आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

15 फ़रवरी 2014

AAP नेता ने अपने राज्‍यस्‍तरीय बॉस को पटक-पटक कर पीटा


रांची/धनबाद। झारखंड में आम आदमी पार्टी में वर्चस्व की जंग तेज हो गई है। जिला से लेकर प्रदेश स्तर तक घमासान मचा हुआ है। हंगामा और मारपीट आम हो गई है। देश की कोयला राजधानी धनबाद में शुक्रवार को गांधी सेवा सदन में भी यह नजारा देखने को मिला। चार दिन पूर्व ही पार्टी के प्रदेश अभियान समिति के संयोजक बनाए गए विश्वनाथ बागी की सरेआम जमकर पिटाई की गई। स्वयं को पार्टी का जिला संयोजक बताने वाले प्रशांत शाही ने उन्हें पटक-पटक कर पीटा। उन पर सांसद से पांच लाख रुपए लेकर पार्टी को बर्बाद करने का आरोप लगाया। बागी के साथ आए समर्थकों ने बीच- बचाव कर हंगामे को शांत कराया और इसकी सूचना पुलिस को दी।
इस दौरान शाही को भी पीटा गया। सूचना पाकर सदर थाना की पुलिस गांधी सेवा सदन पहुंची और प्रशांत को हिरासत में लेकर थाने ले गई। थाना में दोनों पक्ष ने मारपीट की लिखित शिकायत की है। शाही को पुलिस ने निजी मुचलके पर जमानत पर रिहा कर दिया।
रांची में वरीय नेता सोमनाथ त्रिपाठी पर फेंके थे अंडे - टमाटर 
अभी इस महीने के शुरुआत में रांची में भी आप पार्टी के कार्यकर्ताओं ने पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता और झारखंड के तीन सदस्यीय चुनावी तैयारी समिति के सदस्य सोमनाथ त्रिपाठी पर हाथ चलाए थे और उनोर अंडे- टमाटर फेंके थे। स्थिति ऐसी हो गई थी कि सोमनाथ त्रिपाठी को कार्यकर्ताओं के विरोध को देखते हुए रोड़ पर भागना पड़ा था।
आप के कार्यकर्ताओं का कहना था कि पार्टी ने ऐसे लोगों को झारखंड के चुनाव अभियान समिति (लोकसभा चुनाव के लिए) का सदस्य बना दिया है जिसे यहां कोई जानता तक नहीं और उन्होंने यहां पार्टी को मजबूती देने में कोई योगदान भी नहीं दिया है। कार्यकर्ताओ ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में चुनाव अभियान समिति के इन सदस्यों को कार्यकर्ता स्वीकार नहीं करेंगे। कार्यकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया था कि पैसे लेकर चुनाव अभियान समिति में सदस्यों को स्थान दिया गया है।
इसलिए हुआ था हंगामा
 
झारखंड तैयारी समिति के सदस्य सोमनाथ त्रिपाठी ने प्रेस कांफ्रेंस बुलाया था। सोमनाथ को पत्रकारों का यह जानकारी देनी थी कि आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में झारखंड के लिए लोकसभा चुनाव तैयारी अभियान समिति के लिए 11 सदस्य तय किए है। जो झारखंड में आगामी लोकसभा चुनाव में मुख्य भूमिका में रहेंगे। लेकिन इसकी घोषणा करने से पहले ही पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया।
 
इनके कारण हुआ था रांची में विवाद
 
कार्यकर्ताओं के अनुसार समिति में इन सदस्यों के नाम आने से विवाद। मिथिलेश दांगी, दयामनि बारला, दिगंबर साह, विश्वनाथ बागी, विजय चौरसिया शत्रुघ्न ओझा, विद्यता मुर्मू, रामनाथ और मांडी।
आगे पढ़ें, धनबाद में शुक्रवार को हुए हमले के बाद आप नेता विश्वनाथ बागी ने क्या कहा और कैसे शुरू हुई उनकी पिटाई -
फोटो : विद्युत वर्मा।
फोटो कैप्शन : पार्टी के प्रदेश अभियान समिति के संयोजक बनाए गए विश्वनाथ बागी को धनबाद में पीटते आप पार्टी के कार्यकर्ता।

