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21 फ़रवरी 2014

तबाह हो गया था शिव का ये धाम, जानिए केदारनाथ की प्राचीन बातें



उज्जैन। इस माह 27 फरवरी, गुरुवार को शिवरात्रि है। शिवरात्रि पर देशभर के सभी शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता है। इस दिन शिवजी के सभी 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में विशेष पूजन-अर्चन किया जाता है। इन 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है केदारनाथ धाम। कुछ समय पूर्व तक महादेव के केदारनाथ क्षेत्र का नजारा किसी स्वर्ग के समान ही नजर आता था। पिछले साल जून-13 में बादल फटने से यह धाम पूरी तरह तबाह गया था और यहां हजारों भक्त जल सैलाब में बह गए थे। वर्तमान समय में यहां फिर से पूजन कर्म आदि प्रारंभ हो गए हैं।
नर-नारायण यहां करते थे शिव पूजा
शास्त्रों में केदरनाथ धाम से जुड़ी कई अनोखी बातें बताई गई हैं। शिवपुराण की कोटीरुद्र संहिता के अनुसार बदरीवन में विष्णु भगवान के अवतार नर-नारायण पार्थिव शिवलिंग बनाकर भगवान शिव का नित्य पूजन करते थे। उनके पूजन से प्रसन्न होकर भगवान शंकर वहां प्रकट हुए। शिवजी ने नर-नारायण से वरदान मांगने को कहा, तब जग कल्याण के लिए नर-नारायण ने वरदान मांग कि शिवजी हमेशा उसी क्षेत्र में रहें। शिवजी प्रसन्न हुए तथा उन्होंने कहा कि अब से वे यहीं रहेंगे और यह क्षेत्र केदार क्षेत्र के नाम से जाना जाएगा।

बारह ज्योतिर्लिंगों में पांचवां ज्योतिर्लिंग है केदारनाथ
महादेव ने वरदान देते हुए कहा कि जो भी भक्त केदारनाथ के साथ ही नर-नारायण के दर्शन करेगा, वह सभी पापों से मुक्त हो जाएगा और अक्षय पुण्य प्राप्त करेगा। यहां दर्शन करने वाले भक्त मृत्यु के बाद शिवलोक प्राप्त करेंगे।
यह वरदान देकर शिवजी ज्योति स्वरूप में वहां स्थित लिंग में समाविष्ट हो गए। देश में बारह ज्योर्तिलिंगों में इस ज्योतिर्लिंग का क्रम पांचवां है। कई ऋषियों एवं योगियों ने यहां भगवान शिव की अराधना की है और मनचाहे वरदान भी प्राप्त किए हैं।
स्वयं प्रकट हुआ है केदारनाथ मंदिर का शिवलिंग
केदारनाथ धाम हिमालय की गोद में स्थित है। इसी वजह से अधिकांश समय यहां का वातावरण प्रतिकूल रहता है। इसी वजह से केदारनाथ धाम दर्शनार्थियों के लिए हमेशा खुला नहीं रहता है। मुख्य रूप से यह मंदिर अप्रैल से नवंबर के बीच दर्शन के लिए खोला जाता है।
इस शिवलिंग के विषय में ऐसा माना जाता है कि यह स्वयंभू शिवलिंग है। स्वयंभू शिवलिंग का अर्थ है कि यह स्वयं प्रकट हुआ है। मान्यताओं के अनुसार केदारनाथ मंदिर का निर्माण पाण्डव वंश के राजा जनमेजय ने करवाया था और आदि गुरु शंकराचार्य ने इस मंदिर का जिर्णोद्धार करवाया था।
हिंदू धर्म में केदारनाथ धाम की बड़ी महिमा बताई गई है। उत्तराखंड में ही बद्रीनाथ धाम भी स्थित है। दोनों ही धाम पापों का नाश करने वाले और अक्षय पुण्य प्रदान करने वाले बताए गए हैं।
केदारनाथ धाम में चढ़ाते हैं कड़ा
केदारनाथ में शिवजी को कड़ा चढ़ाने  की प्राचीन परंपरा है। ऐसा माना जाता है कि जो भी भक्त यहां कड़ा चढ़ाकर शिवजी के साथ ही नर-नारायण पर्वत के दर्शन करता है, वह जन्म और मृत्यु के चक्र में पुन: नहीं फंसता है। ऐसे भक्त को भवसागर से मुक्ति प्राप्त हो जाती है।
शिवपुराण की कोटिरुद्र संहिता में वर्णन  है कि केदारनाथ के मार्ग में या उस क्षेत्र में आने वाले भक्त भी भवसागर से मुक्ति प्राप्त करते हैं। केदारनाथ क्षेत्र में पंहुचकर उनके पूजन के पश्चात वहां का जल पी लेने से भी मनुष्य की सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती हैं और वह मुक्ति प्राप्त करता है। इस क्षेत्र के जल का पुराणों में विशेष महत्व बताया गया है।

