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04 अक्तूबर 2013

देश में फाइटर प्लेन की भारी दिक्कत, नाजुक हो सकती है हालत



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देश में फाइटर प्लेन की भारी दिक्कत, नाजुक हो सकती है हालत
 
नई दिल्ली. करीब 80 हजार करोड़ रुपए खर्च कर 126 लड़ाकू विमान खरीदने का मामला फिर अटक गया है। वायु सेना प्रमुख एनएके ब्राउने ने जल्द फैसले नहीं होने पर हालात नाजुक होने की आशंका जताई है। ब्राउने शुक्रवार को सालाना प्रेस कान्फ्रेंस में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि अगले कुछ वर्षों में वायु सेना को 300 नए विमानों की जरूरत है। हालांकि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में 126 विमानों के सौदे पूरे होने की उम्मीद कम ही है। ब्राउने ने बताया कि रक्षा मंत्रालय में वायु सेना की खरीदारियों को संभालने वाले संयुक्त सचिव की असामयिक मौत से तमाम खरीदारियों को झटका लगा है। 
 
नए संयुक्त सचिव के आने पर उन्हें इन खरीदारियों को समझने में तीन-चार महीने लग जाएंगे। वायु सेना के पास लड़ाकू विमानों के 42 स्क्वाड्रन होने चाहिए। जबकि अभी सिर्फ 34 मौजूद है। हर स्क्वाड्रन में 18 से 20 विमान होते हैं। 2017 तक 160 मिग-21 विमान बेड़े से बाहर हो जाएंगे। 
 
वायु सेना प्रमुख ने कहा कि फ्रांस से डैसो रफाल विमानों का लाइसेंस के तहत उत्पादन करने वाली हिुंदुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) की बातचीत चल रही है। पर ये कहना मुश्किल है कि सौदा कब तक हो पाएगा। आगे चुनाव भी है, लेकिन सौदे कम होने की वजह से प्रक्रियाओं का उल्लंघन नहीं कर सकते। ब्राउने ने माना कि सौदे में देरी के कारण एक-दो फ्लीट की जीवन अवधि बढ़ानी होगी। स्वदेश विमान तेजस की भी सेवा लेनी होगी।

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रामदेव ने पीएम को कहा 'नामर्द', राहुल के बारे में बोले- मैडम का शहजादा कुछ ज्‍यादा ही कूद रहा

रायपुर. योगगुरु बाबा रामदेव ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर अभद्र टिप्‍पणी की। रामदेव ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, 'मैडम का शहजादा कुछ ज्‍यादा ही कूद रहा है, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री मर्द होते हुए भी नामर्द जैसा काम कर रहे हैं।' बाबा रामदेव ने कहा, 'हाल में जो लालू का हुआ है, वही हाल कांग्रेस के 90 प्रतिशत नेताओं का होगा।' इससे पहले रामदेव ने आने वाले लोकसभा चुनाव में एनडीए को 300 से ज्यादा सीटें मिलने का भी दावा किया। बाबा रामदेव ने कांग्रेस को चेतावनी दी कि चुनाव के बाद कांग्रेस का गरूर चूर-चूर हो जाएगा। 
 
उन्‍होंने कहा कि नरेंद्र मोदी को भारतीय जनता पार्टी द्वारा प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने के बाद एनडीए को भारी बढ़त मिलेगी और उनके नेतृत्‍व में एनडीए सरकार बनाएगी। बाबा रामदेव ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नरेंद्र मोदी को अपराधी और आतंकवादी की तरह पेश करने का प्रयास कर रही है। उन्‍होंने कहा कि मुगलों ने एक हजार साल में देश को उतना नहीं लूटा, जितना कांग्रेस ने 60 साल के शासनकाल में लूटा है। कांग्रेस की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार भ्रष्टाचार में गले तक डूबी है।

एक और छात्रा से एक सप्‍ताह तक दुष्‍कर्म करते रहे थे आसाराम! जोधपुर में दर्ज हुआ केस

