नई दिल्ली. देश की राजनीति में उथल-पुथल मचा देने वाला एक
नाम। रातोरात अति प्रसिद्धि, अति प्रशंसा और अति समर्थन। इनसे जागी अति
अपेक्षा। किन्तु मुख्यमंत्री पद छोड़ने से उपजे कई संदेह और सवाल। भास्कर
समूह के नेशनल एडिटर कल्पेश याग्निक ने अरविन्द केजरीवाल से पूछे ऐसे ही
सवाल। पूरे इंटरव्यू में नरेन्द्र मोदी को खूब कोसने के बाद केजरीवाल ने
अंत में यह कहकर चौंका दिया कि देश में मोदी की हवा तो है, इस बात को नकारा
नहीं जा सकता। वैसे उन्होंने हर बात की शुरुआत भी मुकेश अम्बानी से की और
अंत भी...
भास्कर : नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता पर क्या कहेंगे?
केजरीवाल : देश में मोदी की हवा तो है, इस बात को नकारा नहीं जा सकता ...लेकिन मोदी हों या राहुल, दोनों मुकेश अम्बानी के मुखौटे मात्र हैं।
अरविन्द केजरीवाल से खुले प्रश्न
जिम्मेदारी से भागने पर
भास्कर: अरविन्द केजरीवाल हिट एंड रन वाले क्यों लगते हैं? आईआईटी से निकले, निजी
नौकरी छोड़ दी। आईआरएस किया- इन्कम टैक्स की सरकारी नौकरी छोड़ दी। अन्ना
का आंदोलन- छोड़ दिया। मुख्यमंत्री बने- पद छोड़ दिया। हमेशा जिम्मेदारी
क्यों छोड़ देते हैं आप?
- केजरीवाल: इसी को तो त्याग कहते हैं। देश के लिए त्याग।
जिन्दगी जाने कहां ले जाती है। किसी के हाथ में नहीं। अलग-अलग
जिम्मेदारियां देता है ऊपरवाला। उन्हीं जिम्मेदारियों को निभाने की कोशिश
है। और मैंने तो किसी को हिट नहीं किया।
सभी को भ्रष्ट कहने पर
भास्कर: आपकी सारी भाषा, शैली ऐसी क्यों है कि जो आपके साथ है वो तो ईमानदार, जो आपके विरोध में वो भ्रष्ट?
- केजरीवाल: जी नहीं, सरजी, ऐसा तो मैंने कभी नहीं कहा।
कांग्रेस और भाजपा में भी बहुत से अच्छे लोग हैं। मेरी उनसे गुजारिश है कि
अपनी पार्टियां छोड़कर आप में शामिल हो जाएं। मीडिया में भी बहुत से अच्छे
लोग हैं। मीडिया ने उछाल दिया है कि हम कह रहे हैं कि बाकी सारे चोर हैं और
हम ईमानदार हैं। आपको किससे दिक्कत है? क्या मीडिया को भ्रष्ट कहने से?
अम्बानी-अम्बानी करने पर
भास्कर: आप सिर्फ अम्बानी-अम्बानी कर रहे हैं? क्या यह देश का इतना बड़ा मुद्दा है? कि लोग प्रभावित होंगे कि उन पर एफआईआर दर्ज कराने के गट्स सिर्फ आप में हैं?
- केजरीवाल: मुझे नहीं पता कि कोई प्रभावित होगा या नहीं।
मुकेश अम्बानी देश चला रहा है। इस बात को नकारा नहीं जा सकता। जनता को इस
बारे में पता नहीं है। जिस दिन सारी सच्चाई सामने आएगी, पता चल जाएगा कि
मुकेश अम्बानी की एक जेब में भाजपा और दूसरी में कांग्रेस है।
भास्कर : क्या आप नरेन्द्र मोदी के सामने चुनाव लड़ने को तैयार हैं?
केजरीवाल : इसका जवाब अभी तो नहीं दे सकता। पर देश के लिए कुछ भी करने को तैयार हूं।
कांग्रेस सरकार ने अम्बानी को पहुंचाया 54 हजार करोड़ का अवैध फायदा’
भगवान ने मौका दिया है देश को बचाने का
क्या आप लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं?
