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08 फ़रवरी 2014

याम फेस्टिवल में खूब नाची पुजारिनें, पशुबलि की प्रथा आज भी है जारी



किसी भी कृषि आधारित देश में नई फसल का आने पर बड़ी खुशी का मौका होता है। दुनिया भर के लोग इसे अपने यहां अलग-अलग तरीके से मनाते हैं। लेकिन अफ्रीका के कुछ देशों में इसे मनाने का तरीका विचित्र है। यहां नई फसल पर गाय की बलि की प्रथा अभी प्रचलित है।
गत 29 जनवरी से आइवरी कोस्ट में उत्सव का माहौल है और लोग याम फेस्टिवल (फसल आने पर मनाया जाने वाला पर्व) बड़ी खुशी के साथ मना रहे हैं। विचित्र परंपराओं और प्रथाओं वाले अफ्रीका महाद्वीप के कई देशों में यह पर्व मनाया जाता है। आइवरी कोस्ट का नाम कोट डिवोइरे (Côte d'Ivoire) भी है।
अफ्रीका के छोटे से देश आइवरी कोस्ट के शहर एबेनगौरोउ (Abengourou) में नई फसलें आने पर 'याम' मनाया गया। याम शब्द का अंग्रेजी में अर्थ शकरकंद होता है। एबेनगौरोउ में 'याम' के मौके पर पुजारिनों ने डांस किया और कई तरह के व्यंजन भी बनाएं। लेकिन यहां के लोग इस मौके पर गाय की बलि भी देते हैं। यह हृदय विदारक कुप्रथा आज भी यहां जारी है।
आइवरी कोस्ट की सीमा लाइबेरिया, गुएना, माली, बर्किना फासो और घाना से लगी हुई है। यह यूरोपी देशों का यह उपनिवेश भी रहा है। इसे फ्रांस से 1960 में स्वतंत्रता मिली। यहां की आधिकारिक भाषा अभी फ्रांसीसी है। यहां की राजधानी यमौसेक्रो है। इसकी अनुमानित संख्या लगभग 2 करोड़ 24 लाख है।

गुजरात : देवी-देवताओं को नहीं, व्हेल मछली को पूजा जाता है यहां



वलसाड (गुजरात)। हिंदुस्तान में देवी-देवताओं के अनेकों मंदिर देखे होंगे, लेकिन शायद ऐसे मंदिर के बारे में अब तक न सुना होगा कि जहां व्हेल मछली की हड्डियों की पूजा की जाती है। जी हां, यह मंदिर गुजरात में वलसाड तहसील के मगोद डुंगरी गांव में स्थित है। इस मंदिर को मत्स्य माताजी के नाम से जाना जाता है।

यह मंदिर लगभग 300 साल पुराना है, जिसका निर्माण मछुआरों ने करवाया था। मछली पकड़ने के लिए समुद्र में जाने से पहले यहां रहने वाले सारे मछुआरे इसी मंदिर में माथा टेकते हैं।

