आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

23 सितंबर 2013

आलू की कचौड़ी –



आलू की कचौड़ी खाने में बहुत ही स्वादिष्ट लगती है। इन्हें आप किसी भी छुट्टी वाले दिन सुबह नाश्ते में बना कर खा सकते हैं या फिर यदि आप किसी पिकनिक आदि पर जा रहे हैं, तो भी इन्हें बनाकर ले जा सकते हैं। इन्हें बनाना बेहद आसान है और इन्हें बनाने में समय भी ज्यादा नहीं लगता। तो आइये बनाएं आलू की कचौड़ी।
  • चार लोगों के लिये
  • समय - 50 मिनट

आवश्यक सामग्री:

कचौड़ी के आटे के लिये-

  • मैदा या आटा - 300 ग्राम (तीन छोटी कटोरी)
  • सूजी (रवा) - 100 ग्राम (एक छोटी कटोरी)
  • नमक - स्वादानुसार (आधी छोटी चम्मच)
  • खाने का सोडा़ - एक चौथाई छोटी चम्मच
  • तेल - 2 टेबल स्पून

कचौड़ी की पिठ्ठी के लिये-

  • आलू - 300 ग्राम (5-6)
  • तेल - एक टेबल स्पून
  • जीरा - आधी छोटी चम्मच
  • धनिया पाउडर - 1.1/2 छोटी चम्मच
  • हरी मिर्च - 2 (बारीक कतरी हुई)
  • अदरक - 1.1/2 इंच लंबा टुकड़ा (कद्दूकस किया हुआ)
  • अमचूर पाउडर - आधी छोटी चम्मच
  • गरम मसाला - एक चौथाई छोटी चम्मच
  • नमक - आधी छोटी चम्मच
  • तेल - कचौड़ी तलने के लिये

विधि:

सबसे पहले एक तरफ कूकर में आलू उबलने रख दीजिये और दूसरी तरफ एक बर्तन में मैदा व सूजी छान कर उसमें नमक, बेकिंग पाउडर और तेल डाल कर अच्छी तरह मिला लीजिये। अब गुनगुने पानी से नरम आटा गूथिये (जैसा चपाती बनाने के लिये गूथते हैं) और उसे आधे घंटे के लिये ढककर रख दीजिये।
अब तक कूकर में आलू उबल गए होंगे तो इन्हें कूकर से निकाल कर छीलिये और बारीक तोड़ लीजिये। एक छोटी कढ़ाई में तेल गर्म कीजिये और उसमें जीरा डालकर भून लीजिये। उसके बाद उसमें धनिया पाउडर, हरी मिर्च, अदरक, नमक और आलू डाल कर 2-3 मिनट तक भून लीजिये।
अब गुथे हुए आटे से 1 नीबू के बराबर आटा तोड़ कर उसकी लोई बनाइये और फिर उंगलियों से उसे बढ़ाते हुए उसमें थोड़ी सी गहराई बना कर एक या डेड़ छोटी चम्मच आलू का मिश्रण उसमें भर दीजिये। अब आटे को चारों तरफ से उठाकर आलू की पिठ्ठी को अंदर बंद कर दीजिये और दोनों हथेलियों से दबाकर चपटा करके प्लेट में रख दीजिये। सारी कचौडियाँ इसी तरह बना लीजिये।
अब एक कढाई में तेल गर्म कीजिये और एक कचौड़ी लेकर उसे करीब 2.1/2 इंच के व्यास में हल्के हाथ से बेल कर गर्म तेल में डाल दीजिये। दोनों तरफ से ब्राउन होने तक मीडीयम गैस पर तलिये और फिर पेपर नैपकिन लगी प्लेट में निकाल लीजिये। सारी कचौड़ियों को इसी तरह से तल कर प्लेट में निकालते जाइये।
आलू की कचौड़ियाँ तैयार हैं। अब इन्हें एक अलग प्लेट में निकाल कर गरमा-गरम आलू की सब्जी, हरे धनिये की चटनी या मीठी चटनी के साथ परोस कर खाइये और सबको खिलाइये।