- हां जी, लड़ रहे हैं।
कहां से?
-मैं? मेरा चुनाव लड़ना इंपॉर्टेंट नहीं है। इस वक्त देश को बचाना जरूरी
है। देश को बचाने के लिए लड़ रहे हैं। राजनीति में आए ही देश को बचाने के
लिए हैं।
जब राजनीति में आए हैं तो लीडरशिप सामने से ही होती है?
- जी, सामने से होती है। जब जरूरत पड़ेगी तो सामने से ही लड़ेंगे, मैदान
छोड़कर भागेंगे नहीं। दिल्ली में जरूरत पड़ी तो शीलाजी को हराया था। लेकिन
पूरा चुनाव मेरे ऊपर केंद्रित नहीं है। इस टाइम मैं इस मिशन पर निकलूंगा
कि देश के अच्छे लोगों को इकट्ठा करके यह कहूंगा कि भगवान ने मौका दिया है
कि देश को बचा लो। क्योंकि मुकेश अंबानी जैसे लोग देश को चला रहे हैं। न
राहुल गांधी
चला रहे हैं, न सोनिया गांधी चला रही हैं और अगर मोदीजी आ गए तो वे भी
नहीं चलाएंगे। अगर हमें व्यवस्था बदलनी है... हमारा टकराव सीधा अम्बानी
जैसे लोगों से है। इस देश को अगर सचमुच आज़ाद कराना है तो सीधे अम्बानी से
टक्कर लेनी होगी। आम आदमी पार्टी अकेली पार्टी है जिसने केवल दिल्ली सरकार
में रहते हुए सीधे अम्बानी के ऊपर एफआईआर दर्ज की है। यह लगता नहीं है कि
किसी सरकार में हिम्मत होगी कि मुकेश अम्बानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर सके।
मोदी ने किसानों की जमीन कौड़ियों के दाम अडानी और अम्बानी को दी
पूरा चुनाव अम्बानी पर है यानी 'आप’ का?
- व्यवस्था पर है। हम यह कहने की कोशिश कर रहे हैं कि मोदी और राहुल एक
ही व्यवस्था के दो पहलू हैं। आप चाहे राहुल को ले आइए, चाहे मोदीजी को। यह
वही व्यवस्था देंगे। आप देखिए, हरियाणा का एग्जांपल देख लेते हैं। आपका
अखबार हरियाणा में बहुत अच्छा चलता है। हरियाणा में सबसे बड़ा मुद्दा क्या
है। जमीनों का अधिग्रहण, जिस तरह से हुड्डा को लोग कहते हैं प्रॉपर्टी डीलर
चीफ मिनिस्टर। 21 हजार एकड़ जमीन एक्वायर की है। इस इंसान ने। यह 21 हजार
एकड़ जमीन लेकर किसको दी। इसने कहा था, मैं 10 लाख जॉब क्रिएट करूंगा। 10
लाख तो क्या एक लाख जॉब भी क्रिएट नहीं हुए। रिलायंस को, रॉबर्ट वाड्रा को
दी हैं ये सारी जमीनें। कौड़ियों के भाव दी हैं। और कौड़ियों के भाव से ही
किसानों से ये छीनी गई हैं। यही काम गुजरात में भी हुआ है। मोदी ने यहां पर
किसानों से कौड़ियों के भाव जमीन खरीदी। अडानी को दे दी। कौड़ियों के भाव
जमीन खरीदी, अम्बानी को दे दी और सारे गुजरात में किसान परेशान हैं।
क्या अम्बानी जैसे बड़े औद्योगिक घरानों से फंड मिला तो आप लेंगे? आपकी पार्टी की ओर से ऐसा कहा गया था?