मारुति 800 बनना पूरी तरह हुई बंद, जानिए इस कार का 25 साल पुराना सफर



हैदराबाद. भारतीय बाजार की सबसे मशहूर छोटी कार मारुति 800 की कहानी का आखिरकार अंत हो गया। देशभर में मारुति सुजूकी के कई डीलर की रोजी-रोटी बन चुकी और लाखों मध्यम वर्गीय भारतीय ग्राहकों की पहली इस कार का नया संस्करण अब कभी नहीं आएगा।
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजूकी इंडिया ने अपनी इस सबसे सफल कार का उत्पादन बंद करने का फैसला कर लिया है। कंपनी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। हालांकि कंपनी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सी. वी. रमण ने कहा कि इस कार का उत्पादन जरूर बंद कर दिया गया है। लेकिन नियम के मुताबिक अगले 8-10 वर्षों तक इस कार के ग्राहकों को इसके स्पेयर पार्ट्स मिलते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि अब तक हमने जिन कारों को चरणबद्ध तरीके से बाजार से हटाया है, उनके स्पेयर पाट्र्स के लिए यही नियम अपनाया है। हैदराबाद में नई हैचबैक कार सिलेरियो के लांच के मौके पर रमण ने कहा कि पिछले 18 जनवरी को हमने मारुति-800 का उत्पादन पूरी तरह से बंद कर दिया है।
हमें ग्राहकों की जरूरतें पूरी करनी होंगी, लिहाजा हम स्पेयर पाट्र्स मुहैया कराते रहेंगे। मारुति सुजूकी ने घरेलू ऑटो इंडस्ट्री में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाली इस कार की बिक्री देशभर के 13 शहरों में अप्रैल 2010 से ही बंद कर रखी थी। इनमें हैदराबाद, बंगलुरू, कानपुर व पुणे जैसे शहर शामिल हैं।
कैसे शुरू हुआ मारुति का सफर
70 के दशक में ‘पीपुल्स कार’ का सपना संजय गांधी ने देखा था। उस वक्त देश की अर्थव्यवस्था और इन्फ्रास्ट्रक्चर काफी कमज़ोर थे। इसलिए मध्यम वर्ग भारतीयों के लिए कम कीमत की छोटी कार ही आदर्श हो सकती थी। इस कार की डिजाइन और उत्पादन के लिए विशेष अनुबंध हुआ, लेकिन दुर्भाग्य से प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ा। 1980 में संजय गांधी की असामायिक मौत हो गई। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी नहीं चाहती थीं कि उनके बेटे का सपना उसकी मौत के साथ अधूरा रह जाए।

सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में युगांडाई महिला पकड़ी गई


सेक्स रैकेट चलाने के आरोप में युगांडाई महिला पकड़ी गई
 
नई दिल्ली. दक्षिण दिल्ली के खिड़की एक्सटेंशन में अपने देश की महिलाओं को वेश्यावृत्ति में धकेलने के आरोप में युगांडा की एक महिला गिरफ्तार की गई है। पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि तीन युगांडाई महिलाएं 3 फरवरी को दिल्ली सरकार के पास पहुंची थीं और आरोप लगाया था कि उन्हें अच्छी नौकरी देने के वादे के साथ भारत लाया गया, लेकिन उन्हें ड्रग माफियाओं द्वारा बंधक बना लिया गया और वेश्यावृत्ति में धकेल दिया गया। उसके बाद पुलिस उपायुक्त दक्षिण एवं दक्षिण-पूर्व नीला मोहनन ने उनका बयान दर्ज किया। मंगलवार को इस संबंध में मालवीय नगर थाने में एक मामला दर्ज किया गया। 
 
जिस मकान में सोमनाथ भारती ने मारा था छापा, उसी से हुई गिरफ्तार 
 
पीड़ितों से प्राप्त जानकारी के आधार पर शुक्रवार को खिड़की एक्सटेंशन में छापे के दौरान नबाकुला नामक महिला को पकड़ा गया। बताया जाता है कि नबाकुला को उसी भवन से गिरफ्तार किया गया, जहां बिना तलाशी वारंट के आधी रात को छापा मारने के विषय पर दिल्ली के कानून मंत्री सोमनाथ भारती की कुछ वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से कहासुनी हुई थी। आरोपी महिला को शुक्रवार को स्थानीय अदालत में पेश किया गया। पुलिस ने महिला पर आरोप लगाया है कि उसने अन्य महिलाओं को वेश्यावृत्ति में धकेलने के लिए उनके पासपोर्ट आदि छीन लिए। अदालत ने उसे एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। युगांडाई उच्चायोग इस मामले की जांच पर कड़ी नजर रख रहा है।

