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20 फ़रवरी 2014

सड़क से सदन तक कांग्रेस का फ्लॉप शो, पार्टी नेताओं में दिखी तालमेल की कमी



जयपुर. प्रदेश कांग्रेस का सरकार के खिलाफ गुरुवार को आयोजित चेतना मार्च फ्लॉप ही रहा। अध्यक्ष सचिन पायलट के नेतृत्व में यह पहली रैली थी, जिसके माध्यम से भाजपा सरकार पर गहलोत सरकार के समय हुए कार्यों को रोकने का आरोप लगाया गया। पार्टी का दावा था कि चेतना मार्च में हजारों की तादात में कार्यकर्ता आएंगे, लेकिन यह आंकड़ा महज डेढ़ हजार तक ही सीमित रहा। रैली संसार चंद्र रोड, एमआई रोड, भगवानदास रोड होते हुए स्टेच्यू सर्किल पहुंची। यहां उद्योग मैदान में आम सभा रखी गई।
भीड़ नहीं जुटी तो एक घंटे देरी से रवाना हुई
रैली की रवानगी का समय दोपहर साढ़े 12 बजे तय किया गया था, लेकिन भीड़ नहीं जुटने के कारण एक घंटे तक पीसीसी के बाहर नारेबाजी होती रही। सवा बजे के 600-700 कार्यकर्ता उद्योग मैदान चले। रैली के दौरान दो जगहों पर कार्यकर्ताओं में हाथापाई भी हुई।  कभी डॉ. चंद्रभान को आगे लाया गया, तो कभी सचिन पायलट को। बीच बीच में रामेश्वर डूडी, मिर्जा इरशाद बेग, सांसद महेश जोशी, राजीव अरोड़ा, रतन देवासी, महेंद्र चौधरी, वैभव गहलोत और प्रताप सिंह खाचरियावास भी रैली के आगे दिखाई दिए।
मुख्य सचिव को सौंपा ज्ञापन
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता डॉ. अर्चना शर्मा ने बताया कि कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन मुख्य सचिव को सौंपा, जिसमें पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को जनहित में जारी रखने की मांग की गई। प्रतिनिधिमंडल में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष महेंद्र सिंह, मोहम्मद हनीफ खत्री, महासचिव पुखराज पराशर, पूर्व मंत्री मुरारी मीणा व विनोद चौधरी थे

पत्नी को छोड़कर 28 साल की लड़की से शादी करेंगे 77 साल के बर्लुस्कोनी



रोम. इटली के पूर्व प्रधानमंत्री सिल्वियो बर्लुस्कोनी ने अपनी पत्नी वेरोनिका लारियो को तलाक देने का फैसला कर लिया है। तलाक के बाद पूर्व प्रधानमंत्री अपनी बेटी की उम्र की एक युवती से शादी करेंगे।
तलाक के बाद फ्रांसेस्का पास्कल पूर्व प्रधानमंत्री बर्लुस्कोनी की तीसरी पत्नी होगीं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फ्रांसेस्का अपनी शादी की पूरी तैयारियां कर चुकी हैं। यहां तक कि उन्होंने शादी की ड्रेस भी खरीद ली है।
बर्लुस्कोनी की पत्नी लारियो ने तलाक की बात पर कहा कि वह ज्यादा दिनों तक और सहन नहीं कर सकतीं हैं। उन्होंने इस राजनेता के साथ के साथ पूरे 24 साल गुजारे हैं।
ऐसा माना जाता है कि बर्लुस्कोनी और लारियो के बीच संपत्ति को लेकर काफी दिनों से विवाद चल रहा था। अब दोनों ने अलग होने का फैसला किया है।
कोर्ट ने बर्लुस्कोनी को बच्चों के खर्च के लिए हर महीने 30 लाख यूरो देने का आदेश दिया था, हालांकि बाद में अपील के बाद रकम को घटाकर 16 लाख कर दिया गया।

