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10 दिसंबर 2013

नारायण साईं का दावा- जमना से संबंध बनाने में थी पत्‍नी की रजामंदी, जानकी ने बताया चरित्रहीन



सूरत. सूरत दुष्कर्म मामले में पुलिस रिमांड पर चल रहे नारायण साईं की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। नारायण की पत्नी जानकी ने पुलिस के सामने अपने पति को चरित्रहीन करार दिया है। यह भी कहा कि नारायण ने उसके साथ तीन बार मारपीट भी की। पूछताछ के दौरान नारायण ने कबूल किया कि जानकी उसकी पत्नी है। 1995 में उसकी जानकी से शादी हुई थी। तीन महीने पहले ही जानकी के पिता का निधन हुआ है। वह आसाराम के भक्त थे। 
 
नारायण साईं ने जमुना से नाजायज संतान की बात भी कबूल की है। उसने यह भी कहा कि पत्‍नी जानकी की सहमति से ही उसने जमुना से संबंध बनाए थे। हालांकि, जानकी ने इससे इनकार किया है। 
 
इस बीच, नारायण साईं ने एक नई चाल चली है। पुलिस हिरासत में साईं से जब पत्रकारों ने सवाल किए तो उसने कहा कि आरोप लगाने वाली लड़की के लिए उसके मन में कोई नफरत नहीं है। 
 
दुष्‍कर्म मामले में ही जेल में बंद नारायण के पिता आसाराम ने कांग्रेस के जले पर नमक छिड़का है। विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को मिली बुरी हार पर टिप्‍पणी करते हुए आसाराम ने कहा कि उसके 'श्राप' की वजह से कांग्रेस हार गई है। नाबालिग छात्रा के यौन शोषण के आरोप में सेंट्रल जेल में बंद आसाराम ने कहा कि राजस्थान में सरकार बदल गई है। वक्तभी बदल जाएगा। अब सत्य की जीत होगी। आसाराम को सोमवार को सुनवाई के लिए अदालत में पेश किया गया था। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर अपनी भड़ास निकाली। 
 
अदालत में आसाराम काफी खुश नजर आ रहे थे। सोमवार को आसाराम, शिल्पी, शिवा, प्रकाश व शरत को चार्जशीट पर लगाए आरोपों पर बहस के लिए अदालत में पेश किया गया था। लेकिन बचाव पक्ष की ओर से पहले किए गए आवेदन के अंतर्गत अभियोजन पक्ष से शिवा के मोबाइल फोन से बनी सीडी की मांग की गई। इस पर सरकारी वकील ने कहा कि उन्हें अभी तक पुलिस से सीडी नहीं मिली है।

STING से सामने आया शराब छुड़ाने और मर्दाना ताकत बढ़ाने की गारंटी देने वाले 'डॉक्‍टरों' का सच



रांची। सेक्स पावर बढ़ाने व गुप्त रोग का गारंटेड इलाज करने से लेकर शारीरिक कमजोरी और बांझपन तक दूर करने के नाम पर पूरे देश में ठगी का बड़ा कारोबार चल रहा है। यह कारोबार कैसे चलता है, इसका पर्दाफाश रांची में हमारे सहयोगी प्रकाशन डीबी स्‍टार की ओर से किए गए एक स्टिंग के जरिए हुआ है।
 
कांटाटोली चौक के आरसी कॉम्पलेक्स में मॉडर्न क्लिनिक चलाने वाले जीपी सिंह का जब स्टिंग किया गया तो इस कारोबार की पोल खुली। सिंह ने सभी बीमारियों व कमियों को दूर करने की गांरटी दी। बांझपन के बारे में तो बिना डिग्री के इस 'डॉक्टर' ने कहा कि पत्नी को लाइए। हम उसे दवा से गर्भवती कर देंगे। लेकिन, स्टिंग के बाद डीबी स्टार रिपोर्टर ने जैसे ही अपना परिचय बताया तो जीपी सिंह मुंह छिपाने लगा। बाद में तो उसने अपनी कारगुजारियों को छिपाने के लिए पैसे देने की बात भी की। वहीं, एक व्यक्ति ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि बांझपन के नाम पर डॉक्टर महिलाओं से छेडख़ानी भी करता है।
 