इंदौर/जोधपुर. कथावाचक आसाराम बापू पर छाया संकट का साया और गहरा हो सकता है। उन पर एक और लड़की ने यौन उत्पीड़न का केस दर्ज कराया है। यह केस मेरठ के किला रोड स्थित एक कॉलोनी की लड़की ने जोधपुर में दर्ज कराया है। गुरुवार को जोधपुर की पुलिस इस सिलसिले में मेरठ गई थी।
जोधपुर के वेस्ट महिला थाने में दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक जोधपुर आश्रम में शिक्षा-दीक्षा के नाम पर आसाराम ने लड़की के साथ एक सप्ताह तक दुष्कर्म किया। 
 
केस दर्ज कराने वाली लड़की मेरठ में निजी स्कूल में 11वीं में पढ़ती थी। लेकिन आसाराम के आश्रम में दी जाने वाली शिक्षा के प्रति आकर्षण के चलते वह जोधपुर गई थी। उसका परिवार आसाराम का भक्त है। लड़की के चाचा ने माना कि आसाराम के ज्यादातर कार्यक्रमों में उसका परिवार शरीक होता रहा है। लड़की के चाचा का यह भी कहना है कि आसाराम आश्रम के संचालकों ने उनके परिजनों को अगवा कर रखा है। 27 सितंबर से लड़की के पिता और पूरे परिवार का पता नहीं है। सभी सदस्यों के मोबाइल फोन भी बंद हैं।
यौनशोषण के आरोपों में जेल में बंद आसाराम के बेटे नारायण साईं की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। नारायण पर धोखे से अपने शादीशुदा सेवादार की शादी करवाने का आरोप है। इस मामले में शुक्रवार को इंदौर की अदालत में सुनवाई होनी है। नारायण पर आरोप लगाने वाली पीड़ित महिला का कहना है कि 2000 में उसने नारायण साईं से दीक्षा ली थी।
2004 में नारायण साईं ने बहला-फुसलाकर अपने सेवादार ईश्वर वाधवानी से उसकी शादी करवा दी। महिला के मुताबिक, यह शादी नारायण साईं ने ही करवाई थी। साईं ने ही मंत्र पढ़े और फेरे करवाए थे। महिला का कहना है कि उसे दो महीने बाद मालूम हुआ कि उसका पति शादीशुदा था। इस दौरान वह गर्भवती हो चुकी थी। यही नहीं, नारायण साईं ने उसके साथ अश्लील हरकतें भी की। महिला के मुताबिक वह यह लड़ाई अपने बेटे को पिता का नाम दिलवाने के लिए लड़ रही है।
जोधपुर की एक स्थानीय अदालत ने नाबालिग लड़की से यौन उत्‍पीड़न मामले में फंसे आसाराम की सहयोगी शिल्‍पी को गुरुवार को आठ दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। शिल्पी मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में आसाराम के आश्रम में वार्डन थी। उस पर लड़की को जोधपुर आश्रम भेजने का आरोप है। लड़की उसी आश्रम में रहकर पढ़ाई करती थी।
 
जोधपुर की जिला एवं सत्र अदालत द्वारा शिल्‍पी को न्‍यायिक हिरासत में भेजे जाने के आदेश के बाद शिल्‍पी के वकील ने जमानत के लिए आवेदन किया। जमानत आवेदन पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। शिल्पी के वकील ने कहा कि पुलिस हिरासत की अवधि बढ़ाए जाने की मांग नहीं किए जाने पर अदालत ने शिल्पी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
 
राजस्थान हाई कोर्ट द्वारा अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दिए जाने के बाद शिल्पी ने बीते 25 सितंबर को यहां अदालत में सरेंडर कर दिया था। इसके साथ ही इस मामले में आसाराम सहित सभी पांच आरोपी न्यायिक हिरासत में भेज दिए गए हैं और उन्हें 11 अक्‍टूबर को अदालत में पेश किया जागएा।
 
इस मामले में आसाराम के अलावा अन्य आरोपियों में शिवा (आसाराम का सहायक), शरद चंद्र (गुरूकुल का निदेशक), प्रकाश (आसाराम का रसोइया) और शिल्पी शामिल हैं।

