फोटोग्राफर मानस रंजन ने बताया कि जिस प्रकार पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी कर रहे थे, मैं भी प्रेस फोटोग्राफर होने के नाते अपनी ड्यूटी में लग गया। मुझे तो पता भी नहीं चला कि कब कांस्टेबल संदीप तेवतिया ने मेरे गाल पर थप्पड़ मारा और मैं राजघाट गेट के सामने बनी नुकीली जंजीर पर जा गिरा। कुछ पुलिसकर्मी यह नजारा देखकर हंस भी रहे थे, एक पुलिसकर्मी ने उस कांस्टेबल को रोक दिया और फिर वह कांस्टेबल वहां से चला गया। मानस ने कहा कि इस बारे में वह पुलिस आयुक्त से शिकायत कर उपयुक्त कार्रवाई की मांग करेंगे।
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
31 जनवरी 2014
फोटोग्राफर मानस रंजन ने बताया कि जिस प्रकार पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी कर रहे थे, मैं भी प्रेस फोटोग्राफर होने के नाते अपनी ड्यूटी में लग गया। मुझे तो पता भी नहीं चला कि कब कांस्टेबल संदीप तेवतिया ने मेरे गाल पर थप्पड़ मारा और मैं राजघाट गेट के सामने बनी नुकीली जंजीर पर जा गिरा। कुछ पुलिसकर्मी यह नजारा देखकर हंस भी रहे थे, एक पुलिसकर्मी ने उस कांस्टेबल को रोक दिया और फिर वह कांस्टेबल वहां से चला गया। मानस ने कहा कि इस बारे में वह पुलिस आयुक्त से शिकायत कर उपयुक्त कार्रवाई की मांग करेंगे।
इकलौती बेटी के आधे शव की पोटली बांधे भटकता रहा पिता
पहाड़ से दर्द के बीच बिटिया के शव को कुत्तों से बचाने की जद्दोजहद। पीएमसीएच के एक कोने में बेटी के शव की गठरी लेकर पिता उमेश सिंह रतजगा करते रहे। कुछ परिजनों के अलावा दो चौकीदार मददगार थे पर शव को मर्चरी (शव गृह) में भी जगह नहीं मिली। 33 घंटे तक पोस्टमार्टम कराने के लिए दर-दर ठोकर खाते रहे। कभी सिसकते तो कभी फफक-फफक कर रोने लगते। डॉक्टर कोर्ट का आदेश मांगते या दूसरे अस्पताल जाने का फरमान सुना देते।
शव लेकर छपरा से पटना और पीएमसीएच से नालंदा मेडिकल कॉलेज (एनएमसी) के बीच परिजन चक्कर लगाते रहे। आखिरकार शुक्रवार की देर शाम एनएमसी में शव का पोस्टमार्टम हुआ। दरअसल बीते गुरुवार की सुबह छपरा के दाउदपुर थाना क्षेत्र में सोनिया ढाला और बनवार ढाला के बीच रेलवे ट्रैक से अंजू की आधी लाश पुलिस ने बरामद की थी। अंजू के पिता उमेश और भाई राजीव ने बताया कि सुबह शव बरामद करने के बाद पुलिस दाउदपुर थाने ले आई। शाम में छपरा सदर अस्पताल लाया गया पर डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम के लिए पीएमसीएच भेज दिया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से गहराया कांग्रेस MLA के बेटे की मौत का रहस्य
क्या कहना है परिजनों का
नीडो के परिजनों का कहना है कि 29 जनवरी की दोपहर वह अपने तीन दोस्तों के साथ लाजपत नगर मार्केट में गया था। इसी दौरान एक मिठाई की दुकान पर किसी ने उस पर नस्लवादी टिप्पणी कर दी, जिसे लेकर झगड़ा हो गया। नीडो के एक दोस्त ने बताया कि दुकान पर मौजूद लोगों ने उसके बालों को लेकर टिप्पणी की थी। इसके बाद वहां पर पुलिस को बुलाया गया, जिसके बाद पुलिस नीडो को वहां से ले गई, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि थोड़ी देर बाद पुलिस युवक को वहीं पर छोड़ गई, जहां झगड़ा हुआ था। इसके बाद 7 से 8 लोगों ने लाठी और रॉड से नीडो की पिटाई की थी।
एशियन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स की मांग, पुलिसवालों पर भी दर्ज हो केस
इस घटना के बाद एशियन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स (एसीएचआर) ने दिल्ली
पुलिस से नीडो के हत्यारों के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति
(अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। संस्था
के निदेशक सुहास चकमा ने जारी बयान में कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में
नार्थ-ईस्ट के लोगों के खिलाफ नस्लीय हमले बढ़ते ही जा रहे हैं। उन्होंने
दिल्ली पुलिस के उच्च अधिकारियों से मांग की है कि नीडो की रक्षा करने
में असफल रहे पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाना चाहिए। इसके
साथ ही संस्था ने इस मामले की फास्ट ट्रैक अदालत में सुनवाई का अनुरोध भी
किया है।
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