मोदी के प्रचार के लिए 400 करोड़ का बजट? AAP ने मांगा हिसाब, भड़की BJP


नई दिल्‍ली.  भारतीय जनता पार्टी चुनावी प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही है। इसके लिए पार्टी ने शीर्ष एडवरटाइजिंग पेशेवरों की एक टीम तैयार की है। एक अंग्रेजी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, इस टीम में देश के चर्चित ऐड गुरु और मशहूर गीतकार प्रसून जोशी, पीयूष पांडे और वरिष्ठ मीडिया प्लानर सैम बालसारा को रखा गया है। इसके लिए बीजेपी ने 400 करोड़ रुपए का बजट रखा है। क्रिएटिव विज्ञापनों के सहारे ये टीम पार्टी को चुनावी प्रचार में मदद करेगी। टीम बीजेपी के लिए प्रिंट और टीवी ऐड तैयार करेगी। हालांकि, बीजेपी ने अखबार की खबर को गलत बताया है। लेकिन, आम आदमी पार्टी ने इस खबर के आधार पर बीजेपी से पूछा है कि वह चार सौ करोड़ रुपयों का स्रोत बताए।
 
प्रसून जोशी लिखेंगे बीजेपी के लिए गीत 
प्रसून जोशी एड एजेंसी मैक्कन वर्ल्डग्रुप के मुखिया हैं। बताया जा रहा है कि वह व्यक्तिगत स्तर पर बतौर गीतकार बीजेपी के इस ऐड कैंपेन में शामिल होंगे। वह कैंपेन की टैग लाइन और प्रचार गीत लिखेंगे।
 
मीडिया बाइंग का जिम्मा माडिसन को
प्रिंट, रेडियो, टेलिविजन और डिजिटल जैसे प्लेटफॉर्म्स पर मीडिया-बाइंग का जिम्मा माडिसन मीडिया नाम की कंपनी को दिया गया है। बीजेपी के इस कैंपेन में दो दिग्गज कंपनियों लोडस्टार यूएम और वैप ग्रुप एम के भी शामिल होने की खबर है।
 
पीयूष पांडे संभालेंगे ओवरसीज कैंपेन की कमान
ओ एंड एम कंपनी के साउथ एशिया एग्जीक्युटिव चेयरमैन और क्रिएटिव डायरेक्टर पीयूष पांडे भी बीजेपी की कैंपेन टीम का हिस्सा बताए जा रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि पीयूष पांडे को बीजेपी ओवरसीज कैंपेन का जिम्मा संभालने के लिए देगी। पीयूष गुजरात में नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली सरकार के साथ काम कर रहे हैं। पीयूष मोदी के आग्रह पर ही काम करने को तैयार हुए थे। बीजेपी चुनावी कैंपेन के लिए सभी बड़ी एजेंसियों के साथ डील करने में लगी है। इन सभी  कैंपेन में मोदी का चेहरा प्रमुख तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा। 
 
कांग्रेस दे चुकी है पांच सौ करोड़ का ठेका 
इससे पहले ऐसी भी रिपोर्ट आई थी कि कांग्रेस ने भी कई बड़ी पब्लिक रिलेशन कंपनियों को अपने चुनावी प्रचार के लिए पांच करोड़ रुपए का ठेका दिया है। खबरों के मुताबिक जापानी एजेंसी देंत्सू एंड टैपरुट और जेनेसिस बर्सन- मार्सटेलर को कांग्रेस ने अपनी इमेज चमकाने के लिए चुना है। हालांकि, कांग्रेस ने मीडिया कैंपेन के लिए पांच सौ करोड़ बजट होने से इन्कार किया था।  
 
इससे  पहले खबर आ चुकी है कि यूपीए सरकार ने भारत निर्माण कैंपेन के लिए 180 करोड़ रुपए का बजट रखा था।
 