गलत रिपोर्ट देने वाले अफसरों के खिलाफ जांच होगी, सांसद का बेटा ब्लैक लिस्टेड



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गलत रिपोर्ट देने वाले अफसरों के खिलाफ जांच होगी, सांसद का बेटा ब्लैक लिस्टेड
जयपुर. भारी बारिश के कारण खराब हुई फसलों का मुआवजा अभी तक किसानों को नहीं देने और अफसरों की ओर से नुकसान की गलत आंकलन रिपोर्ट सरकार को भेजने के मुद्दे पर शुक्रवार को विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। सत्ता पक्ष एवं विपक्षी सदस्यों के बीच तीखी नोक झोंक हुई। जवाब में ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गुलाबचंद कटारिया ने स्वीकारा कि तहसीलदार ने जो दोनों रिपोर्ट भेजी, उनमें अंतर है। यह क्यों आया, इस पूरे प्रकरण की जयपुर से एक अधिकारी को भेजकर जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सांचोर से कांग्रेस विधायक सुखराम विश्नोई ने मामला उठाते हुए आरोप लगाया कि बीमा कंपनियों के साथ कलेक्टर सहित अन्य अफसरों ने सांठगांठ कर फसल खराबे की गलत रिपोर्ट भेजी क्योंकि किसानों को मुआवजे में करोड़ों रुपए देने पड़ते। सांचोर को लेकर तहसीलदार ने पहली जो रिपोर्ट भेजी थी, उसमें 62 से लेकर 75 प्रतिशत तक खराबा बताया। कलेक्टर के टेलिफोनिक निर्देश के बाद जब दूसरी बार उसी तहसीलदार ने संशोधित रिपोर्ट भेजी, तो उसमें 43 प्रतिशत ही खराबा दर्शाया। साथ ही खराबे का क्षेत्रफल भी 8 हेक्टेयर से घटाकर साढ़े 5 हजार कर दिया।
विश्नोई ने आरोप लगाया कि सिर्फ सांचोर में नहीं, बल्कि गुजरात से लगते सिरोही, जालोर, पाली समेत राज्य के अन्य जिलों में भी ऐसा किया गया, जबकि किसानों की फसलें शत प्रतिशत खराब हो गई। विश्नोई के अलावा आहोर से भाजपा विधायक शंकर सिंह राजपुरोहित, रानीवाड़ा विधायक नारायण सिंह देवल, लूणी विधायक जोगाराम पटेल, कांग्रेस के गोविंद सिंह डोटासरा, कांग्रेस के गिरिराज सिंह मलिंगा आदि ने भी अपने क्षेत्रों में यह मसला उठाया। मुख्य सचेतक कालूलाल गुर्जर ने कांग्रेसी सदस्यों से कहा कि यह गलत रिपोर्ट आपके राज में भेजी गई। हमारी सरकार कार्रवाई करेगी और खाया हुआ सारा पैसा वसूल करेगी।
उदयपुर सांसद का बेटा छात्रवृत्ति के लिए ब्लैक लिस्टेड
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री डा.अरुण चतुर्वेदी ने शुक्रवार को एक प्रश्न के जवाब में विधानसभा में बताया कि गलत शपथ पत्र के जरिए नियमों के खिलाफ छात्रवृत्ति लेने के मामले में दोषी पाए गए उदयपुर के सांसद रघुवीर मीणा के बेटे को विभाग ने छात्रवृत्ति के लिए ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। सरकार ने गलत तरीके से ली गई छात्रवृत्ति की राशि भी वसूल कर ली है। अब वो भविष्य में छात्रवृत्ति के लिए पात्र नहीं रहेगा।
इस प्रकरण में दोषी कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जा रही है।  चतुर्वेदी ने यह जानकारी प्रदेश में छात्रवृत्ति वितरण में अनियमितताओं की जांच को लेकर किशनपोल विधायक मोहनलाल गुप्ता के पूछे गए सवाल के जवाब में दी। गुप्ता के सवाल पर चतुर्वेदी ने कहा कि वर्ष 2009-10 से 1 अप्रैल 13 तक छात्रवृत्ति के 4 लाख 19 हजार लंबित मामलों का निपटारा कर दिया गया है। सभी पात्र स्टूडेंट को छात्रवृत्ति जारी की जा चुकी है। छात्रवृत्ति के मामले जल्द निपटाने के लिए प्रक्रिया ऑनलाइन कर दी गई है। साथ ही प्रपत्र का भी सरलीकरण किया गया है।