ये है दुनिया की सबसे लंबी महिला, ढाई किलो चावल से होती है खुराक की शुरुआत



दक्षिण दिनाजपुर (प.बंगाल).  झारखंड जमशेदपुर से महज कुछ ही घंटे की दूरी पर स्थित पं.बंगाल की रहने वाली एक महिला जिसका कद सात फीट आठ इंच है। लगातार बढ़ता ही जा रहा था। वजन  भी। 130 किलो की सिद्दीका परवीन को चार महीने पहले ही गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉड्र्स ने दुनिया की सबसे लंबी महिला का खिताब दिया था। मजदूरी कर पैसे कमाने वाले सिद्दीका के पिता की आमदनी उसकी खुराक पूरी करने में ही निकल जाती है। सिद्दीका अपनी खुराक में करीब ढाई किलो चावल के साथ 20 से ज्यादा रोटियां तक खा जाती हैं। 26 साल की सिद्दीका को दरअसल ब्रेन ट्यूमर था। पिट्यूटिरी ग्लैंड पर। इसी वजह से शरीर में ग्रोथ हॉरमोन की मात्रा सामान्य से दस गुना ज्यादा हो गई थी। ज्यादा वजन ने रीढ़ में कई फ्रैक्चर कर डाले थे। सीधी खड़ी नहीं हो पाती थीं। लेकिन पिछले सप्ताह नई दिल्ली स्थित एम्स में हुए एक जटिल ऑपरेशन के बाद वह बेहतर महसूस कर रही हैं।
शनिवार को ही सिद्दीका दिल्ली  से वापस अपने गांव लौटी। उसने भास्कर को बताया, ऑपरेशन के बाद लग रहा है जैसे सिर से बड़ा बोझ उतर गया है। हालांकि डॉक्टरों का कहना है कि ट्यूमर का एक फीसदी हिस्सा अभी बाकी रह गया है। इसे रेडियोथेरेपी से ठीक किया जाएगा। छह महीने बाद रीढ़ की हड्डी का ऑपरेशन होगा। उसके बाद कई महीनों की फिजियोथेरेपी। तब कहीं जाकर सीधी खड़ी हो पाएगी। उसका हॉरमोन लेवल तो सामान्य हो गया है। लेकिन जीवन सामान्य होने में लंबा समय लगेगा।अचानक बढ़ने लगी उंचाई
दक्षिण दिनाज़पुर जिले के बंसीहारी गांव में पैदा हुई थी सिद्दीका। कोलकाता से पांच सौ किलोमीटर दूर लेकिन बांग्लादेश से सिर्फ पचास किमी। दस साल तक उसकी ग्रोथ सामान्य थी। फिर अचानक लंबी होने लगी। हर साल 4-5 इंच। घर छोटा पडऩे लगा। छत नीची हो गई। पिता अफाजुद्दीन डेढ़ सौ रुपए रोज के खेतिहर मजदूर हैं। हर छह महीने में नए कपड़े सिलाना उनके लिए संभव न था। और न ही भरपेट खाना जुटाना। ढाई किलो चावल और 20 रोटी रोज सिर्फ उसके लिए। जूते का नंबर 16। बच्चों के लिए कौतूहल से ज्यादा मज़ाक का विषय थी वह। कोई पहाड़ पुकारता तो कोई बु़ढिय़ा। रीढ़ की समस्या से झुककर जो चलती थी।
तीन साल पहले जादवपुर विश्वविद्यालय के प्रोफेसर ओम प्रकाश मिश्रा बंसीहारी आए। अफाजुद्दीन ने सिद्दीका के बारे में उन्हें बताया। वे उससे मिले भी। तब सिद्दीका पांच फीट के दरवाजे वाले एक छोटे से कमरे में रहती थी। इसमें घुसने में ही उसे मुश्किल होती थी। घुस जाती तो खड़ी नहीं हो पाती। मिश्राजी ने बड़ा कमरा बनवाने के लिए पांच हजार रुपए दिए। अपने संपर्कों के जरिए उसे राज्य सरकार से भी मदद दिलाई। तब जाकर इलाज हो सका। वरना ट्यूमर की वजह से दृष्टिहीन होने की आशंका थी।

