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17 फ़रवरी 2014

"भूख -- तुम्हारे लिए होगी एक दर्दनाक मौत की इबारत

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"भूख -- तुम्हारे लिए होगी एक दर्दनाक मौत की इबारत
हम तो हैं आढ़तिये हमारी खड़ी होती हैं इसी पर इमारत
हम हैं नेता हमारे लिए है हर भूख से मरनेवाला मुर्दा बस महज एक मुद्दा
हमारी तो है राशन की दूकान
खरीद सको तो खरीदो बरना तुम्हारी भूख से हमें क्या काम
सुना है आप डॉक्टर हैं सरकारी, आप भी खाते हैं घूस की तरकारी
डॉक्टर की राय में भूख से मौत नहीं होती मौत तो खून की कमी से होती है
मानवाधिकार आयोग का अध्यक्ष तो वह होता है जिसके घूस खाने से पूरा देश ही रोता है
घूस की डकार लेकर वह बताता है कि --
भूख से मौत बहुत बुरी बात है पर उसका प्रतिशत कम और औसत ज्यादा है
आपके समझ नहीं आई होगी उनकी यह बात पर देश भी अभी नहीं समझ पाया है
क़ानून के जानकार बताते हैं कि संविधान में भूख दर्ज ही नहीं है अतः असंवैधानिक है
भूख लेखकों कवियों लफ्फाजों के लिए है साहित्य का कच्चा माल
एनजीओ वाले भूख के नाम पर जो दूकान चलाते हैं उसके लिए "भूख" एक शुभ सा समाचार है
किसान फसल बो कर भूख मिटा रहा है और हम
और हम भूख उगा रहे हैं
देखना एक दिन फसल बो कर भूख मिटा रहा किसान भूखा मर जाएगा
और हमने तो शब्दों से कागज़ पर जो भूख की फसल बोई है उस पर पैसे का खेत लहलहाएगा
पर याद रहे --भूख में जिन्दगी बेहद सुन्दर होती है
कभी देखा है फ़न फैलाए सांप
डाल पर उलटा लटक कर फल कुतरता तोता
चोंच से दाना चुगते चिड़ियों के बच्चे
शिकार का पीछा करता चीता
दूध पीता बछड़ा
अपनी माँ की छाती से चिपटा दूध पी रहा बच्चा
हाथ में हथियार लेकर अधिकार के लिए लड़ता भूखा आदमी
वैसे ही जैसे जिन्दगी के महाभारत में
हाथ में रथ का पहिया ले कर खड़े हों कृष्ण." -----राजीव चतुर्वेदी

बयान पर ब्राह्मण और वैश्य संगठनों ने की मंत्री मीणा को बर्खास्त करने की मांग


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बयान पर ब्राह्मण और वैश्य संगठनों ने की मंत्री मीणा को बर्खास्त करने की मांग
जयपुर. प्रदेश की भाजपा सरकार में जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री नंदलाल मीणा के सवर्ण जाति विरोधी बयान पर सोमवार को बवाल मच गया। प्रदेशभर के कई संगठनों ने उनके बयान के विरोध में जगह-जगह प्रदर्शन किए और पुतले  फूंके। उन्होंने कहा कि इस मामले में मीणा माफी मांगें। ब्राह्मण और वैश्य समाज के नेताओं ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से मीणा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की भी मांग की है। ऐसा नहीं करने पर संगठनों ने इसके विरोध में राज्य में बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।

सर्व ब्राह्मण महासभा के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश मिश्रा ने सोमवार को मीडिया से कहा कि जिम्मेदार पद पर बैठे व्यक्ति का इस प्रकार का बयान अशोभनीय है। किसी भी समाज के विकास के लिए किसी को भी दोषी ठहराना गलत है। सभी समाज अपने सामथ्र्य के हिसाब से आगे बढ़ते हैं। इस प्रकार के बयान समाज को बांटने का काम करते हैं। वैमनस्यता वादी इस प्रकार के बयान को लेकर मंत्री मीणा को समाज से माफी मांगनी होगी, अन्यथा ब्राह्मण संगठन आंदोलन को मजबूर हो जाएंगे और आंदोलन करेंगे।
विप्र फाउंडेशन राजस्थान के प्रदेशाध्यक्ष अनुराग शर्मा ने नंदलाल मीणा द्वारा करौली में आपत्तिजनक टिप्पणी की निंदा की है। उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री को इस प्रकार के बयान शोभा नहीं देते। इससे समाज में गहरा रोष है।
नेशनल ब्राह्मण वेलफेयर सोसायटी के राष्ट्रीय महासचिव देवेंद्र शर्मा व प्रदेश महासचिव रोहित शर्मा ने कहा कि मीणा ने यदि समाज से माफी नहीं मांगी तो सोसायटी सड़क पर उतरेगी। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि नंदलाल मीणा को मंत्री पद से हटाया जाए। ब्राह्मण समाज राजस्थान के अध्यक्ष अंबिका प्रसाद पाठक ने भी जनजाति क्षेत्रीय विकास मंत्री को बर्खास्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ये कहना गलत है कि मीणा समाज के पिछड़ेपन का कारण ब्राह्मण-बनिए हैं।

