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10 नवंबर 2013

राजस्थान में बंजारा समाज को विधानसभा में कांग्रेस पार्टी द्वारा अब तक एक भी विधानसभा से टिकिट नहीं दिए जेन पर बंजारा समाज कोंग्रेस से ज़बरदस्त खफा है

राजस्थान में बंजारा समाज को विधानसभा में कांग्रेस पार्टी द्वारा अब तक एक भी विधानसभा से टिकिट नहीं दिए जेन पर बंजारा समाज कोंग्रेस से ज़बरदस्त खफा है ...बंजारा समाज ने आज परदेश अध्यक्ष राजेन्दर समावत कि अध्यक्षता में बैठक आयोजित कर इस मामले में तुरंत बंजारा समाज को रामगंजमंडी विधानसभा से टिकिट देने कि मांग कि है .........बंजारा समाज ने आज कोटा जगपुरा स्थित मंदिर पर भी एक बैठक आयोजित कर बंजारा समाज को रामगंजमंडी से टिकिट नहीं देने पर कोंग्रेस के खिलाफ आक्रोश जताया है ....बंजारा समाज के प्रतिनिधियों का कहना है के राजस्थान में तीन से पांच प्रतिशत बंजारा समाज का प्रत्येकस विधानसभा में है जो भाजपा के पक्ष में मतदान करते रहे है लेकिन गत चुनाव से समाज के लोग कोंग्रेस के साथ जुड़े है और कोंग्रेस की जीत पक्की की है बंजारा समाज के लोगों का कहना है के केंद्रीय सामाजिक न्याय मंत्री बलराम नाइक जो राष्ट्रीय बंजारा समाज के पदाधिकारी भी है उनके नेतृत्व में राजस्थान से बंजारा समाज को टिकिट देने कि मांग को लेकर राजस्थान के मुख्यमत्री अशोक गेहलोत कोंग्रेस कि राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी सहित कई लोगों को इस सम्बन्ध में ज्ञापन दे चुक है और उन्हें आस्वासन भी दिया गया है .....समाज के लोग आक्रोशित है के उनके राष्ट्रिय स्तर के पदाधिकारी जो खुद केंद्र में मंत्री है उनके कहने पर भी समाज के साथ उपेक्षित व्यवहार किया जा रहा है जबकि राजस्थान में बंजारा समाज घुमंतू समाज के साथ मिलकर सियासी हालात बदलने कि ताक़त रखता है .............समाज के लोगों का कहना है के अगर रामगंजमंडी विधानसभा के क्षेत्र से कैलाश बंजारा को टिकिट नहीं दिया गया तो समाज और घुमंतू विमंतु समाज के लोग संयुक्त रूप से कोंग्रेस के खिलाफ मतदान करेंगे ......आंध्रा के पूर्व मंत्री डॉकटर अमर सिंह तिलावत ...पूर्व सांसद हरिभाऊ राठोड सहित कई समाज के पदाधिकारी इस मामले में हाईकमान को दबाव बना चुके है लेकिन विधानसभा सीटों कि बंदरबाट समाजो को तोड़ रही है और कॉग्रेस को कमज़ोर क्या जा रहा है समाज के लोगों का कहना है के अकेले रामगंजमंडी विधानसभा क्षेत्र में तीस हज़ार से भी अधिक बंजारा और घुमंतू विमंतु जाती के लोग है ..........इस मामले में समाज के लोगों को बंजारा फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश बंजारा और परदेश अध्यक्ष राजेन्द्र समावत ने समाज के लोगों से धेर्य संयम बनाये रखने कि अपील करते हुए कोंग्रेस के खिलाफ बगावत नहीं करने कि अपील कि है ............अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

राजस्थान में कोंग्रेस के दिग्गजों ने कोंग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कि टिकिट वितरण प्रणाली में एक नहीं चलने दी

राजस्थान में कोंग्रेस के दिग्गजों ने कोंग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष कि टिकिट वितरण प्रणाली में एक नहीं चलने दी ...और राहुल कि मर्ज़ी के खिलाफ मनमानी कि ऐसा लगा मानो कोंग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्क्ष और करता धरता राहुल गांधी नहीं बल्कि राहुल गांधी और उनकी नीतिया राजस्थान के नेताओं कि गुलाम हो ...............यह बात सही है के राहुल निति के उलंग्घन के फार्मूले से जनता कोंग्रेस से ज़बरदस्त नाराज़ हो गयी है कार्यकर्ता और मतदाता भी नाराज़ है और वोह अब कंग्रेस के नेताओं को सबक़ सिखाने के मूड में है ..कोंग्रेस के राहुल गांधी ने फार्मूला बनाया था के सत्तर साल से अधिक के व्यक्ति को टिकिट नहीं मिलेगा बियासी और चोरासी साल के बुज़ुर्गों को टिकिट दिया गया .बसपा के लोगों को टिकिट नहीं मिलेगा टिकिट मिला ..फार्मूला था जहां मुस्लिम अधिक है वहाँ से मुस्लिम प्रत्याक्षी को टिकिट दिया जाएगा फार्मूला टांय टांय फिस्स हो गया ......फार्मूला था के दो बार हरे हुए को टिकिट नहीं दिया जाएगा और तो और खुद कोंग्रेस के परदेश अध्यक्ष डॉकटर चंद्रभान ने ही यह फार्मूला तोड़ दिया बार बार हार कि हेटट्रिक बनाने वाले चंद्रभान जी फिर से चुनाव का खम हारने के लिए ठोक रहे है ..कार्यकर्ताओं में हर विधानसभा में असंतोष और सर फुटव्वल है एक दूसरा प्रत्याक्षी एक दूसरे प्रत्याक्षी को निपटाने कि कोशिशों में जूटा है कोंग्रेस सी पी जोशी ...अशोक गेहलोत ..डॉकटर चंद्रभान ..मुसलमान ..ब्राह्मण ..जाट ..दलित ....अनुसूचित ...महाजन ....जेसे समाजो में बिखर गयी है कुल मिलाकर कोंग्रेस के फूट और राहुल फार्मूले के उलन्घन ने कोंग्रेस को भगवान के हवाले कर दिया है ....सभी प्रत्याक्षी एक दूसरे को निपटाओ अभियान में जुट गए है सोचते है में जीत जाऊ बाक़ी हाार जाए ताकि में मंत्री बन सकूं .....अफ़सोस इस बात का है के कोंग्रेस कि कार्यशैली  कोंग्रेस कि योजनाओं से वोटरों को जो रिझाया गया था वोह सभी योजनाये सभी विकास कार्य सभी कल्याणकारी कार्य गुटबाज़ी और जातिवाद समाजवाद में बिखर गए है और कोंग्रेस जीती हुई बाज़ी हारने के कगार पर है ताज्जुब इस बात पर है के कोंग्रेस के नेताओं ने एक जुट होकर अभी भी यह प्रयास नहीं किया है के कोंग्रेस कि हारी हुई बाज़ी फिर से जीत में बदला जाए .................अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

