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27 फ़रवरी 2014

कभी सलामी लेते-लेते थक जाते थे, बेटे के चलते आंसुओं में डूबी जिंदगी


रांची. देश में कई ओल्ड एज होम है, हर कोई अपनी दांस्ता कहता है। यहां रहने वाले लोग खुश तो दिखाई देते हैं लेकिन अंदर कई गम लिए हुए हैं। ऐसी ही कहानी है रांची के एक गांव पिस्का नगड़ी के ओल्ड एज होम- आदर्श आश्रम की। ये घर है 24 चलती-फिरती कहानियों का। जिसमें से एक कहानी है। सीआरपीएफ से रिटायर्ड हरेन्द्र किशुन तिवारी। कभी लोगों की सलामी लेते-लेते थक जाते थे।लेकिन, एक धोखे ने उनका सब कुछ छीन लिया। अब दो साल से ओल्ड एज होम में रह रहे हैं।
भटकता रहा भूखा-प्यासा
अपनी दास्तां बताते हैं तो बात के साथ आंसू अपने आप निकलते हैं। उन्होंने बताया कि रिटायर होने के बाद संजीवनी बिल्डकॉन को आठ लाख रुपए देकर एक प्लॉट बुक कराया था। लेकिन, कंपनी पैसा लेकर गायब हो गई। परिवार ने उन्हें ही कसूरवार ठहरा दिया।मुंबई में एक कंपनी में ऊंचे पद पर कार्यरत उनके बेटे और बहू उन्हें प्रताडि़त करने लगे। जिसे उंगली पकड़कर दुनिया दिखाई, वह ऐसे बदलेगा उम्मीद नहीं थी। फिर भी, अपना है सोचकर सब सहता रहा।पर, एक दिन अचानक वह अपनी पत्नी के साथ मुंबई चला गया और फिर कभी नहीं लौटा। मैं कई दिनों भूखा-प्यासा भटकता रहा और आदर्श आश्रम पहुंच गया। अब यहीं के लोग अपने हैं। जो 12 हजार रुपए पेंशन मिलती है, इनकी और अपनी जरूरतों पर खर्च कर देता हूं। लेकिन, एक आस पता नहीं क्यों मन में रहती है कि एक दिन बेटा लौटेगा...।
बेटा मैनेजर पर साथ नहीं
यहां रहने वाले बुजुर्गों की उम्र 60 से 80 वर्ष है। कहने को इन बुजुर्गों में किसी का बेटा इंजीनियर है, किसी का मैनेजर। किसी का सरकारी अधिकारी, तो किसी का बेटा निजी कंपनी में ऊंचे ओहदे पर। लेकिन, साथ कोई नहीं। यहां रह रहे हर बुजुर्ग की कहानी अलग है। लेकिन, सबका दर्द एक-सा कि अपनों ने साथ छोड़ दिया। और, सबकी उम्मीदें भी एक-सी, अपने आएंगे, साथ ले जाएंगे और फिर अपने परिवार में रहने का सुख मिलेगा।
आर्थिक तंगी बन रही बड़ी परेशानी
आश्रम में बुजुर्गों के खाने-पीने, इलाज आदि पर काफी खर्च आता है। यह खर्च निकालने के लिए एक पोल्ट्री फॉर्म और तीन गाय यहां हैं। लेकिन, मुर्गा और दूध बेचने से इतना पैसा नहीं आता कि पूरा खर्च चल सके। ऐसे में, बुजुर्गों की कई जरूरतें अधूरी रह जाती हैं। इनकी सबसे बड़ी जरूरत एक हॉस्पिटल है। क्योंकि, अधिकतर बुजुर्ग बीमार रहते हैं और उन्हें सही इलाज उपलब्ध नहीं है। यदि सरकार मदद करे, तो आश्रम कई और बुजुर्गों के लिए बड़ा आश्रय बन सकता है।

