आपका-अख्तर खान

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29 दिसंबर 2013

सुना है

" सुना है वर्फ की चादर फ़ैली है पहाड़ों पर
सुना है ओस की वारिस हुई है देवदारों पर
सुना है सर्द है सूरज सुबह छुप गयी है कोहरे की रजाई में

सुना है सत्य के संकेत सीमित हैं बयानों तक
सुना है प्यार भी बिकने लगा है अब दुकानों पर
सुना है सड़कें रोनक हैं अँधेरे हैं मकानों पर
सुना है रात है गहरी कातिल बैठे हैं मचानो पर
सुना है इस सदी में न्याय की देवी की आँखें बंद हैं
सुना है मन्थराएं मंत्रणाएं कर रही हैं
सुना है स्वान के स्कूल में अब शेरों को पढ़ना है
सुना है शातिरों को शब्दकोषों पर भरोसा है
सुना है एक बूढ़े बाप ने दहेज़ जोड़ा है
सुना है दहेजखोर दामाद ने रिश्तों को निचोड़ा है
सुना है हमको खुदा से प्यार कम पर खौफ ज्यादा है

सुना है कोहरे में दिया दयनीय सा दिखने लगा है
सुना है पिता पर पैसा कम है पर प्यार ज्यादा है
सुना है मां की ममता खिलौनों की दुकानों से डरती है
सुना है एक मछली प्यासी हो कर पानी में ही मरती है
सुना है जिन्दगी जज़बात में सिमिटी है
सुना है एक तितली फूल के दामन से लिपटी है." -- राजीव चतुर्वेदी

याद दिला गयी ,,,

कोटा में आज
सुबह सवेरे
ओलों के साथ बारिश
ठिठुरती सर्दी
तेरे अहसास
तेरे प्यार
तेरी बेवफाई को
याद दिला गयी ,,,
ओले गिरे
बारिश आयी 
उम्मीद जगाई
बस फिर
तुझ बेवफा की तरह
सिकुड़न
सर्द हवाए
ठिठुरन
 देकर चली गयी ,,,,,,अख्तर

राजस्थान में कोंग्रेस की करारी हार के बाद मुख्यरूप से अशोक गेहलोत के नेतृत्व में हो रही हार पर ज़बरदस्त चिंतन मंथन हो रहा है

राजस्थान में कोंग्रेस की करारी हार के बाद मुख्यरूप से अशोक गेहलोत के नेतृत्व में हो रही हार पर ज़बरदस्त चिंतन मंथन हो रहा है ,राजनितिक विश्लेषकों का कहना है के अशोक गेहलोत का नेतृत्व राजस्थान कोंग्रेस को मटियामेट कर देने वाला और भाजपा को ऐतिहासिक जीत देने वाला रहा है ,,,,,वर्ष उन्नीस सो अठ्यानवें में कोंग्रेस की जीत के बाद अशोक गेहलोत को राजस्थान का मुख्यमंत्री बनाया गया लेकिन इनके मुख्यमंत्री काल में हुए वर्ष दो हज़ार तीन के विधानसभा चुनाव में कोंग्रेस की ऐतीहासिक हार रही और भाजपा एक सो पैतीस सीटों पर चुनाव जीती कोंग्रेस तिरेपन सीटों पर सिमट गयी ,,,,,,,,,,,फिर लोकसभा हारे ,अब फिर अशोक गेहलोत को सत्ता दी गयी ,,लेकिन कोंग्रेस की ऐतिहासिक करारी हार रही और हालात यह रहे के कोंग्रेस को राजस्थान में ढूंढना पढ़ रहा है ,, राजस्थान में जब जब भी अशोक गेहलोत मुख्यमंत्री रहे राजस्थान कोंग्रेस का सफाया और ऐतिहासिक सफाया रहा है ,,,,,,,,,,,, राजनितिक विश्लेषकों का कहना है की अशोक गेहलोत की कार्यशैली से पूरा राजस्थान कोंग्रेस से नाराज़ होकर नेगेटिव वोटिंग करता है जबकि खुद अशोक गेहलोत का माली समाज भी कोंग्रेस के खिलाफ क्रोधित होकर भाजपा में वोट डालकर भाजपा को ऐतिहासिक जीत देता है ,,कुल मिलाकर अशोक गेहलोत का नेतृत्व राजस्थान में मनहूस माना जाने लगा है और भाजपा के लिए इसे ऐतिहासिक जीत दिलाने वाला माना गया है क्योंकि अशोक गेहलोत के नेतृत्व वाली सरकार में कोंग्रेस के परम्परागत वोट मुसलमान ,,दलित और खुद इनके समाज के माली लोग कोंग्रेस के खिलाफ एक जुट होकर गुस्से में वोट डालते है क्योंकि इन वोटर्स की हालत गेहलोत के राज में बहुत बहुत बुरी रहती है इन समाजों के केवल दलाल इनके आस पास होते है ,,और नतीजा इन समाजों की कोंग्रेस के खिलाफ नाराज़गी होती है ,,कोंग्रेस हाईकमान इन्ही मुद्दों का विश्लेषण कर रहा है ,,,,,,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

