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14 नवंबर 2013

कभी राजस्थान में राजनीति के हीरो बने डॉकटर किरोड़ी मीणा अब अचानक ज़ीरो होते जा रहे है

कभी राजस्थान में राजनीति के हीरो बने डॉकटर किरोड़ी मीणा अब अचानक ज़ीरो होते जा रहे है .डॉकटर किरोड़ी राजस्थान में पुरे पांच साल मुद्दो पर सक्रिय रहे जनता और मिडिया से जुड़े रहे इनसे जनता ..मतदाता और कार्यकर्ताओं का खासी उम्मीदें थी सियासी संगठन राजपा में इन्होने आदिवासी ..दलित ..मुस्लिम ...जाट और दूसरे समाजो का पूरा मिश्रण कर एक बहतरीन पार्टी बनाने कि कोशिश कि थी लेकिन चुनाव आते ही खुद किरोड़ी ने आत्मघाती क़दम उठाये और जनता की तीसरे फ़ॉन्ट कि उम्मीदों पर पानी फेर दिया उनकी इस हरकत से उनसे पूर्व में जुड़ा समाज और कायर्कर्ता भी नाराज़ हो गया है .......डॉकटर किरोड़ी खुद भाजपा से निकल कर आये थे फिर इन्होने उपेक्षित लोगों को एक किया ...पार्टी बनाई ..घूमे प्रचार किया जनता को उम्मीदें जगाये फिर अचानक टिकिट वितरण के बाद कोंग्रेस और बाजपा के मौक़ापरस्त बेवफा लोगों को इन्होने अपने साथ मिलाया बुला बुला लार टिकिट दिया हालात बदल गए राजपा जो एक हीरो डॉकटर किरोड़ीलाल मीणा कि पार्टी के रूप में उभरी थी वोह अब ज़ीरो पार्टी हो गयी .इस पार्टी मे भी मुस्लिम और दलित समाज कि घोर उपेक्षा कि गयी है ..एक दिन के सदस्य को टिकिट दिया गया है ..कहते है जब इनके साथ आये लोगों ने कोंग्रेस और भाजपा का कई साल पुराना साथ केवल टिकिट के लालच में छोड़ दिया तो फिर यह लोग राजपा या किरोड़ी के वफादार केसे हो सकते है और फिर यह केवल गलत फहमी है के कोंग्रेस और भाजपा के बागी राजपा के टिकिट पर चुनाव लड़ने पर जनता से वोट ले लेंगे .....इसलिए कहते है के जनता अब किरोड़ी को हीरो से ज़ीरो बना देगी ..

देश में और राजस्थान में खासकर हाडोती में सभी सियासी पार्टियों ने मुसलमानो को मतदाता ही समझ लिया है और मुसलमानो ने खुद को सिर्फ और सिर्फ एक पार्टी का गुलाम ज़र खरीद गुलाम मान लिया है

