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21 दिसंबर 2013

एक आयरन लेडी जो राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया के नाम से जानी जाती है।

एक आयरन लेडी जो राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा सिंधिया के नाम से जानी जाती है। ……हँसते हँसते जिन्होंने जनता का ज़बरदस्त समर्थन हांसिल कर राज हासिल कर लिया ,,,, विकट  परिस्थितियों और आंतरिक विरोध के बावजूद भी इस आयरन लेडी ने सभी को मेंढकों की तरह तोलना मुश्किल होने आर भी तोला ,,पिंजरे में बंद क्या  और ताला लगा दिया ,जी हाँ दोस्तों राजस्थान में  टेन टू एट पी एम ,,,साढ़े चार साल से कहाँ थीं ,,,,संघ हराएगा ,,टिकिट सही नहीं बांटे जेसे आरोपों के बाद भी वसुंधरा ज़िंदाबाद हो गयी ,,अब वसुंधरा के सामने मंत्रीमंडल का गठन एक बढ़ी चुनौती थी उन्होंने डंके की चोट पर मंत्री बनाये ,,दिग्गजों को नज़र अंदाज़ क्या ,,जो चाहा मंत्रियों को वोह विभाग दिया और राजस्थान का पिटारा महत्वपूर्ण विभाग सभी अपने नियंत्रण में रख लिए ,सभी चोंक गए जब उनके पुराने मित्र ललित मोदी की आर सी ऐ में वापसी का रास्ता साफ़ होने लगा ,,,राजस्थान में जो माहोल वसुंधरा के खिलाफ था वोह बदल गया ,,बाज़ी उलटी पढ़ गयी ,,अब बाजपा में संघी और हार्ड लाइनर प्लानर एक तरफ और अकेली यह आइरन लेडी एक तरह उनका सिर्फ एक ही मक़सद टारगेट फिफ्टीन ,,,,कोई विरोध नहीं ,,विरोधी शरणम् गच्छामी ,,एक पुत्र जो सक्रिय सियासत में रहकर भी अलग थलग कोई हस्तक्षेप नहीं कोई परिवारवाद का आरोप नहीं पुत्र  की अपनी अलग रणनीति अलग पहचान ,,,,,,,,,,,,तो जनाब जिन हालातों से जूझ कर वसुंधरा सिंधिया ने शासन हांसिल क्या और फिर राज सम्भालते ही अफसर शाही को सबक़ सिखाते हुए मुखिया बने पुलिस कर्मी और बढ़े  बाबू जी  को   उनकी ओकात याद दिलाई ,,,,,,,,जो जयपुर पांच साल से सफाई के लिए तरस रहा था उस जयपुर को एक दिन में सफाई के लिए मजबूर कर दिया हठधर्मी अधिकारी जो नगरनिगम में जमे बेठे थे और निर्वाचित महापौर को गुलाम समझते थे वोह अधिकारी एक दिन में चलते कर दिए गए ,कोटा जेसी जगह पर जहां लोगों को  साफ़ सड़के देखे हुए कई बरस हो गए थे उन्हें कोटा की सड़के साफ़ नज़र आने लगी ,,,जो नोकर शाह ,,जो अधिकारी जनता को पैर की जूती ,,,मंत्रियों को बेवक़ूफ़ और कार्यकर्ताओं को गुलाम समझते थे अब वोह मंत्रियों को फिर से अपने आक़ा समझने लगे है और जनता की शिकायतों पर गोर कर रहे है जबकि कार्यकर्ताओं को भी सम्मान दे रहे है यह परिवर्तन सिर्फ राज बदलने से नहीं राज के राज चलाने के तोर तरीक़ों और कुशल प्रशासनिक क्षमता सहित मक्कारों के खिलाफ कठोर कार्यवाही के डर से भी है ,आज सभी कलेकटर ,,,, सभी आई जी ,,सभी कमिश्नर ,,सभी एस पी ,,और सभी प्रमुख अधिकारीयों में डर खौफ का वातावरण है वोह सोचने लगे है चमचागिरी ,, चापलूसी ,,मक्कारी के दिन गए के मंत्री और दो  चार लोगों की चमचागिरी करो जनता को लूटों दांत फटकार लगाओ और शासक बनकर रहो अब उन्हें जनसेवक  लोकसेवक बनकर काम करने की हिदायत मिली है ,यह परिवर्तन गेहलोत सरकार में भी हो सकता था लेकिन उनके आँख ,,कान ,,,नाक ,,मुंह बंद थे और वोह ध्रतराष्ट्र बनकर शाशन चला रहे थे इसलिए उनके कौरवों ने पांडवों की जंग के आगे उन्हें हरा दिया ,,,,,,,आयरन लेडी वसुंधरा को अब पिछले शासन और पिछले अनुभवों से सीख लेना होगी ,,सभी समाजों वर्गों के लिए प्रतिनिध्त्व सहित विकास और कल्याणकारी योजनाये लागू करना होगी ताके राजस्थान एक हो सके ,,नेक हो सके और खुशहाल हो सके क्या ऐसा हो सकेगा यह तो अब वक़त ही बतायेगा इंतिज़ार आप भी कीजिये हमे भी वक़त का इंतिज़ार है ,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

