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23 नवंबर 2013

में शब्द हूँ ..हां में निरीह बेबस शब्द हूँ

में शब्द हूँ ..हां में निरीह बेबस शब्द हूँ ....कवि के पास रहता हूँ तो कविता बनता हूँ ....शायर के पास रहता हूँ तो गज़ल बनता हूँ ....पंडित के पास रहता हूँ तो प्रार्थना और मुल्ला के पास रहूँ तो दुआ बन जाता हूँ ..में शब्द हूँ ..गीतकार के पास रहूँ तो गीत बनजाता हूँ ..............नेता के पास रहूँ तो जनता के साथ झूंठा वायदा ..मक्कारी और फरेब बन जाता हूँ ...हां में शब्द हूँ किसी पास प्यार तो किसी के पास नफरत बन जाता हूँ बस डरता हूँ नेताओं से जो मेरे इस्तेमाल से झूंठ फैलते है ..भ्रम फैलाते है ..में शब्द हूँ इसीलिए डरता हूँ ..बुखारी से ..शाहबुद्दीन से ...ओवेसी से .प्रवीन तोडिया से जो मुझे सिर्फ और सिर्फ बांटने और नफरत फैलाने के लिए ही इस्तेमाल करते है ...हा में शब्द हूँ इसीलिए में कभी खुश होता हूँ तो कभी गम में रहता हूँ ..काश मेरा इस्तेमाल देश के विकास ..प्यार ...मोहब्बत ..राष्ट्रिय एकता ..क़ौमी एकता के लिए हो .काश में देश की एक आवाज़ बनूँ में खनकु देश कि नसों में प्यार बनकर ...में हंसु देश में प्यार मोहब्बत का कारोबार देख कर ..में चाहता हूँ कभी न रोऊँ में देश में नफरत और क़त्ल गारत गिरी का कारोबार देख कर में शब्द हु निरीह बेबस में शब्द हूँ .हां में शब्द हूँ .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

IAS,जज, संपादक से लेकर धर्मगुरू तक, इन 7 ने किया समाज को शर्मसार!



भोपाल डेस्क.यूं तो देश में हर रोज हो रहे यौन अपराधों का अंदाजा लगा पाना मुश्किल है, लेकिन पिछले कुछ महीनों में बलात्कार और यौन उत्पीड़न के ऐसे मामले सामने आए हैं जिससे पूरा समाज हिल गया। कुछ ऐसे शख्स जिन्हें पूरा समाज न केवल सम्मान की दृष्टी से देखता था बल्कि उन्हें अपना आदर्श भी मानता था, जब वे ही ऐसे घिनौने अपराधों में लिप्त पाए गए तो जैसे लोगों के दिलों को एक झटका लगा। 
 
एक ऐसा झटका, जो लगा तो धीरे से, लेकिन दर्द जोरों का दिया। इन शख्सियत में राजनीति, धर्म, न्याय और मीडिया के ऊंचे-ऊंचे पदों पर विराजमान लोग शामिल हैं। राजनेता को जनता अपना प्रतिनिधि बनाकर उस पद तक इसलिए पहुंचाती है कि वह समाज में विकास की ओर ध्यान देगा। एक संत लोगों की नजरों में किसी भगवान से कम नहीं होता, लोग मानते हैं कि उसके उपदेश मात्र से वे ईश्वर की प्राप्ति कर लेंगे। 
 
