आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

13 फ़रवरी 2014

पहले वर्दी देखी, फिर क्लासरूम, अब स्कूल में पढ़ेगा गूगल ब्वॉय कौटिल्य पंडित

पंचकूला. देश-दुनिया में गूगल ब्वॉय के नाम से मशहूर हो रहा 6 साल का कौटिल्य पंडित पंचकूला के भवन विद्यालय, सेक्टर-15 में पढ़ेगा। बुधवार को कौटिल्य अपने पिता सतीश शर्मा और दादा जयकिशन शर्मा के साथ स्कूल में एडमिशन लेने पहुंचा। कौटिल्य को क्लास-2 में एडमिशन दिया गया है। इसी स्कूल में कौटिल्य की बहन दीक्षा ने तीसरी और मृदुल ने पांचवीं में एडमिशन लिया है।
एडमिशन के दौरान कौटिल्य हमेशा की तरह एक्टिव दिखा। उसने प्रिंसिपल से स्कूल की ड्रेस और क्लासरूम दिखाने को कहा। स्कूल की एंट्रेंस पर लगी संस्थापक की मूर्ति के सामने नमन किया। दीवारों पर लिखे श्लोक पढ़े। स्कूल को मिली ट्रॉफीज और फोटोग्राफ भी देखे। वहीं लगी कपिल सिब्बल की तस्वीर देखकर कौटिल्य बोला- कपिल सिब्बल चंडीगढ़ के सेंट जोंस में पढ़े हैं।
भवन विद्यालय के ऑनरेरी सेक्रेटरी कुलभूषण गोयल ने कहा कि कौटिल्य और उसकी बहनों को एडमिशन देकर स्कूल गर्व महसूस करता है। इनकी पढ़ाई का पूरा खर्च विद्यालय उठाएगा। इस बात का खास ध्यान रखा जाएगा कि उनका ओवरऑल डेवलपमेंट हो और इंडियन कल्चर की भी जानकारी मिले। सतीश शर्मा के फ्रेंड एके सिंगला ने उन्हें इस स्कूल में एडमिशन लेने की सलाह दी। सिंगला का बेटा भी इसी स्कूल से पढ़ा है और अब पेक से इंजीनियरिंग कर रहा है।
देश में है अनेक कौटिल्य-दादा जयकिशन
कौटिल्य के माध्यम से मैं यह संदेश देना चाहता हूं कि देशभर में अनेक कौटिल्य हैं। आप अपने बच्चे की प्रतिभा को पहचानिए। खास तौर पर घर के बुजुर्ग बच्चों को पूरा समय दें। उनकी उत्सुकता शांत करें। उनकी प्रतिभा को पहचानकर सामने लाएं।
-जयकिशन शर्मा, कौटिल्य के दादा
जिज्ञासा से ही कौटिल्य बना गूगल ब्वॉय: शर्मा
कौटिल्य में जिज्ञासा है। हमने भी उसकी जिज्ञासा को जीवित रखा। कई पेरेंट्स अपने बच्चों को अभी छोटा होने के कारण सारी जानकारी नहीं देते। कौटिल्य हमसे पूछता रहा और हम उसके हर सवाल का जवाब देते रहे, कई सवालों के जवाब हमें भी किताबों में ढूंढऩे पड़े। बेटे की नॉलेज इतनी बढ़ गई कि लोग उसे गूगल ब्वॉय कहते हैं। मैं चाहता हूं कि सीबीएसई में टॉप करने के बजाय वह वर्ल्ड टॉपर बने।
-सतीश शर्मा, कौटिल्य के पिता

सवा रु. में दुल्हन ले गया NRI लेकिन चवन्नी ने किया घंटों परेशान



कैथल.  एनआरआई ने शादी तो सवा रुपए में की ही है, उसकी सगाई के दौरान शगुन की कहानी भी दिलचस्प है। सितंबर 2014 में माजरा गांव वासी एनआरआई सतविंद्र सिंह इंडिया आए थे। इसी दौरान, रिश्तेदारों की मदद से सगाई की बातचीत चली। दोनों परिवार लड़का-लड़की को देखने आए थे। परिवार के सदस्यों ने लड़के और लड़की को एक-दूसरे को दिखा दिया। जब लड़के ने लड़की को पसंद कर लिया तो दोनों ही परिवारों ने सगाई की रस्म अदा की। 
 
