आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

08 अक्तूबर 2013

चोला उठाकर भागे रामदेव, एयरपोर्ट पर बाबा को सलवार-चूड़ी देने पहुंची महिलाएं

रायपुर. बाबा रामदेव मंगलवार शाम सात बजे महिलाओं से डरकर भागते नजर आए। कांग्रेसी महिलाएं उन्हें सलवार और चूड़ी भेंट करने आईं थीं। जब बाबा को ये बात पता चली तो वे छिपते-छिपाते छोटी गाड़ी में एयरपोर्ट पहुंचे, लेकिन महिलाओं ने उन्हें देख लिया। वे बाबा की तरफ दौड़ीं तो बाबा सरपट एयरपोर्ट के भीतर भागे। महिलाएं रामदेव द्वारा सोनिया और राहुल गांधी के विरोध में लगातार बयानबाजी करने से नाराज थीं।
कर रहे योगगुरु राजधानी में बड़ी मुश्किल से विरोध का सामना करने से बचे। दरअसल रामदेव के एयरपोर्ट पहुंचने की सूचना मिलते ही महिला कांग्रेस की शहर अध्यक्ष आशा जोसेफ, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष ममता राय समेत कई महिलाएं सलवार-चूड़ी लेकर शाम 7 बजे एयरपोर्ट पहुंच गईं। यह बात रामदेव समर्थकों को पता चल गई। उन्होंने बाबा को बड़ी गाड़ी के बजाय छोटी गाड़ी में शिफ्ट किया और एयरपोर्ट लेकर पहुंचे। कांग्रेस की महिलाओं ने बाबा को कार से उतरते देख लिया। वे सलवार-चूड़ी लेकर दौड़ीं तो कार से उतरते ही बाबा की रफ्तार बढ़ गई। वे सरपट एयरपोर्ट के गेट की तरफ बढ़े और तुरंत भीतर घुस गए। एयरपोर्ट में सुरक्षाकर्मियों को माजरा समझ में आया, तब तक महिलाएं गेट पर पहुंच गई थीं। उन्होंने महिलाओं को गेट पर ही रोक लिया, तो वहीं नारेबाजी शुरू हो गई।

quraan kaa sandesh

राजस्थान में अगर राहुल गांधी का फार्मूला चला तो एक बार फिर कोंग्रेस की सरकार बनना मुमकिन है

