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10 जनवरी 2014

स्वदेश लौटीं देवयानी, भारत ने किया अमेरिकी राजनयिक को निष्कासित


न्यूयॉर्क/नई दिल्ली। भारत ने अमेरिका को एक बार फिर जैसे को तैसा वाले अंदाज में जवाब दिया। मामला राजनयिक देवयानी खोबरागड़े से जुड़ा है। अमेरिका ने वीसा धोखाधड़ी मामले में देवयानी को राहत देने से इनकार कर दिया। कहा, मुकदमा चलेगा। नाराज भारत ने तुरंत कार्रवाई की। देवयानी को देश वापस बुलाया। इसके बाद एक अमेरिकी राजनयिक को निष्कासित कर दिया। उसे देश छोडऩे के लिए 48 घंटे का वक्त दिया गया है। इस बीच देवयानी शुक्रवार रात 9.55 बजे नई दिल्ली पहुंच गईं। उन पर अमेरिकी कोर्ट में नौकरानी संगीता रिचर्ड के वीसा मामले में धोखाधड़ी और झूठे बयान देने के आरोप तय किए गए हैं। इस पर 13 जनवरी को सुनवाई होनी है। लेकिन इससे पहले ही भारत ने उन्हें वापस बुला लिया।  इस मामले में 12 दिसंबर को देवयानी को गिरफ्तार करने के बाद से ही दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हैं।
विवाद बढ़ता देख भारत ने देवयानी को आठ जनवरी को पूर्ण राजनयिक का दर्जा दिया था। नौ जनवरी को अमेरिका ने अनुरोध किया कि भारत देवयानी की राजनयिक छूट खत्म कर दे। भारत ने इनकार किया तो अमेरिका ने उन्हें देश छोडऩे के लिए कह दिया। इस बीच, विदेश सेवा की 39 साल की अधिकारी देवयानी ने कहा, 'मुझ पर लगे आरोप झूठे और आधारहीन हैं। ये गलत साबित होंगे।' उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि इस प्रकरण से उनके परिवार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। देवयानी के बच्चे अब भी अमेरिका में हैं
33 साल बाद दिखाई ऐसी सख्ती 
भारत ने शुक्रवार को ही डायरेक्टर रैंक के अमेरिकी राजनयिक को निष्कासित कर दिया। उसे देश छोडऩे के लिए 48 घंटे का वक्त दिया गया है। यह दूसरा मौका है जब भारत ने अमेरिकी राजनयिक के खिलाफ इतनी सख्त कार्रवाई की है। 33 साल पहले अमेरिकी पॉलिटिकल काउंसलर जॉर्ज ग्रिफिन को भी इसी तरह देश छोडऩे को कहा गया था। तब अमेरिका ने भारतीय राजनयिक प्रभाकर मेनन के साथ ऐसा ही व्यवहार किया था।

AAP के लिए विधायक शोएब ने जद-यू और सांसद राजन ने भाजपा छोड़ी


नई दिल्‍ली. दिल्‍ली में जद-यू के इकलौते विधायक शोएब इकबाल और कांगड़ा से भाजपा सांसद डा. राजन सुशांत ने अपनी-अपनी पार्टी छोड़ दी है। ये दोनों नेता आम आदमी पार्टी में शामिल हो सकते हैं। सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर भी जल्‍द 'आप' के साथ जुड़ने जा रही हैं। दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री और 'आप' संयोजक अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को इसकी पुष्टि की। इसके साथ ही केजरीवाल ने शुक्रवार को  'मैं भी आम आदमी' नामक देशव्‍यापी सदस्‍यता अभियान की शुरुआत का भी एलान किया। अरविंद केजरीवाल ने प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर इस अभियान की घोषणा की। इस अभियान के तहत 26 जनवरी तक 'आप' के साथ एक करोड़ लोगों को जोड़ने का लक्ष्‍य रखा गया है।
 
केजरीवाल ने बताया कि 16 दिन चलने वाले 'मैं भी आम आदमी' अभियान के तहत लोग ऑनलाइन सदस्‍यता भी ले सकते हैं। 'आप' ने सदस्‍यता अभियान से जुड़ने के लिए एक फोन नंबर (07798220033) की भी घोषणा की। इसके अलावा केजरीवाल ने शुक्रवार को भ्रष्‍टाचार विरोधी नया हेल्‍प लाइन नंबर (1031) भी जारी किया। पार्टी के सदस्‍यता अभियान के बारे में उन्‍होंने बताया कि लोग इस नंबर पर कॉल या एसमएस करके भी पार्टी की सदस्‍यता ले सकते हैं। सदस्‍यता के लिए कोई शुल्‍क नहीं रखा गया है। 'मैं भी आम आदमी' अभियान की जिम्‍मेदारी संभाल रहे 'आप' के वरिष्‍ठ नेता गोपाल राय ने बताया कि दिल्‍ली विधानसभा चुनाव के बाद से अब तक तीन लाख लोग इंटरनेट के जरिए पार्टी की सदस्‍यता ले चुके हैं।  
 