सूडान: अनजान मर्द के साथ कार में बैठी तो दी सरेआम 40 कोड़ों की सजा



सूडान में महिला पर अत्याचार का एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है। इस वीडियो में एक महिला पर बेहरहमी से कोड़े बरसाते हुए दिखाया गया है। खबरों के मुताबिक, वह महिला एक ऐसे मर्द के साथ कार में चली गई, जो उसका संबंधी नहीं था। शरिया कानून मानने वाले इस अफ्रीकी देश में महिला की यह हरकत लोगों को नागवार गुजरी और उसे सरेआम कोड़े मारे गए।

ऐसा बताया जा रहा है कि वीडियो सूडान की राजधानी खार्तूम में बनाया गया है। मेल ऑनलाइन की रिपोर्ट के मुताबिक, महिला का नाम हलीमा है। शरीया कानून तोड़ने की दोषी इस महिला को जब स्थानीय पुलिसकर्मी कोड़े मार रहा होता है तो दर्द से कराहती महिला गुलाबी कपड़े से अपना सिर ढंकने की कोशिश करती है।

वीडियो में पुलिस अधिकारी महिला को चेतावनी देते हुए कहता है, "ये कोड़े इसलिए हैं, ताकि तुम फिर कभी पराए मर्द के साथ कार में ना बैठो।"

महिला द्वारा कोड़ों की मार सहन करने के दौरान कई लोग उसके नज़दीक चुपचाप खड़े रहते हैं। किसी स्थानीय व्यक्ति ने घटना को मोबाइल से शूट करके वीडियो एक पत्रकार को भेजा है, जिसने इसे इंटरनेट पर अपलोड किया।

 'न्यूयॉर्क डेली न्यूज' के मुताबिक खार्तूम के गवर्नर अब्दुल रहमान अल खिदिर ने इस घटना पर हैरान करने वाली टिप्पणी की है। अब्दुल ने कहा है कि महिला को सही ढंग से कोड़े नहीं मारे गए हैं। अब्दुल के मुताबिक महिला को शरिया कानून के खिलाफ जाने की सजा मिल चुकी है।

'थिंक अफ्रीका प्रेस' के अनुसार महिला को शरिया कानून की धारा 152 के तहत सजा दी गई है। गौरतलब है कि धारा 152 के तहत आचरण एवं पहनावे में किसी भी तरह की असभ्यता बरतने पर 40 कोड़े मारने का प्रावधान है। इस कानून का शिकार ज्यादातर महिलाएं ही होती हैं। यह कानून सूडान में पहली बार सन् 1991 में लागू किया गया था।