देश में और राजस्थान में खासकर हाडोती में सभी सियासी पार्टियों ने मुसलमानो को मतदाता ही समझ लिया है और मुसलमानो ने खुद को सिर्फ और सिर्फ एक पार्टी का गुलाम ज़र खरीद गुलाम मान लिया है ..मारो पीटो ...सियासी उपेक्षा करो ..झूंठे मुक़दमों में बंद करो ..तिरस्कार करो बहिष्कार कर लेकिन मुस्लिम वोट बिना किसी सियासी समझ के सिर्फ और सिर्फ कोंग्रेस को ही जाएगा यह बात आम मुसलमान ने अपने दिमाग में बिठा ली है और इसी गुलाम मानसिकता के चलते इसी सियासी ना समझी के चलते पूरी कॉम का विकास थम गया है ...मुसलमान लीडर नहीं सिर्फ और सिर्फ वोटर बनकर रह गया है ...वोट डालते वक़त सो मुसलमानों के वोट में नन्नियाँवे वोट कोंग्रेस के निकलते है और टिकिट देते वक़त कोंग्रेस के पास मुसलमानों के लिए ठेंगा निकलता है ..भाजपा ने भी मुसलमानो को तेज़ी से जोड़ा है लेकिन टिकिट में अंगूठा ही दिखाया है इधर हाल ही में तीसरी ताक़त के रूप में उभरी राजपा ने मुसलमानो के साथ पहले से ही खुला धोखा कर दिया है ........कोंग्रेस में से अगर मुसलमानो को निकाल दो तो कोंग्रेस ज़ीरो है और अगर कोंग्रेस में मुसलमानो को जोड़े तो कोंग्रेस हीरो है यह सब जानते है ....मगर मुस्लिम अपनी ताक़त को नहीं पहचानते है वोह सियासी ना समझी कि वजह से तबाह और बर्बाद हो रहे है और उनकि मानसिकता निरंतर गुलामी कि हो गयी है उनके आक़ा उनसे जूते चप्पल उठवाते है और सत्ता में आने के बाद कोंग्रेस अध्यक्ष ..न्यास अध्यक्ष ..दूसरे बोर्डों के चेयरमेन दूसरे और तीसरे लोगों को बनाते है यह वोटर सिर्फ वोटर ही बनकर स्टेशन लाने ले जाने और बैठकों में भीड़ बढ़ाने के कम के रह जाते है .............अभी राजस्थान में मुस्लिम संगठनों ने सियासी समझ पैदा करने और सियासी क्रान्ति के लिए मुस्लिमों के कायर्कर्म किये बैठकें कि सेमिनार कि लेकिन सब बेकार रहा ..जयपुर में मुस्लिम एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी द्वारा आयोजित सेमीनार में कॉग्रेस के दूत बनकर जयपुर के सांसद महेश जोशी खुद चलकर इंडियाना होटल में आये वहाँ मुसलमानो को बेवक़ूफ़ बनाया मुसलमानो को वायदा दिया के उन्हें राजस्थान में तीस कि मांग के बदले पच्चीस टिकिट तो इस बार मिलेंगे लेकिन ठेंगा दिया दो सो सीटों में से पैतालीस सीटों पर मुस्लिम बाहुल्य वोटर होने के बाद भी यहाँ केवल सोलाह टिकिट ....शर्मिंदगी होती है मुस्लिम सियासी समझ पर के मुसलमान कोंग्रेसियों ने इसे मुद्दा नही बनाया अपनी नाराज़गी नही दिखायी .........भाजपा कि वसुंधरा सिंधिया प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुस्लिम समाज जो राजस्थान में आठ सीटों पर टिकिट देने का वायदा करती है प्रेस कॉन्फ्रेंस में अख़बार वालों से कहती है और उन्हें केवल चार टिकिट वाह भाजपा वाह अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के नामा पर सड़कों बैठके अजमेर से बैठक कर चुनावी श्रीगणेश करने का झांसा और खुद भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अमीन पठान का टिकिट हवा में उढ़ा दिया बाक़ी तो दूर कि बात है ......राजपा की सुनिये बेवफाओं कि पार्टी कोंग्रेस भाजपा को धोखा देकर आये लोगों कि पार्टी बेवफाओं कि पार्टी बन गयी यहाँ कोटा कि पीपल्दा विधानसभा सीट पर रफ़ीक़ पठान को टिकिट देने का झांसा दिया फिर डॉकटर इकराम को टिकिट देने का झांसा दिया लेकिन यह दोनों मुसलमान थे इसलिए रामगोपाल बेरवा के राजपा में जाते ही बेचारे इन दोनों के टिकिट काट दिए गए इनकी महनत बेकार ..तो जनाब कोंग्रेस हो भाजपा हो राजपा हो सभी ने मुसलमानो को केवल और केवल वोटर समझा है कभी सियासत में भागीदारी नहीं दी ...ऐसा मज़ाक़ आखिर मुसलमानो से करवाने वाले कोन है ..आप जानते है हमारे गुलाम मानसिकता के सियासी लोग जो पुरे पांच साल रोते है हमे कुछ नहीं मिला अ और फिर चुनाव आते ही गम्भीर उपेक्षा के बाद भी रस्सी से बंधे ............ खुद समझ लेना खाली स्थान पर क्या होना चाइये कि तरह नेता के पीछे घूमते नज़र आते है वोह नेता कहता है तो भोंकते है वोह नेता कहता है तो काटते है ......इसलिए कहते है मुसलमानो बहुत हो लिए वोटर उठो नेता बनो खुद सियासत करो ..अभी वक़त है सौदेबाज़ी करो कॉम को आगे बढ़ाओ  सियासत के महत्वपूर्ण पदों पर कॉम के लोगों को बिठाओ ...क्या कर सकोगे ऐसा क्या खुद को रोक सकोगे गुलामी से शायद हां शायद ना ......अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