आरएसएस ने खेला हिंदू कार्ड, कहा- देशभर में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार



नई दिल्ली. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी जहां अल्पसंख्यक कार्ड के जरिए मुस्लिमों पर पहुंच बनाने की जुगाड़ में हैं, वहीं राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) ने उत्तर प्रदेश में भाजपा को सभी 80 सीटों पर विजयी दिलाने के लिए हिंदुओं से एकजुट होने का आह्वान किया है। माना जाता है कि संघ भाजपा की रीढ़ की हड्डी है। लेकिन अब यही रीढ़ विरोधियों (अल्पसंख्यकों) की चाल को निष्फल करने के लिए हिंदुओं को एकजुट होने को कह रही है।
बंद कमरे में हुई चर्चा
आरएसएस के वरिष्ठ नेताओं ने गुरुवार को बनारस के निवेदिता शिक्षा सदन के बंद कमरे में मीटिंग कर देश भर में खास कर उत्तर प्रदेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार पर चिंतन किया। इस गुप्त बैठक में आरएसएस नेता काशी प्रांत और सर संघ संचालक मोहन भागवत के बीच लोकसभा चुनाव की रणनीति को लेकर भी गहन बातचीत हुई। आरएसएस के वरिष्ठ नेता इंद्रेश कुमार और मधुभाई कुलकर्णी भी संघ के 30 प्रचारकों के साथ बैठक में मौजूद थे। संघ की अगली बैठक 16 फरवरी यानी रविवार को होने वाली है।
मुजफ्फरनगर हिंसा का जिक्र
भागवत ने कहा कि यूपी समेत देशभर में हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं। उन्होंने मुजफ्फरनगर हिंसा का जिक्र करते हुए उसे एक सबूत के तौर पर बताया। भागवत ने इस बात पर जोर डाला कि ऐसे हमलों में हिंदुओं पर ही सबसे ज्यादा अत्याचार हुआ है। उन्होंने कहा कि आम चुनाव बाद जो अगली सरकार बनेगी, उसे उन लोगों पर सख्ती से पेश आना होगा, ताकि भविष्य में इस तरह की घटना दोबारा ना हो।

कांग्रेस का दक्षिण अभियानः राहुल का बीजेपी पर हमला, सोनिया रहीं 'डिफेंसिव'



बेलगाम. कांग्रेस ने दक्षिण भारत में आज दो रैलियों को संबोधित किया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केरल के कोच्चि में जनसभा की तो पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कर्नाटक के बेलगाम में चुनावी सभा को संबोधित किया। राहुल गांधी ने यहां बीजेपी नेताओं पर निशाने साधते हुए कहा कि उन्हें कर्नाटक में हुआ भ्रष्टाचार नहीं दिखता। उन्होंने कर्नाटक को लूटने के लिए मंत्रियों को ब्लैंक चैक दिए। वहीं यूपीए अध्यक्ष अध्यक्ष विपक्षी पार्टी पर हमलावर होने के बजाय रक्षात्मक मुद्रा में नजर आईं। हालांकि, उन्होंने महिला सुरक्षा बिल पास न होने के लिए विपक्षी पार्टियों को जिम्मेदार ठहराया।  
 
राहुल गांधी ने कहा- बीजेपी ने उड़ाया था राजीव गांधी का मजाक
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस गरीबों की लड़ाई लड़ती है। राहुल गांधी ने कहा कि उनके पिता राजीव ने कंप्यूटर लाने की घोषणा की तो बीजेपी के लोगों ने संसद में उनका मजाक उड़ाया था, बीजेपी नेताओं का कहना था कि इससे लोगों की नौकरियां खत्म हो जाएंगी। लेकिन आज दुनिया इस बात की गवाह है कि भारत में आईटी के कारण ही बड़े सकरात्मक बदलाव हुए। 
 