मोदी मिशन के लिए बीजेपी कर रही आक्रामक प्रचार 
बीजेपी मिशन 272+ कैंपेन के तहत मोदी को फ्रंट पर रख रही है। इस कैंपेन का प्रचार-प्रसार डिजिटल मीडिया में आक्रामकता के साथ जारी है। प्रिंट मीडिया में भी इस कैंपेन के लिए पूरे पेज के विज्ञापन बीजेपी की तरफ से जारी किए जा रहे हैं। इन खबरों से तो साफ है कि इस बार का चुनाव बेहद दिलचस्प और आक्रामक होने वाला है। कैंपेन और विज्ञापन के लिहाज से भी दोनों बड़ी पार्टियां एक दूसरे को मात देने में लगी हैं।

हंसराज हंस बोले- 'मेरा धर्म इंसानियत, पाकिस्तान में इस्लाम नहीं कबूला'


हंसराज हंस बोले- 'मेरा धर्म इंसानियत, पाकिस्तान में इस्लाम नहीं कबूला'
जालंधर. मैं सूफी हां। सूफी दी जात इंसानियत हुंदी ए। हर मजहब दा एहतराम करदा हां। मेरा धर्म इंसानियत है। सूफी सब मजहबां दा सत्कार करदा ए। सबदा सांझा हुंदा ए। मैं न कास्टइज्म ते न ही होर मजहब च विश्वास रखदा हां। मैं इस्लाम नहीं कबूलया। ये कहना है पाकिस्तान से लौटे सूफी गायक हंसराज हंस का।
उन्होंने कहा मैं सभी धर्मों का सांझा हूं। मैं पूरी दुनिया में घूम कर इंसानियत, शांति और अमन का प्रचार करता हूं। पाकिस्तान 15 फरवरी को गया और 19 रात को लौटा हूं। लाहौर की औरत फाउंडेशन ने चैरिटी शो के लिए बुलाया था। हंस ने बताया कि वह पाकिस्तान के पहले सिख सांसद रमेश सिंह अरोड़ा के बुलावे पर वहां गए थे। पता नहीं कहां से सोशल साइट पर यह खबर चली। ऐसा बिल्कुल नहीं है। मुझे पाकिस्तान में भी फोन पर पता चला कि देश में कुछ ऐसा छपा है, कि मैंने इस्लाम कबूल कर लिया है।
उन्होंने कहा- मैंने जब से जन्म लिया है, तब से ही सूफी हूं। इंसानियत ही मेरा मजहब है। सुबह हंस के बड़े बेटे नवराज हंस ने फेसबुक स्टेट्स अपडेट किया उनके पिता के बारे चल रही बातें केवल अफवाह है।
...सर झुका तो दिया, दिल कभी न झुका
हंस राज हंस ने अपने फोन पर अपने नए गीत 'दिल मेरा काबा' की रिंगटोन लगा रखी है। इसके बोल हैं ...सिर झुका तो दिया, दिल कभी न झुका है। उन्होंने कहा कि मैंने तो अपने गीत में भी साफ कहा है कि सिर्फ सिर ही उसके सजदे में झुका देने से कोई कट्टर नहीं होता। ऐसे मजहब का एहतराम कैसा किया जा सकता है। इसलिए सिर के साथ दिल को भी उसके सजदे में झुकाना चाहिए।

राजीव के हत्‍यारों की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, भुल्‍लर की रिहाई की मांग तेज


नई दिल्‍ली. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्‍यारों की रिहाई के फैसले पर केंद्र और तमिलनाडु सरकार में तकरार बढ़ गई है। प्रधानमंत्री ने तमिलनाडु सरकार के फैसले को कानूनन गलत बताया है। केंद्र सरकार अटॉर्नी जनरल के जरिए मामले को सुप्रीम कोर्ट भी ले गई है। सुप्रीम कोर्ट से कहा गया है कि राजीव गांधी की हत्‍या के सात दोषियों को रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के फैसले पर रोक लगाई जाए। कोर्ट ने यह अनुरोध मान लिया और कहा कि फैसला होने तक यथास्थिति बनाई रखी जाए।
 
केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल मोहन परासरन ने चीफ जस्टिस पी सदाशिवम  की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने दलील दी की जब तक केंद्र सरकार की पुनर्विचार याचिका पर फैसला नहीं हो जाता, तब तक तमिलनाडु सरकार को हत्‍यारों को रिहा नहीं करने दिया जाए। संतन, मुरुगन और पेरारिवलन को 18 फरवरी 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए उनकी फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया था। केंद्र ने इस फैसले पर पुनर्विचार के लिए याचिका दायर की है।
 
सुप्रीम कोर्ट ने हत्‍यारों की दया याचिका को केंद्र सरकार द्वारा 11 साल तक लंबित रखने का हवाला देकर इनकी सजा उम्रकैद में बदली थी। लेकिन, गुरुवार को केंद्र सरकार ने दलील दी कि इनकी दया याचिकाओं को नाहक लंबित नहीं रखा गया और न ही इस बीच इन्‍हें किसी पीड़ा से गुजरना पड़ा, क्‍योंकि ये जेल में जिंदगी का आनंद ले रहे थे। कोर्ट ने इस दलील को ठुकरा दिया। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि फिलहाल सात में से किसी दोषियों को रिहा नहीं किया जाएगा। अगली सुनवाई 6 मार्च को होगी। लेकिन, इस मामले पर राजनीति तेज हो गई है।
 
पंजाब में सक्रिय हुए नेता 
 
तमिलनाडु सरकार के राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने के फैसले का असर दूसरे राज्यों में भी दिखने लगा है। अब पंजाब में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति ने बेअंत सिंह के हत्यारे आतंकवादी देविंदर पाल सिंह भुल्लर को रिहा करने की मांग कर दी है। 
 
2012 में भी शिरोमणि अकाली दल और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने 1995 में मुख्‍यमंत्री बेअंत सिंह की हत्‍या की साजिश रचने वाले बलबंत सिंह राजोआना को 'जीवित सिख शहीद' बताया था और प्रधानमंत्री से उसके लिए माफी की मांग की थी। इस मांग का समर्थन पंजाब के कांग्रेसी नेता कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने भी किया था।
 
कांग्रेस की राजनीति
 
जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस अध्‍यक्ष सैफुद्दीन सोज के पुत्र और राज्‍य कांग्रेस के प्रवक्ता सलमान अनीस सोज ने अफजल गुरु का मुद्दा उठाया। उन्‍होंने फेसबुक पर लिखा कि सुप्रीम कोर्ट के द्वारा जिस तरह से, राजीव गांधी के हत्यारों की फांसी की सजा को आजीवन कारावास में बदल दिया गया और संसद पर हमले के दोषी मोहम्मद अफजल गुरु को फांसी की सजा दी गई, उसने मेरे सामने दुविधा की स्थिति ला दी है। मैं इस विरोधाभास की स्थिति को स्पष्ट नहीं कर पा रहा हूं। मुझे विश्वास है कि इस स्थिति  को लेकर कश्मीर में बहुत ज्यादा आक्रोश है। इसका यह अर्थ नहीं है कि कश्मीर के लोग राजीव गांधी के हत्यारों को फांसी पर लटकाना चाहते हैं, लेकिन वास्तव में कश्मीरियों के अंदर एक भावना है कि कानून के अनुसार सभी के साथ एक तरह का व्यवहार किया जाना चाहिए।' 
 
सोज ने अफजल गुरु के परिवार को उसका पार्थिव शरीर सौंपने पर जोर देते हुए कहा, “मेरा मानना है कि अगर राजीव गांधी के हत्यारों और अन्य निर्दोषों को जेल से रिहा किया जा सकता है, तो अफजल गुरु के पार्थिव शरीर को भी उसके परिवार को सौंप देना चाहिए।” हालांकि, सलमान ने इसे अपना निजी विचार बताया। 
 
कांग्रेस दिल्‍ली, तमिलनाडु और जम्‍मू-कश्‍मीर में इस मसले पर अलग-अलग राजनीति करती नजर आ रही है। कांग्रेस के नेताओं के बयानों पर एक नजर: 
 