दोस्तों राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ऐतिहासिक कोटा यात्रा के दोरान कोटा को सोगातें ही सोगातें दी गयी ..लेकिन इस यात्रा के वक्क्त मुख्यमंत्री यात्रा प्रबंधन में रही कमियों की वजह से कई विवाद भी खड़े हो गए जो इस यात्रा की यादों से जुड़ गए है

दोस्तों राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ऐतिहासिक कोटा यात्रा के दोरान कोटा को सोगातें ही सोगातें दी गयी ..लेकिन इस यात्रा के वक्क्त मुख्यमंत्री यात्रा प्रबंधन में रही कमियों की वजह से कई विवाद भी खड़े हो गए जो इस यात्रा की यादों से जुड़ गए है ...विवाद एक ......मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नगर निगम कोटा में स्थापित स्वर्गीय राजिव गांधी की मूर्ति का अनावरण नहीं कर सके और एक विवाद छोड़ गए ....विवाद नम्बर दो ...मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोटा प्रवास के दोरान कोटा के विकास पुरुष कहे गए पूर्व उद्ध्योग मंत्री रिखब चंद धारीवाल की मूर्ति का  भी अनावरण कर सकते थे जो वोह नहीं कर सके ...विवाद नम्बर तीन ....मुख्यमंत्री के आगमन पर राजस्थान विधि प्रकोष्ठ के कोटा अध्यक्ष राजेश शर्मा ने एक दिन पहले कोंग्रेस कार्यालय में बेठ कर उनके स्वागत की अभूतपूर्व तय्यरियाँ की थी लेकिन पाटनपोल से जाते वक्त मुख्यमंत्री को राजेश शर्मा का स्वागत सत्कार नहीं करने दिया गया और नतीजन राजेश शर्मा जो कोंग्रेसी पूर्व विधायक के पुत्र है उन्होंने कोंग्रेस से इस्तीफा दे दिया ..विवाद नम्बर चार .....मुख्यमंत्री के स्वागत के वक्त एयरपोर्ट पर आने वाले लोगों के पास बनाने में भाई भतीजावाद चलने से खफा राजस्थान के सार्वजनिक निर्माण मंत्री भरत सिंह खुल कर विरोध में बोले उन्होंने सात अजूबों की आलोचना की वहीं वोह कोटा के स्वायत्त शासी मंत्री शान्ति कुमार धारीवाल के स्वर्गीय वालिद की मूर्ति को आठवा अजूबा बताने से भी नहीं चुके ..वोह एयरपोर्ट के अन्दर नहीं गए उन्हें बाद में मुख्यमंत्री ने बाहर आकार सम्भालने की कोशिश की ...विवाद नम्बर पांच ...कोटा वक्फ सम्पत्ति जंगली शाह बाबा दरगाह परिसर में महफिल खाने के उदघाटन के वक्त कोटा के शहर काजी अनवार अहमद की आमद नहीं रही जबकि शिला पट पर कोटा शहर काजी का नाम भी नहीं लिखा गया इतना ही नहीं कोर्ड में राजस्थान मदरसा बोर्ड के चेयरमेन मोलाना फजले हक और वक्फ के चेयरमेन लियाक़त अली का नाम था लेकिन शिला पट पर इन लोगों का नाम भी नहीं लिखा गया इस तरह से मुस्लिमो की सम्पत्ति पर बने इस महफिल खाने के शिलापट्ट से मुस्लिम धर्मगुरु और नेताओं का नाम नदारद रहने पर भी  मुस्लिमों के दिलों को ठेस पहुंची है ..विवाद नम्बर छ ...जग्लिशाह बाबा का मजार इसी परिसर में स्थित है जिसके आस्थावान लोगों की कमी नहीं है लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मजार के परिसर में तो गए फिर भी उन्हें बाबा के मजार पर अकीदत के फूल पेश करने और चादर पेश करने का सुझाव देकर वहां नहीं ले जाया गया इस कारन भी बाबा के मुरीद नाराज़ हो गए ..विवाद नम्बर सात ..राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपनी यात्रा के दोरान अनेक बार ऐसे अपराधिक तत्वों के साथ घिरे रहे जिनके खिलाफ कोटा में मुकदमे दर्ज है और जांचे चल रही है यह भी कोटा में विवाद और चर्चा का कारण रहा ................इस तरह से मुख्यमंत्री की कोटा यात्रा कोटा में जहां सोगातों के इतिहास का रहा वहीं कई विवादों को जन्म देने वाली भी रही जिसका अब डेमेज कंट्रोल का प्रयास किया जा रहा है और विवादों का निस्तारण बिना किसी बदनामी के हो जाए इसके प्रयास तेज़ हो गए है .................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