मीणा समाज ने भी जताया विरोध
आदिवासी मीणा समाज के नेता डूंगर सिंह मीणा ने भी जनजातीय मंत्री के विवादित बयान का विरोध जताया। उन्होंने कहा कि मीणा समाज के गांव में अन्य जातियों के लोग भी मिलजुलकर रहते हैं। मंत्री का ये बयान जातिगत सद्भाव और समरसता को ठेस पहुंचाता है।
अग्रवाल व ब्राह्मण समाज ने पुतला फूंका
जागो पार्टी ने बड़ी चौपड़ पर विरोध प्रदर्शन कर मीणा का पुतला जलाया और  नारेबाजी करते हुए उन्हें  बर्खास्त करने की मांग की। चाणक्य विचारधारा से जुड़े लोगों ने भी इसका विरोध जताया। हिंदू जनजागृति संघ, अग्रवाल व ब्राह्मण समाज के संगठनों ने ने करौली के चौपड़ सर्किल पर नंदलाल मीणा का पुतला फूंका।
द्वेष पैदा करने वाला बयान
अखिल भारतीय वैश्य महासम्मेलन के राष्ट्रीय मंत्री अरुण अग्रवाल और गौड़ ब्राह्मण महासभा राजस्थान के अध्यक्ष विजय हरितवाल ने कहा है कि मीणा का बयान समाज में द्वेष और भेदभाव पैदा करने वाला है। ऐसे मंत्री के तुरंत निष्कासित कर देना चाहिए।
परिवाद पर सुनवाई आज
जयपुरत्नराज्य के जनजातीय विकास मंत्री नंदलाल मीणा द्वारा ब्राहाण व वैश्य समुदाय के खिलाफ टिप्पणी करने पर सोमवार को महानगर की न्यायिक मजिस्ट्रेट कोर्ट (32) में सीताराम शर्मा ने परिवाद दायर किया। परिवाद पर सुनवाई मंगलवार को होगी। परिवाद में कहा कि 17 फरवरी को प्रकाशित अखबारों में मंत्री मीणा का यह बयान छपा कि बनियों व ब्राह्मणों के कारण मीणा पिछड़े हैं। मंत्री की ऐसी टिप्पणी से प्रार्थी को आघात लगा है और खुद ब्राहाण समुदाय का होने के कारण अपमानित महसूस कर रहा है। इसलिए मंत्री नंदलाल मीणा के खिलाफ मानहानि की कार्रवाई की जाए।

संसद में मिर्च नहीं, वह केमिकल किया था स्‍प्रे जिसका इस्‍तेमाल युद्ध में भी है बैन

नई दिल्ली. तेलंगाना के विरोध में संसद में मिर्च स्प्रे और चाकू दिखाए जाने की घटना के बाद सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। वोट ऑन अकाउंट पेश करने से पहले सांसदों को कड़ी सुरक्षा के बीच सदन में प्रवेश दिया गया। साथ ही करीब दो सौ सुरक्षाकर्मियों को गैलरी में तैनात किया गया था। दूसरी ओर 'मिर्च स्प्रे' करने वाले सांसद ने यह कहकर सनसनी फैला दी है कि स्प्रे किया गया पदार्थ मिर्च नहीं था, बल्कि केमिकल था जिसका इस्‍तेमाल युद्ध में भी बैन है। 
 
लोकसभा में आंध्र प्रदेश के एमपी एल राजगोपाल लोकसभा में एक केमिकल स्प्रे किया था। यह केमिकल युद्ध में भी प्रतिबंधित है। इसी केमिकल के कारण सांसदों की आंखों से आंसू आने लगे थे और सदन में उपस्थित सदस्यों का चेहरा लाल हो गया था।
 