22 साल अकेले पहाड़ खोद कर बनाई सड़क, अब आमिर बताएंगे उसकी कहानी



पटना. 'सत्यमेव जयते-2' की शुरुआत आमिर खान बिहार में दशरथ मांझी के उस गांव से करने जा रहे हैं जिन्होंने 22 वर्ष तक अकेले एक पहाड़ काटकर अपने गांव वालों के लिए रास्ता बनाया था। आमिर 22 फरवरी को दशरथ मांझी के गांव गहलोर (गया) जाएंगे और उनके सीरियल का पहला एपिसोड मांझी और उनके गांव को समर्पित करेंगे।
'भास्कर' से विशेष चर्चा में आमिर ने बताया कि दशरथ मांझी का व्यक्तित्व बेहत प्रेरणास्पद है और यह दिखाता है कि यदि आप में किसी काम को पूरा करने का जज्बा हो तो अकेला व्यक्ति भी कोई असंभव कार्य पूरा कर सकता है। दशरथ मांझी ने अकेले दम पर गहलौर पहाड़ी चीर कर 360 फीट लंबा और 30  फीट चौड़ा रास्ता बना दिया। और 22 साल बाद 1982 में यह काम पूरा कर लिया।
दशरथ मांझी
जन्म : 1934
निधन : 2007 में कैंसर की वजह से।
अफसोस : सड़क बनाने के बाद पैदल 2 माह में दिल्ली पहुंचे। लेकिन राष्ट्रपति से नहीं मिल सके थे।
'सत्यमेव जयते-2' के पहले सत्र का अंत आमिर ने दशरथ मांझी के जिक्र के साथ किया था। वे दशरथ मांझी की प्रेरणा को पूरे देश तक पहुंचाना चाहते थे इसलिए 'सत्यमेव जयते-2' की शुरुआत बिहार के गया जिले में मांझी के गांव गहलोर से की जा रही है। इस दौरान आमिर मांझी के गांव जाकर उनके परिवार और गांव के लोगों से मुलाकात करेंगे। 'सत्यमेव जयते-2' की शुरुआत 2 मार्च से होने जा रही है।

केजरीवाल ने जारी किए अंबानी भाइयों के स्विस बैंक खाते, मोदी से पूछे सवाल

नई दिल्‍ली। भाजपा के प्रधानमंत्री पद के उम्‍मीदवार नरेंद्र मादी को आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक व दिल्‍ली के पूर्व मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चिट्ठी लिखी है। केजरीवाल ने इस चिट्ठी के जरिए मोदी से कई मुद्दों पर उनसे अपना रुख जाहिर करने को कहा है। केजरीवाल ने कहा है कि इस चिट्ठी की 10 करोड़ प्रतियां छापकर देश की जनता के बीच बांटी जाएगी। केजरीवाल ने यह भी कहा कि वह ऐसी ही चिट्ठी कल कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी को भी लिखेंगे और उस चिट्ठी की प्रतियां भी लोगों में बांटी जाएंगी। (पढ़ें- मोदी को लिखी केजरीवाल की चिट्ठी)
केजरीवाल ने चिट्ठी में मोदी से पूछा कि अगर आपकी सरकार सत्‍ता में आएगी तो क्‍या वे स्विस बैंक में जमा काला धन वापस लाएंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि अंबानी बंधुओं का विदेशों में कालाधन है। उन्होंने दो अकाउंट नंबर ( 5090160983 और जिनेवा के एचएसबीसी बैंक का 5090160984) का भी चिट्टी में जिक्र करते हुए दावा किया है कि ये खाते मुकेश और अनिल अंबानी के हैं, जिनमें उनकी काली कमाई रखी गई है।
प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में केजरीवाल ने नरेन्‍द्र मोदी से पूछा, आपकी रैलियों के लिए पैसे कहां से आते हैं? उन्‍होंने पूछा क्‍या आपकी रैलियों में होने वाले खर्च मुकेश अंबानी उठाते हैं। इतना ही नहीं केजरीवाल ने मोदी को पत्र लिखकर गैस के दामों पर भी अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। केजरीवाल और ‘आप’ नेता लगातार गैस के मुददे को लेकर मुकेश अंबानी पर हमला बोलते रहे हैं। अंबानी की कंपनी गुजरात में बड़े पैमाने पर गैस उत्पादन करती है।
ट्वीट करके भी मांगा था जवाब
केजरीवाल ने 16 फरवरी को भी गैस की कीमतों के मुद्दे पर ट्वीट के जरिए नरेंद्र मोदी और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए गैस की कीमतों और अंबानी और अडाणी जैसे उद्योगपतियों से उनके संबंध के मुद्दे पर उनकी चुप्पी को लेकर सवाल उठाए थे। आपको बता दें कि आप की अगुवाई वाली दिल्ली सरकार द्वारा मुकेश अंबानी और केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री वीरप्पा मोइली के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद से पार्टी इस मुद्दे पर राहुल और मोदी पर निशाना साधती रही है।