न्यायालय में बैठे जज से सभी यह अपेक्षा करते हैं कि वह कभी अन्याय नहीं करेगा और एक पत्रकार की ओर हर नजर यह सोचकर उठती है कि वह उनकी आवाज बनकर उनपर हो रहे अन्याय और दुराचारों के खिलाफ लड़ेगा, लेकिन जब ये खुद अपराधी हों तो फिर जनता किस पर भरोसा कर पाएगी। आगे की स्लाइड्स में नजर डालिए, समाज की उन हस्तियों की करतूतों पर, जिन्होंने से अपनी करतूतों से आपके भरोसे को तार-तार कर दिया।
तरुण तेजपाल: सबसे पहले बात करते हैं स्टिंग ऑपरेशन से नेताओं और अफसरों के होश उड़ाने वाली पत्रिका 'तहलका' के प्रधान संपादक तरुण तेजपाल की। उन पर एक महिला पत्रकार ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। हालांकि, तरुण ने अपराध स्वीकार करने महिला पत्रकार से माफ़ी मांगने और अपने पद से इस्तीफा देने में बिलकुल भी देरी नहीं की, लेकिन अपराध कभी माफ़ी मांगने से मिट नहीं सका है। गोवा पुलिस ने उनके खिलाफ रेप की धाराओं की तहत FIR दर्ज की है और उन पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।आईएएस ऑफिसर: कहते हैं कि क़ानून जनता की रक्षा के लिए होता है, लेकिन जब यही क़ानून खुद भक्षक बन जाए तो फिर रक्षा की गुहार किससे लगाएं। मामला ताजा-ताजा है। बीते रोज उत्तराखंड के एक सीनियर ऑफिसर पर एक लड़की ने बलात्कार का आरोप लगाया है। लड़की ने एक पत्र लिखकर इस बात का खुलासा किया है कि नौकरी दिलाने के नाम पर वह ऑफिसर उससे तीन साल से बलात्कार कर रहा है। पीड़िता ने इल्जाम यहां तक लगाया है कि आईएएस ने उसकी अश्लील सीडी भी बनाई है, जिससे वह उसे ब्लैकमेल कर रहा था। लड़की ने दिल्ली पहुंचकर जीरो FIR दर्ज कराई है। हालांकि, अभी आईएएस के नाम का खुलासा नहीं हो पाया है।सुप्रीम कोर्ट के जज: जज के नाम का खुलासा नहीं हुआ है, लेकिन हाल ही में रिटायर हुए सुप्रीम कोर्ट के जज पर अपनी ही एक इंटर्न से बलात्कार करने के आरोप लगे हैं। मामला उस समय का है, जब बीते साल दिल्ली की सड़कों पर गैंग रेप के खिलाफ कड़ा आन्दोलन चल रहा था। लड़की की माने तो वह अपने फाइनल ईयर की सर्दी छुट्टियों में दिल्ली आई थी और उसे सुप्रीम कोर्ट के इन रिटायर जज महोदय के साथ इंटर्न करने का मौक़ा मिला था। जज ने एक होटल के कमरे में उससे बलात्कार किया था। लड़की ने यह भी कथित तौर पर यह इल्जाम भी लगाया है कि वह ऐसी तीन लड़कियों को और जानती है जो जज साहब की गंदी नीयत का शिकार हुईं।
आसाराम: पूरा देश ही नहीं, दुनिया इन्हें भगवान का नाम देकर इनकी तस्वीरे के सामने दीपक लगाया करती थी। आसाराम से किसी को गुरुदीक्षा मिल जाती थी तो वह अपने आपको बड़ा ही भाग्यशाली समझने लगता था, लेकिन उस वक़्त उनके भक्तों की आस्था को एक जोर का धक्का लगा जब जोधपुर की एक नाबालिग लड़की ने उन पर यौन शोषण के आरोप लगाए। आसाराम हमेशा खुद पर लगे आरोपों से इनकार करते रहे और गिरफ्तारी के डर से भागते रहे, लेकिन अब वे सलाखों के पीछे हैं। जब से वे पुलिस कस्टडी में आए हैं, तब से उनके बारे में कई सनसनीखेज खुलासे हो चुके हैं। धीरे-धीरे यह बात भी सामने आ गई कि साधू के रूप में यह ढोंगी बाबा सेक्सनारायण साईं: नारायण साईं, ये भी भक्तों के लिए किसी भगवान से कम नहीं थे। लोग आसाराम की तरह ही उनके इस कपूत को भी पूजते थे। जब बाप का चरित्र खराब हो तो भला बेटा कैसा होगा। आसाराम की गिरफ्तारी के बाद जहां उनके खिलाफ नए-नए खुलासे हो रहे थे, वहीं नारायण साईं के खिलाफ सूरत में यह खुलासा हुआ कि वे भी बाप की तरह ही इस घृणित अपराध में लिप्त हैं। सूरत की दो बहनों ने दोनों बाप और बेटे पर जब से बलात्कार का आरोप लगाया है, तब से नारायण साईं कहां लापता हैं, कोई नहीं जानता।बाबूलाल नागर: बाबूलाल भी सरकार में मंत्री थे, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार में नहीं बल्कि राजस्थान सरकार में। उनका राजनीतिक करियर बहुत अच्छा जा रहा था, लेकिन एक दिन जब उनके चेहरे से नकाब उठा तो एक बलात्कारी आदमी का चेहरा सामने आया।बाबूलाल नागर पर एक नाबालिग लड़की ने उनके साथियों संग मिलकर सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया। शुरूआती दौर में नागर भी खुद पर लगे अपराधों से मुकरते रहे, लेकिन जो किया है उसे भरना तो पड़ेगा सो उन्हें न केवल मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा बल्कि जेल की हवा भी खानी पड़ी।
राघवजी: मध्यप्रदेश सरकार में राघव वित्त मंत्री तो थे ही, साथ ही जनता जनार्दन के दिलों में उनकी एक अलग ही छवि थी। राजनीति के नवयुवा राघवजी को आदर्श मानकर आगे बढ़ रहे थे, तो प्रदेश की जनता भी उन्हें काफी दुलार करती थी। जुलाई 2013 में जब उनपर उनके ही नौकर ने अप्राकृतिक सेक्स का आरोप लगाया तो वे साथ इनकार कर गए, लेकिन जब उस अपराध की वीडियो फुटेज सामने आई तो राघव न घर के रहे न घाट के। उन्हें न केवल सरकार में मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा बल्कि उनकी पार्टी ने भी उनसे किनारा कर लिया।

