नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने अदालत में दोषी पाए जाने के बाद भी
सांसदों और विधायकों को अयोग्य करार ना दिए जाने को लेकर एक अध्यादेश जारी
किया है। सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को रद्द करने के लिए इस
अध्यादेश को मंजूरी दी है।
दिलचस्प है कि पिछले दिनों सुप्रीम कोर्ट ने दागी विधायकों और सांसदों
को जोर का झटका देते हुए एक आदेश जारी किया था। कोर्ट ने कहा था कि अगर
सांसदों और विधायकों को किसी आपराधिक मामले में दोषी पाते हुए 2 साल की सजा
होगी, तो ऐसे में उनकी सदस्यता तत्काल प्रभाव से रद्द हो जाएगी।
उधर, सरकार के इस कदम को लेकर भाजपा ने सवाल खड़ा कर दिया है। भाजपा
ने कहा है कि सरकार ने इस मामले को लेकर अध्यादेश लाने में इतनी जल्दबाजी
क्यों दिखाई।