रोज़ हालात बदलते है ,,,,,सियासत बदलती है ,देश में माहोल कभी ठंडा कभी गर्म होता है देश के नेता कभी करते है तो कभी बुरा तो कभी बहुत बुरा करते है ,,,देश के अधिकारी देश के समाज सेवक कभी बहतर प्रदर्शन करते है तो कभी घटिया से भी घटिया काम करते है ,,,,मुझे बदलते माहोल पर बदलती सियासत और बदलते हालातों पर रोज़ सच लिखना पढ़ता है जो देखते है उस पर निष्पक्ष टिप्पणी पढ़ती है ,,,,,जो लोग सियासत के किसी बंधन में बंधे है ,जो लोग किसी पार्टी के प्रवक्ता है ,,जो लोग देश के हालातों और सच से ज़यादा नेता अपनी पार्टी की गुलामी करते है ,जो लोग किसी के निजी प्रवक्ता नीजि प्रचारक होते है वोह अच्छा बुरा ना तो समझते है ना देखते है उनके लिए कोई मायने नहीं के देश में आम आदमी के साथ यह ख़ास आदमी क्या करते है बस में तो जो देखता हूँ जो महसूस करता हूँ वोह लिखता हूँ और कई लोग जो मेरे अपने है जो मेरे भाई है वोह सोचते है में कल उसके साथ था , आज उसके खिलाफ हूँ ,कल उसी अच्छाई लिखी थी आज उसकी बुराई क्यूँ लिखी है ,दोस्तों में देश के लिए देश में घट रही घटनाएं और हालात के साथ सियासत का मिजाज़ लिखता हूँ में किसी का गुलाम नहीं जो दिख रहा है वोह लिखता हूँ अब में ठीक करता हूँ या गलत बस मेरा दिल मुझ से कहता है जो देखो वोह लिखो चाहे अपनों चाहे अपने खिलाफ हो क्यूंकी हमे किसी समाज ,किसी पार्टी की पैरवी नहीं करना है हमे देश बचाना है राष्ट्रीयता बचाना है तो आओ हम छोड़े सियासी पार्टियों की दलाली ,,सियासी पार्टियों कि गुलामी वोट किसी को भी दे लेकिन देश के लिए देश की बात दिल से लिखे दिल से कहे आइये आप सभी का स्वागत है सत्कार है ,,,,,,,,,मेरी सियासी चोपाल पर मेरे मंच पर क्यूंकी आप सभी मेरे अपने मेरे भाई हो हमे किसी से भी नफरत करने का हक़ नहीं ,हमे किसी का भी एक तरफा गुणगान करने का हक़ नहीं जो है वोह देखे जो देखे जो सोचे जो महसूस करे वोह लिखे हमारा देश ज़िंदाबाद हो जाएगा मेरा भारत महान भी हो जाएगा और मेरा हिंदुस्तान आज़ाद भी हो जाएगा ,,,,,,,आओ इस सपने को साकार करे ,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
22 जनवरी 2014
शिंदे पर भड़के राहुल ने पूछा- केजरीवाल का धरना खत्म कराने की जल्दी क्या थी?
नई दिल्ली. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
के धरने को खत्म कराने के लिए गृह मंत्रालय की ओर से की गई जल्दबाजी पर
नाराजगी जताई है। कांग्रेस पार्टी के सूत्रों के हवाले से खबर है कि
केजरीवाल का धरना खत्म कराने के लिए हो रहे प्रयासों और अंतिम फैसले के
बारे में सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और राहुल गांधी तक को
सूचना नहीं दी गई थी। राहुल की सबसे ज्यादा नाराजगी इस बात से है कि आखिर
धरने को खत्म करने की इतनी जल्दी क्या थी। उनका तर्क है कि जब आम आदमी
पार्टी को लोगों का समर्थन नहीं मिल रहा था।
'आप' अपने ही बुने जाल में फंस गई थी, ऐसे में उसे धरने पर बैठे रहने देना चाहिए था। दूसरी ओर गृहमंत्री सुशील कुमार
शिंदे ने सफाई दी है कि मामले में उपराज्यपाल नजीब जंग और 'आप' नेताओं के
बीच फैसला हुआ था, जो कि उन्हें स्वीकार करना पड़ा था। शिंदे की सफाई से
राहुल संतुष्ट नहीं हुए हैं, उनका कहना है था कि फैसला लेने से पहले
वरिष्ठ नेताओं के साथ चर्चा क्यों नहीं की गई। गौरतलब है कि केजरीवाल ने
दो पुलिस अधिकारियों को छुट्टी पर भेजे जाने के आश्वासन के बाद धरना खत्म
करने का एलान किया था। उन्होंने अधिकारियों को छुट्टी पर भेजे जाने को
अपनी आंशिक जीत बताया था।
गिरफ्तार हो सकते हैं सोमनाथ भारती, महिला से कहा था भारत छोड़कर नहीं गए तो मार डालेंगे
महिला का बयान धारा-164 के तहत दर्ज किया गया है। उसने कहा, 'मैंने भारती को इसलिए पहचाना क्योंकि वे 15 जनवरी की रात आए थे। अगले दिन वे टीवी पर नजर आए। मौके पर पहुंची दिल्ली पुलिस ने ही हमें भीड़ से बचाया।' धारा 164 के तहत दर्ज बयान अदालत में भी माना जाता है। इस बयान के बाद भाजपा, कांग्रेस और महिला संगठनों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भारती को बर्खास्त करने की मांग की। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली ने तो यहां तक कह दिया कि यदि भारती को नहीं हटाया गया तो समर्थन वापस ले लेंगे। 'आप' के सदस्य कैप्टन गोपीनाथ और 'आप' के बाकी विधायक पहले ही भारती को हटाने की मांग कर चुके हैं। इस सबके बीच मुख्यमंत्री की ओर से तो कोई बयान नहीं आया पर आप ने रुख साफ कर दिया। कहा, 'मामले में न्यायिक जांच जारी है। रिपोर्ट आने तक भारती के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी।'
क्या है मामला
सोमनाथ भारती 15 जनवरी की रात कुछ लोगों के साथ खिड़की एक्सटेंशन पहुंचे। उनका दावा था कि अफ्रीकी लोग ड्रग्स रैकेट और वेश्यावृत्ति कर रहे हैं। पुलिस वालों को बुलाकर उन्होंने छापा मारने को भी कहा। लेकिन पुलिस ने ये कहते हुए मना कर दिया कि बिना वारंट के रात में कार्रवाई नहीं करेंगे। अगले दिन युगांडा की पांच महिलाओं ने भारती और उनके समर्थकों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई। उप राज्यपाल ने न्यायिक जांच के भी आदेश दे दिए।
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