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31 जनवरी 2014


नई दिल्ली. राजघाट पर दोपहर के समय एक हाथी बेकाबू हो गया और राजघाट के मुख्यद्वार की दीवार को क्षतिग्रस्त कर दिया। वहां से गुजर रहे एक अखबार के फोटोग्राफर ने यह देखा तो गुस्साए हाथी की फोटो खींचने लगा। बेकाबू हाथी पर काबू पाने में नाकाम रहे दिल्ली पुलिस के कांस्टेबल ने अपनी खीझ उतारते हुए फोटोग्राफर की ही पिटाई शुरू कर दी। अन्य पुलिसकर्मी वहीं पर खड़े हुए हंसते रहे।
फोटोग्राफर मानस रंजन ने बताया कि जिस प्रकार पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी कर रहे थे, मैं भी प्रेस फोटोग्राफर होने के नाते अपनी ड्यूटी में लग गया। मुझे तो पता भी नहीं चला कि कब कांस्टेबल संदीप तेवतिया ने मेरे गाल पर थप्पड़ मारा और मैं राजघाट गेट के सामने बनी नुकीली जंजीर पर जा गिरा। कुछ पुलिसकर्मी यह नजारा देखकर हंस भी रहे थे, एक पुलिसकर्मी ने उस कांस्टेबल को रोक दिया और फिर वह कांस्टेबल वहां से चला गया। मानस ने कहा कि इस बारे में वह पुलिस आयुक्त से शिकायत कर उपयुक्त कार्रवाई की मांग करेंगे।

इकलौती बेटी के आधे शव की पोटली बांधे भटकता रहा पिता


पटना. आंखों में आंसू। मन में दर्द और सिर पर इकलौती बेटी के शव की पोटली। शव भी आधा। केवल धड़। नीचे का हिस्सा मिला ही नहीं। वही 24 वर्षीय बेटी जिसकी सालभर पहले शादी की थी। बेटी के ससुराल वालों ने कहा-तीन दिन से घर में नहीं है। लाश रेल पटरियों पर मिली।
पहाड़ से दर्द के बीच बिटिया के शव को कुत्तों से बचाने की जद्दोजहद। पीएमसीएच के एक कोने में बेटी के शव की गठरी लेकर पिता उमेश सिंह रतजगा करते रहे। कुछ परिजनों के अलावा दो चौकीदार मददगार थे पर शव को मर्चरी (शव गृह) में भी जगह नहीं मिली। 33 घंटे तक पोस्टमार्टम कराने के लिए दर-दर ठोकर खाते रहे। कभी सिसकते तो कभी फफक-फफक कर रोने लगते। डॉक्टर कोर्ट का आदेश मांगते या दूसरे अस्पताल जाने का फरमान सुना देते।
शव लेकर छपरा से पटना और पीएमसीएच से नालंदा मेडिकल कॉलेज (एनएमसी) के बीच परिजन चक्कर लगाते रहे। आखिरकार शुक्रवार की देर शाम एनएमसी में शव का पोस्टमार्टम हुआ। दरअसल बीते गुरुवार की सुबह छपरा के दाउदपुर थाना क्षेत्र में सोनिया ढाला और बनवार ढाला के बीच रेलवे ट्रैक से अंजू की आधी लाश पुलिस ने बरामद की थी। अंजू के पिता उमेश और भाई राजीव ने बताया कि सुबह शव बरामद करने के बाद पुलिस दाउदपुर थाने ले आई। शाम में छपरा सदर अस्पताल लाया गया पर डॉक्टरों ने पोस्टमार्टम के लिए पीएमसीएच भेज दिया।

पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट से गहराया कांग्रेस MLA के बेटे की मौत का रहस्‍य


पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट से गहराया कांग्रेस MLA के बेटे की मौत का रहस्‍य
नई दिल्‍ली. दक्षिण दिल्‍ली के लाजपत नगर इलाके में अरुणाचल प्रदेश के कांग्रेस विधायक नीडो पवित्रा के बेटे नीडो तानियाम की मौत की गुत्‍थी उलझ गई है। शुक्रवार शाम को आई नीडो के पोस्‍टमार्टम की प्राथमिक रिपोर्ट में गंभीर चोट नहीं होने की बात कही गई है। इससे पहले नीडो के परिजनों ने कहा था कि 29 जनवरी को लाजपत नगर मार्केट में उसका कुछ लोगों के साथ झगड़ा हो गया था, जिसके बाद उसे लाठी और रॉड से पीटा गया था। वह रात को ग्रीन पार्क एक्‍सटेंशन स्थित रूम पर आया और सुबह नहीं उठा। उसकी मौत पीटे जाने से हुई है। बहरहाल इस मामले की मजिस्‍ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं। गौरतलब है कि नीडो की मौत का यह मामला सोशल मीडिया पर चर्चा में आने के बाद प्रकाश में आया। सोशल मीडिया पर इस मामले को नस्‍लीय बताया जा रहा है। इसके अलावा दिल्‍ली पुलिस की भूमिका पर भी नीडो के दोस्‍तों ने सवाल उठाए हैं।
क्‍या कहना है परिजनों का 
नीडो के परिजनों का कहना है कि 29 जनवरी की दोपहर वह अपने तीन दोस्‍तों के साथ लाजपत नगर मार्केट में गया था। इसी दौरान एक मिठाई की दुकान पर किसी ने उस पर नस्‍लवादी टिप्‍पणी कर दी, जिसे लेकर झगड़ा हो गया। नीडो के एक दोस्‍त ने बताया कि दुकान पर मौजूद लोगों ने उसके बालों को लेकर टिप्‍पणी की थी। इसके बाद वहां पर पुलिस को बुलाया गया, जिसके बाद पुलिस नीडो को व‍हां से ले गई, लेकिन हैरान करने वाली बात यह है कि थोड़ी देर बाद पुलिस युवक को वहीं पर छोड़ गई, जहां झगड़ा हुआ था। इसके बाद 7 से 8 लोगों ने लाठी और रॉड से नीडो की पिटाई की थी।
एशियन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स की मांग, पुलिसवालों पर भी दर्ज हो केस 
इस घटना के बाद एशियन सेंटर फॉर ह्यूमन राइट्स (एसीएचआर) ने दिल्‍ली पुलिस से नीडो के हत्‍यारों के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। संस्‍था के निदेशक सुहास चकमा ने जारी बयान में कहा कि राष्‍ट्रीय राजधानी में नार्थ-ईस्‍ट के लोगों के खिलाफ नस्‍लीय हमले बढ़ते ही जा रहे हैं। उन्‍होंने दिल्‍ली पुलिस के उच्‍च अधिकारियों से मांग की है कि नीडो की रक्षा करने में असफल रहे पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया जाना चाहिए। इसके साथ ही संस्‍था ने इस मामले की फास्‍ट ट्रैक अदालत में सुनवाई का अनुरोध भी किया है।

क़ुरान का सन्देश

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