नवरात्रे क्या, क्यों, किसलिए, कैसे



मां वह अमूल्य कोमल, ममता, स्नेही शब्द है जिसकी गणना ईश्वर से पहले होती है। लेकिन जब यह सभी गुण दैवीय मां से जुड़ जायें तो अमूल्य शक्ति के साथ-साथ उनका आर्शीवाद, स्नेह, ममता, कृपा सब कुछ प्राप्त हों कर व्यक्ति का जीवन बदल जाता है या यों कहें जीवन सार्थक हो जाता है। मातृशक्ति, दैवीयशक्ति, स्त्रीशक्ति की पूजा आराधना, साधना ब्रह्माण्ड सृष्टि का मूल आधार है। नवरात्रे शारदीय हो या वासन्ती सभी का अत्यधिक महत्व है। इन नवरात्रों में आदिशक्ति दुर्गा की पूजा, आराधना, साधना की जाती है। शारदीय नवरात्रें शरद ऋतु में ;आश्विन/सितम्बरद्ध में तथा वासन्ती नवरात्रे वसन्त ऋतु में ;चैत्र/अप्रैलद्ध में मनाये जाते है। मां जगदम्बा का स्वरूप यद्यपि नित्य और अखण्ड है। फिर भी मां जगदम्बा की नौ स्वरूपों में पूजा की जाती है। प्रथमं षैलपुत्री, द्वितीयं ब्रह्मचारिणी। तृतीयं चन्द्रधण्टेति, कूश्माडेति चतुर्थकम्। पंचम् स्कन्दमातेति, शश्ठं कात्यायनीति च। सप्तमं कालरात्रीति महागौरीति चाश्टमम्। नवम् सिद्धिदात्री व नवदुर्गाः प्रकीर्तिताः।। यह आधिदैविक, आधिभौतिक और आध्यात्मिक सभी जगह एक जैसा ही चरितार्थ होता है यानि जब सूर्य की परिक्रमा करती हुयी पृथ्वी अपनी कृान्तिव्रत पर नौ कदम उत्तर और नौ कदम दक्षिण में चलती है तो इन नौ दुर्गा के स्वरूप क्रमशः एक-2 कदम पर प्रगट होते है। जब इनका सूर्य लोक की गति के साथ सम्बन्ध होता है तब आधिदैविक स्वरूप प्रगट होता है, जब पृथ्वी की गति के साथ सम्बन्ध होता है तब आधिभौतिक स्वरूप प्रगट होता है, जब मनुष्य के शरीर में प्रगट होता है, तब आध्यात्मिक स्वरूप प्रगट होता है इसलिए नवरात्र में प्रत्येक दिन जगदम्बा के प्रत्येक स्वरूप की जो उसके एक-2 कदम सदृश है पूजा अर्चना आराधना साधना होती है। मातृ प्रतिमा की कलश, आराधना, साधना, कुमारी पूजा, हवन, ब्राह्मण भोजन सभी कर्मों से सम्पन्न अंगो व उपायों से मुक्त नवरात्र करने वालों पर मां भगवती की विशेष कृपा होती है। वे सभी कष्टों से मुक्त रहते है, अज्ञानता दूर होती है। धन सम्पदाओं से उनका घर भरा रहता है, आयु तथा बल में वृद्धि होती है, राजा ;सत्ताद्ध शत्रु से डर दूर होते हैं अर्थात् भयहारिणी, भवतारिणि, भवभामिनि तथा भवबंधनमोचिनी मां भगवती शक्ति की उपासना निश्चय ही सर्वोत्कृष्ट है। प्रणतानां प्रसीद त्वं देवि विष्वार्तिहारिणी। त्रैलोक्येवासिनाभीडये लोकानां वरदा भव।। नवरात्रों में पूजा अर्चना, आराधना, कलश स्थापना, खेचरी स्थापना, अखण्ड़ ज्योत, कुमारी पूजन हवन आदि सभी साधकजन कर लाभ प्राप्त करते है परन्तु शास्त्रोनुसार माना जाता है कि दस महाविद्याओं ;दस दैवियोंद्ध की साधना सौभाग्यशाली व्यक्ति को ही अनेकों जन्मों के संचित पुण्यों के फलस्वरूप प्राप्त होती है। मां भगवती की कृपा साधक पर निस्प्रह भाव से बरसती है। दस महाविद्याओं की साधना से व्यक्ति का दुर्भाग्य सौभाग्य में बदल सकता है। अनिष्टकारी ग्रह, रोग, बाधा, निर्धनता तथा जीवन की सभी समस्याओं का स्थायी निवारण इन साधनाओं द्वारा सम्भव है परन्तु बहुत कम व्यक्ति ही इन पूर्ण साधनाओं के पूर्ण प्रभाव से अवगत है इसलिए कहा जाता है कि वह व्यक्ति वास्तव में सौभाग्यशाली है जो अपने जीवन में किसी एक भी देवी की साधना सम्पन्न करता है और दसों देवियों ;दस महाविद्याओंद्ध की पूजा अर्चना के साथ साधना करना तो आज के कलयुग के व्यक्ति के लिए बहुत मुश्किल ;असंभवद्ध है नकारात्मकता ;असुरी, राक्षसी प्रवृतियांद्ध उसे सोच, आलस, विचारों, मन, बीमारी आदि तरह से रोकेगी और मनुष्य इन ;राक्षसी, असुरी प्रवृतियांद्ध नकारात्मकता के घेरे में आ ही जाता है। कुछ ही सौभाग्यशाली व्यक्ति होते है जो इनके चक्रव्यूह में नहीं फसते है और दसों महाविद्याओं ;दसों साधनाओंद्ध का आन्नद प्राप्त कर सभी लाभ प्राप्त करते है यानि कलयुग में अमृत का पान करते है। यह सत्य है कि साधक की कोई भी इच्छा हो चाहे भौतिक जगत से सम्बन्धित हो या आध्यात्मिक जगत से, मंत्र साधना द्वारा वह अवश्य ही पूर्ण होती है और अगर साधना महाविद्या हो तो साधक को अवश्य व शीघ्र फल की प्राप्ति होती है। दस महाविद्याऐं भगवती जगदम्बा के प्रचण्ड रूपों में से एक है। वे संसार की आधारभूत शक्ति है जो कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश व अन्य देवताओं में भी पूजित है वे अद्वितीय शक्ति सम्पन्न है और सभी प्रकार की सहायता करने में सक्षम है जो साधक इन दस महाविद्याओं की साधना सफलता पूर्वक कर लेता है वह जीवन में पूर्णता अवश्य प्राप्त कर लेता है। जीवन की सभी समस्याओं के निवारण हेतू ग्रहस्थों के लिए भी दस महाविद्या साधना सर्वोत्तम है। इन दस महाविद्याओं की सफलता पूर्वक साधना से व्यक्ति को दसों दिशाओं, नौ ग्रहों, नौ चक्रों, दसों देवियों, नौ रसों, पांचों तत्वों आदि की पूर्णता की प्राप्ति होती है। प्रथम नवरात्रें की साधना से दसवें नवरात्रें की साधना तक व्यक्ति क्या-2 लाभ प्राप्त करता हैः-

