आपका-अख्तर खान

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22 सितंबर 2013

..पत्नी सच्ची होती है लेकिन प्रेमिका झूंठी होती है

दोस्तों एक कडवा सच ...जरा दिल थाम लीजिये ..एक धार्मिक प्रवचनकर्ता ने आम इन्सान से सवाल किया ...पत्नी और प्रेमिका में क्या फर्क है ....आम इंसान ने अपने अनुभव के आधार पर जवाब दिया ...पत्नी सच्ची होती है लेकिन प्रेमिका झूंठी होती है ....धार्मिक प्रवचन करता इस जवाब पर ताज्जुब हुआ उसने इसे खुलासा कर बताने को कहा ..आम इन्सान ने जवाब दिया के जब पत्नी  पति से कहती है के में तुमसे नफरत करती हूँ में तुम्हे झूंठे मुकदमे में जेल भिजवाउंगी तब पति हंस कर खामोश हो जाता है और पत्नी जो कहती है उस पर अमल नहीं करती फिर एक झूंठी ओरत की तरह फिर से पत्नी की बाहों में होती है उसकी खिदमत करती हुई नज़र आती है इसलियें पत्नी झूंठी होती है ....जबकि प्रेमिका ..प्रेमी से कई वायदे करती है वोह इन वायदों को रोज़ तोडती है ..झूंठ बोलती है ..झूंठ दिखाती है ...इतना ही नहीं कई सालो से प्रेमी के साथ रहती है ..अपनी मर्जी से प्रेमी के साथ काम क्रीडा करती है ...लेकिन फिर एक दिन वोह पुलिस में जाती है और रिपोर्ट लिखवाती है के मेरा प्रेमी मुझे झांसा देकर ..डरा धमका कर मेरे साथ बलात्कार करता रहा ..वोह कहती है के प्रेमी ने उसे धमकी दी थी इसलियें इतने सालों तक उसने रिपोर्ट दर्ज नही कराई ..आम इंसान ने कहा के जनाब इसलिए में कहता हूँ के पत्नी सच्ची और प्रेमिका झूंठी होती है ...सभी एक जेसी नहीं होती लेकिन कई ऐसी भी होती है ..यह सुनकर प्रवचन करता ने ठंडी सांस ली और अभी तक के प्रेमियों का हाल देख कर घबराते हुए अपनी प्रेमिका के पास अलविदा कहने और पत्नी से क्षमा मांगने के लियें निकल पढ़े ........................

जागो हिन्दुस्तान ..जागो मुसलमान ..जागो इन्सान ....

दोस्तों कोंग्रेस  या भाजपा का नेता या फिर किसी भी सियासी पार्टी का नेता हो अगर गुर्जर भाई है तो गुर्जर की बात सरकार में और पार्टी में रहकर भी करता है अगर मीणा समाज का है तो कोंग्रेस हो चाहे भाजपा हो चाह सरकार में बेठा हो वोह अपने समाज की बात करता है .....धाकड़ हो ..बनिया हो ..ब्राह्मण हो कोई भी समाज हो सभी लोग पार्टी और सरकार की ज़िम्मेदारी से ऊपर उठ कर समाज की बात करते है और समाज ..सरकार या पार्टी में से किसी एक को चुनना पढ़े तो यह लोग केवल समाज को चुनते है सभी समाजों और समाज के ऐसे समाज के प्रति समर्पित नेताओं को सलाम बधाई मुबारकबाद ...लेकिन दोस्तों मुसलमान भाजपा में हो ..मुसलमान कोंग्रेस में हो ..मुसलमान किसी दूसरी पार्टी में हो ..मुसलमान सरकार में हो तो वोह यह भूल जाता है के वोह मुसलमान है वोह पार्टी की बात करता है सियासत की बात करता है वोह सरकार की गुलामी की बात करता है मुसलमान की बात नहीं करता ..जी हां दोस्तों भाजपाइयों ने मस्जिद गिरा दी ..गुजरात में दंगे कर दिए भाजपा के शाहनवाज़ और मुख्तार अब्बास नकवी सहित अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के लिए कोई बात नहीं ...कोंग्रेस ने गोपालगढ़ में निहत्थे मुसलमानों को मरवा दिया कोंग्रेस के मंत्रियों और संगठन से जुड़े लोगों के लियें कोई बात नहीं ..कोंग्रेस के किसी मंत्री ने बदले की भावना से मुलसमानो का नुकसान किया कोंग्रेस के मुसलमान चुप रहेंगे इतना ही नही ..भीलवाडा में मस्जिद बिके ..कब्रिस्तानो पर कब्जा हो ..वक्फ की जमीने बिकें ..मजार टूटे ..मुस्लिम संस्थाओं को दूसरी संस्थाओं की तरह टोकन रियायती दर पर जमीन और दूसरी सुविधाएं ना मिले ..भेदभाव हो लेकिन कोंग्रेस का मुसलमान चुप्पी साध लेगा उलटे जालिमों का साथ देकर इस व्यवस्था का विरोध कर रहे मुसलमानों का खुला विरोध करेगा तो दोस्तों क्या यह मुसलमान मुसलमान है क्या यह विधायक ..यह सांसद ..यह राज्यसभा सदस्य ..कोर्पोरेशन ..बोर्डों और समितियों के चेयरमेन मुसलमान है जो आज तक मुसलमानों की आवाज़ ना उठा सके केवल चमचागिरी कर मुसलमानों की सोदेबाज़ी करते रहे है और आज के पिछड़े ..पीड़ित ..शोषित मुसलमानों का कारण यही नाम के मुसलमानों के जालिमाना रवय्या रहा है ऐसे मुस्लिम नेताओं के लए अगर दिल से थू निकलता है तो फिर समाज में जब यह लोग आते है तो इनका हम बायकोट क्यूँ नहीं करते समाज के सामने इनसे थु थु क्यूँ नहीं कहते क्यूँ हम डर के इनकी गुलामी करते नज़र आते है यह लोग न देश के वफादार है और ना ही समाज के वफादार है क्योंकि अपने निजी स्वार्थों के लियें इन लोगों ने मुसलमानों पीछे कर देश को भी पीछे कर दिया है इसलिए जागो हिन्दुस्तान ..जागो मुसलमान ..जागो इन्सान ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