सगाई के दौरान गुरुद्वारा में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की हजूरी में लड़के-लड़की ने माथा टेका। इसी दौरान, जब लड़की वाले 21 से 51 हजार रुपए लड़के को शगुन में देने की तैयारी कर रहे थे तो एनआरआई सतविंद्र सिंह और उसके पिता अजीत सिंह ने कहा कि वे सगाई में सवा रुपए के शगुन की रस्म अदा करें। 
 
इस दौरान परिवार के सदस्यों को एक रुपया तो आसानी से मिल गया लेकिन चव्वनी नहीं मिली। जब लड़की के परिजनों ने कहा कि चव्वनी नहीं मिल रही तो इस पर  सतविंद्र सिंह ने कहा कि शगुन में वे सवा रुपए ही लेंगे। लड़की के पिता लखविंद्र सिंह ने बताया कि वे चव्वनी ढूंढने के लिए बाजार की दुकानों पर घूमते रहे। एक घंटे के बाद उन्हें बड़ी मुश्किल से चव्वनी मिली। 
 शादी के जश्न की सभी तैयारियां पूरी थी। एनआरआई की बारात आई। ढोल, बैंडबाजे पर डांस हुआ। वर और वधू पक्ष के परिवारों में गले मिलने की रस्म हुई। लेकिन इस दौरान सोने के गहने डालने की रस्म नहीं हुई और न ही शादी में दहेज के सामान की कोई लिस्ट दी गई। लड़की के पिता ने शगुन में सवा रुपए देकर रस्में पूरी की। दोनों परिवारों के मौजूद सदस्यों ने एक-दूसरे को फूल मालाएं देकर स्वागत किया।
लड़की के पिता ने लड़के के हाथ पर सवा रुपए शगुन के तौर पर रखे और सर्बजीत को शगुन की चुन्नी ओढ़ाई गई। इस दौरान लड़के के परिवार ने न तो सोने के गहने लिए और न ही परिवार और रिश्तेदारों को शगुन के तौर पर दिए जाने वाले 1100 रुपए लिए। लड़के के पिता अजीत सिंह ने लड़की वालों को कहा कि वे शादी भी सवा रुपए में ही करेंगे। इसके लिए उन्हें दहेज का सामान या कीमती गाड़ी खरीदने की जरूरत नहीं। एनआरआई की सवा रुपए वाली शादी को देखने वाले हर व्यक्ति ने तालियां बजाई और एक नई रस्म की शुरुआत के गवाह बने। गुरुद्वारा में श्री गुरू ग्रंथ साहिब की हजूरी में फेरे हुए और दूल्हा सतविंदर सिंह और दुल्हन सर्बजीत कौर शादी के बंधन में बंध गए। कक्योर माजरा गांव के रहने वाले एनआरआई अजीत सिंह बेटे की बारात रविवार को जगदीशपुरा गांव में लेकर आए थे। यहां लखविंदर सिंह की पुत्री सर्बजीत कौर से उसका विवाह हुआ। शादी में कार और लाखों रुपए का दान दहेज लेने की बजाए सवा रुपए में रस्में पूरी की गई। गांव के लोगों ने बारात का जोरदार स्वागत किया।

दिल्ली विधानसभा में हंगामाः केजरीवाल ने बताया कांग्रेस-बीजेपी की सांठगांठ


दिल्ली विधानसभा में हंगामाः केजरीवाल ने बताया कांग्रेस-बीजेपी की सांठगांठ
जनलोकपाल बिल पर आर-पार की लड़ाई लड़ रहे दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर यू-टर्न ले लिया है। गुरुवार को जनलोकपाल बिल पेश करने का फैसला सरकार ने टाल दिया है। बुधवार को तैयार एजेंडे के मुताबिक बिल पेश होना था। लेकिन, गुरुवार को विधानसभा में जो एजेंडा पेश किया गया उसमें जनलोकपाल बिल पेश किए जाने का जिक्र नहीं था। 
 
इससे पहले केजरीवाल सरकार को केंद्र सरकार की ओर से बड़ा झटका लगा था। कानून मंत्रालय ने दिल्‍ली के उपराज्‍यपाल (एलजी) नजीब जंग को राय दी है कि इस बिल को विधानसभा में पेश करने से पहले सरकार को उनकी (एलजी) मंजूरी लेनी होगी। इसके साथ ही इस बात की संभावना बढ़ गई थी कि केजरीवाल सरकार आज दिल्‍ली विधानसभा के सत्र में जनलोकपाल बिल को पेश नहीं कर सकेगी। 
 