एनकाउंटर में फंसे कटारिया को नहीं मिली होम मिनिस्‍ट्री, जानें किसे क्या मिला?


जयपुर. मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे ने नए मंत्रियों के विभागों की घोषणा कर दी है। सोहराबुद्दीन एनकाउंटर मामले में आरोपी होने के चलते गुलाबचंद कटारिया को गृह विभाग की बजाय ग्रामीण विकास और आपदा प्रबंधन मंत्रालय की जिम्‍मेदारी दी गई है। नेता प्रतिपक्ष रह चुके कटारिया बीजेपी में आरएसएस के प्रतिनिधि हैं। कटारिया इससे पहले सूबे के गृह मंत्री रह चुके हैं। राजस्‍थान में बीजेपी के सबसे बड़े नेताओं में सीएम वसुंधरा राजे के बाद कटारिया का ही नंबर आता है। (जानिए: वसुंधरा सरकार के मंत्रियों का मिशन 11
 
चुरू से विधायक राजेन्द्र राठौड़ को चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है। राठौड़ भी एक अन्‍य फर्जी एनकाउंटर मामले में आरोपी हैं। राठौड़ इससे पहले राज्‍य में बीजेपी की सरकार पीडब्‍ल्‍यूडी मंत्री रह चुके हैं। 
 
नंद लाल मीणा को जनजाति विकास विभाग की जिम्‍मेदारी गई है। मीणा प्रतापगढ़ से विधायक हैं। पूर्व भाजपा सरकार में वे जनजाति मंत्री रह चुके हैं। नंदलाल तीसरी बार मंत्री बने हैं। वसुंधरा राजे उनसे इसलिए खुश हैं कि सिर्फ मीणा ने ही कटारिया का उस समय मुकाबला किया था जब कटारिया ने वसुंधरा राजे के खिलाफ अभियान छेड़ते हुए अपनी यात्रा शुरू कर दी थी। 
 
कालीचरण सर्राफ को शिक्षा मंत्री बनाया गया है। यूनुस खान को पीडब्ल्यूडी मंत्री बनाया गया है। राजेन्द्र सिंह खींवसर को ऊर्जा मंत्री बनाया गया है। प्रभुलाल सैनी को कृषि विभाग दिया गया है। प्रभुलाल सैनी माली जाति के प्रतिनिधि हैं। कांग्रेस के दिग्गज प्रमोद जैन भाया को उनके घर में जाकर हराने के कारण भाजपा में उनकी पूछ बढ़ गई है। वे पहले भी कृषि मंत्री रह चुके हैं।
 
कैलाश मेघवाल को खान मंत्री, अरुण चतुर्वेदी को सामाजिक न्याय और अजय सिंह को सहकारिता मंत्री, हेमसिंह भडाना को खाद्य आपूर्ति मंत्री बनाया गया है।
 
सांवरलाल जाट को जल संसाधन विभाग की जिम्‍मेदारी दी गई है। जाट नसीराबाद से विधायक हैं। वो पूर्व में सिंचाई मंत्री रह चुके हैं। जाट समाज के प्रतिनिधि सांवरलाल पिछली सरकार में जल संसाधन मंत्री थे। जाट बेबाक बयानी को लेकर ज्यादा चर्चित रहते हैं। 
 
नागौर जिले से हनुमान बेनीवाल की काट भाजपा विधायक अजयसिंह किलक को सहकारिता मंत्री बनाया गया है। जबकि हेमसिंह भडाना को खाद्य आपूर्ति मंत्री बनाया गया है। गुर्जर समाज को खुश करने की कवायद में इन्‍हें मंत्री बनाया गया है। 
 
मुख्‍यमंत्री वसुंधरा राजे ने कई प्रमुख विभाग अपने ही पास रखे हैं। इनमें वित्‍त, पर्यटन, कार्मिक, प्रशासनिक सुधार, संप्रदा, सांख्यिकी, आबकारी, नगरीय विकास, श्रम, सैनिक कल्‍याण, देवस्‍थान, प्‍लानिंग जैसे विभाग हैं। 