राहुल ने कहा, कर्नाटक में आईटी की सफलता हुई क्योंकि हमने सभी लोगों का फायदा किया। बाद में बीजेपी के लोग आते हैं भाषण देते हैं कि इंडिया सुपर पावर बन सकता है लेकिन बनाया किसने कांग्रेस पार्टी ने, कर्नाटक की गरीब जनता ने। लेकिन आज बीजेपी के वही लोग कंप्यूटर की प्रगति का बखान करते हैं।'
 
भ्रष्टाचार पर बोले
राहुल गांधी ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि वे देशभर में करप्शन के खिलाफ बोलते हैं लेकिन उन्हें कर्नाटक का करप्शन नजर नहीं आता। कर्नाटक के 16 मंत्री जेल गए। बीजेपी ने कर्नाटक को लूटा। छत्तीसगढ़ में हो रहा करप्शन बीजेपी को नजर नहीं आता। गुजरात में बीजेपी को करप्शन नहीं आता और देश में ये लोग करप्शन के खिलाफ झंड़ा लेकर घूम रहे हैं।
 
कांग्रेस की योजनाओं का किया बखान
राहुल गांधी ने कहा कि हमने जनता को अधिकार दिए। हमने खाद्य सुरक्षा कानून लाकर लोगों को भोजन का अधिकार दिया। सूचना का अधिकार दिया। लोकपाल कानून कांग्रेस ने दिए, जबकि बीजेपी ने इसमें रोड़े अटकाए।
मनरेगा देकर हमने रोजगार दिया। राहुल गांधी ने कहा कि हम संसद में कई और बिल पास करने की कोशिश रहे हैं लेकिन बीजेपी हमें संसद में रोक रही है। 
 
लोकसभा सीटों के हिसाब से केरल और कर्नाटक में बीजेपी-कांग्रेस की स्थिति 
 
केरल 
कुल सीट -20
कांग्रेस - 13
गैर कांग्रेसी- 7
बीजेपी -0
 
कर्नाटक 
कुल सीट - 28
बीजेपी -19
कांग्रेस -6
अन्य- 3

ममता का मोदी पर निशाना, कहा- चाय के अड्डों पर बैठने में नहीं यकीन



दुर्गापुर. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी के पीएम पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने मोदी की 'चाय पे चर्चा' को लेकर कहा कि उनकी पार्टी चुनाव से ठीक पहले  चाय की दुकान पर बैठने में भरोसा नहीं करती है।
 
पार्टी कार्यकर्ताओं की सभा को संबोधित करते हुए ममता ने कहा, 'बीजेपी की तरह हम चुनाव से ठीक से पहले चाय के अड्डों पर बैठने में भरोसा नहीं करते हैं। बीजेपी चाय पिलाकर वोट मांग रही है।' ममता ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनावों में उनकी लड़ाई कांग्रेस, बीजेपी और सीपीआई (एम) के खिलाफ है। 
उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से यह भी कहा कि हमें भूलना नहीं चाहिए कि तृणमूल कांग्रेस का जन्म कांग्रेस के खराब शासन के कारण हुआ है। 
 
दिल्ली पर निगाहें
ममता ने कहा कि उनकी पार्टी बीजेपी की तरह नहीं है, हम हमेशा से ही लोगों के करीब रहे हैं। ममता ने कहा कि वह कंक्रीट के जंगल (बड़े भवनों) में बैठने के बजाय सड़कों पर लोगों के बीच बैठना पसंद करेंगे। 
इशारों में ही ममता ने दिल्ली विजय की चाहत जताते हुए कहा कि वह चाहती है कि उनकी पार्टी नेशनल लेवल पर पहुंचे ताकि हम देश में बंगाल का गौरव दोबारा स्थापित कर सकें। 
 
क्या है इसके राजनीतिक मायने 
ममता बनर्जी लोकसभा चुनाव से पहले मोदी के धड़े में शामिल नहीं हो सकती है। पश्चिम बंगाल में कुल मतदाताओं में मुसलमानों की हिस्सेदारी 30 फीसदी है। ममता को यदि राज्य की ज्यादातर लोकसभा सीटों पर कब्जा जमाना है तो उन्हें  मुस्लिम वोटों को अपने पक्ष में करना ही होगा। 
जहां तक बीजेपी का सवाल है तो पार्टी की पश्चिम बंगाल के खाते से केवल एक लोकसभा सीट है, लिहाजा वह जानती है। पश्चिम बंगाल में कुल 42 लोकसभा सीट हैं जिनमें ममता की पार्टी के पास अभी 19 हैं। लिहाजा बीजेपी ममता के बिना पश्चिम बंगाल में कुछ नहीं कर सकती है।
लिहाजा ममता का मोदी पर संतुलित हमला करना उसकी तय चुनावी रणनीति हो सकता है। 
 