राहुल गांधी: राहुल ने कहा कि जब प्रधानमंत्री के हत्‍यारों की रिहाई हो सकती है तो आम आदमी की सुरक्षा का क्‍या होगा? कांग्रेस के एक प्रवक्‍ता ने उनके बयान पर टीवी चैनल पर सफाई दी कि राहुल गुस्‍से में नहीं, बल्कि दुखी थे।
 
मनमोहन सिंह: प्रधानमंत्री के मुताबिक राजीव गांधी की हत्‍या भारत की आत्‍मा पर हमला था। लेकिन हत्‍याकांड की जांच करने वाले एक सीबीआई अफसर के. राघोथामन का कहना है, 'पूरा दोष यूपीए सरकार का है, जिसने अप्रैल 2000 से अगस्‍त 2011 तक तीनों की दया याचिकाओं को लंबित रखा। यूपीए ने राजीव गांधी की आत्‍मा को धोखा दिया है।'
 
ए. गोपन्‍ना: तमिलनाडु में कांग्रेस के नेता ए. गोपन्‍ना ने कहा कि जयललिता 1991 में राजीव गांधी की निर्मम हत्‍या का फायदा उठा कर ही सत्‍ता में आई थीं और अब वह उनकी यादों को भुला दे रही है। 
 
एआईएडीएमके- डीएमके की राजनीति
जयललिता: एआईएडीएमके प्रमुख और तमिलनाडु की मुख्‍यमंत्री जयललिता ने सात हत्‍यारों की रिहाई का फैसला कर मजबूत सियासी दांव चला तो था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के 'स्‍टे' से उन्‍हें थोड़ा झटका लगा होगा। पर, अपने मतदाताओं को वह इतना तो कह ही सकती हैं कि उनके वश में जितना था, उन्‍होंने किया। 
 
डीएमके: हत्‍यारों की सजा-ए-मौत उम्रकैद में बदलने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के तत्‍काल बाद डीएमके प्रमुख करुणानिधि ने यह कह कर कि अगर उनकी रिहाई हो तो मुझे दोगुनी खुशी होगी, राजनीतिक चाल चली थी। लेकिन, जयललिता ने अगले ही दिन रिहाई का फैसला लेकर उन्‍हें काट दे दी। इसके बाद करुणानिधि ने यह कह कर नया दांव चला, '2011 में जब मैंने उनकी सजा-ए-मौत को उम्रकैद में तब्‍दील करने का प्रस्‍ताव दिया था तो जयललिता ने मजाक उड़ाया था।'
 
लेकिन, करुणानिधि बार-बार अपना रुख पलटते रहे हैं। 2000 में उन्‍होंने दोषियों की दया याचिका खारिज कर दी थी। उसके बाद से वह यह बयान भी देते रहे हैं, 'अगर युवा नेता राजीव गांधी जिंदा होते तो वह भले पुरुष सच्‍चे तमिलों की आवाज सुन कर और जयललिता के भूल जाओ और माफ करो की नीति पर चलते हुए निश्चित तौर पर संतन, पेरारिवलन और मुरुगन की जान बचाने के लिए आगे आते।'
 
पीडीपी 
जम्मू-कश्मीर में विपक्षी पार्टी पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की नेता महबूबा मुफ्ती के अनुसार, “एक तरफ, राज्य में उग्रवादी गतिविधियों के पनपने के बाद से यह पहले से ही देश के अन्य हिस्सों से कटा हुए है तो दूसरी तरफ, इस तरह के निर्णयों से कश्मीर का संबंध देश के अन्य हिस्सों से निश्चित तौर पर प्रभावित होगा।”
 
मुफ्ती का यह भी कहना है कि अफजल गुरु को कमजोर आधार पर फांसी की सजा सुनाई गई थी और यूपीए सरकार ने फांसी की सजा पाए 28 दोषियों में से उसे पहले स्थान पर रखा। सुप्रीम कोर्ट ने भी उसमें कोई हस्तक्षेप नहीं किया था।

क़ुरान का सन्देश

  
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