सुप्रीम कोर्ट का सरकार को झटका, आधार कार्ड हर जगह नहीं होगा मान्‍य



नई दिल्‍ली। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को उसकी महत्‍वकांक्षी योजना आधार को लेकर करारा झटका दिया है। शीर्ष अदालत ने देश में आधार कार्ड को सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए बतौर पहचान मानने से इंकार कर दिया है। इतना ही नहीं हर नागरिक को पहचान देने वाला आधार कार्ड बनवाना अब अनिवार्य नहीं है। यह बात खुद केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कही है। सरकार ने यह भी कहा है कि आधार कार्ड बनाने का फैसला लोगों की इच्छा पर है।

सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र औऱ राज्यों सरकारों को आदेश दिए हैं कि इस बात का ध्यान रखा जाए कि किसी भी अवैध नागरिक का आधार कार्ड न बने। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि आवश्यक सुविधाओं जैसे एलपीजी, टेलीफोन कनेक्शन वगैरह के लिए आधार कार्ड अनिवार्य नहीं है। न्‍यायालय ने कहा, आधार कार्ड को एक विशुद्ध स्वैच्छिक योजना रहना चाहिए। उल्‍लेखनीय है कि सरकार अपनी कई योजनाओं को पहले ही आधार कार्ड से जोड़ चुकी है। ऐसे में सरकार का सुप्रीम कोर्ट में यह कहना कि इसे बनवाना लोगों की इच्छा पर है उस पर कई सवाल उठते हैं।
न्‍यायालय ने यह आदेश एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए, जिसमें आधार कार्ड को बंद किए जाने की मांग की गई है। इसके पीछे तर्क दिया है कि आधार कार्ड में कई तरह की कमियां हैं।
दरअसल पहले खबरें थीं कि रसोई गैस पर दी जाने वाली सब्सिडी आधार कार्ड से जुड़े आपके बैंक अकाउंट में आएगी। सब्सिडी की राशि तभी अकाउंट में आएगी, जब आपने आधार कार्ड बनवाकर अपने बैंक अकाउंट से उसे लिंक कराया होगा। यह भी बात सामने आ रही थी कि आधार कार्ड न होने पर मार्केट रेट पर सिलेंडर खरीदना पड़ेगा। सबसे ज्यादा भ्रम की स्थिति एलपीजी के मसले पर ही थी जो कोर्ट के फैसले के बाद अब दूर हो गई है।

सोनिया गांधी की फर्जी कॉल्स के पीछे कांग्रेस सांसद का हाथ?



नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नाम से अटॉर्नी जनरल गुलाम वाहनवती को फर्जी कॉल करने के मामले में चौकाने वाली बात सामने आई है। अपुष्ठ खबरों से पता चलता है कि इन फर्जी कॉल के पीछे खुद कांग्रेस के पंजाब के एक राज्यसभा सांसद ही हैं। पुलिस को शक है कि उक्त राज्यसभा सांसद ने अपने कानूनी सलाहकार और पीएसयू की एक महिला कर्मचारी के साथ मिलकर फर्जी कॉल के इस प्रकरण को अंजाम दिया है। 
 