इस साल के ज़ख्म

इस साल के ज़ख्म
कुछ इस तरह से
नासूर बन गए
नया साल मुबारक हो
यह कहने
यह सुनने की हिम्मत
अब हम में कहा रही ,,
सोचते है
मौत हमे आये
हम उनसे दूर बहुत दूर जाए
तो खुशी हो उन्हें
तब कहीं जाकर
उनके लिए
नया साल मुबारक होगा
नया साल मुबारक होगा
इसीलिए तो
खुदा से बस
अब दुआ है यही
हमे मौत आये
तो उन्हें मुबारक हो
नया साल
मुबारक हो उन्हें नया साल ,,,,,,,,,,,,,,,,,

राम के भक्त कहाँ, बन्दा-ए- रहमान कहाँ

राम के भक्त कहाँ, बन्दा-ए- रहमान कहाँ
तू भी हिंदू है कहाँ, मैं भी मुसलमान कहाँ
तेरे हाथों में भी त्रिशूल है गीता की जगह
मेरे हाथों में भी तलवार है कुरआन कहाँ
तू मुझे दोष दे, मैं तुझ पे लगाऊँ इल्जाम
ऐसे आलम में भला अम्न का इम्कान कहाँ
आज तो मन्दिरो मस्जिद में लहू बहता है
पानीपत और पलासी के वो मैदान कहाँ
कर्फ्यू शहर में आसानी से लग सकता है
सर छुपा लेने को फुटपाथ पे इंसान कहाँ
किसी मस्जिद का है गुम्बद, के कलश मन्दिर का
इक थके-हारे परिंदे को ये पहचान कहाँ
पहले इस मुल्क के बच्चों को खिलाओ खाना
फिर बताना उन्हें पैदा हुए भगवान कहाँ

हाँ में झूंठ हूँ

हाँ में झूंठ हूँ
हाँ में फरेब हूँ
हाँ में बेवफा हूँ
हाँ में धोखा हूँ
में और कोई नहीं
ऐ अख्तर सुन
में तेरी महबूब हूँ ,,
हाँ में झूंठ हूँ
हां में फरेब हूँ ,,,,,,अख्तर

'पीने को तो पी जाउ

'पीने को तो पी जाउ ज़हेर भी..
पर शर्त ये है की वो बाहों मे संभाले मुझको''