क़ुरान का सन्देश

स्‍कूल में बच्‍चे का वहशीपन: पेड़ की टहनी से किया टीचर के साथ कुकर्म, कत्‍ल कर लिखा- आई हेट यू



अमेरिका के उत्तरी-पूर्वी राज्य मैसाचुसेट्स में 14 साल के एक स्‍कूली लड़के ने वहशीपन की हद पार कर दी। उसने स्‍कूल के बाथरूम में मैथ्स की टीचर के साथ बलात्कार किया और फिर गला काट कर उसकी हत्‍या कर दी। कोर्ट में पेश दस्‍तावेज के मुताबिक 14 वर्षीय फिलिप चिस्म ने डेनवर्स हाई स्कूल के बाथरूम में कॉलीन रिजर की लाश के पास कागज का एक टुकड़ा भी छोड़ा था। इसमें लिखा था, 'मैं तुमसे नफरत करता हूं।'
बोस्टन हेराल्ड के मुताबिक फिलिप के माता-पिता का तलाक होने वाला था और वह किसी बात पर अपनी मैथ्स टीचर से काफी नाराज था।

गौरतलब है कि बीते 23 अक्टूबर को मैसाचुसेट्स के एक छोटे शहर में स्थित डेनवर्स हाई स्कूल की 24 वर्षीय टीचर कॉलीन रिजर की  स्कूल में ही हत्या कर दी गई थी। इस मामले में कॉलीन के स्टूडेंट फिलिप को मुख्य आरोपी बनाया गया है।

बोस्टन हेराल्ड में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक रिजर ने 22 अक्टूबर को फिलिप एंव एक अन्य स्टूडेंट को उससे दूर रहने को कहा था, जिसके कारण फिलिप उससे नाराज हो गया था।

22 अक्टूबर की दोपहर फिलिप ने दस्ताने और मास्क पहनकर रिजर का पीछा किया, जहां स्कूल के सेकेंड फ्लोर पर स्थित बाथरूम में दोनों की बहस भी हुई। यहां फिलिप ने रिजर के साथ बलात्कार किया और बॉक्स कटर से उसका गला काट दिया। इसके बाद फिलिप ने टीचर की लाश को स्कूल के पीछे फेंक दिया।

रीजर की लाश नग्न अवस्था में स्कूल के पीछे मिली थी। स्थानीय पुलिस लाश की स्थिति देखकर चकित रह गई थी क्योंकि रीजर के गुप्तांग में लकड़ी का बड़ा टुकड़ा डाला गया था। लाश को पत्तों से ढंका गया था।

निलंबित IAS का खुलासा, जासूसी की शिकार लड़की से मोदी के करीबी रिश्‍ते


नई दिल्‍ली. महिला आर्किटेक्ट की जासूसी के मामले में घिरे गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके सिपहसलार अमित शाह की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। निलंबित आईएएस अधिकारी प्रदीप शर्मा ने शनिवार को महिला जासूसीकांड में नरेंद्र मोदी का नाम लेकर सनसनी फैला दी है। शर्मा का आरोप है कि जिस 'साहेब' के कहने पर महिला की जासूसी कराई गई, वह कोई और बल्कि खुद नरेंद्र मोदी हैं।
 
एक निजी चैनल और समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्‍यू में प्रदीप शर्मा ने आरोप लगाया कि उन्‍हें आपराधिक मामलों में इसलिए फंसाया गया है, क्योंकि उन्हें मोदी और इस महिला आर्किटेक्ट की नजदीकियों के बारे में जानकारी है। हालांकि, उन्‍होंने साफ नहीं किया है कि मोदी से महिला के कैसे रिश्‍ते थे। प्रदीप शर्मा ने यह भी दावा कि जिस महिला की जासूसी कराई जा रही है, उसकी उम्र 27 वर्ष है और उन्‍होंने ही 2004 में महिला को पहली बार मोदी से मिलवाया था। निलंबित आईएएस का दावा है कि इस महिला और मोदी के बीच रिश्‍ते की शुरुआत ई-मेल्स और एसएसएस के जरिए हुई।   
 
शर्मा ने कहा- मोदी को यह भी शक है कि मेरे पास उनका एक वीडियो है। प्रदीप शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगाई है कि गुजरात के मुख्‍यमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जासूसी विवाद में सीबीआई जांच कराई जाए। प्रदीप शर्मा का यह भी कहना है कि उनके छोटे भाई आईपीएस अधिकारी कुलदीप शर्मा ने गोधरा दंगों के बाद मोदी की अनेक कारगुजारियों का पर्दाफाश किया था।
जासूसी कांड के वक्‍त भावनगर में थे प्रदीप शर्मा 
 