आम आदमी पार्टी की सदस्‍यता पाने के लिए ये हैं तीन तरीके 
 
* आम आदमी पार्टी की वेबसाइट aamaadmiparty.org/join-us पर जाकर फार्म भरें
 
* आप सीधे अपने मोबाइल से 07798220033 पर अपना नाम, STD code, विधानसभा का नाम लिखकर SMS कर सकते हैं। इसके बाद आपकी सदस्यता का
  नंबर आपके मोबाइल पर SMS के जरिए भेज दिया जाएगा। 
 
* आम आदमी पार्टी का सदस्य बनने के लिए 07798220033 पर missed call भी कर सकते है
'आप' के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने उत्‍तर प्रदेश सरकार की ओर से दी गई जेड प्‍लस श्रेणी की सुरक्षा को ठुकरा दिया है। उत्‍तर प्रदेश सरकार ने खुफिया रिपोर्ट के आधार पर केजरीवाल को जेड प्‍लस सुरक्षा देने का निर्णय लिया था। जेड प्‍लस श्रेणी सुरक्षा के तहत 30 पुलिसकर्मियों  का घेरा रहता है। शुक्रवार सुबह केजरीवाल इसी सुरक्षा में गाजियाबाद के कौशांबी स्थित अपने घर से निकले थे, लेकिन बाद में उन्‍होंने सुरक्षा लेने से इनकार कर दिया। गौरतलब है कि गाजियाबाद के कौशांबी स्थित आम आदमी पार्टी के दफ्तर पर दो दिन पहले हिंदू रक्षा दल के 50 से 60 सदस्‍यों ने हमला कर दिया था।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एलान किया है कि शनिवार से सचिवालय के सामने सड़क पर हर रोज जनता दरबार लगेगा, जिसमें जनता की समस्याओं का समाधान किया जाएगा।
 
हर शनिवार के जनता दरबार में मुख्यमंत्री सहित सभी मंत्री मौजूद रहेंगे। बाकी दिन रोटेशन से बारी-बारी कोई एक मंत्री जनता की समस्याएं सुनेंगे। वह मंत्री हर विभाग की समस्या सुनेगा और संबंधित विभागों को फॉरवर्ड करेगा। जनता दरबार सुबह साढ़े नौ बजे से ग्यारह बजे तक लगेगा और जरूरत पड़ी तो समय में बढ़ोत्तरी की जा सकती है। इसमें दिल्ली का कोई भी निवासी आ सकता है। उन्होंने कहा कि डीडीए, एमसीडी और दिल्ली पुलिस के बारे में भी उप-राज्यपाल से बात की है कि उसके अधिकारी भी जनता दरबार में मौजूद रहें और जनता की समस्याओं का समाधान करें।
मुख्यमंत्री ने सचिवालय में आयोजित प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में कहा कि जनता की शिकायतें एक लक्षण है, रोग कहीं और है। कहीं न कहीं हमने कोई न कोई गलत नीतियां बना रखी हैं, शिकायतें उसी का नतीजा हैं। लेकिन जब तक हम सारा सिस्टम नहीं सुधारते, हम यह तो नहीं कह सकते कि हम आपकी समस्या का समाधान नहीं करेंगे।
 
केजरीवाल ने बताया कि अर्जेंट कैटेगरी की समस्या को हाथोंहाथ सुलझाया जाएगा जैसे कोई गंभीर बीमार है तो उसे अस्पताल में दाखिला दिलाने के लिए जनता दरबार से ही कॉल होगा। बाकी समस्याओं को पांच कैटेगरी में बांटा जाएगा।
 
पहली कैटेगरी में समस्या पर मंत्री लिखकर देगा कि वह कितने दिन में सुलझेगी। दूसरी कैटेगरी में ऐसी समस्याएं होंगी जिनमें नीति बदलने की जरूरत है तो उसे संबंधित विभाग को ट्रांसफर की जाएंगी। कुछ समस्याएं नहीं बल्कि सुझाव होंगे उन्हें तीसरी कैटेगरी में रखा जाएगा। चौथी कैटेगरी में विभिन्न समस्याएं होंगी जो किसी कैटेगरी में नहीं आ सकी।
 