फिर फिसली मोदी की जुबान अब उत्तराखंड को बता दिया बद्रीनाथ



रांची. भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को जगन्नाथ मैदान में संसद की प्रतिकृति वाले मंच से कांग्रेस पर जमकर गरजे। सबसे पहले उन्होंने लोगों को 'राउरे मन के जोहार' कहा।  फिर कहा, दिल्ली ने कभी भी झारखंड की आवाज सुनी ही नहीं। इसी कारण राज्य पिछड़ता चला गया। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का नाम लिए बगैर कहा कि महंगाई और भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए दिल्ली की सरकार ने कुछ नहीं किया, लेकिन कांग्रेस नेता आकाशवाणी कर रहे हैं। जो महंगाई व भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार हैं, वो आकाशवाणी करके छिप जाते हैं। कोई जिम्मेदारी नहीं लेते।
विजय संकल्प रैली में मोदी ने कहा, पुराने जमाने में आकाशवाणी हुआ करती थी, क्योंकि लोगों को पता नहीं होता था कि दुनिया में क्या हो रहा है? क्या होने वाला है? आकाशवाणी के जरिए उन्हें यह सब पता चलता था। आजकल फिर आकाशवाणी की जा रही है। अगर आकाशवाणी करने वाले नेता में जरा भी ईमानदारी है तो वे बताएं झारखंड में कांग्रेस की गोद में भ्रष्टाचार कैसे पनप रहा है? दिल्ली में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार देश के लिए बोझ और संकट बन गई है। कांग्रेस, उसके नेताओं और उसकी सरकारों तक आवाज ही नहीं पहुंचती।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा, मनमोहन सिंह ने महंगाई के मुद्दे पर मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई थी। उनके नेतृत्व में मुख्यमंत्रियों की कमेटी बनाई गई थी। तीन अन्य मुख्यमंत्री यूपीए और कांग्रेस-शासित राज्यों के थे। हमने 62 बिंदुओं पर काम करने का सुझाव दिया था। 20 कदम तत्काल उठाने की सिफारिश की थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने बहुत अच्छा काम किया है। लेकिन ढाई साल हो गए। कोई कार्रवाई नहीं हुई।
फिसली मोदी की जुबान
भाषण के दौरान नरेंद्र मोदी की जुबान  फिसली। वह बोल रहे थे, एक साथ तीन राज्य बने। बिहार से अलग झारखंड, मध्य प्रदेश से अलग छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश से अलग बद्रीनाथ राज्य बना। लेकिन तत्क्षण उन्होंने अपने बयान को सुधारा और कहा कि बद्रीनाथ नहीं उतराखंड।
झारखंड के लिए 13 से 18 की उम्र का पड़ाव महत्वपूर्ण
मोदी ने कहा कि व्यक्ति के जीवन में उम्र का 13वां वर्ष अहम होता है। 13 से 18 वर्ष के बीच बच्चों का सर्वांगीण विकास होता है। सोच, हुलिया और कद बदल जाता है। झारखंड ने भी 13 की उम्र पूरी कर ली है। अब राज्य के लिए भी अहम वक्तआया है। राज्य की भावनाओं को समझकर उसे आगे ले जाने के लिए दिल्ली की मदद की जरूरत होगी। केंद्र में भाजपा की सरकार बनेगी, तभी यह संभव है। 13 से 18 वर्ष के कालखंड में जो नीतियां बनेंगी, वो राज्य की नींव मजबूत करेंगी। मोदी ने आजादी के बाद से अलग झारखंड राज्य की मांग को दबाए जाने के लिए केंद्र की कांग्रेस सरकारों की आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि 50 साल तक लोगों की आवाज नहीं सुनी गई। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने लोगों की भावना को समझा और अलग झारखंड गठित किया।

दो भाई सबसे पहले करते हैं यहां दर्शन, आज तक कोई नहीं देख पाया इन्हें!



जबलपुर. नवरात्र का समय हो या फिर कैसा भी मौसम, यहां देवी मां के भक्तों की भीड़ पूरे साल जुटती है। लोगों की इस मंदिर के प्रति आस्था इतनी अडिग है कि दूर-दूर से भक्त यहां माता के दर्शन के लिए पहुंचते हैं। मान्यताओं के अनुसार आल्हा और उदल दो भाई जिन्होंने पृथ्वीराज चौहान के साथ युद्ध किया था, वो भी शारदा माता के बड़े भक्त हुआ करते थे। इन दोनों ने ही सबसे पहले जंगलों के बीच शारदा देवी के इस मंदिर की खोज की थी। इसके बाद आल्हा ने इस मंदिर में 12 सालों तक तपस्या कर देवी को प्रसन्न किया था। माता ने उन्हें अमरत्व का आशीर्वाद दिया था।
आल्हा माता को शारदा माई कह कर पुकारा करता था और तभी से ये मंदिर भी माता शारदा माई के नाम से प्रसिद्ध हो गया। आज भी यही मान्यता है कि माता शारदा के दर्शन हर दिन सबसे पहले आल्हा और उदल ही करते हैं। मंदिर के पीछे पहाड़ों के नीचे एक तालाब है जिसे आल्हा तालाब कहा जाता है। तालाब से 2 किलोमीटर और आगे जाने पर एक अखाड़ा मिलता है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यहां आल्हा और उदल कुश्ती लड़ा करते थे।