प्रदीप शर्मा का दावा है कि मोदी उनकी जासूसी करा रहे थे और जिस महिला आर्किटेक्‍ट की जासूसी को लेकर बवाल मच रहा है, उसे नरेंद्र मोदी अच्‍छी तरह जानते थे। शर्मा के मुताबिक, मोदी के साथ महिला की मुलाकात उन्‍होंने ही कराई थी। प्रदीप शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में 'गुलेल और कोबरा पोस्‍ट' की ओर से किए गए स्टिंग ऑपरेशन को आधार बताते हुए सुप्रीम कोर्ट से सीबीआई जांच की मांग की है। शर्मा के अनुसार, स्टिंग में वह सबूत है कि राज्य सरकार ने किसी तरह उन्हें फर्जी मामलों में फंसाने का प्रयास किया था। प्रदीप शर्मा ने यह भी बताया कि जिस समय यह जासूसीकांड हुआ, उस वक्‍त वह भावनगर में तैनात थे। 
कौन हैं निलंबित आईएएस प्रदीप शर्मा
 
शीर्ष अदालत में दाखिल अर्जी में शर्मा ने इस आवेदन के साथ संलग्न किए गए दस्तावेज और लिपि को रिकॉर्ड पर लेने तथा सीबीआई को मामला दर्ज करके नरेन्द्र मोदी, अमित शाह और दूसरे व्यक्तियों द्वारा तार कानून, 1885 और दूसरे कानूनों के उल्लंघन के आरोपों की व्यापक जांच करने का निर्देश देने का अनुरोध किया है। 
भारतीय प्रशासनिक सेवा के 1984 बैच के अधिकारी प्रदीप शर्मा के खिलाफ कच्छ में 2008 में निजी फर्मों को भूमि आबंटन में कथित अनियमितताओं सहित छह आपराधिक मामले दर्ज हैं। शर्मा चाहते हैं कि इन सभी मामलों को सीबीआई को सौंपा जाए। भावनगर नगर निगम के आयुक्त रह चुके शर्मा को कच्छ के भूकंप पुनर्वास कार्यक्रम में अनियमितताओं में कथित संलिप्तता से संबंधित मामले में 6 जनवरी, 2010 को गिरफ्तार किया गया था। शर्मा का आरोप है कि मोदी सरकार उन्हें जानबूझ कर निशाना बना रही है।मोदी पर आरोप लगाने वाले प्रदीप शर्मा ने कहा कि लड़की उन्हें पहले से जानती थी, इसलिए उसने जासूसी के बारे में उन्हें बताया था। शर्मा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दायर आवेदन में कहा गया है कि आवेदक को विश्वास है कि 2004 में मुलाकात के बाद अगले कई साल तक प्रतिवादी नंबर तीन यानी नरेंद्र मोदी उस लड़की के संपर्क में रहे। शर्मा ने कहा कि टेप्स सामने आने के बाद से बीजेपी भी कई बार मान चुकी है कि यह सर्विलांस मोदी के कहने पर ही किया गया।16 नवंबर को खोजी न्यूज पोर्टल्स कोबरा पोस्ट और गुलेल ने अमित शाह और आईपीएस अफसर जीएल सिंघला के बीच हुई बातचीत की रिकॉर्डिग पेश की थी। इसमें किसी लड़की की जासूसी कराने की बात हो रही थी। इशरत जहां फर्जी मुठभेड़ कांड में जेल जा चुके और फिलहाल जमानत पर छूटे आईपीएस ऑफिसर जीएल सिंघला ने सीबीआई को बहुत सारे ऑडियो टेप सौंपे हैं। वेबसाइट कोबरा पोस्ट के मुताबिक, इन ऑडियो टेप्‍स से साफ है कि अमित शाह के निर्देश पर गुजरात पुलिस की 3 प्रमुख शाखाओं (राज्य इंटेलिजेंस ब्यूरो, क्राइम ब्रांच और एटीएस) के अधिकारियों ने मिलकर बेंगलुरु की एक लड़की का अवैध ढंग से पीछा कराया। उस लड़की के माता-पिता अहमदाबाद में रहते थे। रिकॉर्डिग में शाह, सिंघला को एक लड़की की 24 घंटे निगरानी का आदेश दे रहे हैं ताकि किसी ‘साहेब’ को पल-पल की जानकारी दी जा सके। अमित शाह से बातचीत की ये रिकॉर्डिग खुद सिंघला ने सीबीआई को सौंपी है। कांग्रेस ने इस मामले की गहराई से जांच की मांग की है। वहीं भाजपा ने चुप्पी साध ली है।
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