डिग्री है नहीं, शराब छुड़वाने की गारंटी
 
बूटी मोड़ के एकता नगर में रेणुका क्लिनिक चलाने वाला एके मजूमदार शराब छुड़वाने की पूरी गारंटी दे रहा है। शराब छुड़वाने के साथ ही जब रिपोर्टर ने इनसे प्राइवेट सवाल किए तो डॉक्टर ने ऐसी बात कही, जिसे बताना संभव ही नहीं है। सेक्स पावर बढ़ाने के लिए डॉक्टर द्वारा 3000 से लेकर 8000 रुपए तक की दवा देने की बात कही। उसने लिंग जांच से लेकर औरतों का सभी प्रकार के इलाज तक की गारंटी दे दी। 
 
एक अनुमान के मुताबिक झारखंड में 500-800 ऐसे डॉक्टर हैं जो शराब छुड़ाने और मर्दाना ताकत बढ़ाने का दावा करते हैं। हालांकि, झोला छाप (QUACK) डाक्टरों की संख्या 10000 से अधिक है। झारखंड में इनका कारोबार सालाना 15 से 20 करोड़ का है। ऐसे डॉक्‍टरों का कारोबार पूरे देश में धड़ल्‍ले से चल रहा है।

हार के बाद कांग्रेस में दरार, अय्यर के बयान से पार्टी नाराज



नई दिल्‍ली. देश के चार राज्‍यों में मिली करारी हार के बाद सहयोगी पार्टियां कांग्रेस के जले पर नमक छिड़क ही रही थीं कि अब पार्टी के भीतर ही विवाद शुरू हो गया है। चुनाव के नतीजे आने के बाद पार्टी के भीतर मची खलबली बाहर आ गई है। कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने ऐसा बयान दिया कि पार्टी उनसे नाराज हो गई है। अय्यर ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आत्‍मचिंतन का वक्‍त चला गया है। उन्‍होंने कहा कि उम्‍मीदवारों के एलान पर फैसला हुआ था लेकिन फैसले पर अमल नहीं हुआ। अय्यर ने बीजेपी के पीएम के उम्‍मीदवार नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला है। उन्‍होंने कहा, 'अपने बयानों से मोदी ने साबित कर दिया कि वो कितने बड़े जोकर हैं। उन्‍हें न तो इतिहास का ज्ञान है और न ही अर्थशास्‍त्र का।'  
 
अपनी ही पार्टी के खिलाफ मणिशंकर अय्यर के बयान से कांग्रेस नाराज हो गई है। पार्टी का कहना है कि अय्यर को पार्टी फोरम पर ही यह बयान देना चाहिए। पार्टी ने यह भी नसीहत दी है कि मीडिया के सामने पार्टी की बात नहीं रखी जाती है।   
 
गौरतलब है कि चार विधानसभा चुनावों के नतीजे आने के बाद कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को अपनी पहली प्रतिक्रिया में कहा था कि चुनाव के नतीजों पर गंभीरता से आत्म निरीक्षण करेंगे और अपनी गलतियों या कामकाज के तरीकों को सुधारने के लिए सभी जरूरी उपाय करेंगे। कांग्रेस के करीब सभी बड़े नेताओं ने पार्टी की शर्मनाक हार पर करीब-करीब ऐसी ही टिप्‍पणी की थी। इसके बाद विधानसभा चुनावों में हुई करारी पराजय पर सोमवार को 10, जनपथ आत्मचिंतन बैठक भी हुई जिसमें कांग्रेस हाईकमान ने कुछ सख्त फैसले लेने के संकेत दिए।

चेतावनी: भारत-पाक में परमाणु युद्ध हुआ तो मरेंगे दो अरब लोग, खत्‍म हो जाएगी मानव सभ्‍यता



