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11 जनवरी 2014

पत्रकार आशुतोष ने पहनी AAP की टोपी, बोले- खामोश रहने का वक्‍त नहीं


नई दिल्‍ली. हिंदी न्‍यूज चैनल आईबीएन 7 के मैनेजिंग एडिटर पद से इस्‍तीफा देने वाले आशुतोष शनिवार को आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए। 'आप' के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने आशुतोष को टोपी पहनाकर उनके पार्टी में शामिल होने की औपचारिक घोषणा की। इस मौके पर आशुतोष ने कहा- आजादी के बाद पहली बार देश में बदलाव की लहर है और अगर इस समय हम पीछे रहे तो इतिहास जवाब मांगेगा, इसलिए यह वक्‍त खामोश रहने का नहीं है।  
 
आशुतोष ने कुछ दिन पहले ही आईबीएन 7 के मैनेजिंग एडिटर पद से इस्‍तीफा देते वक्‍त कहा था- इसमें शक नहीं हैं कि मैं 'आप' का प्रशंसक रहा हूं और पार्टी में शामिल होने के विकल्‍प पर गंभीरता से विचार कर रहा हूं। इसके बाद शुक्रवार को आशुतोष एक अंग्रेजी चैनल पर विश्‍लेषक के तौर पर शामिल हुए और उस वक्‍त भी उन्‍होंने 'आप' में शामिल होने के संकेत दिए थे। आशुतोष के बारे में चर्चा है कि वह 'आप' के टिकट पर चांदनी चौक लोकसभा सीट से कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता कपिल सिब्‍बल को चुनौती दे सकते हैं। वैसे 'आप' में शामिल होने वाले आशुतोष पहले पत्रकार नहीं हैं।

यूपी में कुमार विश्‍वास का कड़ा विरोध: लखनऊ में फेंका अंडा, अमेठी में बताया राष्‍ट्रद्रोही



लखनऊ/नई दिल्‍ली. आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्‍वास की लखनऊ में हुई प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में जमकर हंगामा हुआ। उन पर समाजवादी पार्टी के एक कार्यकर्ता ने अंडा भी फेंका। खुद को समाजवादी पार्टी का कार्यकर्ता बताने वाले युवक ने मीडिया से बातचीत में यह भी कहा कि उसे इस बात का दुख है कि वह कुमार विश्‍वास को थप्‍पड़ नहीं मार पाया। कुमार विश्‍वास रविवार को अमेठी जा रहे हैं, इसी क्रम में वह शनिवार को लखनऊ पहुंचे। अमेठी कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी का संसदीय क्षेत्र है, जहां पर 'आप' का विरोध भी शुरू हो गया है। अमेठी में पोस्‍टर लगा कर 'आप' को राष्‍ट्रद्रोही बताया गया है। गुरुवार को राहुल गांधी भी अमेठी जाने वाले थे, लेकिन उनका कार्यक्रम रद्द हो गया।
 
राहुल गांधी शनिवार को बेंगलुरु पहुंचे और छात्रों से मुलाकात की। इसके बाद खबर आई कि राहुल गांधी कर्नाटक के चिकमंगलूर से भी लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं। कुमार विश्‍वास को लखनऊ में पत्रकारों ने जब इसकी जानकारी दी तो उन्‍होंने कहा कि राहुल की दादी इंदिरा गांधी हारने के बाद चिकमंगलूर पहुंची थीं, लेकिन राहुल तो हारने से पहले ही चिकमंगलूर पहुंच गए।

क़ुरान का सन्देश

 

केजरीवाल को छत पर चढ़कर देना पड़ा भाषण, देखें जनता दरबार में अफरातफरी की तस्‍वीरें


नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पहले जनता दरबार में मची अफरा-तफरी के बाद विरोधी उनकी जमकर आलोचना कर रहे हैं। नरेंद्र मोदी का खुला समर्थन करने वाली किरण बेदी ने केजरीवाल पर तंज कसा है। उन्होंने ट्वीट किया, 'भगवान के लिए टीम अरविंद! सचिवालय छत से नहीं चलता, जरूरी समय लेकर लोगों की समस्याएं सुने और उचित निर्णय लें।'
कांग्रेस नेता शकील अहम ने भी केजरीवाल के जनता दरबार पर एक उर्दू शेर के माध्यम से चुटकी ली। उन्होंने कहा 'इब्तदा ए इश्क है, रोता है क्या, आगे-आगे देखिए होता है क्या।'
 
बीजेपी नेता गिरिराज सिंह ने इसे पॉलिटिकल नौटंकी बताया। उन्होंने कहा कि केजरीवाल केवल सस्ती लोकप्रियता के लिए काम कर रहे हैं। विजेंद्र सिंह ने कहा कि केजरीवाल केवल घोषणाओं के माध्यम सरकार चलाना चाहते हैं। 
 