केंद्र की मंजूरी जरूरी बताने वाला ऑर्डर वापस लेने को केजरीवाल ने लिखी चिट्ठी


नई दिल्‍ली. जनलोकपाल बिल को लेकर केंद्र से भिड़ चुके दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तीन फरवरी को गृह मंत्रालय को एक चिट्ठी लिखकर यह मांग की थी कि वह अपने उस नोटिफिकेशन को वापस ले जिसमें कहा गया है कि दिल्ली सरकार को किसी बिल को पास कराने से पहले केंद्र सरकार से मंजूरी लेनी पड़ेगी। 2002 के इस नोटिफिकेशन के चलते केजरीवाल का दिल्ली जनलोकपाल बिल अधर में लटक गया है और इसे असंवैधानिक बताया जा रहा है।
 
केजरीवाल ने समाचार एजेंसी पीटीआई के संपादकों के साथ बातचीत में कहा कि उनकी सरकार ऐसे 'असंवैधानिक नियमों' को स्वीकार नहीं कर सकती है।
 
केजरीवाल ने कहा, 'वह सिर्फ एक आदेश था, जो संविधान के एकदम खिलाफ था। गृह मंत्रालय का आदेश दिल्ली विधानसभा के कानून बनाने की शक्तियों को भला कैसे कमतर कर सकता है। यह बहुत बहुत गंभीर मसला है। मैंने संविधान की शपथ ली है, गृह मंत्रालय के आदेश की नहीं, मैं संविधान का पालन करूंगा।'
 
उन्होंने कहा, 'मुख्यमंत्री बनने के बाद जब मैंने आदेश देखा, मैं पूरी तरह हतप्रभ रह गया। वह ऐसा कैसे कर सकते हैं। तब मैंने अपने अधिकारियों से कहा कि मुझे इतिहास दिखाएं। मेरे पास 13 विधेयकों की सूची है, जिनमें उन्होंने कोई मंजूरी नहीं ली है।'
 
केजरीवाल ने कहा, 'विधेयक छह सात साल तक गृह मंत्रालय के पास पड़े रहते हैं। अगर ऐसा होगा तो विधानसभा कानून कैसे बनाएगी। शीला दीक्षित केंद्र की मंजूरी लिए बिना ही कानून बनाया करती थीं।'

केजरीवाल से मुलाकात के पहले बोले अन्‍ना- जरूरी हुआ तो AAP के खिलाफ भी दूंगा धरना


नई दिल्ली. सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आम आदमी पार्टी पर निशाना साधा है। अन्ना ने कहा कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने उनकी उम्मीदों को पूरा नहीं किया। एक अंग्रेजी अखबार द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अन्ना ने कहा कि लोग सत्ता में आकर बदल जाते हैं। अन्ना ने कहा कि संविधान के हिसाब से यदि केजरीवाल धरना दें तो इसमें कोई गलत बात नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि केजरीवाल सरकार भी किसी गलत काम में लिप्त पाई गई तो वह उनके खिलाफ भी धरना देंगे। हालांकि, शनिवार को अन्‍ना से केजरीवाल की मुलाकात भी हुई। सीएम बनने के बाद पहली बार केजरीवाल ने अन्‍ना से मुलाकात की। उन्‍होंने 20 मिनट तक चली मुलाकात को शिष्‍टाचार भेंट बताया।
 
लोकपाल के बाद अब क्या?
जनलोकपाल को भ्रष्टाचार के खिलाफ सबसे मजबूत हथियार बताने वाले अन्ना ने कहा है कि अब वह लोगों को एक 17 सूत्री प्लान के बारे में बताएंगे। बकौल अन्ना, इससे देश की तस्वीर ही बदल जाएगी।
 