प्रथम देवी सेः- शत्रुओं पर पूर्ण विजय, राज्य बाधा निवारण, सभी प्रकार के भय दूर व रोगों की समाप्ति।

द्वितीय देवी सेः- अतुलनीय उन्नति, बुद्धि, ज्ञान, शक्ति, विजय, अकाल मृत्यु, दुर्घटना के निवारण हेतू, आकस्मिक धन प्राप्ति व अतुलनीय व्यापार वृद्धि।

तृतीय देवी सेः- पुरूषार्थ, सौन्दर्य, पराक्रम, आरोग्य, वशीकरण शक्ति, आन्नद प्राप्ति, दीर्घायु व ग्रहस्थ सुख के लिए।

चतुर्थ देवी सेः- धन संपदा, ऐश्वर्य, सौभाग्य, आध्यात्मिक व भौतिक उन्नति।

पंचमी देवी सेः- पापों का नाश, कष्टांे का निवारण, नौकरी बाधा समाप्त राजनैतिक स्तर पर सफलता, लौहे के समान दृढ़ता व वाक् सिद्धि।

षष्ठी देवी सेः- भय, शारीरिक दुर्बलता, भूत प्रेत बाधा, शत्रुओं के निवारण हेतु, आत्मविश्वास, बल, वीर्य व पुरूषार्थ में वृद्धि।

सप्तमी देवी सेः- सुरक्षा कवच प्रदान करती है। सम्पत्ति, सन्तान, व्यापार रक्षा प्रदान करती है।

अष्टमी देवी सेः- लक्ष्मी, धन की देवी, दरिद्रता निवारण, सुख, वैभव, सौभाग्य, अनायास धन, पुरूषार्थ, स्वर्ण, सम्पत्ति, वाहन, भवन, व्यापार, मान-सम्मान प्राप्त होता है।

नवमी देवी सेः- दुःख, कष्ट, शत्रु, बाधाओं की समाप्ति, अभय व पुरूषार्थ प्रदान करती है।

दशमी देवी सेः- वाणी में मधुरता, भोग विलास, आन्नद में पूर्णता, काम सरसता, ग्रहस्थ सुख प्राप्त है। योग्य वर/वधू की प्राप्ति।

