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26 सितंबर 2013

....राजसथान में मदरसों का भगवाकरण इस्लाम के जानकारों की नियुक्ति की संख्या घटती रही है ......मदरसों के पेराटीचर्स स्थाई नहीं उनका मानदेय में पर्याप्त वृद्धि नहीं फिर आधे अधूरे मदरसा बोर्ड के कार्याल्य के उदघाटन का मतलब क्या है आखिर कब तक बनेंगे मुसलमान कोंग्रेसी गुलामों की सियासत का शिकार ...

.....राजसथान में मदरसों का भगवाकरण इस्लाम के जानकारों की नियुक्ति की संख्या घटती रही है ......मदरसों के पेराटीचर्स स्थाई नहीं उनका मानदेय में पर्याप्त वृद्धि नहीं फिर आधे अधूरे मदरसा बोर्ड के कार्याल्य के उदघाटन का मतलब क्या है आखिर कब तक बनेंगे मुसलमान कोंग्रेसी गुलामों की सियासत का शिकार ...
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एक तरफ तो कल राजस्थान मदरसा बोर्ड के आधे अधूरे निर्मित भवन का कथित लोकार्पण कर रहे थे दूसरी तरफ इसी मदरसा बोर्ड के कार्यरत पेराटीचर्स खुद को प्रबोधक बनवाने या फिर स्थाई करने की मांग को लेकर परेशान थे जबकि नई नियुक्तियों में पात्र आवेदक पेरातिचर्स एक तरफ और अपात्र लोगों की नियुक्तिया होने से लोग परेशान नज़र आये ..इतना ही नहीं केवल चार हजार रूपये की नियुक्ति के लिए लडकियों को सेकड़ो किलोमीटर दूर दुसरे जिलो में नियुक्तिया देकर उन्हें परेशां किया जा रहा है ..मदरसा बोर्ड का केवल नाम ही रह गया उसका अस्तित्व खतरे में पढ़ गया है मदरसों से आलिम और दीन के जानकारों को नियुक्ति से रोक दिया गया है और साधारण नियम के तहत उर्दू और दीन की तालीम देने के लिए गेर मुस्लिम लोगों की भर्ती कर ली गयी है ..जरा सोचो एक मुसलमान मन्दिर में जाकर राम कथा और कृष्ण भगवान के बारे में केसे बता सकता है इसी तरह से एक गेर मुस्लिम मदरसों में जाकर अल्लाह ..और प्रोफेट मोहम्मद र.स अ के बारे में केसे समझा सकता है लेकिन सरकार और सरकार के बेठे नुमाइंदों ने इस तरफ गोर ही नहीं किया कहने को मदरसा बोर्ड की नियुक्तिया है लेकिन यहाँ मुस्लिम समाज के हक पर कोंग्रेस की हुकूमत में डाका डाला गया है ....पेरातिच्र्स को ना तो स्थाई किया गया ..नई नियुक्तिया कोसो दूर की गयी ...मदरसों का आधुनिकीकरण नहीं किया गया ....मदरसों को दीन ईमान से दूर कर दिया गया वहां आलिम और इस्लाम के जानकार पेरातिच्र्स की जगह दुसरे लोगों को नियुक्त किया गया ....बोनस मार्क कम कर पेराटीचर्स के स्थाईकरण को रोक दिया गया है ..पूर्ण रूप से कुप्रबंध और मदरसा बोर्ड का भगवाकरण कर देने से मुसलमानों के सपनों क चकनाचूर कर दिया गया है .............राजसथान में मदरसों का भगवाकरण इस्लाम के जानकारों की नियुक्ति की संख्या घटती रही है ......मदरसों के पेराटीचर्स स्थाई नहीं उनका मानदेय में पर्याप्त वृद्धि नहीं फिर आधे अधूरे मदरसा बोर्ड के कार्याल्य के उदघाटन का मतलब क्या है आखिर कब तक बनेंगे मुसलमान कोंग्रेसी गुलामों की सियासत का शिकार ...

कुरान का सन्देश


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