क़ुरान का सन्देश

 

ऑटो वाले ने घूस के पूरे पैसे नहीं दिए तो पुलिसवालों ने उसके पिता को जिंदा जलाया



नई दिल्‍ली। दिल्ली पुलिस का बेहद खौफनाक चेहरा सामने आया है। रिश्‍वत न मिलने से गुस्‍साए दिल्‍ली पुलिस के दो सिपाहियों ने नेब सराय इलाके में एक शख्‍स को जला दिया। जिस व्‍यक्ति को जलाया गया है, वह एक ऑटो वाले का पिता है। सिपाहियों ने ऑटो वाले से रिश्‍वत मांगी थी और पैसे नहीं मिलने पर उसके पिता को जला दिया। उदयचंद का शरीर 85 फीसदी तक जल गया है। उदयचंद अभी अस्‍पताल में दाखिल हैं और जिंदगी-मौत के बीच झूल रहे हैं। दिल्‍ली पुलिस ने दोनों आरोपी  सिपाहियों पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।  
दिल्ली के नेब सराय में रहने वाले उदयचंद का बेटा नवीन ऑटो चलाता है। नवीन का आरोप है कि उसके पिता को इस हाल में पहुंचाने वाले दिल्ली पुलिस सिपाहियों का नाम राजकुमार और सुरेंद्र है। इन दोनों सिपाहियों ने उससे साढ़े दस हजार रुपये रिश्‍वत मांगी थी। ऐसा न करने पर वह उसके ऑटो को बंद कर देने की धमकी दे रहे थे। वह उन्‍हें केवल सात हजार रुपये दे पाया था, इसलिए वे उसका ऑटो नहीं दे रहे थे।

शराबी पिता ने पहले खाना खिलाया फिर हाथ-पैर बांधे और अपने ही तीन बेटों को काट डाला



रायपुर. छत्‍तीसगढ़ की राजधानी का वाल्मीकि नगर इलाका। रविवार की 12 बजे तक सब ठीक-ठाक चल रहा था, लेकिन इसके अगले आधे घंटे में यहां मौत का ऐसा नंगा नाच हुआ कि लोगों की रूह कांप गई। एक बाप ने अपने चार बेटों को पहले तो बड़े प्‍यार से खाना खिलाया, लेकिन बाद में पता नहीं उसे क्‍या हुआ कि वह अपनी ही संतान के खून का प्‍यासा हो गया। (
पुलिस के अनुसार, वारदात रायपुर के आमानाका थाना क्षेत्र में वाल्मीकि नगर बस्ती की है। जिस व्‍यक्ति ने अपने तीन बेटों की हत्‍या की है, उसका नाम नीलमणि मिश्रा बताया जा रहा है। राजधानी की एक रोलिंग मिल में काम करने वाले 
नीलमणि को शराब का आदी बताया जाता है। सूत्रों के अनुसार, रविवार सुबह भी उसने जमकर जमकर शराब पी रखी थी। शराब के नशे में उसे न जाने क्या हो गया। पहले तो वह अपने चारों बेटों को खाना खिलाया और फिर उन चारों के हाथ-पैर बांध दिए।
 
इसके बाद उसने छुरी से बड़े बेटे का गला काट दिया। इसके बाद चार साल के शरद और विनय को भी मार डाला।
तीन बच्‍चों की हत्‍या के बाद वह चौथे को भी मारने जा रहा था, लेकिन उसने पिता को जोर काट लिया और वहां से भाग गया। इसके बाद उसने जाकर पड़ोसियों को यह बात बताई और घर की तरफ भागे। उन्‍होंने नीलमणि को पकड़ा और उसकी जमकर पिटाई कर डाली। घटना के वक्‍त बच्‍चों की मां घर से बाहर गई हुई थी। पुलिस ने आरोपी पिता को हिरासत में लेकर घटना की जांच शुरू कर दी है।
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