राजस्थान में अगर राहुल गांधी का फार्मूला चला तो एक बार फिर कोंग्रेस की सरकार बनना मुमकिन है लेकिन अगर यहाँ राहुल गान्धी को फिर गुमराह किया और राहुल जान बुझ कर अनजान बने ....चालबाज़ कोंग्रेसी नेताओं के आगे झुके उनकी मीठी बातों और चापलूसी में आये तो समझो राजस्थान में कोंग्रेस का बड़ा गर्क है ....दोस्तों राजस्थान में कोंग्रेस की बहुत अच्छी स्थिति नहीं है यहाँ कोंगेस के हालात बचपन में पढ़ी गयी कहानी आधी के चक्कर में पूरी भी गंवाई ..दी गिरिडी डॉग ..की कहानी की तरह है ...कोंग्रेस के पास दलित मुस्लिम वोटों की भीड़ थी लेकिन कोंग्रेस ने जब दुसरे वोटों को देखा और उनको अपने साथ रखने के लिए प्रयास तेज़ करते हुए परम्परागत वोटर्स से बेखबर हो गयी तो बस कोंग्रेस के यह वोटर भी उससे दूर हो गए और जो वोटर उनके नहीं थे उनके प्रयासों के बाद भी आज तक कोंग्रेस से नहीं जुड़े है ..तो जनाब कंग्रेस के राज में मजे करने वालों ने तो मजे कर लिए लेकिन अब आयाराम गया राम की तरह कोंग्रेस को छोड़ कर जाने की तय्यारी में है ..दोस्तों राजस्थान में पिछले दो हजार आठ के चुनाव में कोंग्रेस के हालत बहुत अच्छे नहीं थे केवल पच्चीस से तीस प्रतिशत वोट लेकर कोंग्रेस सत्ता में आई है उसे अभी दस प्रतिशत वोटों को और जरूरत है ....राजस्थान में बीकानेर ..चुरू ...लुन्कर्नासर ..झुंझुनू ...मांडवा ..फतेहपुर ...सीकर ..जयपुर ग्रामीण ...जोह्रिबज़र ..किशनपोल ..हवामहल ..आदर्शनगर ...तिजारा ...खेर्थल ...कामाह ..नगर ...करोली ..सवाईमाधोपुर .गंगापुर ... हिड़ोंन ...टोडाभीम ..टोंक ...अजमेर .बियावर ..पुष्कर ..किशनगंज ..नसीराबाद ...कोटा उत्तर ...लाडपुरा ..बारां  ...रामगंजमंडी ..झालरापाटन ...बाँसवाड़ा ...उदयपुर ..भीलवाडा ..पाली ...बाड़मेर ..चोह्टन ..शिव ..जेसलमेर ..शेरगढ़ ..जोधपुर .सूरसागर ..फलोदी ..नागोर ..जायल ..लाडनू ..डीडवाना  ..मकराना ..मेड़ता ..मुंडवा सहित कुछ विधानसभाएँ ऐसी है जहाँ कोंग्रेसी ..दलित मुस्लिम का तालमेल सो फीसदी सीट निकाल सकते है लेकिन इन सीटों से मुस्लमानो को दूर कर दिया जाता है कोंग्रेस का मेनेजमेंट है जहाँ से मुस्लिम वोट है वहां गेर मुस्लिम को और जहाँ से गेर मुस्लिम  वोट है वहां से मुस्लिम को टिकिट देती है नतीजन हालत बगावत की तरफ जाते है और कोंग्रेस का कटा कूटा कपास हो जाता है ..यही हाल ..जात ..गुर्जर ..ब्राह्मण समीकरणों में है पिछले चुनाव में पन्द्राह सीटों पर कोंग्रेस की जीत किनारे पर हुई है जबकि भाजपा आठ सीटों पर किनारे पर जीती ऐसे में टिकिट मामले में जो नोटंकी कोंग्रेस में चल रही है इसे रोक कर सीधे राहुल गाँधी हस्तक्षेप करें और समीकरण बिठाकर टिकिट दे तो निश्चित तोर पर कोंग्रेस की सरकार पक्की है लेकिन कोंग्रेस में कुछ मंत्री ..कुछ कद्दावर ऐसे है जो अपने निकटम कोंग्रेसियों को ही भाज्पसे हाथ मिलाकर हराने और नीचा दिखाने के आदतन है वोह कोंग्रेस में गंदगी फेला रहे है अगर राहुल गांधी ने ऐसे लोगों के पिछले कारनामो को तलाश कर इन्हें सजा नही दी तो कोंग्रेस का प्रबंधन एक बार फिर नरक के हालात जेसा होगा और जो सच्चे कोंग्रेसी है वोह चाहकर भी इस कोंग्रेस की सरकार  राजस्थान में नहीं लोटा सकेंगे ...............देखते है राहुल मेनेजमेंट दो बार हार चुके लोगों को टिकिट नहीं ..मुस्लिम बाहुल्य इलाके में मुस्लिम प्रत्याक्षी को ही टिकिट की पाबंदी ...सत्तर से अधिक उम्र वालों को टिकिट नहीं ..दगियोंको टिकिट नहीं ...जो प्रत्याक्षी पिछले चुनाव में दो हजार से कम वोटो से पहली बार चुनाव हारे है उन्हें फिर से टिकिट दिया जाएगा इन फार्मूलों पर राहुल का प्रबंधन कायम रहता है या नहीं या फिर यूँ ही बस नाम का मेनेजमेंट और वही पहले की तरह गंदगी गंदगी जो कोंग्रेस को हर बार जीती हुई बाज़ी हराती रही है ..........ऐसा होता है या फिर सता वापसी होती है ...
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...