केजरीवाल सरकार को झटका
कानून मंत्रालय ने कहा है कि दिल्‍ली जनलोकपाल बिल, 2014 वित्‍तीय विधेयक है। लिहाजा इस पर दिल्‍ली सरकार को केंद्र से पहले मंजूरी लेनी ही होगी। कानून मंत्रालय ने यह भी कहा है कि ट्रांजैक्‍शन ऑफ बिजनेस ऑफ द गर्वनमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ डेल्‍ही रूल्‍स, 1991 के नियम 55 और 56 संवैधानिक हैं। कानून सचिव पी.के. मल्‍होत्रा ने बुधवार को गृह मंत्रालय को यह रिपोर्ट भेजी है।
 
केजरीवाल का क्‍या है दावा
केजरीवाल का कहना है कि अगर दिल्‍ली विधानसभा को हर बिल पास करने से पहले केंद्र की मंजूरी लेनी पड़े तो फिर विधानसभा का मतलब क्‍या रह जाएगा? इस दलील के साथ उन्‍होंने केंद्रीय गृह मंत्रालय से ट्रांजैक्‍शन बिजनेस रूल में बदलाव की भी मांग की है। मंत्रालय इससे इनकार कर चुका है। 
 
इसी खींचतान के चलते एलजी नजीब जंग ने कानून मंत्रालय से राय मांगी थी। राय दो सवालों पर मांगी गई थी। पहला कि क्‍या जनलोकपाल बिल को विधानसभा में रखे जाने से पहले एलजी की मंजूरी जरूरी है? और दूसरा, कि क्‍या ट्रांजैक्‍शन ऑफ बिजनेस ऑफ द गर्वनमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ डेल्‍ही रूल्‍स, 1991 के नियम 55 और 56 संवैधानिक हैं? मंत्रालय ने दोनों ही सवालों के जवाब हां में दिए हैं। 
 
अब आगे क्‍या हो सकता है
1. केजरीवाल सरकार इस सत्र में विधानसभा में बिल पेश करे ही नहीं।
2. हंगामे और विरोध के बावजूद सत्र के दौरान किसी दिन केजरीवाल सरकार बिल पेश कर दे। 
3. बिल पारित कराने में कोई पार्टी सहयोग नहीं करे।
4. भाजपा मतदान का बहिष्‍कार कर गैरहाजिर हो जाए और बिल पारित हो जाए। पर बाद में एलजी मंजूरी देने से इनकार कर दें।  
 
बिल पर वोटिंग हुई तो विधानसभा में कौन किधर जा सकता है
 
केजरीवाल की पार्टी के 27 विधायक : बिल का समर्थन करेंगे 
कांग्रेस के आठ विधायक: समर्थन शायद ही करें, क्‍योंकि वे कह चुके हैं कि असंवैधानिक बिल को समर्थन नहीं देंगे
जद(यू) छोड़ चुके विधायक शोएब इकबाल: सरकार के साथ हैं, पर वह कह चुके हैं कि केजरीवाल सरकार संविधान से ऊपर नहीं। ऐसे में उनका रुख साफ नहीं है।  
बिनोद कुमार बिन्‍नी: बिल के खिलाफ, क्‍योंकि 'आप' उन्‍हें निकाल चुकी है और वह सरकार से समर्थन वापस ले चुके हैं। (पढें- बिन्‍नी का पूरा प्रोफाइल)
रामबीर शौकीन: निर्दलीय शौकीन ने सरकार को समर्थन देना बंद कर दिया है, इसलिए वह बिल के खिलाफ ही वोट करेंगे।
भाजपा के 32 विधायक: मतदान से गैरहाजिर रह सकते हैं। 

दिल्ली विधानसभा में हंगामाः केजरीवाल ने बताया कांग्रेस-बीजेपी की सांठगांठ


नई दिल्‍ली. कानून मंत्री सोमनाथ भारती के इस्तीफे की मांग को गुरुवार को दिल्ली विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। इस्तीफे की मांग को लेकर बीजेपी विधायक नारेबाजी करते हुए विधानसभा के बीच में आ गए। इसके चलते अध्यक्ष को दो बार सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि विधानसभा में जो कुछ हुआ उससे कांग्रेस और बीजेपी के बीच सांठगांठ सामने आ गई है।
 
किस मसले पर हुआ हंगामा 
विधानसभा की बैठक शुरू हुई तो अध्यक्ष ने अपने संबोधन में इसे विशेष सत्र बताया। इस पर बीजेपी ने आपत्ति जताई। बीजेपी ने मांग की कि इसे बजट सत्र कहा जाए। विधानसभा का चार-दिवसीय यह सत्र अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार ने जनलोकपाल विधेयक और स्वराज विधेयकों को पारित करने के लिए बुलाया है। 
 