मोदी ने कहा- सेना के जवानों से ज्यादा साहसी हैं व्यापारी, बयान पर मचा बवाल


मोदी ने कहा- सेना के जवानों से ज्यादा साहसी हैं व्यापारी, बयान पर मचा बवाल
नई दिल्ली. बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी अब एक विवादास्पद बयान देकर आलोचनाओं में घिर गए हैं। नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नई दिल्ली में व्यापारियों के एक कार्यक्रम में कहा कि कारोबारी सैनिकों से ज्यादा साहसी होते हैं।मोदी ने पहले यह विवादास्पद बयान दिया फिर पलट भी गए। 
 
क्यों पलटे?
दरअसल, मोदी ने यह बयान दिया तो कांग्रेस ने इसका विरोध शुरू कर दिया। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सवाल उठाते हुए ट्वीट किया कि मोदी कहते हैं कि व्यापारी सैनिकों से ज्यादा रिस्क लेते हैं। मैं इस बात पर सहमत नहीं हूं। मोदी ने सैनिकों का अपमान किया है।
 
मोदी ने दी सफाई 
विवाद शुरू होते ही मोदी ने स्थिति संभालने की कोशिश की।  अपने बयान से पलटते हुए मोदी ने कहा कि सैनिकों की किसी से तुलना नहीं हो सकती है। बहादुर जवानों के बलिदान की कोई तुलना नहीं हो सकती।

12 साल बाद मोदी के हुए राम विलास, बिहार में लोजपा को मिलीं 7 सीटें



पटना. रामविलास पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी का भाजपा से गठजोड़ हो गया। दिनभर की मशक्कत के बाद गुरुवार रात दस बजे भाजपा अध्यक्ष राजनाथ सिंह के घर पर गठबंधन की घोषणा की गई। बिहार में दोनों दलों के बीच सीटों का बंटवारा भी हो गया है। लोजपा को सात सीटें दी गई हैं। भाजपा बिहार में बाकी 30 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। तीन सीटें उपेंद्र कुशवाहा के दल रालोसपा को दी गई है।
12 साल पहले मोदी विरोध को आधार बनाकर ही रामविलास राजग से अलग हुए थे। लेकिन फिर से गठबंधन में शामिल होने के बाद पासवान ने कहा- 'हम पहले भी राजग में थे। तब 18 दल शामिल थे। कई लोग बीच में निकल गए। लेकिन खुशी की बात है कि अब फिल लोग आने लगे हैं। इस बार मोदी को प्रधानमंत्री बनाएंगे।'
इससे पहले सुबह भजपा नेता रविशंकर प्रसाद, राजीव प्रताप रूडी और शाहनवाज हुसैन लोजपा नेता रामविलास के घर पहुंचे। घंटेभर की बातचीत के बाद रविशंकर प्रसाद ने कहा-'अच्छी बातचीत हुई। हमने मिठाई भी खाई।' पर गठबंधन की घोषणा नहीं हो पाई। सीटों का बंटवारा रोड़ा बना रहा है। इससे निपटने में दोनों दलों को 10 घंटे और लगे। आखिरकार रात दस बजे गठबंधन की घोषणा कर दी गई।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी व प्रवक्ता प्रेमचंद मिश्रा ने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी से गठबंधन कर रामविलास पासवान ने अवसरवादिता की पराकाष्ठा को प्रकट करने का काम किया है। पासवान ने सेक्युलर पॉलिटिक्स को धोखा दिया है। उन्होंने  अपने फैमिली मेंबर्स और बाहुबली समर्थकों  के हित के लिए सिद्धांतों की तिलांजलि दे दी है।
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि भाजपा के साथ गठबंधन कर लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान ने अपने जीवन भर के सिद्धांतों को समाप्त कर दिया है। दो विपरीत धाराओं पर विश्वास करने वालों का गठबंधन हुआ है। रामविलास राजनीतिक मौसम के अच्छे कलाकार है। इस गठबंधन से राज्य की जनता का कोई लेना देना नहीं है। ना ही बिहार की राजनीति पर कोई फर्क इस गठबंधन से पड़ेगा।

क़ुरान का सन्देश

 
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