कुछ रिश्ते समय के सेतु पर विश्राम करते से
और इस कोलाहल में बैठी याद तेरी देखता हूँ जब कभी
तैरती है याद तेरी बादलों में बिजलियों सी कौंध जाती है
और मेरी याद की पदचाप तेरे द्वार पर जा-जा कर ठहरती है
जिस पर गुजरता हूँ मैं वह रास्ता नहीं रिश्ता ही है
कुछ के लिए गुमनाम सा
कुछ के लिए बदनाम सा
मेरे लिए अभिमान सा." ----राजीव चतुर्वेदी

ये अंडा बेचने वाला देता है ऐसी कोचिंग की 'लाल बत्ती' में घूमते हैं गरीब बच्चे!


सुपर 30 के आनंद कुमार और पुलिस महानिदेशक अभयानंद जैसे कुछ ही व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने अपनी तकदीर के पन्नों को अपनी मेहनत की कलम से संजोया और दुनिया के लिए एक मिसाल बने। उन्होंने गरीब तबके के बच्चों को सफल बनाने के लिए सुपर-30 जैसे मुफ्त कोचिंग की स्थापना की। एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों आईआईटीयन को तैयार किया। इनका मकसद उन गरीब बच्चों को आईआईटी के लिए तैयार करना है, जो पैसे की किल्लत के कारण इसके बारे में सोच भी नहीं पाते। इनके द्वारा किए गए सफल प्रयास को आज देश ही नहीं बल्कि पूरा विश्व सलाम करता है। आनंद और अभयानंद की तरह ही मनोज कुमार राय भी हैं, जो राजगीर आयुध कारखाना में अधिकारी हैं। इन्होंने चौथे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास की थी। मनोज भी गरीब बच्चों को सुपर 30 के तर्ज पर यूपीएससी और पीसीएस परीक्षाओं की तैयारी कराते हैं, वो भी बिल्कुल फ्री।
 
बता दें कि सिविल सर्विस की परीक्षा को देश के सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक माना जाता है। खासकर गरीब तबके के बच्चों का इसमें सफल होना किसी सपने को पूरा करने से कम नहीं होता। ऐसे कम ही लोग होंगे, जिन्होंने बिना कोचिंग के इस परीक्षा को पास किया हो। लेकिन कुछ करने का जुनून और लगन हो तो गरीबी भी दो कदम पीछे हटकर आपकी कामयाबी की कामना करती नजर आती है। ऐसे में इन गरीब बच्चों का सारथी बने मनोज कुमार, जो खुद बेहद गरीब परिवार से आते थे और अधिकारी बनने से पहले अंडा बेचकर गुजारा करते थे।
 

आसाराम को हाई कोर्ट से भी राहत नहीं, 30 तक रहना ही होगा जेल में


आसाराम को हाई कोर्ट से भी राहत नहीं, 30 तक रहना ही होगा जेल में
नाबालिग से यौन उत्‍पीड़न के आरोप में फंसे आसाराम की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। आसाराम को हाई कोर्ट से भी राहत नहीं मिली है और उन्‍हें अब 30 सितंबर तक हर हाल में जेल में ही रहना होगा। राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम की जमानत याचिका पर सुनवाई एक अक्‍टूबर तक के लिए टाल दी है। अब इस याचिका पर एक अक्‍टूबर को ही सुनवाई होगी। इससे पहले सोमवार को हुई सुनवाई में हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख आज के लिए तय कर दी थी। 
 
आसाराम के पुत्र नारायण साईं ने अपने पिता आसाराम पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि आसाराम को फंसाया जा रहा है। आसाराम की बीमारी के बारे में नारायण साई ने कहा कि आसाराम बापू को जो बीमारी है उसे आयुर्वेद में अनंतवाड कहा गया है। उन्होंने कहा भले ही पुलिस अपनी जांच रिपोर्ट में ऐसी किसी बीमारी से इंकार करती रहे लेकिन आसाराम बापू को यह काफी लंबे समय से है और उनका आश्रम और आयुर्वेद के कई अन्‍य चिकित्सकों की देखरेख में उपचार चल रहा है। गौरतलब है कि आसाराम ने कहा था कि उन्हें 'त्रिनाडी शूल' की बीमारी है।
 
आसाराम की महिला वैद्य की मांग के सवाल पर साईं कन्नी काट गए। आसाराम के समर्थकों द्वारा पीड़िता के पिता को धमकाने संबंधी आरोपों को नारायण साईं ने खारिज करते हुए कहा, 'बापू ऐसा कर ही नहीं सकते।' उन्‍होंने आरोप लगाने वाली लड़की को मानसिक रोगी बताया और यह भी कहा कि उन्हें न्याय प्रणाली में विश्वास है।
 
मशहूर वकील रामजेठमलानी हाईकोर्ट में आसाराम की पैरवी कर रहे हैं। हालांकि जेठमलानी ने भी पिछले दिनों कई विवादस्पद बयान दिए। नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म के आरोप में घिरे आसाराम की पैरवी कर रहे सीनियर वकील राम जेठमलानी ने मीडिया को पागल करार दिया। जेठमलानी का यह बयान कोर्ट में उनकी इस दलील को लेकर मचे बवाल की प्रतिक्रिया में आया है, जिसमें उन्‍होंने आसाराम पर दुष्‍कर्म का आरोप लगाने वाली लड़की को मर्दों के करीब जाने की 'गंभीर' बीमारी से ग्रस्‍त बता दिया था।
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