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17 अक्तूबर 2013

दोस्तों राजस्थान सरकार को बनाने वाले परिवार और उसका वोटर इस सरकार के अधिकारीयों की हठधर्मिता और मनमानी की वजह से रोज़ी रोटी को मोहताज हो गया है

दोस्तों राजस्थान सरकार को बनाने वाले परिवार और उसका वोटर इस सरकार  के अधिकारीयों की हठधर्मिता और मनमानी की वजह से रोज़ी रोटी को मोहताज हो गया है ..हालत यह है के इस परिवार के समक्ष भूखो मरने की नोबत है .....कोटा स्टेशन क्षेत्र में रहने वाले अल्ला बन्दा के पुत्र भाई अनवर अली ने एक मिनी बस आर जे ट्वंटी पी ऐ जीरो चार सो तीस लेकर अपने और अपने परिवार का पेट पालना शुरू किया था .के राजस्थान में गुर्जर आन्दोलन शुरू हुआ और कानून व्यवस्था नियंत्रित करने के लिए कोटा जिला कलेक्टर के आदेश पर कोटा के क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी ने  इस मिनी बस को सीज कर कोटा पुलिस अधीक्षक के हवाले कर दिया ..मिनी बस मई दो हजार सात में कोटा के बोराबास इलाके में पुलिस अधिकारीयों को भर कर भेजी गयी ...पता चला के गुर्जर समाज ने इकत्तीस मई दो हजार सात को मुरारी गुर्जर और साथियों के साथ पुलिस पर हमला किया पुलिस कर्मी अपनी जान बचाकर हथियार और मिनी बस छोड़कर जंगलों में भाग गए ..गुर्जर समाज ने मिनी बस और चोकी पर आग लगा दी देखते ही देखते अनवर अली की मिनी बस जलकर राख हो गयी ...दोस्तों कोटा पुलिस ने दादाबाड़ी था इलाके में इस मामले में एफ आई आर दो सो चोबीस ओब्लिक दो हजार सात नम्बर का मुकदमा दर्ज किया ..दो हजार सात से चले इस मुकदमे में अपराधी तो पुलिस के बयानों में शिथीलता के कारन बरी हो गए लेकिन मिनीबस मालिक आज भी उस हादसे को यादकर खून के आंसू रो रहा है ...वर्ष दो हजार सात से अब तक हजारो चक्कर काटने के बाद भी अनवर अली को उसकी मिनीबस का मुआवजा नहीं मिल सका है ....इस मामले में पुलिस अधीक्षक कोटा ने मिनीबस  अधिग्रहित होना स्वीकार कर एक लाख सत्तर हजार रूपये का मुआवजा देने के मामले में सरकार और जिला कलेक्टर कोटा को कई पत्र लिखे है वेसे तो उक्त मुआवजा राशि ऊंट के मुह में जीरा है और वेसे भी वर्ष दो हजार सात से अनवर अली बेरोजगार है उसका एक हजार रूपये प्रतिदिन का नुकसान हो रहा है उसका हर्जाना भी उसे लेना है और हालात उसके बेरोज़गारी में और बिगड़ गए है ..लेकिन इस मुआवज़े की फ़ाइल को कोटा और जयपुर के अधिकारीयों मंत्रियों ने मजाक बना दिया हगे दो सरकारे भाजपा और फिर कोंग्रेस की सरकार कई मंत्री कई अधिकारी कई पत्र कई ज्ञापन लेकिन अनवर अली की मिनी बस का मुआवजा उसे आजतक भी नहीं मिल सका है .............ताज्जुब तो इस पर है के कोटा पुलिस आज भी इस कोशिश में है के अनवर को मुआवजा मिले लेकिन कोटा कलेक्टर और राजस्थान के वरिष्ठ अधिकारी टांग अड़ा रहे है ...पन्द्राह जून दो हजार सात को आर टी ओ कोटा ने मिनी बस का अधिग्रहण करना और क्षतिपूर्ति होने पर क्षतिपूर्ति देने के मामले में पात्र लिखा ..