पांचवीं कैटेगरी में ऐसी समस्या होंगी जो सरकार से संबंधित नहीं है। केजरीवाल ने इस मामले में कहा कि चार दिन पहले एक लड़की ने उनसे आकर कहा कि उसके ब्वॉयफ्रेंड ने शादी करने से मना कर दिया, उसकी शादी करवा दें। तो ऐसे मामले में तो मुख्यमंत्री चाहकर भी कुछ नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि समस्या के समाधान के बाद अधिकारी की कंप्लाएंस रिपोर्ट पर मॉनिटरिंग के लिए भी एक व्यवस्था बनाई गई है क्योंकि अधिकारी कहता है कि उसने समस्या सुलझा दी और व्यक्ति कहता है उसकी समस्या तो जस की तस है। इसके लिए जिसकी शिकायत होगी उसे समाधान के पास विभाग से एक कॉल जाएगा और यदि संतुष्ट नहीं है तो उसे ‘नो’ लिखकर रिवर्ट करना है। फिर उसके पास वॉलिंटियर की टीम जाकर पूछेगी कि उसकी क्या दिक्कत अब भी बनी हुई है। फिर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय की जाएगी कि ऐसी रिपोर्ट कैसे भेज दी। 
 
केजरीवाल ने कहा कि आज हमारे प्रशासन की व्यवस्था इतनी खराब है कि उम्मीद है कि अचानक शिकायतों का अंबार लग जाएगा। इसलिए हमारी बेहतरीन कोशिश व ईमानदार नीयत के बावजूद प्रदर्शन अच्छा नहीं रहने की आशंका है। लेकिन जैसे-जैसे सिस्टम में सुधार आएगा तो शायद शिकायतें कम होना शुरू हो जाएंगी। उन्‍होंने कहा कि एंटी करप्शन के सिस्टम में जितने ट्रैप के मामले होंगे सबको गिरफ्तार कर पाएंगे, लेकिन शिकायतें सुनने के मामले में शायद लोगों की संतुष्टि की दर अच्छी न रहे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जनवरी के अंतिम हफ्ते से लेकर फरवरी के पहले हफ्ते में रामलीला मैदान में एक विशेष सत्र आयोजित करके लोकपाल बिल पारित करेंगे। उन्होंने बताया कि गुरुवार को दिल्ली के मुख्य सचिव एके श्रीवास्तव की अध्यक्षता में जनलोकपाल बिल ड्राफ्ट का परीक्षण करने के लिए एक समिति का गठन किया गया है। समिति को बिल का अंतिम ड्राफ्ट तैयार कर सौंपने के लिए 15 जनवरी तक का वक्त दिया गया है।
 
इस कमेटी में चीफ सेक्रेटरी के अलावा शहरी विकास, विधि, वित्त सचिव के अलावा एडवोकेट राहुल मेहरा होंगे। केजरीवाल ने कहा कि कोशिश करेंगे कि जनवरी के अंतिम हफ्ते या फरवरी के पहले हफ्ते तक रामलीला मैदान में मिलेंगे।

क़ुरान का सन्देश



वाह टोपी तेरा कमाल तुझे मोदी ने क्या ठुकराया तू तो नरेंद्र मोदी और सियासी लोगों के पीछे ही पढ़ गयी

दोस्तों सियासत इंसान की सोच को बदल देती है ,,,,,,,,,,,ऐसा ही एक उदाहरण देश में देखने को मिल रहा है ,,एक वक़त था जब नरेंदर मोदी भाजपा में प्रधानमंत्री के दावेदार होना चाहते थे तब नरेंदर मोदी ने किसी मुस्लिम भाई की दी हुई टोपी पहनने से इंकार करते हुए संदेश दिया था के वोह मुस्लिम संकृति के विरोधी है वोह बताना चाहते थे वोह हिंदूवादी है फिर जवाब में ईद के दिन फ़िल्म कलाकार  रज़ा मुराद मध्यपर्देश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह  को टोपी उढ़ाकर सभी को ईद की मुबारकबाद देते दिखे तो मिडिया के सवाल पर शिवराज सिंह और रजामुराद ने अप्रतयक्ष रूप से नरेंदर मोदी की टोपी वाली घटना बताकर आलोचना की ,मिडिया में भी मोदी समर्थकों ने उनके द्वारा टोपी ठुकराने कि सराहना की ,,लेकिन सर्वधर्म समभाव गनगना जमुना की संस्कृति के अनेकता में एकता वाले देश की बात केवल गुजरात तक सिमित नरेंदर मोदी को गुजरात से बाहर निकलते ही समझ में आ गयी और वोह फिर टोपी भी लगाने  लगे दाड़ी वालों को भी बुलाने लगे गले लगाने लगे और यहाँ तक के मुल्लाओं को गुजरात सरकार का राजकीय अतिथी भी बनाने लगे ,,,,,,,,उनका यह तुष्टिकरण नहीं था सिर्फ सियासत का माहोल था ,आज टोपी का कमाल देखिये के देश का हर आदमी टोपी के पीछे पढ़ा हुआ है मोदी तो कई बार टोपी में दीखते ही है लेकिन आप पार्टी ने टोपी का चलन में हूँ आम आदमी मुझे सवराज चाहिए चला दिया है सभी टोपी पहनने लगे है ,,,,,आम आदमी को देखा तो समाजवादी पार्टी भी टोपी पर आ गयी ,कोंग्रेस की गांधी टोपी घरोंसे निकलने लगी ,,तो आर ऐस एस की नीली टोपी बाहर आ गयी अब भाजपा के प्रचार के लिए बुर्क़े और टोपियों का कारोबार होने लगा इतना ही नहीं खुद भाजपाई अब भगवा टोपी सिलवाकर लगाने लगे है और मोदी को प्रधानमंत्री बनाने का प्रचार कर रहे है वाह टोपी तेरा कमाल तुझे मोदी ने क्या ठुकराया तू तो नरेंद्र मोदी और सियासी लोगों के पीछे ही पढ़ गयी ,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