अन्ना की योजना
अन्ना ने कहा कि सुशासन के लिए हमें देश में दवाब समूह बनाने होंगे। उनेहोंने कहा कि उनका अपना एक अलग रास्ता है वह किसी पार्टी का न तो समर्थन करेंगे और न ही किसी पार्टी से जुड़ेंगे। अन्ना ने केंद्र सरकार द्वारा पारित लोकपाल कानून को मजबूत बताते हुए कहा कि इससे साठ से सत्तर फीसदी भ्रष्टाचार कम होगा।
 
राहुल गांधी के बारे में 
राहुल गांधी की  पीएम उम्मीदवारी पर अन्ना ने कहा कि राहुल हों या मोदी, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। दोनों ही  पार्टियां  हमारे लिए ठीक नहीं है।

राहुल क्‍यों बोले कि चाय वालों की इज्‍जत करो, उल्‍लू बनाने वालों की नहीं, समझिए

नई दिल्‍ली. कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को गुजरात के बारदोली में जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, 'हिंदुस्‍तान का हर आदमी कोई न कोई काम करता है। कोई चाय बेचता है, कोई टैक्‍सी चलता है, कोई खेती करता है। हमें सबका सम्‍मान करना चाहिए। चाय बेचने वालों का भी, मजदूरों का भी, किसानों का भी। लेकिन, जो दूसरों को उल्‍लू बनाते हैं उनका सम्‍मान नहीं करना चाहिए।' दो दिन पहले ही राहुल पार्टी प्रवक्‍ताओं से कह चुके हैं कि वे मोदी के चाय बेचने को लेकर कोई टिप्‍पणी नहीं करें। फिर, शनिवार को उन्‍होंने खुद चाय बेचने वालों का जिक्र क्‍यों किया?
 
'डैमेज कंट्रोल' की कोशिश
मणिशंकर अय्यर ने कुछ दिन पहले एआईसीसी बैठक से पहले कहा था, 'मोदी इस सदी में तो पीएम नहीं बन सकते। हां, अगर वह एआईसीसी सम्‍मेलन में चाय बेचना चाहें तो कुछ इंतजाम हो सकता है।' उनके इस बयान को भाजपा ने चायवालों की बेइज्‍जती बताया। शायद इसी की भरपाई के लिए राहुल ने अलग तरीके से मोदी को निशाना भी बनाया और चाय बेचने वालों की बेइज्‍जती के आरोप की काट भी निकाली।
 
भाजपा ने चाय का मुद्दा चुनावी बना दिया है 
 
अय्यर के बयान के कुछ दिन बाद ही भाजपा नमो टी स्‍टॉल पर लोगों को चाय पिलाने लगी और लोगों के सामने 'चाय पे चर्चा' नामक चुनावी कैंपेन की पूरी योजना लोगों के सामने रख गई। पार्टी 12 फरवरी से इस अभियान के तहत टी स्‍टॉल पर नरेंद्र मोदी के साथ लोगों का संवाद करवाने जा रही है। गुजरात में भी बड़ी संख्‍या में नमो टी स्‍टॉल खोले गए हैं। इसके मद्देनजर राहुल ने चाय को लेकर हो रही भाजपाई राजनीति की धार कुंद करने के मकसद से यह बयान दिया होगा।
 
कांग्रेस के अभियान को मजबूती देना
मोदी के मुताबिक वह बचपन में चाय बेचा करते थे। भाजपा और मोदी लगभग हर सभा में किसी न किसी बहाने इसका जिक्र करते हैं। हालांकि, गुजरात के कांग्रेसी नेता इसके खिलाफ अभियान चलाते रहे हैं और मोदी के इस दावे को गलत बताते हैं। राहुल का यह बयान स्‍थानीय कांग्रेस के अभियान के समर्थन और उसे मजबूती देने की कोशिश के रूप में देखा जा सकता है।
 