बीजेपी ने कानून मंत्री सोमनाथ भारती के खिलाफ ध्यानाकर्षण प्रस्ताव का नोटिस दिया। अध्यक्ष एमएस धीर ने उसे पढ़कर सुनाया और उसके बाद भारती की टिप्पणी मांगी गई। अध्यक्ष ने बीजेपी सदस्यों से कहा कि भारती का जवाब मिलने के बाद वह अपनी व्यवस्था देंगे, लेकिन बीजेपी विधायकों ने भारती का विरोध करना शुरू कर दिया और वे सदन के बीचोबीच चले गए।
 
इस्तीफे को लेकर बीजेपी के साथ आई कांग्रेस 
खिड़की एक्सटेंशन मामले में भारती के इस्तीफे की मांग का कांग्रेस विधायकों भी समर्थन किया। सोमनाथ भारती ने पिछले महीने दक्षिण दिल्ली के खिड़की एक्सटेंशन में कुछ अफ्रीकी नागरिकों द्वारा मादक पदार्थ की तस्करी एवं देह व्यापार का आरोप लगाते हुए  छापा मारा था। इसे लेकर जमकर राजनीतिक बवाल हुआ।

SURVEY: 101 सीटों तक सिमट जाएगी यूपीए, मोदी भी नहीं दिला पाएंगे बहुमत



नई दिल्ली. अंग्रेजी समाचार चैनल टाइम्स नाउ और सी वोटर के चुनाव पूर्व सर्वे के मुताबिक नरेंद्र मोदी की लीडरशिप में बीजेपी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर देगी। सर्वे के मुताबिक मोदी की लहर के चलते एनडीए को 227 मिलेंगी। यूपीए 101 पर सिमटकर रह जाएगी। क्षेत्रीय पर्टियां सरकार बनाने में सबसे अहम भूमिका निभाएंगी। सर्वे के मुताबिक अन्य पार्टियों को इस बार 215 सीटें मिलेंगी। खास बात यह है कि मोदी बीजेपी को मिशन 272 फतह नहीं करा पाएंगे। 
 
सर्वे कहता है 
कुल सीट - 543
एनडीए -227
यूपीए- 101
अन्य - 215
 
दिल्ली में कांग्रेस का सफाया
सर्वे के मुताबिक दिल्ली में कांग्रेस का सफाया हो जाएगा। आगामी चुनावों में दिल्ली की कुल 7 सीटों में से बीजेपी को 4 और आम आदमी पार्टी को 3 सीटें मिलती नजर आ रही हैं। 
 
आंध्र प्रदेश
कुल सीट- 42
कांग्रेस-  6
टीडीपी- 10
टीआरएस- 10
एआईएमआईएम-  1
YSR कांग्रेस - 13
 
गुजरात
कुल सीटः 26
कांग्रेस-  4
बीजेपी-   22
 
मध्य प्रदेश
कुल सीट-  29
बीजेपी-    24
कांग्रेस-    5

मिर्च स्प्रे करने वाले सांसद बोले- महिलाएं इस्तेमाल कर सकती हैं तो मैं क्यों नहीं?

 

 

 