ममता के लेकर नरम हैं मोदी 
ममता बनर्जी भले ही मोदी को लेकर हमलावर हो गई हों लेकिन मोदी उनके साथ किसी तरह की तकरार के मूड में नहीं है। हाल में में मोदी ने कोलकाता में चुनावी रैली को संबोधित किया था लेकिन वहां भी उन्होंने ममता बनर्जी पर हमला करने की जहमत नहीं उठाई। 
दरअसल, पश्चिम बंगाल में बीजेपी की स्थिति लगभग शून्य है। लिहाजा मोदी चुनाव के बाद तृणमूल से गठबंधन के विकल्प खुला रखना चाहते हैं।

वैलेंटाइन डे पार्टी के नाम पर लड़की को ले जाकर किया रेप, अस्‍पताल के बाहर फेंका



नई दिल्‍ली। वैलेंटाइन डे पर, शुक्रवार को दिल्‍ली के दामन पर दाग लगाने वाली एक और वारदात घटी। शहर में 17 वर्षीय स्‍कूली छात्रा के साथ उसी के दोस्‍त ने निर्ममता से दुष्‍कर्म किया और उसे दक्षिणी दिल्‍ली के एक अस्‍पताल में फेंक कर चला गया। डॉक्‍टरों ने लड़की को अस्‍पताल में बुरी हालत में पाया। उसके प्राइवेट पार्ट्स से खून बह रहा था।
अब लड़की की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है। हालांकि वह अब भी एम्‍स में डॉक्‍टरों की निगरानी में है। मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस ने 24 वर्षीय आरोपी की गिरफ्तारी के लिए तुरंत टीमें रवाना कीं। उसे गिरफ्तार कर लिया गया है। आरोपी मालवीय नगर का रहने वाला है।
पीड़ित छात्रा ने पुलिस को बताया कि शुक्रवार को जब वह अपने स्‍कूल से वापस घर जा रही थी तो आरोपी ने उसे रोक कर अपने दोस्‍त के यहां वैलेंटाइन डे और अपना जन्‍मदिन सेलिब्रेट करने का झांसा दिया और उसे साथ ले गया। लड़की के अनुसार, आरोपी उसे एक फ्लैट पर ले गया। यहां आरोपी ने उसके साथ बलात्‍कार किया और किसी को न बताने की धमकी दी। आज ही पीड़िता का जन्‍मदिन है और वह 18 साल की हो गई है।

मिडल क्लास की पसंद बनकर उभरे मोदी, राहुल केजरीवाल से भी पिछड़े



नई दिल्ली. बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी 'मिडल क्लास' की पसंद बनकर उभर रहे हैं। कम से कम चुनावी सर्वे तो ऐसी ही तस्वीर पेश कर रहे हैं। इंडिया टुडे-सी वोटर ने देश के 17463 लोगों से बात कर एक सर्वे किया है। ये लोग समाज के मध्य वर्ग कहे जाने वाले तबके से ताल्लुक रखते हैं। इनमें उच्च मध्य वर्ग, मध्य मध्य वर्ग और निम्न मध्य वर्ग शामिल है। लोकसभा चुनाव में यह तबका बहुत अहमियत रखता है। सर्वे में प्रधानमंत्री पद के दावेदारों, अहम मुद्दों को लेकर जनता की राय मांगी गई। मोदी मिडल क्लास के 52.5 फीसदी लोगों की नजर में प्रधानमंत्री पद के सबसे काबिल उम्मीदवार हैं। मध्य वर्ग के 15.8 फीसदी लोगों की नजर में अरविंद केजरीवाल और 11.5 फीसदी लोगों की नजर में राहुल गांधी  प्रधानमंत्री पद के सबसे काबिल उम्मीदवार हैं। सर्वे के विस्तृत नतीजे इस तरह से हैं: 
 