भाजपा के विधान में अंकित धारा तीन का उलंग्घन करने वाला क्या भाजपा का सदस्य् रहने लायक़ है आप ही बताइये ,,,

दोस्तों सभी जानते है के किसी भी राष्ट्रीय पार्टी को चलाने के लिए हर पार्टी का अपना एक संविधान होता है और उसकी पालना पार्टी के सदस्य को करना ज़रूरी होती है जो सदस्य पार्टी के विधान की पालना नहीं करता उसे पार्टी का सदस्य नहीं पार्टी का गद्दार कहा जाता है ,,भारतीय राष्ट्रीय कोंग्रेस के लोगों ने तो अपने ही संविधान का मज़ाक़ उढ़ाया खुला उलंग्घन  नतीजा उन्हें जनता ने सीधा बाहर का रास्ता दिखा दिया है और अभी फिर वोह बाहर के रास्ते की तरफ है  पार्टी में अराजकता है हार है ,,,,,,,,,,टूटन है ,,अनुशासनहीनता है और बर्बादी का रास्ता है ,,,,,,,,,,,लेकिन भाजपा जो खुद को हमेशा राष्ट्रभक्त और सिद्धांतों पर चलने वाली पार्टी कहती रही है अगर उसी की पार्टी के शीर्ष लोग पार्टी के नीति नियमों का उलंग्घन करे तो क्या वोह भाजपा में रहने लायक़ है इसका फैसला पार्टी का विधान देख कर खुद पार्टीवालों को करना है ,,,,,,,,,,भाजपा के विधान की धारा तीन के मूलदर्शन में लिखा है ,,,,एकात्म मानववाद ,,पार्टी का मूल दर्शन होगा ,, धारा चार में निष्ठाएं परिभाषित है ,जिसमे लिखा है ,,,,,,,,,राष्ट्रवाद और राष्ट्रीय एकात्मता ,लोकतंत्र ,सामाजिक-आर्थिक विषयों पर गांधीवादी दृष्टिकोण ,,जिसमे शोषण मुक्त एवं समतायुक्त समाज की स्थापना हो सके सकारात्मक पंथनिरपेक्षता अर्थात सर्वधर्म सम्भव मूल्यों पर आधारित राजनीति और आर्थिक और राजनितिक विकेंद्रीकरण में पार्टी विश्वास करती है ,,,,,,,यानी इस परिभाषा में पार्टी गांधीवादी विचारधारा पर निर्भर है लेकिन सभी जानते है के गांधी के हत्यारों को महिमामंडित करने वाले लोग भाजपा में है और समर्थक है ,,,,,,,सभी जानते है के गांधी का अपमान करने वाले उनकी छवि धूमिल करने वाले भाजपा में है और भाजपा के समर्थक है ,,,,,,,,इससे भी बढ़ी बात यह है के नरेंदर मोदी जो भाजपा के वरिष्ठ नेता होने के कारण भाजपा से देश के प्रधानमंत्री उम्मीदवार है जो देश का सर्वोच्च पद होता है वोह नरेंदर मोदी गांधी की विचारधारा के खिलाफ है वोह नरेंद्र मोदी अपने गुजरात में जहां महात्मागांधी का गांधीनगर है वहाँ पार्टी के संविधान को सम्पर्पित गांधीवादी  विचारधारा के तहत महात्मा गांधी की बढ़ी मूर्ती स्थापित करना नरेंदर मोदी का परम कर्त्तव्य था लेकिन वहाँ गांधी की मूर्ति नहीं सरदार पटेल की मूर्ति पर अनावश्यक रुपया खर्च किया जा रहा है अब देखिये विधान में गांधी के प्रति समर्पण होना ज़रूरी है और व्यवहार में गांधीवादी दृष्टिकोण नहीं है ऐसे में भाजपा के विधान में अंकित धारा तीन का उलंग्घन करने वाला क्या भाजपा का सदस्य् रहने लायक़ है आप ही बताइये ,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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