तात्‍कालिक कारण 
मोदी ने शनिवार को असम में रैली की। असम चाय के लिए मशहूर है। ऐसे में यहां मोदी के लिए चाय का जिक्र नहीं करना मुमकिन नहीं था। राहुल के लिए भी तत्‍काल इसकी काट देना जरूरी था। मोदी ने इंफाल और गुवाहाटी की सभाओं में जो बातें कीं, राहुल ने लगभग सभी का जवाब गुजरात की अपनी जनसभा में दिया।

राहुल ने हर वार पर किया पलटवार, पर चेन्नई में चुप रहे मोदी


राहुल ने हर वार पर किया पलटवार, पर चेन्नई में चुप रहे मोदी
चेन्नई. शनिवार को भाजपा के पीएम पद के उम्‍मीदवार नरेंद्र मोदी और कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी के बीच जम कर जबानी तीर चले। राहुल ने मोदी के गढ़ (गुजरात के बरदोली) में पदयात्रा और जनसभा कर निशाना साधा तो मोदी ने पूर्वोत्‍तर ( इंफाल और गुवाहाटी) में रैलियां कर कांग्रेस पर हमले किए। लेकिन शनिवार रात करीब नौ बजे जब मोदी ने चेन्नई में चुनावी रैली को संबोधित किया तो राहुल के पलटवार पर वह लगभग चुप ही रहे। उन्होंने भ्रष्टाचार, गरीबी, कमजोर विकास नीति को मुद्दा बनाकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। मोदी ने इशारों में डीएमके पर तो वार किया लेकिन तमिलनाडु में सत्ताधारी एआईएडीएमके और सीएम जयललिता पर कुछ नहीं बोले। इसे जयललिता की पार्टी से गठबंधन का विकल्प खुला रखने की बीजेपी की नीति का हिस्सा माना जा रहा है। मोदी ने बुधवार की कोलकाता रैली में भी ममता बनर्जी पर नरम रुख अपनाया था इसे लेकर सवाल भी उठे थे।  
 
राहुल-मोदी के बीच में कैसी छिड़ी जुबानी जंग
 
पटेल-गांधी पर 
मोदी ने कहा कि कांग्रेस को पटेल याद नहीं रहे, उन्‍होंने 60 साल बाद याद करने को मजबूर कर दिया। भाजपा के लिए सरदार पटेल राजनेता नहीं, बल्कि राष्‍ट्रीय नेता थे। 
 
राहुल बोले कि गुजरात के नेताओं को गांधी और पटेल के बारे में कुछ पता नहीं है। उन्‍होंने इन नेताओं के बारे में कुछ नहीं पढ़ा है। मोदी पटेल की प्रतिमा तो बनवाना चाहते हैं, लेकिन यह जानते ही नहीं कि सरदार पटेल होने के क्‍या मायने थे।
 
गांधी के बारे में राहुल ने आरएसएस को निशाने पर लिया और कहा कि आरएसएस ने गांधी की हत्‍या की थी। इसका जवाब भाजपा ने यह कर दिया कि राहुल शंकर सिंह वाघेला को भूल गए जो कांग्रेस में हैं और उनका आरएसएस से बेहद करीबी रिश्‍ता रहा था।
 
चाय पर
गुवाहाटी में मोदी ने कहा कि आप तो जानते हैं कि चाय से हमारा विशेष नाता है। 
 
 
राहुल ने जो कहा और जो भूल गए या जान-बूझ कर जिसकी बात नहीं की
- कहा कि गुजरात में किसान आत्महत्या कर रहे हैं (लेकिन, विदर्भ की बात नहीं की)
- बोले- गुजरात में भ्रष्टाचार है ( लेकिन, 2जी, कोलगेट, सीडब्‍ल्‍यूजी घोटोले का जिक्र नहीं किया)
- सरदार पटेल की मूर्ति बनाने के अभियान पर तंज कसा कि लोग मूर्तियां बनाते हैं (लेकिन, मुंबई में बनने जा रही शिवाजी की मूर्ति के बारे में नहीं बताया)

क़ुरान का सन्देश

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