वास्तव में दस महाविद्याओं की साधना सम्पन्न करने का अर्थ है कि अपने अन्दर की शक्ति जाग्रत कर स्वयं शक्तिमान होना, शिवत्व का उदय कर शिवबोध प्राप्त करना। शक्ति के बिना जीवन का कोई अर्थ नहीं है शक्तिमान ही सर्वत्र विजयी व आदरणीय होता है। मातृका ही शक्ति है और यह शक्ति शिव की है अतः सभी मंत्र शक्ति स्वरूप है। देवी चेतना स्वरूप प्राणियों में रहती हैं हममें जो चेतना है वह देवी का ही स्वरूप है उस देवी को सभी प्राणी बारम्बार प्रणाम करते हैं। ये दसों महाविद्याओं ;दसों देवियोंद्ध की दस साधनाएं आप घर बैठे-बैठे कर सकते है। श्री मां सिद्ध सिद्धशक्ति जी द्वारा निर्मित ये दस साधनाएं आप सी०डी० द्वारा कर सकते है या इन्टरनेट पर रजिष्ट्रेशन द्वारा कर सकते है वो भी अपनी सुविधानुसार कर सकते है श्री मां ने आज के कलयुग के व्यक्ति के अनुसार ही आसान कर दिया है कि इन्टरनेट पर जब आपके पास टाइम हो, मन हो आप अपना पासवर्ड डाल कर दसों महाविद्याओं ;दसों देवियोंद्ध की दसों स्वरूपों की साधना कर सभी लाभ प्राप्त कर सकते है। सोचिये मत कलयुग के राक्षस, असुरों विचारों का अपने ऊपर असर ना होने दें नहीं तो ये भी मधुकैटभ, महिषासुर, चण्ड-मुण्ड, शुम्भ-निशुम्भ बन कर आपके जीवन को तहस नहस कर देगें इसलिए अपने जीवन व स्वयं को बचाने हेतू जागो, आलस छोड़ों, नकारात्मक विचार छाड़ों, देवी के साक्षात दर्शन करों, उनसे जुड़ों व आन्नद प्राप्त करों। ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्यै नमः। माता में सभी देवताओं का एकीभाव है अतः यदि कोई देवी देवताओं की एक साथ साधना करना चाहता है तो केवल भगवती की उपासना करें। आज कलयुग में व्यक्ति के पास समय की कमी, आलस नाकारात्मक सोच के साथ्र अनेकों बीमारियां है इन्हीं सबको देखते हुए श्री मां सिद्ध सिद्धशक्ति ने व्यक्ति की सुविधानुसार कई उपाय व दस महाविद्यायें उपहार में दी हैं। ये सब मां जगदम्बा के दसों स्वरूपों का व श्री मां सिद्ध सिद्धशक्ति ती की शक्ति व आर्शीवाद हैं। दस महाविद्यायें- ये दस महाविद्यायें (दस साधनायें) आप पकी जपण्जअ पर रजिष्टेªशन द्वारा अपने समयानुसार कर सकते है या श्री मठ दिल्ली से सी०डी० मांगा कर सकते हैं। सिद्धशक्ति दिव्य ज्योतः- यह दिव्य ज्योत केवल श्री मठ प्रज्जवलित की जाती हैं आप अपने लिए या अपने किसी प्रियजन की परेशनी के प्रज्जवलित करवा सकते हैं। ये दिव्य ज्योत आपको एक विशेष सुरक्षा कवच प्रदान करती हैं तथा व्यक्ति के शरीर, मन, आत्मा में शक्ति का संचार करती है। अखण्ड़ ज्योतः- यह अखण्ड़ श्री मठ दिल्ली भारत में ही