- नहीं वो गलत छपा था। योगेन्द्र यादव के हवाले से। मैं क्लीयर कर देता हूं कि पैसा नहीं लेंगे। अम्बानी से बिलकुल नहीं।
रिटेल में एफडीआई लाए तो छोटे धंधे ठप होंगे
एफडीआई रिटेल में ले आए तो सारे बेचारे छोटे- छोटे धंधे करने वाले बैठे
रह जाएंगे, सबका धंधा खत्म हो जाएगा। सरकार धंधा नहीं करने देती लोगों को।
रिक्शे वाले और रेहड़ी वालों को भगा दिया जाता है। और पैसा लेकर लाइसेंस
दिया जाता है। हमें ऐसी पॉलिसी बनानी होगी कि जो धंधा शुरू करना चाहे,
चुटकी बजाते ही उसका काम हो जाए।
कांग्रेस-भाजपा दोनों की रूह कांप उठी
...चिदंबरम ने इसका जवाब दिया है कि एक बिलियन डॉलर का जुर्माना हमने लगाया है, मुकेश अम्बानी पर।
- एक बिलियन डॉलर मतलब चार-पांच हजार करोड़ रु. हुआ। एक्सचेंज रेट के
आधार पर। और जो फायदा उनको पहुंचा रहे हैं, चार डॉलर से आठ डॉलर करके,
उसमें एक साल में 54 हजार करोड़ का फायदा उनको पहुंचा रहे हैं,
वो सामने आएगा... कि आठ डॉलर करेंगे कि नहीं?
- नहीं, आठ डॉलर कर दिया है सर जी। ऑर्डर हो चुके हैं। ऑर्डर विड्रॉ
करेंगे या नहीं वो बताएं? भाजपा और कांग्रेस दोनों उनके समर्थन में है। जब
एफआईआर दर्ज हुई तो दोनों ने कहा कि मुकेश अम्बानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज
करना असंवैधानिक है। बताइए। मतलब मुकेश अम्बानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करना
असंवैधानिक हो गया?
मैंने तो ऐसा नहीं पढ़ा कहीं कि किसी ने कहा हो कि 'अम्बानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराना असंवैधानिक है’?
- तो पढ़ लीजिए, मोदीजी का स्टेटमेंट है।
बताइए, कहां है? मैंने तो ऐसा नहीं पढ़ा कहीं?
- अरुण जेटलीजी ने ब्लॉग पर लिखा है कि मुकेश अम्बानी के खिलाफ एफआईआर
दर्ज करना 'इज असॉल्ट ऑन द फेडरल स्ट्रक्चर ऑफ द कंट्री’। बताइए कहां
असॉल्ट हो गया? दोनों भाजपा और कांग्रेस का अम्बानीजी से इतना घनिष्ठ संबंध
है कि दोनों की रूह कांप उठी कि अम्बानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई।
ऐसा तो बिल्कुल नहीं लगता कि अम्बानी ऐसा इश्यू है, जिससे
पूरे देश की राजनीति चलेगी। यानी अम्बानी पर अटैक करने से चलेगी। अम्बानी
पर एफआईआर दर्ज कराने का मतलब क्या यह है कि पूरे देश को जो आपसे
एक्सपेक्टेशन थी... वो सामने आ गई। क्या ऐसा है कि अंबानी पर एफआईआर दर्ज करने का गट्स सिर्फ 'आप’ में है। क्या आपको ऐसा लगता है और इससे पूरे देश में 'आप’ चलेगी। इसलिए विरोधी डर गए, दूसरी राजनीति को सपोर्ट करने वाला इसलिए प्रभावित हो गया कि 'आप’ अम्बानी पर मुकदमा कर सकती है?
-मुझे नहीं लगता कि कोई प्रभावित होगा कि नहीं। वो तो... चला रहा है।
जनता को पता नहीं है। मुकेश अम्बानी जैसे कुछ लोग इस देश को चला रहे हैं।
मुकेश अम्बानी ने तो नीरा राडिया टेप केस... में खुद ही रंजीत भट्टाचार्य
ने बोला था कि मुकेश अम्बानी कहता है, कांग्रेस तो मेरी दुकान है और इसी
तरह भाजपा इनकी दुकान है। भई, मुकेश अम्बानी जैसे कुछ लोग इस देश को चला
रहे हैं, इस बात को नहीं नकारा जा सकता। जनता को इसके बारे में नहीं पता,
यह अलग बात है। जिस दिन सारी सच्चाई जनता के सामने आएगी, जनता को पता चल
जाएगा कि मुकेश अम्बानी की एक जेब में भाजपा और दूसरी जेब में कांग्रेस है।
नंबर 1, मैंने यह कभी नहीं कहा कि मैंने मुकेश अम्बानी के खिलाफ एफआईआर
दर्ज कराई है और सारे देश की जनता मुझे वोट देगी। देश की जनता देगी,
देगी... मैंने अपना धर्म निभाया है।
देश के सबसे बड़े दो मुद्दे हैं भ्रष्टाचार और महंगाई। भ्रष्टाचार को लेकर तो 'आप’ का
क्लीयर स्टैंड है। महंगाई के बारे में कुछ भी पता नहीं है। पार्टी देश के
किसी भी तबके को कन्विंस नहीं कर पाई है कि वो महंगाई के लिए क्या करेगी?