नई दिल्‍ली.  तेलंगाना बिल पेश करने के दौरान गुरुवार को लोकसभा में सांसद द्वारा कथित रूप से चाकू निकालने और मिर्च पाउडर छिड़कने की घटना पर कांग्रेस नेता राजीव शुक्‍ला ने कहा है कि सदन में मौजूद सभी सांसदों को मारने की साजिश थी। लेकिन , सदन में मिर्च स्प्रे करने वाले सांसद एल राजगोपाल ने कहा है कि यदि  आत्मरक्षा के लिए महिलाएं मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल कर सकती हैं वह क्यों नहीं?
राजगोपाल ने अपना बचाव करते हुए कहा कहा, 'मैं टीडीपी सांसद एम वेणुगोपाल रेड्डी को बचाने के लिए सदन के बीच गया था। वहां कांग्रेस सांसदों ने रेड्डी पर हमला कर दिया था। मैं दौड़कर उन्हें बचाने पहुंचा तो कांग्रेस सांसद मेरे ऊपर भी टूट पड़े। तब आत्मरक्षा में मैंने मिर्च स्प्रे का इस्तेमाल किया।'
पांच दिन के लिए 17 सांसद सस्पेंड
लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार ने इस मसले पर कार्रवाई करते हुए हंगामा करने वाले 17 सांसदों को पांच दिन के लिए सस्पेंड कर दिया है। इनमें  एल. राजगोपाल, एम. वेणुगोपाल और जगनमोहन रेड्डी शामिल हैं। उधर, नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्‍वराज ने कहा है कि उनकी पार्टी अब सरकार के साथ कोई सहयोग नहीं करेंगीं। उन्‍होंने कहा कि प्रधानमंत्री के बुलाए जाने पर उन्‍होंने सलाह दी थी कि पहले रेल बजट पारित कराया जाए, अंदरूनी विरोध शांत किया जाए और तब तेलंगाना बिल पेश किया जाए। सुषमा बोलीं, 'बुला कर सलाह मांगते हैं और मानते हैं नहीं। इसलिए अब हम कोई सहयोग नहीं करेंगे।'
संसदीय इतिहास का काला अध्याय
लोकसभा चुनाव से पहले तेलंगाना का मुद्दा इतना गरमाया कि गुरुवार को भारत के संसदीय इतिहास में एक काला अध्‍याय लिख गया। सरकार ने विरोध, मारपीट, मिर्च पाउडर के छिड़काव जैसी घटनाओं के बीच अलग तेलंगाना बनाने का बिल पेश करने की औपचारिकता पूरी की। इसका विरोध करने वाले सांसद मारपीट पर उतारू हो गए। तोड़फोड़ की। कांग्रेस से निकाले गए विजयवाड़ा से सांसद एल. राजगोपाल ने मिर्च का पाउडर छिड़क दिया। आंध्र के सांसद एम. वेणुगोपाल पर चाकू निकालने का आरोप है। हालांकि, उनका कहना है कि उन्‍होंने माइक तोड़ा थी और उसे ही हाथ में लिया था, जिसे चाकू बताया जा रहा है।
बेहोश हो गए थे सांसद
घटना के बाद जब कई सांसदों की तबीयत खराब होने लगी तो उन्हें पास के राममनोहर लोहिया अस्पताल ले जाया गया। जरूरी उपचार के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई। टीडीपी के सांसद  के नारायण राव बेहोश गए। उन्हें आरएमएल अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालांकि यह साफ नहीं है कि वह मिर्च स्प्रे के कारण बेहोश हुए या डायबिटिक समस्या के चलते।
आंखों देखी
भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने बताया कि आंध्र के सांसद सदन में असामान्‍य रूप से खड़े थे। मैंने उनसे पूछा कि आप लोग ऐसे क्‍यों खड़े हैं? उन्‍होंने कहा कि यहां कुछ होने वाला है। 12 बजे जैसे ही तेलंगाना बिल पेश करने के लिए कहा गया, आंध्र के सांसद सदन के आसन की ओर जाने लगे। एक सांसद ने मेज का शीशा तोड़ दिया। राज बब्‍बर ने उन्‍हें रोका। एक सांसद ने चाकू तक निकाल लिया। एल. राजगोपाल ने कुछ स्‍प्रे कर दिया। जिसके बाद सब खांसने लगे। मार्शल से लेकर मीडिया गैलरी में बैठे पत्रकार तक इसकी गैस से परेशान हो गए। मैंने सुषमा जी से कहा कि आप यहां से निकलें। हमारे वरिष्‍ठ नेता वहां बैठे हुए थे।
पूरा घटनाक्रम:  
12 बजे लोकसभा में बिल पेश करने के लिए गृह मंत्री को स्‍पीकर ने कहा। गृह मंत्री उठे।
टीडीपी, टीआरएस, कांग्रेस के सांसद विरोध करने लगे। वे स्‍पीकर के आसन तक जाने लगे। राज बब्‍बर आदि सांसदों ने उन्‍हें रोका।  
सांसदों ने बिल छीनने की कोशिश की। मारपीट की नौबत आ गई। माइक तोड़ी गई। टेबल पर लगे शीशे तोड़े गए।
इसी बीच एक सांसद ने कुछ स्‍प्रे किया। बताया जाता है कि मिर्च का पाउडर छिड़का गया। यह पाउडर छिड़कने का आरोप विजयवाड़ा से सांसद एल. राजगोपाल पर लगा है।
स्‍प्रे होते ही कई सांसदों की तबीयत खराब होने लगी। स्‍पीकर मीरा कुमार भी खांसने लगीं और उठ कर चली गईं। वह सदन स्‍थगित करने का निर्देश तक नहीं दे सकीं।
डॉक्‍टर सदन के भीतर आए। इसके बाद तीन एंबुलेंस बुलाए गए। कई सांसदों को अस्‍पताल ले जाया गया।

क़ुरान का सन्देश

 
Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...