क्या है यह केमिकल 
यह केमिकल केप्सिकम या चिली जैसे फ्रूट से तैयार किया जाता है और इसे केप्साइसिन कहा जाता है। दिल्ली गैंग रेप की घटना के बाद इसकी बिक्री में तेजी आई है। यह 50 से 100 एमएल में आता है। इस केमिकल को केमिकल वीपन्स कन्वेंशन के तहत युद्ध में प्रतिबंधित कर दिया गया है। यहीं नहीं, दंगा-निरोधक बलों को भी इसके इस्तेमाल की अनुमति नहीं है। 
 
क्या है इस केमिकल का असर
जब इस केमिकल को किसी के चेहरे पर स्प्रे किया जाता है तो उसकी आंखें तुरंत बंद हो जाती है, सांस लेने में परेशानी होने लगती है, नाक बहने लगता है और कफ की शिकायत होने लगती है। केप्सिकम घुलनशील नहीं है, इसके कारण आंखों को धोने से कोई लाभ नहीं मिलता है। एक-दो घंटे के बाद अपने आप व्यक्ति इससे आराम महसूस करने लगता है, और यह व्यक्ति के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है।
 
इस केमिकल के स्प्रे से जलने के जैसा अनुभव होता है। चेन्नई के वरिष्ठ ईएनटी सर्जन ने कहा,  “जिन्हें अस्थमा या एलर्जिक की समस्या है, ऐसे लोगों के स्वास्थ्य के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है।”
 
यूरोपियन पार्लियामेंट साइंटिफिक एंड टेक्नोलॉजिक ऑप्शन एस्सेमेंट में प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, इस केमिकल के प्रभाव से 15 से 30 मिनट तकके लिए अंधापन भी हो सकता है और शरीर के ऊपरी हिस्सा में 3 से 15 मिनट तक ऐंठन हो सकती है।
 
भारत में मान्य है इसका निर्माण
हालांकि, यह कई देशों में प्रतिबंधित है लेकिन भारत में इसका पेपर स्प्रे का निर्माण कानूनी तौर पर मान्य है और इसके लिए किसी तरह के लाइसेंस या डॉक्यूमेंटेशन की जरूरत नहीं है। हां, इसके निर्माण के लिए सरकारी लाइसेंस की जरूरत होती है। इस केमिकल के एक कनस्तर की कीमत 150 रुपए से 1000 रुपए तक है।

चिदंबरम ने मोदी को दिया जवाब, बोले- कड़ी मेहनत मां और हार्वर्ड ने सिखाई



नई दिल्ली. लेखानुदान (वोट ऑन अकाउंट) पर लोकसभा में भाषण देते हुए सोमवार को वित्त मंत्री पी. चिदंरबम ने बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को करारा जवाब देने की कोशिश की। चिदंबरम ने मोदी की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी को लेकर की गई टिप्पणी का जवाब सोमवार को दिया। सोमवार को चिदंरबम ने कहा, 'मेरी मां और हार्वर्ड ने मुझे कड़ी मेहनत की अहमियत समझाई है।'  
 
विकास के लिए हमें हार्वर्ड चाहिए या हार्ड वर्क?
 
चिदंबरम के जवाब को चेन्नई में मोदी के भाषण से जोड़कर देखा जा रहा है। मोदी ने तब कहा था, 'वित्त मंत्री हार्वर्ड से हैं। प्रधानमंत्री भी अर्थशास्त्री हैं और उनके पास भी एक बड़ी यूनिवर्सिटी की डिग्री है। मेरे पास कड़ी मेहनत है। हार्वर्ड जाकर पढ़ना बड़ी बात नहीं है। अहमियत सिर्फ कड़ी मेहनत की है...कोई शख्स (अपनी तरफ इशारा करते हुए) जो साधारण स्कूल में पढ़ा और चाय बेची और हार्वर्ड का गेट तक न देखा हो, उसने आपको यह दिखा दिया कि अर्थव्यवस्था कैसे चलानी चाहिए। ये रीकाउंटिंग मिनिस्टर (वित्त मंत्री की तरफ इशारा करते हुए जिनके 2009 के चुनाव जीतने पर सवाल खड़े हुए थे और मतों की गणना की फिर से मांग हुई थी) का अहंकार छत पर चढ़कर बोल रहा है। वे मेरे खिलाफ गंदी भाषा का प्रयोग काफी समय से कर रहे हैं। आइए, देखते हैं कि कौन इस देश का भाग्य बदलेगा-हार्वर्ड या हार्ड वर्क (कठिन परिश्रम)? मैं चुप हूं क्योंकि जितना आप कीचड़ फेंकोगे, कमल उतना ही खिलता जाएगा। देश के विकास के लिए हमें हार्वर्ड चाहिए या हार्ड वर्क?' 
 