कोटा पुलिस अधीक्षक ने क्षतिपूर्ति देने का जवाब दिया ...तीस ज्जुन दो हजार सात को कलेक्टर सहायता कोटा को पत्र लिखा ...सोलाह जून दो हजार ग्यारह को शासन गुरुप सचिव पांच को पत्र लिखा सत्ताईस अक्तूबर दो हजार नो को खुद गृह मंत्री शान्तिकुमार धारीवाल ने पत्र लिखा कई अधिकारी ..कई मंत्री ..मुख्यमंत्री ..जनभाव अभियोग ..अल्पसंख्यक आयोग न जाने कहा कहा पत्र लिखे लेकिन सब बेकार अनवर की फ़ाइल आज भी भोलाराम के जीव की तरह कोटा कलेक्ट्रेट परिसर में क्षतिपूर्ति के लिए भटक रही है फूटबाल बनी हुई है ...जयपुर के अधिकारी कहते है के कलेक्टर अपने स्तर पर कार्यवाही करे ..कलेक्ट्रेट में बेठे अधिकारी फ़ाइल पर अनवर अली का नाम देखकर नाक भो सिकोड़ते है और सहायता का नियम बदलते हुए कहते है के मिनीबस जल गयी तो क्या हजार दो हजार का मुआवजा ले लो ..कुल मिलाकर एक अनवर अली को इस मिनीबस के जलने के बाद बेरोजगार बना दिया गया है और वोह इन्साफ के लिए दर दर की ठोकरें खा रहा है लेकिन किसी अधिकारी किसी मुस्लिम नेता ..मुस्लिम मंत्री ..मंत्री या जनप्रतिनिधि का दिल अब तक नहीं पसीजा है ..और अब अनवर को अधिकारी और सरकार में बेठे कोंग्रेस के मुस्लिम गुलाम मंत्रियों सहित सभी मंत्रियों प्रतिनिधियों से नफरत सी हो गयी है के उसका हक जो सरकार उसे नहीं दे सके उसे सरकार भी केसे कहकर सरकार का अपमान करे ..खेर सरकार के इस रवय्ये के खिलाफ छ साल से तो अनवर संघर्ष कर रहे है और आगे भी करते रहेंगे देखते है उन्हें इन्साफ कब और केसे मिलता है ....आप साथियों से गुजारिश है के इस दर्द भरी कहानी को इतना शेयर करे इतना शेयर करे और आम जनता ..अधिकारीयों और सरकार तक पहुंचाए ताकि अनवर और उसके परिवार को मिनी बस की क्षतिपूर्ति राशि मय ब्याज और मय प्रतिदिन एक हजार नुकसान के मिल सके ...प्लीज़ गुजारिश का ध्यान रखे भाई बहन ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

पति और बच्चों को खिलाया जहर फिर खुद लगाई फांसी, सुसाइड नोट में हुआ एक और खुलासा


जगराओं.  बुधवार रात महिला डॉक्टर ने अपने फाइनेंसर पति और दो बच्चों को जहर देकर मार डाला और फिर खुद भी पंखे से फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। 44 वर्षीय डॉक्टर परमिंदर कौर ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। इसमें सास-ससुर, दो ननद और ममेरे ससुर को जिम्मेदार ठहराया गया है। मरने से पहले महिला ने गुरु हरसहाय में अपने चाचा राजू और ससुराल वालों को फोन कर घटना की जानकारी दी।
महिला डाक्टर का शक्तिनगर में ही एक निजी क्लीनिक था। पुलिस के अनुसार महिला डॉक्टर ने बुधवार रात को अपने पति 40 वर्षीय गुरप्रीत सिंह चोजी, 13 वर्षीय बेटी जसमीन और 8 वर्षीय बेटे जसमीत को जहर देकर मार डाला। सुबह पांच के करीब खुद भी फंदा लगाकर जान दे दी।

कुरान का सन्देश

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