प्रज्जवलित करवा सकते है वैसे तो कई व्यक्ति अपने घर पर भी अखण्ड़ ज्योत रखते हैं परन्तु श्री मठ में अखण्ड़ ज्योत प्रज्जवलित करवाने से ज्यादा लाभ व मान की शांति प्राप्त होती है। जैसे घर में रखी मूर्तियों व मंदिर की मूर्तियों में फर्क होता है उसी प्रकार घर की अखण्ड़ ज्योत व श्री मठ के सिद्ध स्थान पर अखण्ड़ ज्योत में फर्क होता है। सिद्धशक्ति कलशः- सिद्धशक्ति कलश की स्थपना प्रथम दिन सुबह 10 बजे की जाती है सामग्री व्यक्ति को लानी होती है इसकी प्रधानता है कि आगे आने वाले दिन व्यक्ति के कैसे रहेगें वो सब इस कलश में अंकित (आ जाता है) हो जाता है। इससे यह लाभ होता है कि व्यक्ति अनहोनी के लिए सचेत हो जाता है व उनका उपाय कर लेता है। कलश स्थपना के माधयम से पूरे ब्राह्मण्ड़ का स्वरूप रखा जाता है। सूर्यादिपंच देवता, विष्णु दशदिक्पाल, नवग्रह आदि के साथ कलश पर ही जगदम्बा की पूता की जाती है। स्वयं कलश में कलश रूपी ब्राह्मण्ड़ गणेश जी, वरूण जी, ब्राह्मा जी, लक्ष्मी कुबेर जी व जयन्ती की पूजा होती है। जयन्ती (राव के पौधे)ः- नवरात्रे के प्रथम दिन जौ बीजे जाते है। जैसे-2 यह आगे बढ़ती है उसी प्रकार ब्राह्मण्ड़ भी प्रगट होता है। श्री मठ दिल्ली भारत में व्यक्ति के द्वारा बीजी जयन्ती में उसी व्यक्ति के भविष्य के धन की लाभ, हानि का पता चलता है जिससे वह अपने धन को बचाने या बढ़ने का उपाय कर सकता है। हवनः- श्री मठ दिल्ली भारत में होने वाला हवन श्रेष्ठ होता है इसमें आप श्री मां के सानिध्य में विशेष मंत्रों व सामग्री द्वारा हवन कर लाभ प्राप्त करते है। यह हवन पकी जपण्जअ द्वारा व श्री मठ में कर सकते है। कुमारी पूजनः- नवरात्रों में कुमारी-पूजन का काफी महत्व है। कुमारी पूजन से त्रिवर्ग साधनों की पूर्ति होती है त्रिवर्ग साधन यानि धन, पुत्र, पौत्रादि। दो से दस वर्ष की लड़कियों को कुमारी स्वरूप पूजन किया जाता है। (1) प्रथम दिनः- कुमारी स्वरूप - सभी साधनों की प्राप्ति। (2) द्वितीय दिनः- त्रिमुर्ति स्वरूप - त्रिवर्ग की प्राप्ति। (3) तृतीय दिनः- कल्याणी स्वरूप - विद्या, विजय, राज्य, सुख की अभिलाषा की पूर्ति। (4) चतुर्थ दिनः- रोहिणी स्वरूप - रोगनाश। (5) पंचम दिनः- कालिका स्वरूप - शत्रुशमन। (6) षष्ठ दिनः- चण्डिका स्वरूप् - धन, ऐश्वर्य की प्राप्ति। (7) सप्तम दिनः- शम्भवी स्वरूप - राजाओं को वश में, कष्ट, निर्धनता की समाप्ति, लडाई में जीत। (8) अष्टम दिनः- दुर्गा स्वरूप - दुशमन का नाश, अच्छे कर्मों में सिद्धि, परलोक में सुख। (9) नवम् दिनः- सुभदा स्वरूप - सभी मनोरथों की सिद्धि।