 
मोदी ने ऐसा क्यों कहा था 
 
दरअसल, बीबीसी को दिए गए एक इंटरव्यू में चिदंबरम ने मोदी के अर्थशास्त्र की समझ पर सवाल खड़े करते हुए कहा था कि मोदी अर्थशास्त्र के बारे में जितना भी जानते हैं, उतना डाक टिकट के पीछे लिखा जा सकता है। 

महिला ने खुद को बताया आसाराम की 'आध्यात्मिक' पत्नी, बापू बोले- पागल होगी



जोधपुर. 'मेरी मां बरसों से आसाराम के आश्रम जाती रही हैं। आसाराम व उसके चेलों ने दूसरी महिलाओ व युवतियों की तरह मेरी मां का भी दिमाग अपने वश में कर रखा है, जिसके चलते वे हमेशा उनका ही गुणगान करती हैं। अपनी मां की आसाराम के प्रति अंधभक्ति से परेशान होकर मुझे कोलकाता से अपना साड़ी का व्यवसाय बंद कर जोधपुर आना पड़ा।' यह कहना है पावटा क्षेत्र निवासी उस महिला माणक देवी के पुत्र का, जिसने सोमवार को आसाराम की पेशी से पहले कोर्ट परिसर पहुंच कर अपने आप को आसाराम की 'आध्यात्मिक पत्नी' बताया।
भास्कर इस महिला का सच जानने के लिए उसके घर पहुंचा तो सामने आया कि माणक देवी का भरा-पूरा परिवार है। बातचीत में माणक देवी के पति व पुत्र ने चौंकाने वाली और भी कई बातें बताई। यह भी बताया कि नाबालिग छात्रा के यौन शोषण मामले में हाल में जमानत पर छूटे आसाराम के सेवादार शिवा ने कोर्ट परिसर की घटना के बाद उनसे मुलाकात की और माणक देवी को ऐसे बयान देने से रोकने को कहा।

पुलिस में शिकायत करने की बात पर घर में अशांति फैला देती थी माणक देवी
  माणक देवी के पिता-पुत्र से ये सारी जानकारी मिलने पर पूछा कि जब इतना कुछ हुआ तो उन्होंने पुलिस में शिकायत क्यों नहीं दर्ज करवाई? इस पर उनका कहना था कि पुलिस में शिकायत करने की बात पर माणक देवी घर में अशांति फैला देती थीं।
कोर्ट में बोली पांच साल पहले हुई थी आसाराम से शादी
 
सेशन न्यायालय (जोधपुर जिला) में सोमवार को आसाराम की पेशी से पहले अदालत के बाहर एक महिला खुद को आसाराम की 'आध्यात्मिक पत्नी' बताते हुए आ धमकी। महिला माणक देवी ने कहा कि उनका आसाराम के साथ पांच साल पहले लाडनूं में विवाह हुआ था। दोनों ने एक-दूसरे के गले में वरमाला डाली थी। आयोजन पर तीस लाख रुपए खर्च हुए थे। इसके कुछ देर बाद ही पेशी पर लाए गए आसाराम को कोर्ट परिसर में उपस्थित मीडिया कर्मियों ने बताया कि उनकी 'आध्यात्मिक पत्नी' आई हैं, तो आसाराम ने देखे बिना ही कहा कि कोई पागल महिला होगी।
 
आसाराम की इजाजत मिलती तो ही घर ला पाते थे मां को
 
माणक देवी के पुत्र ने बताया कि मां जब भी आसाराम के आश्रम पर जातीं तो आसाराम से आज्ञा लेकर ही उन्हें घर ला पाते थे। भरा-पूरा परिवार होने के बावजूद वे आसाराम व नारायण साईं की भक्ति में लगी रहती हैं। माणकदेवी के पति ने बताया, 'कई बार आसाराम के चेले हमारे घर पहुंच जाते। हम इतने परेशान हैं कि कई बार उन्हें मारकर भगाना पड़ता। जिस दिन आसाराम को जोधपुर पुलिस ने पकड़ा था, उस दिन ललित नाम का चेला कुछ लड़कियों को लेकर हमारे घर आ गया था। बड़ी मुश्किल से उसे भगाया था।

क़ुरान का सन्देश

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