विवाद बढ़ता देख भारत ने देवयानी को आठ जनवरी को पूर्ण राजनयिक का दर्जा दिया था। नौ जनवरी को अमेरिका ने अनुरोध किया कि भारत देवयानी की राजनयिक छूट खत्म कर दे। भारत ने इनकार किया तो अमेरिका ने उन्हें देश छोडऩे के लिए कह दिया। इस बीच, विदेश सेवा की 39 साल की अधिकारी देवयानी ने कहा, 'मुझ पर लगे आरोप झूठे और आधारहीन हैं। ये गलत साबित होंगे।' उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि इस प्रकरण से उनके परिवार पर कोई असर नहीं पड़ेगा। देवयानी के बच्चे अब भी अमेरिका में हैं
33 साल बाद दिखाई ऐसी सख्ती
भारत ने शुक्रवार को ही डायरेक्टर रैंक के अमेरिकी राजनयिक को निष्कासित कर दिया। उसे देश छोडऩे के लिए 48 घंटे का वक्त दिया गया है। यह दूसरा मौका है जब भारत ने अमेरिकी राजनयिक के खिलाफ इतनी सख्त कार्रवाई की है। 33 साल पहले अमेरिकी पॉलिटिकल काउंसलर जॉर्ज ग्रिफिन को भी इसी तरह देश छोडऩे को कहा गया था। तब अमेरिका ने भारतीय राजनयिक प्रभाकर मेनन के साथ ऐसा ही व्यवहार किया था।
भारत ने शुक्रवार को ही डायरेक्टर रैंक के अमेरिकी राजनयिक को निष्कासित कर दिया। उसे देश छोडऩे के लिए 48 घंटे का वक्त दिया गया है। यह दूसरा मौका है जब भारत ने अमेरिकी राजनयिक के खिलाफ इतनी सख्त कार्रवाई की है। 33 साल पहले अमेरिकी पॉलिटिकल काउंसलर जॉर्ज ग्रिफिन को भी इसी तरह देश छोडऩे को कहा गया था। तब अमेरिका ने भारतीय राजनयिक प्रभाकर मेनन के साथ ऐसा ही व्यवहार किया था।