हरेक व्यक्ति नवरात्रों में अपने घर पर कुमारी पूजन जरूर करता है वह चाहे नो दिन व्रत रखना रखे परन्तु कुमारी पूजन अष्टमी या नवमी के दिन जरूर करता है परन्तु बीज मंत्रों या श्री युक्त मंत्रों व विधि विधान द्वारा कुमारी पूजन किया जाये तो प्रथम से नौ दिन तक लिखे लाभ प्राप्त करता है। ये पूजन आप पकी जपण्जअ पर या श्री मठ दिल्ली भारत में कर सकते है तभी आपको पूणग् लाभ प्राप्त होगा। भंडारा व प्रसादः- ब्राह्मण भोजनादि के साथ समापन किया जाता है।

राजस्थान के नोकरशाहों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा की गयी अल्पसंख्यक छात्राओं को दी जाने वाली स्कूटी योजना का सत्यानास कर दिया है

राजस्थान के नोकरशाहों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा की गयी अल्पसंख्यक छात्राओं को दी जाने वाली स्कूटी योजना का सत्यानास कर दिया है और सरकार के नोकर्शाहों द्वारा बनाये गए नियमों से अल्पसंख्यक समाज भयंकर नाराज़ है क्योंकि अल्पसंख्यक समाज मुख्यमंत्री की घोषणा को झूंठी और बकवास मानते हुए इसे तमाशा बता रहा है ........राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट स्तर में अल्पसंख्यक छात्राओं को स्कूटी देने की घोषणा दी थी अब इस घोषणा को वैकल्पिक कर दिया गया है ..पात्र अल्पसंख्यक छात्राओं को नियमानुसार छात्रवृत्ति मिलती है लेकिन निदेशालय कोलेज शिक्षा राजस्थान जयपुर ने अल्पसंख्यक छात्रस्कूती वितरण एवं प्रोत्साहन राशि योजना नियम दो हजार तेराह बनाये है जिसकी धारा चार में पाबंदी लगाई गयी है के अगर कोई भी छात्रा अल्पसंख्यक विभाग की किसी दूसरी छात्रवृत्ति योजना का लाभ ले रही है तो वोह इस योजना की पात्र नहीं होगी ..सभी जानते है के बजट स्तर में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस योजना को वैकल्पिक योजना  करना नहीं था बलके छात्राओं को दी जाने वाली सुविधाओं के अतिरिक्त घोषणा थी और सभी मुस्लिम ..सिक्ख क्रिश्चियन बोद्ध छात्राए इस बात को लेकर उत्साहित थी लेकिन सरकार के नियमों ने उनके उत्साह को खत्म कर दिया है और छात्राएं उनके अभिभावक समाज के प्रतिनिधि इसे धोखा बता रहे है उनका कहना है के छात्रवृत्ति अगर छात्रा को मिलती है तो इतनी रकम में स्कूटी आ जाती है लेकिन छात्रवृत्ति बचाकर स्कूटी देना तो तेरा तुझको अर्पण है फिर  अल्पसंख्यको को अतिरिक्त लाभ क्या मिला ..राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत संवेदनशील होकर अल्पसंख्यकों के लिए बम्पर योजनाये लाते है लेकिन नोकर शाह ....बिना पढ़े लिखे अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री ......चापलूस चमचे अल्पसंख्यक विभाग के नाकारा अधिकारी कर्मचारी इन योजनाओं को पलीता लगा रहे है नियम कायदे कानूनों के नाम पर उलझा कर अशोक गहलोत की घोषणाओं और किये धरे पर पानी फेरने में लगे है ..ऐसा लगता है के राजस्थान के अल्पसंख्यक विभाग के मंत्री ..इस विभाग से जुड़े प्रिसिपल सेक्रेटरी ..विभाग के निदेशक ..मदरसा बोर्ड और वक्फ बोर्ड सहित मुस्लिम इदारे भाजपा के एजेंट बनकर मुसलमानों और अल्पसंख्यकों को कोंग्रेस से नाराज़ कर दूर करने की सुपारी लेकर काम कर रहे हो .................इसे कहते है किये कराये पर पानी फेरना ....लोग अशोक गहलोत के लिए कहते है के यह उस मोर की तरह है के वोह अपनी खूबसूरती पर इठलाता हुआ नाचता है नाचता है लोगों को लुभाता है मनोरंजन करता है लेकिन जब वोह अपने पैर देखता है तो आंसुओं से रोता है और शायद अशोक गहलोत जो खुबसूरत मोर है उनके दुसरे मुस्लिम वोटर के सिपहसालार मोर के बदशक्ल पेरों की तरह है जो अशोक गहलोत को रुलाने में लगे है ......खुदा  खेर करे ...अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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