रूस में महिला फिदायीन ने खुद को उड़ाया, 18 की मौत, शक की सुई 'ब्लैक विडो' पर


रूस के वोल्गाग्राद शहर में रविवार को रेलवे स्टेशन पर हुए आत्‍मघाती हमले में 18 लोगों की मौत हो गई, जबकि 42 लोग घायल हो गए। धमाका रेलवे स्‍टेशन के प्रवेश द्वार पर हुआ, जहां एक महिला फिदायीन ने खुद को उड़ा लिया। इस हमले की जिम्‍मेदारी अभी तक किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली है, लेकिन शक की सूई चेचन विद्रोहियों से जुड़ी 'ब्‍लैक विडो' पर है। 'ब्‍लैक विडो' से जुड़ी महिलाएं इससे पहले भी रूस में फिदायीन हमलों को अंजाम दे चुकी हैं। इस धमाके को रूस में अगले साल 6 से 23 फरवरी तक होने जा रहे 'सोची ओलंपिक्स' के लिहाज से बड़ा झटका माना जा रहा है। आपको बता दें कि चेचन विद्रोहियों ने रूस में ओलंपिक नहीं होने देने की चेतावनी दे रखी है। (देखें धमाके का वीडियो)
 
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सुरक्षा एजेंसियों को हमले की जांच और देश में सुरक्षा बढ़ाने के आदेश दिए हैं। किसी भी अन्य बड़ी घटना की आशंका को देखते हुए देश के सभी बड़े रेलवे स्टेशनों, एयरपोर्ट्स और सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। 
 
बहरहाल, रॉयटर्स के अनुसार, रविवार को आत्मघाती हमलावर ने वोल्गाग्राद स्टेशन के एंट्री गेट पर स्थित मेटल डिटेक्टर के पास खुद को उड़ाया और पलभर में सबकुछ तहस-नहस हो गया। एक टेलीविजन फुटेज में धमाके के दौरान स्टेशन परिसर में धुएं का गुबार उठते हुए दिखाया। घटना के एक प्रत्यक्षदर्शी एलेक्‍जेंडर कोबल्याकोव ने टीवी चैनल रशिया-24 को बताया- धमाके की जगह पर खून से लथपथ लोग पड़े थे। वे मदद की गुहार लगा रहे थे, चिल्‍ला रहे थे। 
 
घटना की जांच कर रहे एक रूसी जांच टीम के प्रवक्ता के मुताबिक, कुल 13 लोगों की मौत हुई है। हालांकि क्षेत्रीय गवर्नर के मुताबिक मरने वालों की संख्या 18 तक पहुंच गई है। रूसी स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्‍ता ओलेग सालागई के मुताबिक धमाके में 42 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। सभी घायलों को मेडिकल एंबुलेंस के जरिए इलाज के लिए मास्को ले जाया गया है। 

अस्‍पतालों की हालत देख भड़के AAP के स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री, पूर्व मुख्‍य सचिव ने बताया 'ड्रामेबाज'



नई दिल्ली. दिल्‍ली के नए सीएम अरविंद केजरीवाल ने रविवार को भी गाजियाबाद में कौशांबी स्थित अपने आवास पर जनता दरबार लगाया। सीएम बनने के बाद केजरीवाल का यह पहला जनता दरबार है। केजरीवाल को सीएम बनने के बाद पहले ही दिन लोगों के विरोध-प्रदर्शन का सामना करना पड़ा तो कुछ लोग उन्‍हें सीएम बनने पर बधाई देने फूलों का गुलदस्‍ता लेकर भी पहुंचे। केजरीवाल के पिता ने उनके लिए रविवार को हवन भी किया (तस्‍वीर में)। दूसरी ओर दिल्ली के नए स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र कुमार जैन अस्पतालों के औचक निरीक्षण का काम लगातार जारी रखे हुए हैं।
 
रविवार शाम को उन्होंने हिंदूराव अस्‍पताल पहुंचे और वहां की दुर्दशा देखकर वह काफी नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि वह सोमवार को एक बैठक करेंगे, जिसमें अस्पताल की मौजूदा स्थिति की समीक्षा करेंगे और यह देखेंगे कि इसे कैसे बेहतर बनाया जा सकता है। शनिवार को शपथ लेने के बाद से ही जैन ने सरकारी अस्पतालों के औचक निरीक्षण का काम शुरू कर दिया था। दो दिनों के अंदर वह सात अस्पताल का दौरा कर चुके हैं। 
 
दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) सहित कुछ अन्‍य विभागों के करीब 250 कर्मचारी केजरीवाल के जनता दरबार में जुटे। केजरीवाल के घर के बाहर जमा हुए डीटीसी के अस्‍थायी कर्मचारियों ने तत्‍काल राहत की मांग करते हुए प्रदर्शन किया। केजरीवाल ने सिस्‍टम ठीक करने और लोगों की समस्‍याएं निपटाने के लिए हफ्ते-10 दिनों का समय मांगा। जनता दरबार में देर से आने के लिए केजरीवाल ने माफी भी मांगी। उन्‍होंने कहा कि तबियत खराब होने की वजह से उन्‍हें थोड़ी देरी हुई। 
 
जनता दरबार में डीटीसी के अस्थायी कर्मचारियों ने अपनी मांगें केजरीवाल के सामने रखी। डीटीसी बसों में अस्थायी चालक और परिचालक के पद पर काम कर रहे कर्मचारियों ने नए सीएम से अपील की है कि उन्हें स्थायी किया जाए।
 
गौरतलब है कि केजरीवाल ने अपनी पार्टी 'आप' के घोषणा-पत्र में वादा किया था कि दिल्ली सरकार के स्थायी कामों में लगे और ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों को स्थायी नियुक्ति दी जाएगी। 
 
इस वादे को याद दिलाने के लिए डीटीसी के कर्मचारी रविवार को केजरीवाल के जनता दरबार में पहुंचे। कर्मचारियों का कहना है कि वह दिल्ली की नियमित परिवहन सेवा में कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं। डीटीसी के एक कर्मचारी ने कहा, 'हमें तीन सौ रुपए प्रतिदिन के हिसाब से काम पर रखा गया है, यह धनराशि हमारे परिवार चलाने के लिए नाकाफी है। लिहाजा हमने मांग की है कि हमें स्थायी नियुक्ति दी जाए।'
 
यूपी पुलिस के कुछ अधिकारी भी रविवार को केजरीवाल के घर पहुंचे और उनसे सुरक्षा लेने की गुजारिश की। पुलिस का कहना है कि केजरीवाल के घर के बाहर भीड़ ज्‍यादा हो जाती है, ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से केजरीवाल को सुरक्षा लेनी चाहिए।
 
दिल्ली में सरकार बनते ही नए मुख्यमंत्री केजरीवाल एक के बाद एक फैसले ले रहे हैं। उनके मंत्रियों ने भी केजरीवाल की तर्ज पर काम करना शुरू कर दिया है। केजरीवाल ने सीएम की कुर्सी संभालते ही नौ अधिकारियों के तबादले किए तो उनके स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री सतेंद्र जैन ने एलएनजेपी अस्‍पताल का औचक निरीक्षण किया। नए स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने अस्‍पताल में कई गड़बडियों की बात कही है।
 
सादगी की मिशाल पेश करने वाले 'आप' के सीएम और उनके मंत्रियों ने सरकारी बंगला और लाल बत्‍ती लेने से इनकार कर दिया है। खुद केजरीवाल भी मुख्‍यमंत्री को मिलने वाला बंगला नहीं ले रहे हैं। दिल्‍ली में उनके रहने के लिए सत्‍य मार्ग, राजनिवास मार्ग और गोल मार्केट में फ्लैट का विकल्‍प है। केजरीवाल आज फ्लैट देखने जाएंगे। 
 
हालांकि केजरीवाल और उनके सहयोगियों की इस सादगी पर टिप्‍पणियां भी हो रही हैं। दिल्‍ली के पूर्व मुख्‍य सचिव उमेश सहगल ने केजरीवाल और उनकी पार्टी पर तंज कसते हुए कहा, 'लाल बत्‍ती और सिक्‍योरिटी हटाकर थोड़ी ड्रामेबाजी कर ली लेकिन 'आप' के बाकी एक्‍शन तो दूसरों से अलग नहीं हैं। सहगल ने अफसरों के तबादलों पर भी सवाल उठाए उन्‍होंने कहा, 'सत्‍ता में आने पर नई सरकारें संदिग्‍ध अफसरों के तबादले करती रही हैं। केजरीवाल ने निजी सचिव बदले, वो तो ठीक है लेकिन जल बोर्ड के डायरेक्‍टरों को क्‍यों बदला गया?'

क़ुरान का सन्देश

 
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