दुष्कर्म के आरोप के चलते गया मंत्री पद, छुट्टी के दिन आई एक नई मुसीबत


जयपुर। दुष्कर्म के आरोप में घिरे पूर्व खादी मंत्री बाबूलाल नागर के खिलाफ सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी है। गृह विभाग ने शनिवार को इस संबंध में केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय को चिट्ठी भेज दी। भास्कर ने जांच पर सवाल उठाते हुए खुलासा किया था कि नागर के खिलाफ चल रही सीआईडी सीबी की जांच में उनके चहेते अफसर को जांच अधिकारी बनाया गया है। खुद एडीजी कपिल गर्ग ने नागर को फोन कर यह पूछा था कि बताइए, किसको जांच अधिकारी लगा दें।
इस खुलासे के बाद सीआईडी सीबी की जांच और पुलिस अधिकारी सवालों के घेरे में आ गए। इसके बाद शनिवार को छुट्टी के दिन भी गृह विभाग का दफ्तर खुलवाकर अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक संपतराम ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी।
मैंने खुद सीबीआई जांच की सिफारिश कराई
मैंने खुद मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सीबीआई जांच  के लिए कहा है। राज्य की एजेंसियों की जांच पर सब सवाल उठाते।
(सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद नागर का बयान)
दो दिन पहले कहा था-राज्य की जांच एजेंसियों पर अविश्वास क्यों करूं
शुक्रवार को नागर ने कहा था- मैं राज्य की जांच एजेंसियों पर अविश्वास क्यों करूं? इसलिए मैं सीबीआई जांच की बात नहीं कहता, लेकिन मैं हर तरह की जांच को तैयार हूं। राज्य की किसी भी एजेंसी से जांच करवा लीजिए।

कुरान का सन्देश

राहुल की क्लास में 270 में से 25 पास



 
राहुल की क्लास में 270 में से 25 पास
 
नई दिल्ली. देशभर से 270 पार्टी प्रवक्ताओं की इस योग्यता परीक्षा में सिर्फ 25 ही राहुल के मापदंड पर खरे उतर पाएं हैं। 14 से 19 सितंबर तक 5 दिनों तक चली इस प्रशिक्षण और योग्यता परीक्षा में तमाम प्रवक्ताओं को लिखित और मौखिक परीक्षा देनी पड़ी। लिखित परीक्षा के लिए 250 शब्दों में मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम जिसमें आंतरिक सुरक्षा, सरकार की उपलब्धियां, आतंकवाद पर सरकार की नीतियां, महंगाई, भ्रष्टाचार, पड़ोसी मुल्कों के साथ रिश्ते और इसके अलावा बीजेपी के दुष्प्रचार को रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाने चाहिए, इन अलग-अलग विषयों पर 250 शब्दों में अपनी बात रखनी थी। 
 
इसमें दो टॉपिक पर ही एक व्यक्ति को अपनी बात रखनी थी। और इसके बाद इन विषयों पर तीन मिनट में पार्टी की राय या इन विषयों पर उनकी राय बताना थी। इसके अलावा 12 -12 लोगों की टीम बनाकर उन्हें इन टॉपिक पर ग्रुप डिस्कशन भी कराया गया। इसकी विडियो रिकॉर्डिंग भी की गई । बाद में समसामयिक और अंतरराष्ट्रीय मामलों की जानकारी परखकर 25 लोगों को चुना गया। इस ट्रेनिंग कैम्प में समाजसेवी, वैज्ञानिक, पूर्व अधिकारी, अर्थशास्त्री, प्लानिंग कमीशन के विशेषज्ञ भी शामिल हुए। 
 
इस तरह अब यह तय हो गया है कि सिर्फ नेता बनकर आप कांग्रेस के प्रवक्ता नहीं बन सकते। उसके लिए आपको राहुल सर कोचिंग और परीक्षा पास करना जरूरी होगा। 
 
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर दी राय 
 
प्रवक्ता पद के कई दावेदारों ने अंतरराष्ट्रीय मामलों में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नीतियों की सराहना की है। कुछ ने भाजपा और नरेंद्र मोदी के खिलाफ सख्त लफ्जों के इस्तेमाल को पार्टी के रणनीति में शामिल करने की राय दी। कईयों ने मुजफ्फरनगर दंगे में भाजपा को बेनकाब की सलाह दी है तो कुछ ने महंगाई पर भी राय दी है।
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