वॉशिंगटन. भारत-पाकिस्‍तान के बीच अगर परमाणु युद्ध हुआ तो पूरी मानव सभ्‍यता का विनाश हो जाएगा। दुनिया अकाल की चपेट में आ जाएगी, जिससे 2 अरब लोग काल के गाल में समा जाएंगे। नोबेल पुरस्‍कार जीत चुकी संस्‍था 'इंटरनेशनल फीजिशियंस फॉर द प्रिवेंशन ऑफ न्यूक्लियर वार' (आईपीपीएनडब्ल्यू) ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है। संस्‍था की सह अध्यक्ष इरा हेलफांद का दावा है कि भारत या पाकिस्‍तान अगर अपने मौजूदा परमाणु शस्त्रागार का केवल एक अंश भी प्रयोग करते हैं तो भी करोड़ों लोग मारे जाएंगे।
 
‘परमाणु अकाल : दो अरब लोगों को खतरा?’ नामक यह नया अध्ययन उन पर्यावरण वैज्ञानिकों के अनुसंधान पर आधारित है, जिन्होंने पृथ्वी के वातावरण और अन्य पारिस्थितिक तंत्र पर परमाणु विस्फोटों के प्रभाव का मूल्यांकन किया है। 
 
इससे पहले 2012 में किए गए अध्ययन में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आईपीपीएनडब्ल्यू और फिजिशियंस फॉर सोशल रिस्पांसिबिलिटी ने कहा था कि परमाणु हमले से पैदा अकाल के कारण एक अरब से अधिक लोगों की मौत हो सकती है।

क़ुरान का सन्देश

दोस्तों हमारा देश मानवाधिकारों के प्रति कितना गम्भीर है .

दोस्तों हमारा देश मानवाधिकारों के प्रति कितना गम्भीर है ..और मानवाधिकार आयोग के चेयरमेन मानवाधिकार क़ानून देश में लागू करवाने के लिए कितने सजग और सतर्क है ..इसका अंदाज़ा इसी बात से लगता है के हमारे देश में उन्नीस सो अड़तालीस में हुए इस समझोते के तहत उन्नीस सो तिरानवे में क़ानून बनाया गया ..और उन्नीस सो चौरानवे में इस क़ानून को लागू कर पहले केंद्र और फिर राज्य स्तर पर मानवाधिकार आयोगो का गठन क्या गया .....अधिनियम में वेतन भत्तों संबंधित तो नियम बनाये गए ..सुविधाओं से संबंधित नियम लागू करवाये गए लेकिन देश की जनता को न्याय दिलवाने के मामले में अधिनियम की धारा तीस के प्रावधान के तहत सभी ज़िलों में मानवाधिकार न्यायालयों को खोला जाना है लेकिन अफ़सोस बीस सालों के इस लम्बे सफर में आज तक देश के किसी भी राज्य ने इन न्यायालयों को खोलने की पहल नहीं की है ..यहाँ तक के देश के मानवाधिकार आयोग के अध्यक्षों ने भी इस मामले में गम्भीरता से सरकार से कोई मांग नहीं की है .हालात यह है के मानवाधिकार हनन संबंधित मामलों की सुनवाई की प्राथमिकता तय नहीं हो पाई है विशेष न्यायालय नहीं खुलने से न्यायालयो की ऐसे मामलों के प्रति कोई जवाबदारी नहीं है .इतना ही नहीं शिकायत करने और शिकायत की जाँच करने कि प्रक्रिया भी विकेन्द्रीकृत कर ज़िले या सम्भागीय स्तर पर प्रतिनिधि बनाकर नहीं की गयी है इससे मानवाधिकार आयोग आम जनता और आम पीड़ितों से दूर हो गया है और सफेद हाथी साबित हो रहा है ..........ह्यूमन रिलीफ सोसाइटी के महासचिव एडवोकेट अख्तर खान अकेला और आबिद हुसेन अब्बासी सहित सभी लोग इन व्वयस्थाअों को लागू करवाने के लिए पिछले बीस सालों से इस दिवस को मानवाधिकार चेतना जागृत और काला दिवस के रूप में मनाते है लेकिन सरकार के कान पर जु  ही नही रेंगती है अख़बार भी इसे पूरी खबर नहीं बनाते है और इलेक्ट्रॉनिक मिडिया को तो मानवाधिकार हनन और मानवाधिकार जागृति से कोई लेना देना भी नज़र नहीं आता है ..सरकारे इस दिवस को मात्र ओपचारिक तोर पर ही मनाती है और इन हालातों में हमारे देश में मानवाधिकार क़ानून केवल ओपचारिक बन कर रह गया है .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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