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04 फ़रवरी 2014

केजरीवाल बोले- नीडो के हत्यारों को देंगे फांसी, पुलिस हो या सिविल नहीं बख्शेंगे


नई दिल्ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों से मुलाकात की। ये लोग उत्तर-पूर्व के छात्र नीडो की हत्या के बाद दोषियों को सजा दिए जाने की मांग कर रहे हैं। केजरीवाल ने कहा कि नीडो की हत्या के लिए जिम्मेवार लोगों को बख्शा नहीं जाएगा, वह चाहे पुलिस हो या सिविल, दोषियों के फांसी तक पहुंचाया जाएगा।
 
प्रदर्शन कर रहे लोगों के बीच पहुंचकर केजरीवाल ने कहा,  'यदि इस केस में केवल दिल्ली पुलिस जांच करती तो फैक्ट गायब हो जाते। लेकिन हम मजिस्ट्रेट जांच करा रहे हैं। यानी पुलिस मामले को रफा-दफा नहीं कर सकती। तीन-चार दिन में मजिस्ट्रेट जांच की रिपोर्ट आ जाएगी। इसके आधार पर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। जैसे ही  सच सामने आएगा हम उसके आधार पर दोषी को फांसी देने के लिए काम करेंगे।'
 
केजरीवाल ने राहुल गांधी पर अप्रत्यक्ष तौर पर निशाना साधते हुए कहा, 'आपके पास कई नेता आए होंगे और सब कहते होंगे आगे से हम ऐसा करेंगे लेकिन हम इस केस में न्‍याय चाहते हैं ताकि अगली बार इस तरह की घटना न हो।  मुझे दुख है कि एफआईआर दो दिन के बाद हुई। एफआईआर हमारा मौलिक अधिकार है लेकिन ऐसा नहीं हुआ।'
 
केजरीवाल ने कहा, विदेशी महिला के साथ हुए बलात्‍कार के मामले के बाद जब मैंने दिल्‍ली पुलिस से कहा कि जवाबदेही तय होनी चाहिए तो उन्‍होंने मना कर दिया। दिल्‍ली पुलिस पुरी तरह से भ्रष्‍ट हो गई है। अब जस्टिस सिस्‍टम को ठीक करने की जरूरत है ।
 
शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा, सामाजिक तौर पर हम इस चीज के लिए प्रयास करेंगे कि नस्लीय अपमान पर अंकुश लगाया जा सके। इसके लिए दिल्ली की पाठ्य पुस्तकों में उत्तर-पूर्व पर केंद्रित सामग्री शामिल की जाएगी। साथ ही बच्चों को सिखाया जाएगा कि कैसे महिलाओं या देश के अन्य लोगों का सम्मान करें।
 
गौरतलब है कि अरुणाचल प्रदेश के कांग्रेस विधायक नीडो पवित्रा के बेटे नीडो तानियाम के साथ दिल्ली के लाजपत नगर इलाके में दो दुकानदारों ने 29 जनवरी को मारपीट की थी। अज्ञात लोगों ने पीट-पीटकर नीडो की हत्या कर दी गई थी। नीडो के लिए न्याय की मांग कर रहे छात्र जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं।

7वां वेतन आयोगः जस्टिस माथुर होंगे अध्यक्ष, 80 लाख लोगों को मिलेगा फायदा



नई दिल्ली. यूपीए सरकार ने सरकारी कर्मचारियों को एक और बड़ा चुनावी तोहफा दिया है। केंद्र सरकार ने सातवें वेतन आयोग का गठन कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज अशोक कुमार माथुर को सातवें वेतन आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। जस्टिस माथुर आर्म्ड फोर्सेज ट्रिब्यूनल के प्रमुख भी रह चुके हैं। आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन पहले के मुकाबले और बेहतर हो जाएगा
 
आयोग सुझाएगा कितना बढ़ाया जाए वेतन
50 लाख से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों और 30 लाख से अधिक पेंशनभोगियों को इसका फायदा मिलेगा। यह कमीशन इस बाबत अपनी सिफारिशें देगा कि बदली परिस्थितियों और महंगाई के मद्देनजर कर्मचारियों के वेतन में कितना इजाफा किया जाए। 
 
ये होंगे आयोग के सदस्य
पेट्रोलियम सचिव विवेक राय आयोग के पूर्णकालिक सदस्य होंगे। एनआईपीएफपी के निदेशक रथिन रॉय आयोग के अंशकालिक सदस्य होंगे। व्यय विभाग की ओएसडी मीना अग्रवाल आयोग की सचिव होंगी।
 
क्या है वेतन आयोग ?
सरकार अपने कर्मचारियों के वेतनमान में संशोधन करने के लिए हर दस साल में वेतन आयोग का गठन करती है और अकसर राज्यों द्वारा कुछ संशोधन के साथ इन्हें अपनाया जाता है।
 
वेतन आयोग को अपनी सिफारिशें सौंपने में औसतन 2 वर्ष का समय लगता है। अगर आयोग अपनी सिफारिशें सौंपने में 2 वर्ष का समय लेता है तो इसकी इन्हें  जनवरी 2016 से लागू किया जा सकता है। 
 
पिछले कुछ वेतन आयोग
इससे पहले छठे वेतन आयोग की सिफारिशें एक जनवरी 2006 से लागू हुईं थीं।  छठे वेतन आयोग से पहले पांचवा वेतन आयोग एक जनवरी 1996 और चौथा वेतन आयोग एक जनवरी 1986 को लागू किया गया था

जदयू को डबल झटकाः मंत्री ने छोड़ा पद और पार्टी, प्रदेश अध्यक्ष ने भी दिया इस्तीफा


पटना. जदयू को मंगलवार को डबल झटका लगा है। बिहार की समाज कल्याण मंत्री अफजल परवीन अमानुल्लाह और झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष सह मंत्री राजा पीटर ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। राजा पीटर ने जहां प्रदेश अध्यक्ष के पद से इस्तीफा दिया है, वहीं अफजल परवीन अमानुल्लाह ने भी पार्टी का साथ छोड़ दिया। परवीन अमानुल्लाह का कहना है कि वे समाज सेवा को और बेहतर ढंग से करने के लिए अपने पद और पार्टी से इस्तीफा दिया है।
 
परवीन अमानुल्लाह ने अपना इस्तीफा मंगलवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भेज दिया है। सूत्रों कि मानें तो इस बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय और भाजपा नेता सह पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी परवीन अमानुल्लाह से मिलने उनके घर पहुंचे। इसके साथ ही ये कयास लगाए जा रहे हैं कि परवीन अमानुल्लाह भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर सकती हैं।   
 
परवीन अमानुल्लाह ने इस्तीफा देने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि समाज सेवा और बेहतर ढंग से करने के लिए मैंने अपने पद से इस्तीफा दिया है। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने स्वीकारा कि जो सिस्टम है उसमें मैं  खुलकर काम नहीं पा रही थी। इसी कारण से मैंने अपने पद और पार्टी से इस्तीफा दिया है। परवीन ने साफ कहा कि सिस्टम में और बदलाव की आवश्यकता है। फिलहाल वे इस मामले पर कोई और प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया, लेकिन कहा जा रहा है कि वो पिछले एक साल से नीतीश कुमार से नाराज चल रही थी।

क़ुरान का सन्देश

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