हम अपने आस-पास अक्सर शादियां देखते हैं। इन शादियों में आस-पास के लोग और रिश्तेदार बड़े उत्साह के साथ शामिल होते हैं। भारत में मुख्य रूप से दो तरह की शादियां होती हैं। पहली- धार्मिक रीती से और दूसरी- कानूनी रूप से। इनमें धार्मिक शादियां काफी प्रचलित हैं। कानूनी शादियां लड़के, लड़की और कुछ गवाहों की सहमति के बीच होती है। इसके अलावा कानूनी शादियां तब भी होती हैं जब राज्य सरकार कोई क़ानून या योजना बना देती है। इन सबका फायदा कुछ गलत लोग भी उठा लेते हैं।
ऐसा ही कुछ हुआ छत्तीसगढ़ में। पिछले दिनों पुलिस ने विजय गजभैय्ये नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। इस शख्स की राजनंद गाँव से हुई। गजभैय्ये पर 5000 शादियां करने का आरोप लगा है। उसने यह काम सरकार से प्रोत्साहन राशि पाने के लिए किया था। गिरफ्तार होने के बाद 47 साल के इस व्यक्ति ने मीडिया कर्मियों से बातचीत बताया कि मुझे याद तो नहीं है लेकिन अंदाजन "पांच-छः हजार शादियां तो की होंगी। इस पूरे मुद्दे पर यहां के सीएसपी शशिमोहन सिंह ने बताया कि "विजय की हर बात पर आंख मूंद कर विश्वास नहीं किया जा सकता। आरंभिक जांच के बाद फ़िलहाल तो पुलिस ने धोखाधड़ी और दस्तावेजों के साथ जालसाज़ी के लिए क्रमशः धारा 420, 467 और 468 के तहत मामले दर्ज किए हैं।"
सीएसपी ने आगे कहा कि "मेरे लिए यक़ीन करना मुश्किल है कि उन्होंने हजारों की संख्या में शादियां की होंगी। लेकिन उन्होंने जितनी भी शादियां की होंगी, उसके बारे में शिकायत मिलने पर हम जाँच पड़ताल करके आगे की कार्रवाई करेंगे।"
छत्तीसगढ़ सरकार ने आदिम और अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा अंतरजातीय शादी करने प्रोत्साहन के रूप में कुछ राशि दिए जाने की योजना चालाई है। इस योजना के तहत पूर्व में ऐसी शादी करने वाले को छः हजार रुपए दिए जाते थे।
आगे चलकर सरकार ने इस राशि को दो बार बढ़ा दिया। पहले अगस्त 2009 में 25 हज़ार रुपए दिए जाने का ऐलान हुआ। दूसरी बार जुलाई 2011 से अंतरजातीय शादियां करने वालों को 50,000 रुपया दिया जाता है।
विजय ने इस योजना के पैसों को हड़पने के लिए कुछ सरकारी कर्मचारियों की मदद से सैकड़ों शादियां की हैं। ऐसा आरोप उस पर लगा है।
पुलिस के अनुसार इस काम के लिए वो हमेशा छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में किसी न किसी लड़की के साथ शादी करने का दस्तावेज प्रस्तुत करता और फिर उसी प्रमाण-पत्र के सहारे सभी मिलकर अन्तर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना की रकम को हड़प कर जाते थे।
गजभैय्ये ने बताया कि "यह सब करना आसान नहीं था, उसके लिए लड़की की व्यवस्था करनी पड़ती थी। उन्हें पत्नी बनाना पड़ता था। हमलोग कलक्टर साहब के सामने खड़े हो कर आवेदन करते थे कि हमदोनों कोर्ट मैरेज करना चाहते हैं। इसके बाद दोनों पति-पत्नी बन कर मांग भरी हुई शादी की फोटो पेश करते थे। तब कहीं जा कर हमारी अन्तर्जातीय शादी होती थी और प्रशासन द्वारा 20 हजार रुपए मिलते थे।"
पुलिस की तरफ से दावा किया गया कि उन्हें कई प्रकार के प्रमाण पत्र, कलेक्टरों और दूसरे बड़े अफसरों के कार्यालय की सील मुहर भी बरामद की गयी हैं। इन सबका उपयोग व वह अपने फर्जीवाड़े के कामों में करता था। विजय गजभैय्ये इस समय न्यायिक हिरासत में है।