AAP विधायक का आरोप- BJP ने खरीदने की कोशिश की, जेटली के नाम से दिया 10 करोड़ का ऑफर



नई दिल्‍ली. आम आदमी पार्टी 'आप' के विधायक ने आरोप लगाया है कि भारतीय जनता पार्टी ने उन्‍हें खरीदने की कोशिश की। रोहिणी से चुने गए राजेश गर्ग ने बताया कि राज्‍य सभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा के दिग्‍गज नेता अरुण जेटली का नाम लेकर उन्‍हें 10 करोड़ का ऑफर दिया गया। राजेश गर्ग ने बताया कि भाजपा की ओर से उन्‍हें मंत्रिमंडल में शामिल करने का भी भरोसा दिया गया था। उन्‍होंने  इस संबंध में पुलिस रिपोर्ट दर्ज करा दी है। राकेश गर्ग का दावा है कि उनके पास बातचीत की रिकॉर्डिंग भी है। इससे पहले संयोजक अरविंद केजरीवाल ने पहली बार सरकार बनाने के संकेत दिए हैं।
 
एसएमएस, वेबसाइट व फेसबुक पर मिल रहे फीडबैक के आधार पर केजरीवाल ने ऐसे संकेत दिए हैं। सूत्रों के अनुसार, 'आप' को भी नौ लाख संदेश मिल चुके हैं, इनमें 70 फीसदी लोग चाहते हैं कि केजरीवाल सरकार बनाएं। केजरीवाल ने कहा, ‘जनता चाहती है कि हम अब करके दिखाएं। सरकार बनाने का फायदा आम चुनाव में मिलेगा।’
 
वहीं, कभी केजरीवाल के साथ रहीं पूर्व आईपीएस अफसर किरण बेदी ने कहा है कि इस वक्‍त 'आप' के लिए आगे कुंआ, पीछे खाई' की स्थिति हो गई है।
 
एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में केजरीवाल ने कहा है कि यदि वे सरकार बनाते हैं, तो उसे अन्‍य पार्टियों से बेहतर चलाकर दिखाएंगे। उन्‍होंने कहा है कि सरकार चलाना चांद पर जाने जैसा नहीं है। केजरीवाल ने कहा, 'सरकार चलाकर दिखाएंगे, इनसे (बीजेपी और कांग्रेस से) अच्‍छी  चलाकर दिखाएंगे और ठोक बजाकर चलाकर दिखाएंगे।' 
 
केजरीवाल से कहा है कि बिजली कंपनियों की ऑडिटिंग और लोकपाल विधेयक को कानून में बदलवाना दिल्‍ली में नई सरकार की पहली प्राथमिकताएं होंगी। कांग्रेस की ओर से मिले समर्थन पत्र के बाद भी केजरीवाल ने रायशुमारी के लिए जनता के नाम लिखे पत्र में भी कांग्रेस को शातिर पार्टी कहा था। हालांकि केजरीवाल खुद लगातार यह भी कह रहे हैं कि व्यक्तिगत रूप से वे कांग्रेस के समर्थन से सरकार नहीं बनाना चाहते और वह खुलकर कांग्रेस व भाजपा का भ्रष्टाचारी पार्टी कहते हैं।
 
उन्होंने कहा कि हमने जनता से पूछा कि हमें कांग्रेस के समर्थन से सरकार बनानी चाहिए कि नहीं। दिल्ली के सभी वार्डों से फीडबैक मिलने के बाद ही सोमवार को अंतिम फैसला लेंगे। लेकिन उन्होंने स्वीकार किया है कि सरकार बनाने के लिए जनता से भारी समर्थन और दबाव है। तमाम टीवी चैनलों व अखबारों में लगातार सर्वे किए जा रहे हैं जिनमें अधिकांश यही राय मिल रही है कि 'आप' सरकार बनाए। 
 
दिल्‍ली विधानसभा चुनाव में भाजपा के बाद दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी 'आप' को कांग्रेस ने सरकार बनाने के लिए बिना शर्त समर्थन देने की बात कही है। ‘आप’ कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने के मुद्दे पर जनमत संग्रह कर रही है। लोगों की राय के आधार पर पार्टी सोमवार को फैसला करेगी कि सरकार बनाए या नहीं। अब तक मिली राय के मुताबिक अधिकतर लोग इस बात के समर्थन में हैं कि 'आप' दिल्‍ली में सरकार बनाए। 

क़ुरान का सन्देश

 
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