दरअसल 5 से 19 सितंबर के बीच अटॉर्नी जनरल गुलाम वाहनवती को सात बार सोनिया गांधी के नाम से फर्जी कॉल किए गए थे। इन फर्जी कॉल्स में अटॉर्नी जनरल वाहनवती को कोयला घोटाले का केस बंद करने और सुप्रीम कोर्ट में पेश न होने के लिए कहा गया था। फर्जी फोन कॉल में महिला ने खुद को सोनिया गांधी बताते हुए वाहनवती से इस्तीफा देने के लिए भी कहा गया था।

आसाराम के बेटे ने मुझे कमरे में बुलाया और मेरे प्राइवेट पार्ट पर हाथ लगाए'



इंदौर। यौन उत्पीड़न के आरोप में इंदौर से गिरफ्तार आसाराम एक बार फिर चर्चा में है। इस बार वो अपने बेटे नारायण सांई की वजह से सुर्खियों में आए हैं। अब नारायण साईं पर भी संकट के बादल घिरते जा रहे हैं। इंदौर की एक महिला ने नारायण सांई पर जबरन शादी कराने और धमकाने की कोशिश के आरोप लगाए हैं। ये मामला अदालत पहुंच चुका है और 4 अक्टूबर को इसकी सुनवाई है।
महिला ने एक टीवी चैनल पर नारायण साईं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला ने कहा, आसाराम के बेटे नारायण सांई ने मुझे कमरे में बुलाया और मेरे प्राइवेट पार्ट पर हाथ लगाए, मुझे किस किया। मेरे साथ ओरल सेक्स करना चाहा। इस तलाकशुदा महिला ने आरोप लगाया कि नारायण साईं ने एक महिला की धोखे से एक ऎसे इंसान के साथ शादी करवा दी जिसकी जमीन पर उसकी अय्याशी का अड्डा चलता था। ये शख्स सांई का सेवादार है।
महिला ने बताया, 10 दिसंबर 2004 को नारायण सांई ने अपने करीबी ईश्वर वाधवानी को अपनी कुटिया (फार्महाउस, जो ईश्वर का ही है) में बुलवाया। वहीं उन्होंने ईश्वर को अपना भक्त बताते हुए मेरी शादी उससे करवा दी।
इस शादी में मेरे घर से कोई भी नहीं था। नारायण ने कहा कि ये मेरे नहीं, भगवान के आदेश से हो रहा है। फिर मेरे पिता को नारायण ने फोन करके शादी की सूचना दे दी।महिला ने बताया, ससुराल वाले कुछ दिनों तक मेरे साथ ठीक रहे लेकिन उसके बाद वो सभी मुझसे बुरा बर्ताव करने लगे। मेरे पति ईश्वर वाधवानी मुझसे 4-5 लाख रूपये लाने के लिए कहने लगे। जब मैं गर्भवती हुई तो उन्होंने मुझे बच्चा गिरवाने के लिए बोला। अपनी शिकायत लेकर 29 जनवरी, 2005 को नारायण साईं के पास मऊ में उनके प्रोग्राम के दौरान गई तो मुझे नारायण सांई ने अपने शयनकक्ष में बुलाया।वहां पहले से ही 6-7 लडकियां थी। जब मैंने उन्हें बताया कि मेरे पति भ्रूण हत्या के लिए कह रहे हैं तो उन्होंने कहा कि "तुम्हें वही करना चाहिए जो तुम्हारे पति कहते हैं। इसके बाद उन्होंने मेरे प्राइवेट पार्ट पर हाथ लगाए, मुझे किस किया। मेरे साथ अश्लील बातें करने लगे।"
हो सकती है 10 साल की सजा
जानकारों की मानें तो पुलिस पूछताछ के लिए नारायण सांई को इस मामले में गिरफ्तार कर सकती है। यदि कोर्ट में आरोप साबित हो जाते हैं तो उन्हें दस साल तक की सजा भी हो सकती है।

कुरान का सन्देश


Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...