रेप केस पर बहस के दौरान वकील ने दी नसीहत- बलात्‍कार से बचने के लिए 'टांगों को सिकोड़ लेना था



वेलिंगटन. रेप के मामले में अजीबोगरीब बयान सिर्फ भारत जैसे विकासशील देशों में नहीं, बल्कि विकसित देशों में भी सुनने को मिल जाते हैं। न्यूजीलैंड में वेलिंगटन की एक कोर्ट में रेप रोकने के लिए बचाव पक्ष के वकील ने एक अजीब सलाह दे डाली। वकील कीथ जेफ्रीज ने लड़कियों को कहा है कि अगर वह रेप होने से बचना चाहती हैं तो उन्हें टांगों को सिकोड़ लेना चाहिए। इस विवादस्पद बयान पर पीड़ित के वकील गेराल्डीन कैली ने कड़ी निंदा की है।
 
वेलिंगटन के नाइट क्लब में महिला का रेप किए जाने के मामले में एक बाउंसर को दोषी करार दिया गया। स्थानीय अखबार डोमिनियन पोस्ट के मुताबिक, '20 वर्षीय पीड़िता सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट में बेहद नशे की हालत में थी। वहां मौजूद बाउसंर जॉर्ज पूले ने लड़की को नाइटक्लब चलने और उसके दोस्तों से मिलने का प्रस्ताव रखा। बाउंसर और उसके दोस्तों ने वहां उसके साथ रेप किया।'
 
बचाव पक्ष के वकील का तर्क है कि इस दौरान न तो पीड़ित चिल्‍लाई और न ही संघर्ष किया। अगर वह नहीं चाहती थी कि उसके साथ रेप हो तो उसे अपनी टांगों को सिकोड़ लेना चाहिए था। वकील के हवाले से अखबार ने लिखा, 'महिला ने संघर्ष क्यों नहीं किया, क्योंकि इसमें उसकी भी सहमति थी।'
 
वेलिंगटन रेप क्राइसिस सेंटर की नातालिया गोजमेट ने इस विवादास्पद टिप्पणी को भयावह और यौन उत्पीड़न की शिकार महिला को ज्यादा दोषी ठहराने वाला बताया है। मामले के तूल पकड़ते देख वकील जेफ्रीज ने कहा कि उन्होंने सिर्फ अपने क्लाइंट को बचाने के लिए यह दलील दी थी। उन्होंने मीडिया से इसे व्यक्तिगत रूप में न लेने का निवेदन किया है। पीड़ित के वकील गेराल्डीन कैली ने बताया कि उनकी क्लाइंट ने बलात्‍कार करने वालों के डर से आवाज नहीं निकाली, ना ही उसने अपराधियों से संघर्ष करने की कोशिश की। यह कोई अमेरिका का रियलिटी टीवी शो नहीं है, जहां कोई लड़की सड़कों पर रेप..रेप चिल्लाती हुई भीड़ इकट्ठा कर ले। ऐसा करने से उसे और उसके परिवार को और भी ज्यादा परेशानी हो सकती थी।'

क़ुरान का सन्देश

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