- भ्रष्टाचार और महंगाई एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। जैसे यह अम्बानी
वाला जो केस है, यह तो बहुत ही आसानी से और साफ तरीके से समझा देता है कि
किस तरीके से भ्रष्टाचार और महंगाई एक ही सिक्के के दो पहलू हैं।
ऐसी एक दो आइसोलेटेड चीजें हो सकती हैं। हर चीज जुड़ी हुई नहीं है। जब तक इकोनॉमिक पॉलिसी सामने नहीं आएगी...
- इकोनॉमिक पॉलिसी तो मैंने सीआईआई में बता दी।
जानिए, भ्रष्टाचार कर ऐसे बढ़ा रहे हैं महंगाई
अम्बानी और महंगाई का क्या ताल्लुक है?
- वर्ष 2000 में मुकेश अम्बानीजी को गैस के कुंए दिए गए थे। गैस निकालने
की कॉस्ट वहां पर एक डॉलर से भी कम आंकी गई। जब उनसे करार साइन किया गया
कि 17 साल तक अम्बानी ढाई डॉलर प्रति यूनिट के हिसाब से गैस देंगे। दो- तीन
साल में बोले कि मैं तो नहीं देता। ढाई डॉलर से तो उन्होंने एक कतरा गैस
नहीं दी। फिर उन्होंने मंत्री पर दबाव डाला। सरकार तैयार बैठी थी। मणिशंकर
अय्यर मंत्री थे, उन्होंने मना किया तो सरकार ने मंत्री बदल दिया। मुरली
देवड़ा को ले आए, देवड़ा ने आते ही उसे चार डॉलर प्रति यूनिट कर दिया। अब
आदमी का तो लालच होता है, उनका तो लालच बढ़ गया। बोले कि मैं चार डॉलर
नहीं, आठ डॉलर लूंगा, नहीं तो मैं गैस ही नहीं देता। आज पिछले चार साल से
वो कुएं बंद करके बैठे हैं। सीएजी ने उनके ऊपर कड़ी टिप्पणी की है। गैस के
कुएं अगर बंद किए जो एसेन्शियल कमोडिटी है। इसी से तो खाद बनती है, बिजली
बनती है। सरकार का फर्ज था कि अम्बानी को हटाती और गैस के कुएं खुद चलाती।
सरकार तो तैयार बैठी थी उसके दबाव में। एक अप्रैल से उसकी कीमत आठ डॉलर
प्रति यूनिट हो जाएगी। एक डॉलर की चीज के आठ डॉलर दे रही है सरकार। ये तो
पता चल गया। पता न चलता तो सीएनजी महंगी होती। आप कहते कि महंगाई हो गई।
पता नहीं क्यों हो गई महंगाई। इससे बिजली महंगी हो जाएगी। आप कहते हैं कि
पता नहीं क्यों बिजली महंगी हो गई। खाद महंगी हो जाएगी इससे। सारी
सब्जियां, सारे फल महंगे हो जाएंगे। वो तो पता चल गया। अपने आप ही हो रही
है महंगाई। अपने आप थोड़े ही होती है महंगाई। यह कोई भगवान ने थोड़े ही कर
दी महंगाई। भगवान की दुश्मनी थोड़े ही है अपने से। अम्बानी ने कांगे्रस से
मिलकर कर दी महंगाई। ये तो पता चल गया सर, हर चीज के पीछे अम्बानी,
कांग्रेस, भाजपा का खेल चल रहा है इनका। इसलिए महंगाई हो रही है। यह बड़ा
अच्छा उदाहरण है समझने के लिए इसको