केजरीवाल ने शनिवार को अपने मंत्रियों के साथ दिल्ली सचिवालय के सामने पहला जनता दरबार लगाया, लेकिन यह फ्लॉप शो साबित हुआ। इसमें भीड़ काफी जुट गई और उसे नियंत्रित करने का इंतजाम नाकाफी साबित हुआ। भीड़ को काबू में करने के लिए केजरीवाल को छत पर चढ़ कर अपील करनी पड़ी। उन्‍होंने बदइंतजामी के लिए माफी मांगी और कहा कि कुछ दिन तक जनता दरबार का कार्यक्रम स्‍थगित रहेगा। उन्‍होंने भरोसा दिया कि अगली बार ज्‍यादा पुख्‍ता व्‍यवस्‍था के साथ जनता दरबार आयोजित किया जाएगा।
जनता दरबार का वक्‍त साढ़े नौ बजे से ग्‍यारह बजे तक तय था। भीड़ पहले से ही जुट गई थी। जब केजरीवाल और उनके मंत्री पहुंचे तो लोगों में सीएम केजरीवाल से मिलने की होड़ लग गई। अफरा-तफरी का माहौल बन गया। लिहाजा, केजरीवाल आधे घंटे के भीतर ही अपनी सीट से उठ कर चले गए। उन्‍होंने लोगों को संबोधित किया और जनता दरबार से निकल गए। विपक्षी पार्टियां केजरीवाल के इस तरीके की आलोचना भी कर रही हैं।
बाद में केजरीवाल ने मीडिया के जरिए सफाई देते हुए कहा कि अगर वह उठ कर नहीं जाते तो भगदड़ मच सकती थी। उन्‍होंने बताया कि लोग उनके पास की कुर्सी और टेबल तक पर चढ़ने लगे थे। वह बोले, 'मैं डर गया कि भगदड़ की स्थिति न बन जाए।' बकौल केजरीवाल, लोगों की उम्मीदें बहुत ज्यादा थी, लिहाजा बड़ी संख्या में लोग आए थे।
केजरीवाल ने कहा कि सबसे ज्यादा समस्याएं सरकारी कर्मचारियों की थी। उन्‍होंने बताया कि काफी सारे लोग तो केवल उन्हें बधाई देने के लिए ही आए थे।
करीब 11.30 बजे केजरीवाल जनता दरबार में फिर से आए, लेकिन दूर से ही लोगों के सामने अपनी बात रखी। उन्‍होंने लोगों को कहा कि अव्‍यवस्‍था और भगदड़ के डर से उन्हें बीच में जाना पड़ा। केजरीवाल ने कहा, 'जो भी लोग ठेके पर काम करने की समस्या को लेकर यहां आए हैं वे मुझे दो महीनों को समय दे। इस बीच में अलग विभागों से उनके यहां ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों की लिस्ट मागूंगा। साथ ही उन विभागों से यह भी पूछा जाएगा कि वे इन कर्मचारियों को क्यों नियमित नहीं कर सकते।'

जस्टिस स्‍वतंत्र कुमार ने मेरे ऊपर हाथ रखा और कंधा चूम लिया- पढ़ें एक इंटर्न का हलफनामा

जस्टिस स्‍वतंत्र कुमार ने मेरे ऊपर हाथ रखा और कंधा चूम लिया- पढ़ें एक इंटर्न का हलफनामा


नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस एके गांगुली के बाद एक अन्य मशहूर पूर्व जज जस्टिस स्वतंत्र कुमार (तस्वीर में) के खिलाफ यौन शोषण के मामले में सनसनीखेज बातें सामने आई हैं। अंग्रेजी अखबार 'इंडियन एक्सप्रेस' में छपी खबर के मुताबिक वेस्ट बंगाल नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ जुरिडिकल साइंसेस (एनयूजेएस) कोलकाता की स्टूडेंट और जस्टिस स्वतंत्र कुमार के दफ्तर में मई, 2011 में इंटर्नशिप करने वाली युवा महिला वकील ने आरोप लगाया है कि जस्टिस कुमार ने अपना दायां हाथ उसके ऊपर रखा और उसके बाएं कंधे को चूम लिया। युवा महिला वकील का कहना है कि जस्टिस कुमार की हरकत से उसे बहुत बड़ा झटका लगा।
 
30 नवंबर, 2012 को सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस को भेजे 7 पेज के हलफनामे में स्वतंत्र कुमार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। लेकिन हैरानी की बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट को हलफनामा मिले एक साल से ज्यादा का वक्त गुजर चुका है, लेकिन इस बीच जस्टिस कुमार के खिलाफ कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं हुई है और यह बात अब जाकर दुनिया के सामने आई है। यह घटना जब हुई थी तब जस्टिस स्वतंत्र कुमार सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में काम कर रहे थे।  
 
युवा महिला वकील के आरोपों को सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज और नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल (एनजीटी) के अध्यक्ष जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने झूठा बताया है। जस्टिस कुमार के मुताबिक उस महिला ने उनके साथ इंटर्नशिप नहीं की। कम से कम उन्हें यह याद नहीं है कि आरोप लगाने वाली महिला ने कभी उनके यहां इंटर्नशिप की हो। जस्टिस कुमार का कहना है कि उनके यहां कई लोग इंटर्नशिप करते हैं। 
 
इस मुद्दे पर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल इंदिरा जयसिंह ने एक अंग्रेजी अखबार से कहा, 'जस्टिस स्वतंत्र कुमार ने युवा महिला का यौन उत्पीड़न किया है। उसने मुझ पर भरोसा जताया है और हम इस केस को अंत तक ले जाएंगे। महिला आरोपी जज के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक याचिका दायर करना चाहती है।'
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