नरेंद्र मोदी
 
पीएम पद के लिए पहली पसंद 
 
मध्य वर्ग में नरेंद्र मोदी को लेकर उत्साह दिख रहा है। इस तबके के 52.5 फीसदी लोग मोदी को प्रधानमंत्री पद के लिए अपनी पसंद मानते हैं। मध्य वर्ग के तहत आने वाला उच्च मध्य वर्ग (अपर मिडल क्लास) मोदी पर फिदा है। सर्वे में शामिल इस वर्ग के 57 फीसदी लोगों ने मोदी को अपनी पसंद बताया है। वहीं, मध्य मध्य वर्ग 54.2 फीसदी और निम्न मध्य वर्ग के 49.1 फीसदी लोग मोदी को प्रधानमंत्री पद के अच्छे उम्मीदवार के रूप में देखते हैं। यह आंकड़ा मोदी को राहुल गांधी, मनमोहन सिंह और अरविंद केजरीवाल से कहीं आगे खड़ा करता है।  
 
 
कितने हैं संतुष्ट 
 
मध्य वर्ग के 52.5 फीसदी लोग मोदी के कामकाज से बहुत ज्यादा खुश हैं। वहीं इस तबके के 17.6 फीसदी लोग कुछ हद तक मोदी के काम से संतुष्ट हैं। मिडल क्लास के 18.7 फीसदी लोग मोदी के प्रदर्शन से बिल्कुल खुश नहीं है। वहीं, 11.1 फीसदी लोग इस बारे में कोई राय नहीं रखते हैं। उच्च मध्य वर्ग में 57.7 फीसदी लोग मोदी के कामकाज से खुश, 16.9 फीसदी कुछ हद तक संतुष्ट, 19.3 फीसदी बिल्कुल खुश नहीं और 6.1 फीसदी कोई राय नहीं रखते। मध्य मध्य वर्ग के 53.2 फीसदी लोग मोदी के कामकाज से बहुत खुश, 17.2 फीसदी कुछ हद तक संतुष्ट, 17.7 फीसदी बिल्कुल खुश नहीं और 11.9 फीसदी इस बारे में कोई राय नहीं रखते हैं। निम्न मध्य वर्ग के 51.1 फीसदी लोग मोदी के कामकाज से काफी संतुष्ट हैं। इस तबके के 18.2 फीसदी लोग मोदी के कामकाज से कुछ हद तक संतुष्ट, 19.8 फीसदी बिल्कुल खुश नहीं और 10.9 फीसदी लोग इस बारे में कोई राय नहीं रखते हैं। 
 
इन आंकड़ों को ऐसे समझिए
 
कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार में भ्रष्टाचार, महंगाई और बेरोजगारी के चलते इस वर्ग का उससे मोहभंग कई सर्वे में साफ दिख रहा है। इस वर्ग में आम आदमी पार्टी ने अपनी पैठ बनाई। लेकिन केजरीवाल की 49 दिनों तक चली सरकार के गिरने और उसके कामकाज के तरीके से मध्य वर्ग के एक हिस्से में आम आदमी पार्टी को लेकर नाराजगी पनप रही है। सर्वे इस बात की तरफ इशारा कर रहा है। मोदी को कांग्रेस से नाराजगी और आम आदमी पार्टी के रुख से फायदा मिलता दिख रहा है। मोदी ने विकास के गुजरात मॉडल, अपनी असरदार प्रशासक की इमेज, निर्णय लेने वाली सरकार की छवि की जबर्दस्त मार्केटिंग कर उम्मीदों से भरे मध्य वर्ग को अपनी तरफ करने की जबर्दस्त कोशिश कर रहे हैं। सर्वे बताता है कि वह इसमें कामयाब भी हो रहे हैं। लेकिन मोदी के लिए चिंता की बात यह हो सकती है कि उनकी लोकप्रियता उच्च मध्य वर्ग में ज्यादा और निम्न मध्य वर्ग में कम है।

क़ुरान का सन्देश

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...