मीठी" सुषमा, "शरारती" कमल, "शरीफ" शिंदे और "मास्साब" मुलायम




"मीठी" सुषमा, "शरारती" कमल, "शरीफ" शिंदे और "मास्साब" मुलायम

"मीठी" सुषमा, "शरारती" कमल, "शरीफ" शिंदे और "मास्साब" मुलायम

नई दिल्ली। संसद में पिछले दिनों भले ही सांसदों की हरकतों ने अपने साथियों की आखों को मिर्च की जलन से लाल कर दिया हो, लेकिन शुक्रवार को जब लोकसभा का सत्र समाप्त हुआ तो ये सांसद ही सारे गिले-शिकवे भुला कर अपनी बातों से एक-दूसरे के दिलों में मिठास घोलते दिखे।

15वीं लोकसभा के अंतिम सत्र के अंतिम दिन सदन का माहौल बिल्कुल अलग था। एक-दूसरे के लिए सांसदों ने जो उपाधियां दी वो और भी अलग थीं। किसी ने किसी को मिठाई से मीठा बताया तो किसी ने किसी को शरारती। कहीं शराफत और किसी को गुरूजी के अलंकारों से नवाजा गया। विदाई की बेला में स्वस्थ लोकतंत्र की भावना को साकार करते सदन में किसने क्या कहा, आइए जाने....

शिंदे ने बखानी सुषमा की मिठास

गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सुषमा स्वराज के बारे में कहा कि सुषमा जी जब नाराज होती हैं तो मैं चिंतित हो जाता हूं कि अब वह मुझसे बात करना बंद कर देंगी। लेकिन जैसे ही वह सदन से बाहर आती हैं तो उनके शब्दों की मिठास के आगे मिठाई भी फीकी पड़ जाती है।

कमल की शरारत, शिंदे की शराफत

सुषमा ने भी शिंदे की तारीफ करते हुए कहा कि... मेरे भाई कमलनाथ ने कई मौकों पर शरारत की, लेकिन शिंदे जी की शराफत ने सभी समस्याओं को हल कर दिया। सोनिया गांधी, प्रधानमंत्री डॉ.मनमोहन सिंह और लालकृष्ण आडवाणी की तारीफ करते हुए वे बोलीं कि यह सोनिया जी की मध्यस्थता, प्रधानमंत्री जी की सदाशयता और आडवाणी जी की न्यायप्रियता ही थी, जिससे सदन की कार्रवाई सुनिश्चित होती है।

मुलायम बोले, वापस नहीं आए तो आओगे याद

सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह भी सदन में बड़े भावुक लगे। उन्होंने कहा कि इतने सालों तक यहां साथ रहने के बाद हम सभी बहुत निकट आ गए हैं। अब हम में से कुछ चुन कर वापस नहीं आए तो सभी को बहुत याद आएंगे।

गुरूजी जैसे मुलायम

शिंदे ने मुलायम की तारीफ करते हुए कहा कि... मुलायम सिंह जी वास्तविक तौर पर एक शिक्षक जैसे हैं। वह जल्द ही अपना आपा खो देते हैं, लेकिन वैसे ही शांत भी हो जाते हैं। तब वह हालात को वैसे ही समझाते हैं, जैसे एक शिक्षक अपने छात्रों को समझाता है।

मीरा बोलीं, हिमालय से ऊंची हो संसद की कीर्ती

लोकसभाध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन से विदा लेते हुए कामना की कि संसद की कीर्ति एवं उपलव्धि हिमालय शिखरों से ऊंची हो तथा भावना और संवेदनाएं हिन्द महासागर से गहरी हों। उन्होंने इस मौके पर दो पंक्तियां भी पढ़ीं कि.... होने दो घनघोर अंधेरा, तूफानों को आने दो....जन्म की नहीं, कर्म की हो अर्चना, बाकी सब को जाने दो।

क़ुरान का सन्देश

  
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